गर्भावस्था के 18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड

गर्भावस्था के 18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड

गर्भावस्था के 18वें सप्ताह में पहुँचते ही आपके डॉक्टर गर्भस्थ शिशु की वृद्धि व विकास की जांच करने के लिए आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन करने की सलाह दे सकते हैं। इस हफ्ते तक कुछ महिलाएं पहले भी अपना अल्ट्रासाउंड करवा चुकी होती हैं किंतु कुछ के लिए यह अपने गर्भस्थ शिशु को देखने का पहला मौका भी हो सकता है। इस लेख में हमने 18वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड की उन सभी जानकारियों के बारे में चर्चा की है, जिनकी आवश्यकता स्कैन के दौरान पड़ सकती है।

18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता क्यों होती है

गर्भावस्था के 18-20वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन आपकी नियमित जांच का एक हिस्सा होता है। आपके डॉक्टर निम्नलिखित कारणों से आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन की सलाह दे सकते हैं:

  • भ्रूण की आयु जानने के लिए।
  • गर्भ में एक या एक से अधिक शिशुओं की जांच के लिए।
  • प्रसव की तारीख के बारे में अनुमान लगाने के लिए।
  • भ्रूण के चारों ओर द्रव की मात्रा की जांच करने के लिए।
  • गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) और जनन मार्ग की जांच करने के लिए।
  • नाल (प्लेसेंटा) की स्थिति देखने के लिए।

18वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन की तैयारी कैसे करें

स्कैन के लिए बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। अपने मूत्राशय को भरा रखने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह अल्ट्रासाउंड के दौरान आपके गर्भाशय को सही जगह पर रखता है और इसकी मदद से डॉक्टर भ्रूण को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। बहुत अधिक पानी पीने से बचें क्योंकि अल्ट्रासाउंड के दौरान यह आपको अत्यधिक असहज कर सकता है। अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया शुरू होने से पहले आप डॉक्टर से पूछ सकती हैं कि आपको कितना पानी पीना है।

अल्ट्रासाउंड के दौरान ढीले व आरामदायक कपड़े पहनें, इससे डॉक्टर को आपके पेट की जांच करने में सरलता होगी।

18वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में कितना समय लगता है

गर्भावस्था के 18वें से 20वें सप्ताह के अंतराल में किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड में लगभग 30-45 मिनट का समय लगता है।

18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की प्रक्रिया

डॉक्टर या रेडिओलॉजिस्ट आपके पेट पर जेल लगाएंगे और जेल लगे हिस्से पर ट्रांसड्यूसर घुमाएंगे। ट्रांसड्यूसर से निकलने वाली ध्वनि तरंगों की मदद से स्क्रीन पर आपके गर्भ में पल रहे शिशु की छवि उत्पन्न होगी। यह प्रक्रिया शिशु की वास्तविक स्थिति का चित्रण करती है। स्क्रीन पर दिखाई देने वाली छवियों के बारे में आप अपने डॉक्टर से पूछ भी सकती हैं। अल्ट्रासाउंड स्कैन का मुख्य उद्देश्य भ्रूण के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना है।

18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की प्रक्रिया

स्कैन में क्या दिख सकता है

यदि आप स्क्रीन पर स्कैन की हुई छवियों को देखना चाहती हैं, तो आप इस बारे में पहले अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं। यद्यपि ज्यादातर अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र यह सुविधा प्रदान करते हैं, अच्छा होगा कि इसके लिए पहले से सूचित किया जाए।

  • 18वें सप्ताह में यदि आप पहली बार अल्ट्रासाउंड स्कैन करवा रही हैं तो डॉक्टर आपके प्रसव की अपेक्षित तारीख के साथ यह भी बताएंगे कि आपके गर्भ में कितने शिशु हैं।
  • इस अवधि में आप पहली बार भ्रूण के दिल की धड़कन भी सुन सकती हैं।
  • अल्ट्रासाउंड प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपके गर्भस्थ शिशु के पैर, हाथ व चेहरा देखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि हो सकता है आपको उसके अंगों को देखने में कठिनाई हो क्योंकि अल्ट्रासाउंड स्कैन की छवि को समझ पाना मुश्किल हो सकता है। इसे समझने के लिए आप अपने डॉक्टर की मदद ले सकती हैं।
  • गर्भावस्था के 18वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में गर्भस्थ शिशु की हड्डियां सफेद, एम्नियोटिक द्रव काला व नर्म ऊतक ग्रे रंग के दिखाई देते हैं ।

अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉक्टर एक बार आपको अपने गर्भस्थ शिशु को देखने देंगे। फिर स्क्रीन को अपनी तरफ मोड़ कर भ्रूण की पूरी तरह से जांच करेंगे। यदि आपको अपने बच्चे को देर तक देखना है तो चिंतित न हों प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आपको स्कैन की एक सॉफ्ट कॉपी या एक डीवीडी दी जाएगी।

क्या 18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड कराने के जोखिम या दुष्प्रभाव हैं

अल्ट्रासाउंड स्कैन का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और आप सरलता व सामान्य रूप से अपने दिन की शुरुआत कर सकती हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन के दुष्प्रभावों को साबित करने के लिए कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। छवियों को प्राप्त करने के लिए किसी हानिकारक विकिरण का उपयोग नहीं किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया में सिर्फ उच्च आवृत्ति की ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। कुछ मामलों में जब शिशु ट्रांसड्यूसर से थोड़ा दूर हो जाता है तब इस प्रक्रिया में समय लग सकता है और इसे करने में कठिनाई होती है। ऐसे में आपको स्कैन के लिए कुछ दिनों के बाद फिर से भी बुलाया जा सकता है। जुड़वां और दो से अधिक भ्रूण के मामले में भी आपके डॉक्टर को भ्रूण की शारीरिक संरचना को समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और आपको कुछ दिनों के बाद फिर से आने के लिए कहा जा सकता है।

स्कैन में कौन सी असामान्यताएं देखी जा सकती हैं

गर्भावस्था के 18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन में निम्नलिखित असामान्यताएं दिखाई देने की संभावना होती है;

  • छोटे अंग या अंगों की अनुपस्थिति
  • फटे होंठ (क्लेफ्ट लिप)
  • पेट की दीवार में समस्या (आंतों में फैलाव)
  • पेट की दीवार में दोष (लिवर में फैलाव)
  • सिर का ऊपरी भाग न होने से संबंधित समस्या
  • गुर्दे की गंभीर समस्या
  • रीढ़ की हड्डी में समस्या
  • मस्तिष्क में अत्यधिक तरल पदार्थ
  • गुणसूत्र (क्रोमोसोम संबंधी) असामान्यताएं
  • हृदय की गंभीर समस्या
  • पेट और छाती को अलग करने वाली मांसपेशियों में किसी भी प्रकार का छेद

यह समस्याएं सामान्य नहीं हैं और शिशुओं में बहुत कम पाई जाती हैं। हालांकि अल्ट्रासाउंड के माध्यम से इन सभी समस्याओं की संभावनाओं को खत्म करना एक अच्छा विकल्प माना जा सकता है।

स्कैन में कोई असामान्यता दिखने पर क्या होगा

यदि आपके डॉक्टर स्कैन में भ्रूण को स्पष्ट रूप से नहीं देख पा रहे हैं, तो आपको अल्ट्रासाउंड के लिए दोबारा बुलाया जा सकता है। यदि आपका वजन अत्यधिक है और शिशु गर्भ की गहराई में फंसा हुआ है तो आपको दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी जा सकती है। हालांकि, यदि डॉक्टर किसी भी प्रकार की उपर्युक्त असामान्यता या अन्य दोषों को देखते हैं, तो वे आपसे इस बारे में चर्चा करेंगे। गर्भस्थ शिशु में दोष की गंभीरता और उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानने के लिए आपको भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जा सकती है।

स्कैन में कोई असामान्यता दिखने पर क्या होगा

गंभीर असामान्यताएं होने पर गर्भावस्था समाप्त करने का सुझाव भी दिया जा सकता है। हालांकि, कुछ असामान्यताओं को जन्म के तुरंत बाद तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

18वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन, आपके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जानने का एक बेहतरीन तरीका है। जहाँ कुछ माता-पिता अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं, वहीं कुछ अन्य लोग अल्ट्रासाउंड न करवाने का भी फैसला कर सकते हैं। यह सिर्फ उनकी मर्जी पर निर्भर करता है कि वह अल्ट्रासाउंड करवाना चाहते हैं या नहीं। आप अपने विकल्पों के बारे में डॉक्टर से बात कर सकते हैं।