शिशु

प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अल्फाल्फा

कई महिलाएं, अल्फाल्फा के बारे में पहले से जानती हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन के फायदे और इसके संभावित साइड इफेक्ट्स को लेकर कन्फ्यूज रहती हैं। मां बनने वाली महिला अपने शरीर को जरूरी पोषण देने के लिए हर संभव सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने की कोशिश करती है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान संभावित नुकसान से बचाव के बारे में भी चिंतित रहती है। यही कारण है कि अपने भोजन में अल्फाल्फा को शामिल करना एक ऐसा निर्णय लगता है, जिससे बहुत सारी दुविधाएं जुड़ी होती हैं। इसलिए हमने ऐसी कुछ पुख्ता जानकारी इकट्ठी की है, जिससे आपको अल्फाल्फा को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। 

अल्फाल्फा क्या है?

आमतौर पर, अल्फाल्फा को एक हर्ब की श्रेणी में रखा जाता है और स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की दवाओं एवं बाजार में उपलब्ध न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट के रूप में भी इसे जाना जाता है। अल्फाल्फा में कई प्रकार के मिनरल और दुर्लभ तत्व होते हैं। सिलिकॉन, फास्फोरस, क्लोरीन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे और भी कई मिनरल इसमें मौजूद होते हैं। इस हर्ब में कई तरह के विटामिन भी मौजूद होते हैं, जैसे विटामिन ‘के’, विटामिन ‘बी’ और विटामिन ‘सी’। इसमें विटामिन ‘के’ का अनुपात सबसे अधिक होता है, जिसके कारण खून को जमने में मदद के लिए और डिलीवरी के दौरान ब्लीडिंग के साथ-साथ किसी तरह के हेमरेज से बचाव में भी यह बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, अल्फाल्फा में अमीनो एसिड्स जैसे फायदेमंद तत्व भी होते हैं, जो कि गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी होते हैं। 

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अल्फाल्फा के फायदे

अल्फाल्फा की गोलियां या इसकी चाय के सेवन से भी गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को प्रचुर मात्रा में फायदे मिलते हैं। इनमें से कई शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, वहीं कई आपके गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के पड़ाव को एक साथ बेहतर बनाने के लिए प्रभावी रूप से काम करते हैं। 

  • अल्फाल्फा से महिलाओं को विटामिन ‘के’ की एक अच्छी खुराक मिलती है, जो कि बच्चे के विकास के लिए जरूरी होती है।
  • स्तनपान कराने वाली जिन महिलाओं का दूध का सप्लाई कम होता है, उन्हें अल्फाल्फा के सेवन से बहुत फायदा मिलता है।
  • इससे मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
  • इम्यूनिटी सिस्टम को भी काफी हद तक मजबूती मिलती है।
  • इससे गाउट, पिट्यूटरी संबंधित समस्याओं और ऐसी ही अन्य कई तरह की बीमारियों से निजात पाने में मदद मिलती है।
  • यह ब्लड प्रेशर को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी घटाता है।
  • इससे डाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर होती है और दांतों की सड़न से भी बचाव होता है।

गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अल्फाल्फा का सेवन कैसे करें?

गर्भावस्था के दौरान अल्फाल्फा की चाय पीना, इसके सेवन का एक तरीका है, वहीं, बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के दौरान भी ऐसे कई तरीके हैं, जिनके माध्यम से अल्फाल्फा का सेवन किया जा सकता है। 

1. दूध के प्रोडक्शन को बढ़ाने वाले अन्य पदार्थों के साथ अल्फाल्फा लेना

ब्रेस्टफीडिंग की शुरुआत में कई महिलाएं गैलेक्टगॉग लेने का चुनाव करती हैं। ये ऐसे पदार्थ होते हैं, जो कि शरीर में दूध के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इनमें सौंफ से लेकर मेथी तक शामिल होती हैं और इन सभी को दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावी तरीके के रूप में देखा जाता है। अल्फाल्फा को इनके साथ भी मिलाया जा सकता है। 

2. अल्फाल्फा से बने टैबलेट और कैप्सूल का इस्तेमाल

कई फार्मसी या डॉक्टर आपको आपकी प्राथमिकता के अनुसार अल्फाल्फा के टेबलेट या कैप्सूल लेने में मदद कर सकते हैं। कई डॉक्टर इससे फायदा उठाने के लिए आपको सही खुराक प्रिसक्राइब कर सकते हैं। इसलिए अल्फाल्फा के कैप्सूल लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और उनके द्वारा बताई गई सही खुराक को फॉलो करें। 

