गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान बेड रेस्ट (पूर्ण आराम)

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गर्भावस्था एक कठिन सफर है और इस दौरान आपको अपने आहार, जीवनशैली व गतिविधियों में अनेक बदलाव लाने की आवश्यकता होती है। अब से आप ज्यादातर डॉक्टर के पास जाना शुरू कर देंगी और इस अवधि की शुरुआत से ही आप मॉर्निंग सिकनेस, वजन बढ़ने की समस्याएं और इत्यादि समस्याओं से ग्रसित हो सकती हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी कुछ न करना ही सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। गर्भावधि में पूर्ण-आराम से क्या तात्पर्य है व इसके फायदे और नुकसान जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

गर्भावस्था के दौरान पूर्ण आराम का मतलब बहुत सारी चीजों से संबंधित है, जैसे कुछ घंटों के लिए रोजाना बिस्तर पर लेटने से लेकर नियमित जांच के लिए हॉस्पिटल जाने तक सभी चीजें इस पर निर्भर हैं। यह समय आपकी गतिविधियों को प्रतिबंधित के नाम से भी जाना जा सकता है। पूर्ण आराम से मतलब है गर्भावस्था के दौरान कोई भी जटिलता, जैसे समय से पूर्व प्रसव या मृत शिशु के जन्म से बचने के लिए आपकी ऊर्जा को संरंक्षित रखना। पूर्ण आराम की अवधि कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक की हो सकती है। कुछ वर्ष पूर्व तक, अधिकांश डॉक्टरों द्वारा 24/7 पूर्ण आराम करने की सलाह दी जाती थी लेकिन अब केवल गंभीर परिस्थितियों में ही इसकी सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि गर्भावस्था के दौरान पूर्ण आराम करने की सलाह देना भी कई मामलों में कोई सुधार नहीं ला पाता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान पूर्ण आराम करने की सलाह देने के लिए डॉक्टर के पास कई और भी कारण हो सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान आराम करना आवश्यक क्यों है?

गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर आराम करने की आवश्यकता हमेशा आपकी गर्भावस्था के प्रकार और आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है। 70% गर्भवती महिलाओं को थोड़े-थोड़े समय में आराम करने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर महिलाओं को पूरे 9 महीने तक आराम करने की सलाह नहीं दी जाती है, हालांकि आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार डॉक्टर आपको पूर्ण आराम या थोड़ा-थोड़ा आराम करने की सलाह दे सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर आराम करने के निम्नलिखित कुछ कारण दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;

1. प्लेसेंटा प्रिविया

इसमें प्लेसेंटा सामान्य से नीचे स्थित में होती है। यह गर्भाशय ग्रीवा के मार्ग को बंद कर देती है जो भ्रूण के निकलने का रास्ता है। गर्भवस्था के दौरान प्लेसेंटा प्रिविया होने पर ज्यादा से ज्यादा आराम करें ताकि आपकी गर्भाशय ग्रीवा और प्लेसेंटा पर अधिक दबाव न पड़े।

2. सर्वाइकल अपर्याप्तता

सर्वाइकल अपर्याप्तता का मतलब है कि गर्भाशय ग्रीवा की मांसपेशियां गर्भाशय में बढ़ते शिशु को संभालने में सक्षम नहीं हो पाती हैं जिससे तीसरी तिमाही में गर्भपात की संभावना अधिक बढ़ जाती है। गर्भाशय ग्रीवा पर किसी भी अनुचित दबाव से बचने के लिए पूर्ण आराम करने की सलाह दी जाती है।

3. प्रीक्लेम्पसिया

गर्भावस्था के दौरान यह बहुत आम समस्याओं में से एक है जो लगभग 10% गर्भवती महिलाओं में देखी जा सकती है। इसके कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे रक्तचाप में वृद्धि, पेशाब में प्रोटीन और चेहरे व पैरों में सूजन। गंभीर स्थिति में प्रीक्लेम्पसिया से आपके और आपके गर्भस्थ शिशु के जीवन को खतरा हो सकता है और इस दौरान आपको लगातार डॉक्टर की देख-रेख में रहने की आवश्यकता पड़ सकती है।

4. अत्यधिक सक्रिय जीवनशैली

यदि आप अपना जीवन अत्यधिक सक्रियता से जीती हैं और आप अपने खानपान का खयाल नहीं रखती हैं तो आपको पूर्ण आराम करने के लिए कहा जा सकता है। लगातार आराम करने और संतुलित आहार का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु के स्वस्थ विकास में बहुत ज्यादा मदद मिलती है। 

5. गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव

गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी थोड़ा बहुत रक्तस्राव हो सकता है। इसके कई कारण हैं, जैसे प्लेसेंटा में घाव होना, गर्भाशय में रक्तस्राव या गर्भाशय ग्रीवा की क्षति होना। इनमें से कोई भी गर्भपात होने का कारण बन सकता है। इन मामलों में गर्भावस्था की पहली तिमाही में पूर्ण आराम करने की सलाह दी जाती है ताकि रक्तस्राव में थोड़ा आराम मिल सके।

6. रक्तचाप में उतार-चढ़ाव

रक्तचाप में नियमित उतार-चढ़ाव होना एक्लेम्पसिया के लक्षण हैं। यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो इससे गंभीर दौरे पड़ सकते हैं, विभिन्न अंगों के कार्य में विफलता हो सकती है, इन समस्याओं से बचने के लिए आपको लगातार अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। 

7. ओलिगोहाइड्रामनिओस

ओलिगोहाइड्रामनिओस वह समस्या है जिसमें एम्नियोटिक द्रव की मात्रा गर्भस्थ शिशु की आवश्यकता से कम होती है। हालांकि एम्नियोटिक द्रव का स्तर कम होने के कई कारक हैं इसलिए इस दौरान डॉक्टर आपको पूर्ण आराम करने की सलाह देते हैं ताकि आपकी उचित देखभाल पूरी तरह से की जा सके। 

8. एक से अधिक शिशु के साथ गर्भावस्था

यदि आप एक से अधिक शिशु को जन्म देने वाली हैं तो आपके लिए पूर्ण आराम करना बहुत जरूरी है। क्योंकि एक से अधिक गर्भावस्‍था में खतरे और जटिलताओं की संभावना बहुत अधिक होती है और इसलिए जब तक शिशु का जन्म न हो तब तक पूर्ण आराम करना सबसे सुरक्षित उपाय है।

क्या गर्भावस्था के दौरान हर समय बिस्तर पर आराम करना होगा?

इस सवाल का जवाब पूरी तरह से आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में डॉक्टर आपको कई गतिविधियां, जैसे अत्‍यधिक व्‍यायाम, भारी वस्‍तुओं को उठाने या खिसकाने व कठिन काम करने से बचने के लिए कह सकते हैं। कई अन्‍य मामलों में आपको सिर्फ बाथरूम तक या डॉक्‍टर के पास जाने के अलावा अपने बिस्तर तक ही सीमित रहने की सलाह दी जाती है और आपको छोटे से छोटा काम करने से भी मना किया जा सकता है।

गर्भावस्था में पूर्ण आराम करने के प्रकार और इसका स्तर

पहले डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को चार प्रमुख श्रेणियों में आराम करने की सलाह दिया करते थे, जैसे समयबद्ध आराम, संशोधित आराम, पूर्ण आराम और अस्पताल में पूर्ण आराम। हालांकि बदलते समय के साथ, इस वर्गीकरण को अधिक सरल बना दिया गया है। वर्तमान में गर्भावस्था के दौरान आराम करने के दो मुख्य प्रकार हैं, जैसे;

1. घर/ऑफिस पर कम से कम कार्य करें

गर्भावस्था के अंतिम समय में कई डॉक्टर आपको कार्यस्‍थल पर कम से कम कार्य करने की सलाह देते हैं। इस अवधि में डॉक्टर आपको बार-बार आराम करने के लिए कह सकते हैं और ऐसे कार्यों को करने से मना कर सकते हैं जिसमें अधिक मेहनत लगती है, जैसे कार्डियो, घूमना या खड़े रहना। हालांकि, आपको कभी-कभी थोड़ा टहलने और साधारण कार्य करने के लिए कहा जा सकता है।

2. अस्पताल में कम से कम गतिविधियां करें

यदि गर्भावस्था में अधिक जटिलताएं हैं तो डॉक्टर आपको अस्पताल में रहने की सलाह दे सकते हैं ताकि आपकी उचित व निरंतर देखभाल की जा सके। गर्भावस्था के दौरान अस्पताल में निष्क्रिय आराम को देखते हुए डॉक्टर आपको सरल व्यायाम या शारीरिक थेरेपी के कोर्स की मदद से आपको स्वस्थ रहने की सलाह दे सकते हैं। 

