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गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर कई बदलावों से गुजरेगा जिसमें हार्मोनल चेंजेस शामिल हैं। गर्भावस्था के दौरान ये हार्मोनल चेंजेस हर किसी को अलग तरह से प्रभावित करते हैं। कुछ महिलाओं की प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स ड्राइव बहुत कम हो जाती हैं, जबकि कुछ महिलाएं इस दौरान अपने पार्टनर के साथ संभोग करने की इच्छा जताती हैं। अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अपने पति के करीब आना पसंद करती हैं तो आपको बहुत सावधानी बरतनी होगी, साथ ही आपको इस विषय को लेकर अपने डॉक्टर से भी इजाजत लेनी होगी, उनकी सलाह से आप प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी कदम उठाएं, यह आप और बच्चे दोनों की भलाई के लिए है।
प्रेगनेंसी के दौरान यौन संबंध बनाना नॉर्मल माना जाता है, लेकिन बस किसी भी खतरे से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। आपको गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षित रखने और किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए अपने यौन जीवन में कुछ चेंजेस लाने पड़ सकते हैं। जब प्रेगनेंसी के दौरान एनल सेक्स करने की बात आती है, तो आपको और भी ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद अगर आपकी प्रेगनेंसी बिना किसी समस्या के आगे बढ़ रही हो और आपको कोई हेल्थ इशू न हों, तो आपको ऐसा करने की अनुमति मिल सकती है।
जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है, तो कई बार आपके लिए वजाइनल इंटरकोर्स करना सेफ नहीं होता या फिर आपको इसके लिए मना किया जाता है। ऐसे मामलों में, कामेच्छा को शांत करने के लिए दूसरे तरीकों को अपनाया जाता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि यह हर केस के लिए सेफ ऑप्शन है।
यदि आपको कोई प्रेगनेंसी के दौरान कोई मेडिकल इशू या समस्या नहीं है, तो एनल सेक्स प्रेगनेंसी के दौरान करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। लेकिन इस बात खयाल रखें कि प्रेगनेंसी का समय इतना नाजुक होता है कि इस समय आपको कोई भी नई चीज ट्राई नहीं करनी चाहिए, इसलिए अगर आप इसे पहली बार ट्राई कर रही हैं तो न करें या फिर प्रेगनेंसी के दौरान अलग अलग प्रकार के संभोग आसन न करें, तब जब कि आपने इसे पहले न कर किया हो। वरना आपको कई जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, अगर पहले भी एनल सेक्स किया है, तो इसे करने में कोई नुकसान नहीं हैं जब तक आपकी प्रेगनेंसी में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। अगर आपको बवासीर या फिशर जैसे मेडिकल इशू हैं तो आपको इससे परहेज करना चाहिए। बवासीर में एनल रीजन के पास की वेंस में सूजन आ जाती है जिससे आपको ब्लीडिंग हो सकती है। फिशर्स का मतलब है एनल रीजन में छोटी दरारें हो जाती हैं, इसकी वजह से आपको ब्लीडिंग होने लगती है। ये दोनों ही समस्या एनल सेक्स करने की वजह से और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
लो लायिंग प्लेसेंटा जैसे मेडिकल प्रॉब्लम के दौरान भी यह असुरक्षित होता है, अगर डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी के दौरान रेस्ट करने के लिए कहते हैं और इस तरह से संभोग करने के लिए मना करते हैं तो बेहतर होगा कि आप उनकी सलाह का पालन करें।
किसी भी अन्य प्रकार के संभोग की तरह ही, आपको गर्भावस्था के दौरान अनल सेक्स करते समय भी रिलैक्स और कम्फर्टेबल महसूस होना चाहिए। इस मेथड को आजमाने से पहले दोनों पार्टनर कम्फर्टेबल होने चाहिए और आपको उस समय किसी भी प्रकार का कोई फिजिकल डिसकम्फर्ट नहीं होना चाहिए।
एनल सेक्स के दौरान किसी भी असुविधा या दर्द का अनुभव होने पर इस प्रक्रिया को तुरंत रोक दें। आपको सलाह दी जाती है कि प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आप सेफ लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें।
एनल सेक्स से वजाइनल सेक्स पर शिफ्ट होने के दौरान जेनिटल को साफ न करना या कंडोम को चेंज न करना बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे कुछ खतरनाक बैक्टीरिया ट्रांसमिट हो जाते हैं और आपके लिए समस्या का कारण बन सकते हैं, इसलिए आपको ऐसा करने के लिए मना किया जाता है।
अगर आप दोनों में से किसी एक को भी कोई ऐसी बीमारी है जो संभोग के जरिए फैल सकती है तो एनल सेक्स से बचना ही बेहतर है। योनि मार्ग से संभोग करने की तुलना में एनल सेक्स के जरिए यह जल्दी दूसरे पार्टनर में ट्रांसमिट हो जाती है।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान एनल सेक्स करती हैं, तो इस बात का खयाल रखें कि आपको बहुत सावधानी बरतनी है। आपके पार्टनर को इस समय ज्यादा समझदारी से काम लेने की जरूरत होती है। अगर आपको सहज नहीं महसूस होता है तो वो रुक जाएं। यह आपके शरीर के बताने का तरीका है, जो आपको संकेत है कि कुछ गलत है। अगर आपको असुविधा महसूस हो रही है तो इसे अनदेखा न करें। इसके बजाय, कोई दूसरा तरीका अपनाने की कोशिश करें जिसमें आप अपने पार्टनर के साथ सहज महसूस करें।
कई कारणों से एनल सेक्स को बाकी पोजीशन की तुलना में जोखिम भरा माना जाता है।
यदि आप अपनी गर्भावस्था के दौरान फिशर, बवासीर या कब्ज से पीड़ित हैं, तो आपको एनल सेक्स से बचने की सलाह दी जाती है। इस मेथड से आपकी यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है और आपको ब्लीडिंग हो सकती है जिससे यह आपकी प्रेगनेंसी को भी प्रभावित कर सकती है।
यह बात बहुत ज्यादा मायने रखती है कि जब आप इस मेथड को अपनाने जा रही रही हों तो आप और आपका पार्टनर फिजिकली और इमोशनली कम्फर्टेबल महसूस करे। चूंकि प्रेगनेंसी के दौरान आपकी बॉडी और ज्यादा सेंसेटिव हो जाती है, इसलिए आपको कोई भी ऐसी चीज नहीं ट्राई करनी चाहिए जिससे आपके लिए ही परेशानी पैदा हो। अगर आपमें से कोई एक भी एसटीडी यानी यौन रोग से पीड़ित है, तो इस मेथड के जरिए बीमारी ट्रांसमिट हो सकती। इससे प्रेगनेंसी के दौरान आपको बेवजह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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