3. अल्फाल्फा की चाय बनाना

कई महिलाओं के बीच अल्फाल्फा के सेवन का यह तरीका काफी लोकप्रिय है। इस तरीके को सबसे अधिक पसंद किया जाता है, क्योंकि इससे अल्फाल्फा की पत्तियों में मौजूद प्राकृतिक कड़वा स्वाद निकल जाता है। इन्हें सुखाकर और उबलते पानी में 2 टीस्पून के इस्तेमाल से इसकी चाय तैयार हो जाती है। इस तरह से बनी अल्फाल्फा चाय के लगभग 3 कप के सेवन को आमतौर पर स्वस्थ माना जाता है। 

4. अपने भोजन में अल्फाल्फा को शामिल करना

अधिक काम किए बिना, अल्फाल्फा के सेवन का सबसे आसान तरीका है, कि खाना पकाने के दौरान अपने भोजन में इसे डाल दिया जाए। आप अल्फाल्फा के बीज ले सकती हैं और उसे अंकुरित कर सकती हैं और इनका इस्तेमाल बिल्कुल वैसे ही कर सकती हैं, जैसे आप मटर का इस्तेमाल करती हैं। सूप और सलाद में इन्हें शामिल करके आसानी से इसका फायदा उठाया जा सकता है। 

अल्फाल्फा के सेवन के साइड इफेक्ट

प्रेगनेंसी के दौरान अल्फाल्फा स्प्राउट के सेवन से आपको और आपके बच्चे को बहुत से फायदे मिलते हैं। वहीं इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। इनमें से कुछ आम साइड इफेक्ट नीचे दिए गए हैं:

गर्भावस्था के दौरान

  • प्रेगनेंसी के दौरान, यदि आप किसी तरह की एंटीकोगुलेशन मेडिसिन ले रही हों, तो अल्फाल्फा की पत्तियों के सेवन से यह उनके साथ इंटरेक्ट कर सकता है, क्योंकि इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘के’ मौजूद होता है।
  • कुछ लोगों में अल्फाल्फा के सेवन से एलर्जिक रिएक्शन भी ट्रिगर हो जाते हैं और ब्रेस्ट कैंसर या गर्भाशय संबंधी समस्याएं पहले से बिगड़ सकती हैं।
  • अल्फाल्फा के स्प्राउट को कच्चा खाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इनमें माइक्रोब्स हो सकते हैं, जिनसे सालमोनेला इंफेक्शन हो सकता है और गर्भावस्था को नुकसान पहुंच सकता है।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान

  • जहां एक सीमित मात्रा में अल्फाल्फा के सेवन को सुरक्षित माना जाता है, वहीं अधिक मात्रा में इसे खाने से कई तरह के कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। विशेषकर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दूध का सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो सकता है, जिसके कारण लीकेज की समस्या हो सकती है और ओवरऑल दूध की मात्रा घट भी सकती है।
  • चूंकि आपके अल्फाल्फा खाने से यह आपके बच्चे तक भी अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचता है। ऐसे में अधिक मात्रा में इसे लेने से मां और बच्चे को डायरिया की समस्या हो सकती है।
  • यदि अल्फाल्फा को किसी ऐसे तरीके से खाया जाए, जिसे डॉक्टर या किसी अथॉरिटी ने रेकमेंड नहीं किया है, तो यह काफी खतरनाक हो सकता है और इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर अल्फाल्फा के सप्लीमेंट को रेकमेंड कर सकते हैं या आप अपनी मर्जी से इसे लेना शुरू कर सकती हैं। लेकिन इसके नतीजों को समझना और सुरक्षित रहना जरूरी है, ताकि इसके किसी साइड इफेक्ट का सामना किए बिना, इसके फायदे लिए जा सकें। 

यह भी पढ़ें: 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कॉफी/कैफीन का सेवन
गर्भावस्था के दौरान किशमिश का सेवन करना सुरक्षित है?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एप्पल साइडर विनेगर पीना – फायदे और साइड इफेक्ट्स

पूजा ठाकुर

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

2 weeks ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

2 weeks ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

2 weeks ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 weeks ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 weeks ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

3 weeks ago