निम्नलिखित चार्ट में बताया गया है कि आपको आराम करने के कौन से स्तर में प्रतिदिन कितनी नींद लेने की आवश्यकता है, आइए जानते हैं;

स्तर प्रतिदिन नींद की आवश्यकता प्रतिदिन बिस्तर पर आराम की आवश्यकता घर से बाहर जाने की अनुमति कौन से स्तर की गतिविधि करनी चाहिए सहायता की आवश्यकता स्वयं भोजन तैयार करने की अनुमति
1 कम से कम 6 घंटे इच्‍छानुसार हाँ हल्के व्यायाम अगर आप चाहें तो हाँ
2 8-10 घंटे कम से कम 2 घंटे हाँ, लेकिन केवल कम दूरी के लिए सरल काम कठिन कामों के लिए हाँ
3 8-10 घंटे अधिकांश दिन नहीं, सिवाय डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है घर का कोई भी कार्य न करने की सलाह दी जाती है सभी कामों के लिए केवल थोड़ा-थोड़ा भोजन ही
4 8-10+ घंटे पूरे दिन नहीं, सिवाय डॉक्टर के पास जाने की अनुमति है केवल बाथरूम आ-जा सकती हैं हाँ, सब चीजों के लिए नहीं, भोजन किसी और को पकाने दें
5 8-10+ घंटे अस्‍पताल में पूर्ण आराम नहीं किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं है हाँ, सभी कार्यों के लिए नहीं, भोजन किसी और को पकाने दें

आप और आपके बच्चे के लिए पूर्ण बेड रेस्ट के लाभ

गर्भपात को रोकने के अलावा गर्भावस्था के दौरान पूर्ण आराम करने के कई लाभ हैं जो आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षा प्रदान करते हैं, इनमें शामिल हैं;

  • पूर्ण आराम आपके संचार तंत्र को कुशलता से काम करने में मदद करता है, जिससे सुनिश्चित होता है कि आपके शिशु को उसकी जरूरत के सभी पोषक तत्व मिलते रहें।
  • अध्ययनों के अनुसार पूर्ण आराम करने से कैटेकोलामीन नामक तनाव के हार्मोन का प्रभाव कम होता है । यह वह हॉर्मोन है जिसकी अधिक मात्रा होने से समय से पूर्व प्रसव हो सकता है।
  • आपकी गर्भाशय ग्रीवा, प्लेसेंटा और गर्भाशय आराम करते समय अतिरिक्त दबाव से मुक्त रहते हैं।
  • आराम करने से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, शरीर में तरल पदार्थों को एकत्रित होने से रोका जा सकता है और इससे शरीर में फुलाव या सूजन या एडिमा जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।

गर्भावस्था के दौरान आराम करते समय होने वाली असुविधाएं

पूरे दिन आराम करना एक आनंद का अनुभव हो सकता है! हालांकि, कोई भी गतिविधि न करने से जल्द ही जोड़ों में दर्द की समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं, मांसपेशियों की क्षति होती है, शरीर में लचीलापन कम रहता है और रक्त प्रवाह में कठिनाई हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान आराम करते समय करवट बदलने और संतुलित आहार खाने के अलावा, निम्नलिखित कुछ व्यायाम भी बताए गए हैं जिनसे आप अपनी असुविधाओं को कम कर सकती हैं:

  • अपने हाथों और पैरों को धीमी गति से गोल घुमाएं, यह आपकी गतिशीलता को बनाए रखने और मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • रबर की मुलायम गेंदों को दबाने से कलाई और उंगलियों के जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
  • हाथों और पैरों को गद्दे पर रखकर हल्‍का दबाव डालने से लचीलेपन में सुधार होता है।
  • शरीरिक मांसपेशियों में खिचाव लाने व इन्हें आराम देने से रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान बेड पर लेटने की बेहतरीन मुद्रा

यह पूरी तरह से आपकी गर्भावस्था की स्थिति, स्वास्थ्य और आपकी जटिलताओं पर निर्भर करता है। जिन महिलाओं को लंबे समय तक आराम करने की सलाह दी जाती है उन्हें गर्भाशय द्वारा शरीर की नसों पर दबाव डालने से बचने के लिए बगल में करवट लेकर सोने के लिए कहा जाता है।

इस मुद्रा में आपको भ्रूण की तरह अपने घुटने मोड़कर लेटने के लिए कहा जाता है। आपको यह भी कहा जा सकता है कि, पीठ के बल सीधे लेटकर अपने कूल्हों को तकिए की मदद से ऊपर उठाकर (छाती के लेवल से थोड़ा ऊपर) आराम करें। 

पूर्ण बेड रेस्ट के संभावित जोखिम

कई दिनों तक लगातार लेटे रहने से कुछ जोखिम हो सकते हैं, आराम करने की जटिलताओं में से निम्नलिखित कुछ शामिल हैं;

1. ब्लड क्लॉट (रक्त के थक्के)

गतिशीलता की कमी गर्भवती महिलाओं के खासकर पैरों में रक्त के थक्कों का कारण बन सकती है। इसे ‘डीप वीन थ्रोम्बोसिस’ के नाम से जाना जाता है।

2. डिप्रेशन और चिंता

पूरे दिन लेटे रहने से आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप एक बोझ बन रही हैं, जिससे डिप्रेशन या चिंता के लक्षणों की शुरूआत हो सकती है।

3. पारिवारिक तनाव

परिवार में आपकी जिम्मेदारियों को लेकर आपको तनाव भी हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अब आपके सभी कार्य, जैसे घर की देखभाल, बच्चे की देखभाल और इत्यादि।  

4. वित्तीय चिंताएं (नौकरी छोड़ने के बाद)

जबकि आपको जन्म के बाद भी अपनी छुट्टियों का लाभ उठाने की अनुमति होती है किंतु फिर भी कई कंपनी गर्भावस्था के दौरान अवकाश को बढ़ाने की अनुमति नहीं देती हैं। इससे आपके वेतन के साथ-साथ नौकरी का भी नुकसान हो सकता है। 

5. जन्‍म के समय बच्‍चे का कम वजन

पूर्ण आराम करने से आपके हृदय स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ सकता है, जो प्रसव के बाद शिशु के वजन व विकास की समस्याओं से जुड़ा हुआ है। 

6. प्रसव के बाद धीमी रिकवरी

हालांकि, पूर्ण आराम के दौरान न्‍यूनतम गतिविधि होती है इसलिए प्रसव के बाद आपको अपनी पुरानी स्थिति में वापस आने में अधिक समय लग सकता है।

7. कमजोर हड्डियां और मांसपेशियां

इस अवधि में व्यायाम की कमी से आपकी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं होने की संभावना बढ़ जाती है।

डॉक्टर से चर्चा करें कि क्या करें और क्या न करें

थका देने वाले कार्य हमेशा ही असंभव लगते हैं, यहाँ कुछ चीजें दी गई हैं जिन्हें आप करने में सक्षम हो सकती हैं। अपनी गर्भावधि में आराम के समय आप क्या कर सकती हैं और क्या नहीं इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करें।  

  • हल्का व्यायाम
  • टहलना
  • खाना बनाना
  • संभोग
  • ड्राइविंग या सवारी
  • नहाना

गर्भावस्था में बेड रेस्ट के दौरान स्वस्थ कैसे रहें?

लंबे समय तक निष्क्रियता सिर्फ उबाऊ ही नहीं होती है बल्कि अस्वास्थ्यकर भी होती है। गर्भावस्था के दौरान आराम करते समय खुद मानसिक और शारीरिक रूप से कैसे ठीक रखना है, इसके लिए आप निम्नलिखित चीजें कर सकती हैं;

1. शारीरिक स्वास्थ्य

  • अपने हाथ, पैर, गर्दन, पीठ और जिस अंग को आप स्ट्रेच करने में सक्षम हों, स्ट्रेचिंग करें। यह आपकी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान सही व स्वस्थ आहार का सेवन करें। कई बार में थोड़ा-थोड़ा भोजन खाएं और उन खाद्य पदार्थों से बचें जो अपच का कारण बन सकते हैं।
  • जितना संभव हो उतना सुविधाजनक होकर लेटी रहें और आपके द्वारा थोड़ी-थोड़ी देर में मुद्राएं बदलने से आपकी मांसपेशियां सुन्न नहीं होंगी और आपको त्वचा में जलन का अनुभव भी नहीं होगा।

2. भावनात्मक स्वास्थ्य

  • टेलीविजन, पुस्तकों के साथ अपना मनोरंजन करें या इंटरनेट पर अपना समय बिताने का प्रयास करें। खुद को बिलकुल भी ऊबने न दें।
  • यदि संभव हो तो दोस्तों से मिलें या उन्‍हें घर बुलाएं।क्योंकि प्रसव के बाद आप अपने दोस्तों से उतना नहीं मिल पाएंगी जितना आप चाहती हैं।
  • अपनी स्थिति के लिए तनाव में न रहें। कई महिलाओं के जीवन में यह समय आया है और उनका प्रसव सफलतापूर्वक व मंगलमय हुआ है।

गर्भावस्था के दौरान बेड रेस्ट आपके परिवार को कैसे प्रभावित करता है?

यदि आप अपना ज्यादातर समय आराम करते हुए बिता रही हैं, तो आपके परिवार को सीखना होगा कि वे अपनी नई भूमिकाओं में कैसे समायोजित करें। आपके साथी को अब दैनिक घरेलू कार्य जैसे कि कपड़े धोना, सफाई करना, किराने के सामान की खरीददारी और बच्‍चों (यदि है तो) की देखभाल भी करना पड़ सकता है। जब आपका साथी आपके सभी कार्यों को संभालने लगता है तो आपको भी इस बात का खयाल होना चाहिए कि वह सिर्फ आपकी देखभाल करने में ही न फंस जाएं। यदि आपके छोटे बच्चे हैं तो आपको उन्हें किसी भी प्रकार से संभालना होगा और उन्हें पढ़ाकर या टीवी से उनका ध्यान भटकाकर रखना होगा। यदि संभव हो तो आप परिवार के किसी सदस्य या करीबी दोस्त से उनको संभालने के लिए अनुरोध भी कर सकती हैं। 

पूर्ण बेड रेस्ट के समय का उपयोग कैसे करें

इस अवधि में आपको अपना अधिकतर समय बिस्तर पर ही बिताना है तो इस खाली समय का अच्छे से अच्छा उपयोग करने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए गए हैं, आइए जानते हैं;

  • सुनिश्चित करें कि आपके पास एक पालना, डायपर, दूध की बोतल, मैटरनिटी ड्रेस, ब्रेस्ट पंप और इत्यादि सभी आवश्यक सामान खरीदें जा चुके हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान किसी भी संभावित जटिलताओं के बारे में इंटरनेट पर खोज करें और जानें।
  • टीकाकरण, स्तनपान, बच्चे के विकास और अन्य पेरेंटिंग तकनीकों के बारे में पता लगाएं।
  • पर्याप्त पौष्टिक भोजन जैसे फल, सब्जी और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर के महत्वपूर्ण सप्लीमेंट के बारे में पढ़ें।
  • अपने शरीर को सक्रिय और स्वस्थ रखने के लिए हल्‍का व्यायाम करना न भूलें।
  • स्थिति को काबू में रखने के लिए एक दिनचर्या निर्धारित करें।
  • अपनी तस्वीरों को व्यवस्थित करें और कुछ बचे हुए छोटे-छोटे कार्यों को पूरा करें।
  • उन लोगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें जो आपको घर के कामों और नौकरी में मदद करते हैं।
  • पर्याप्त पानी पीने से कब्ज से बचाव हो सकता है।

बेड रेस्ट के दौरान जरुरत पड़ने वाली चीजों की सूची बनाएं

इस दौरान आपको जिन चीजों की अधिक आवश्यकता पड़ती है उनकी एक सूची बनाएं और उसे अपने पास रखने का प्रयास करें। ऐसे समय में आपको किन-किन चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है, वह इस प्रकार हैं;

  • पानी व स्नैक्स या खाने की चीजें, जैसे फल, सब्जी या नट्स साथ रखें।
  • सबसे संपर्क में रहने के लिए अपने पास मोबाइल फोन और लैपटॉप रखें।
  • स्‍टेशनरी, जैसे पेन और पेपर साथ रखें।
  • श्रृंगार की वस्तुएं, जैसे कंघी, ब्रश, नेल कटर, नेल पोलिश और दर्पण भी पास में ही रखें।
  • अपने मनोरंजन के लिए पुस्तकें, पत्रिकाएं और समाचार पत्र साथ रखें।

गर्भावस्था के दौरान उत्तेजनाहीन और शांत रहना कठिन लग सकता है किंतु आपके लिए यह एक उचित सलाह है। इस बात को हमेशा याद रखें कि आप अपने और अपने शिशु की सुरक्षा के लिए अनेक सावधानियां बरत रही हैं और बहुत सी ऐसी गतिविधियां कर रही हैं जो आपके लिए मनोरंजक हों या न हों। अपनी गर्भावधि में जितना अधिक आप आराम करती हैं या शांत रहती हैं उतना ही शिशु के स्वस्थ रहने की संभावना बढ़ती जाती है। 

यह भी पढ़ें:

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सुरक्षा कटियार

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