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समय से पहले होने वाली डिलीवरी में नवजात शिशुओं के हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क पूर्ण रूप में मैच्योर नहीं होते हैं, जिस कारण इनमे समस्याएं पैदा हो सकती हैं। लेकिन आजकल, कुछ दवाएं उपलब्ध हैं जो बच्चे के अंगों के संपूर्ण विकास के लिए डिलीवरी को देरी करने में मदद कर सकते हैं। कई डॉक्टर बच्चे के लंग्स यानि फेफड़ों को जल्दी बनने ले लिए गर्भवती महिला को बेटनेसोल इंजेक्शन देने पर विचार करते हैं। हालांकि, बेटनेसोल इंजेक्शन केवल तभी दिया जाता है जब इसके लाभ जोखिम से ज्यादा होते हैं। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन सुरक्षित है या नहीं।
बेटनेसोल क्या है?
बेटनेसोल (बीटामेथासोन सोडियम फॉस्फेट) एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड है जिसका उपयोग हार्मोनल असंतुलन, सूजन की स्थिति और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की अपर्याप्तता, सामान्य रूप से, हमारे शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। शरीर में उनके कई महत्वपूर्ण कार्य हैं जैसे, नमक को विनियमित करना, पानी को संतुलित करना, तनाव के स्तर को नियंत्रित करना, सूजन को कम करना और हृदय के कार्य को सुनिश्चित करना। यह इंजेक्शन लक्षणों को तुरंत नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन स्थितियों में दिया जाता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल/बीटामेथासोन इंजेक्शन लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान एक बेटनेसोल इंजेक्शन केवल तभी दिया जाता है, जब प्रसवपूर्व कॉम्प्लीकेशन्स के लिए कोई वैकल्पिक उपचार उपलब्ध न हो। एक गर्भवती महिला द्वारा बेटनेसोल इंजेक्शन लेना उसके बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि यह प्लेसेंटा को पार कर अंदर पल रहे बच्चे को प्रभावित कर सकता है। जब तक डॉक्टर की सलाह न हो यह किसी भी रूप (इंजेक्शन या क्रीम) में लेना ठीक नहीं है। जोखिमों के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना और विकल्पों के बारे में पूछना सबसे अच्छा है।
नोट: बेटनेसोल इंजेक्शन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
बेटनेसोल इंजेक्शन का उपयोग कब किया जाता है?
यदि गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित कॉम्प्लीकेशन्स उत्पन्न होती हैं तो बेटनेसोल या बीटामेथासोन इंजेक्शन की सलाह दी जाती है।
- प्रीटर्म लेबर (समयपूर्व प्रसवपीड़ा): गर्भावस्था के दौरान प्रीटर्म लेबर एक सामान्य कॉम्प्लीकेशन है। यदि बच्चा गर्भावस्था के 32-35 सप्ताह से पहले पैदा होता है, तो उसके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होंगे, और यह ठीक से काम नहीं करेंगे। जब डॉक्टर को संदेह होता है कि एक गर्भवती महिला समय से पहले प्रसव में जाएगी, तो वह इन इंजेक्शन को यह सुनिश्चित करने के लिए देती है कि सर्फैक्टेंट का लेवल बढ़ जाए, जिससे बच्चे के फेफड़ों को मैच्योर होने में मदद मिलेगी। यह इंजेक्शन आमतौर पर अपेक्षित प्रीटर्म लेबर से 24 घंटे पहले दिया जाता है।
- भ्रूण फाइब्रोनेक्टिन टेस्ट (FFT): भ्रूण फाइब्रोनेक्टिन एक प्रोटीन है जो एमनियोटिक थैली को गर्भाशय से लगे रहने में सहायता करता है। एमनियोटिक थैली गर्भाशय में बच्चे को चारों तरफ से घेर लेती है। लेकिन जब यह टूटता है, तो भ्रूण के फाइब्रोनेक्टिन सर्विक्स के पास स्राव में घुस सकता है। इससे शिशु के विकास में बाधा आ सकती है और गर्भपात या प्रीटर्म लेबर हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान, आपका डॉक्टर 22 से 34 सप्ताह के बीच एक भ्रूण फाइब्रोनेक्टिन टेस्ट का सुझाव दे सकता है, और फाइब्रोनेक्टिन की उपस्थिति के लिए जाँच करने के लिए आपका थोड़ा सा स्राव ले सकता है। यदि टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो आपको समय से पहले प्रसव हो सकता है। यह जाँच बेटनेसोल देने से पहले की जाती है। यदि आपके गर्भ में जुड़वां या कई बच्चे पल रहे हैं, तो आपको बेटनेसोल की मात्रा ज्यादा दी जाएगी।
डोसेज
गर्भवती महिला के मेडिकल हिस्ट्री की जाँच के बाद उसकी डोसेज निर्धारित की जाती है। आपका डॉक्टर आपके केस की हिस्ट्री समझने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगा। अगर आपके डॉक्टर को कोई समस्या होने की आशंका होती है, तो वह इंजेक्शन की सलाह दे सकता है। इसलिए, यह भी बेहद जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से इस इलाज के फायदे और नुकसान भी जान लें।
बेटनेसोल कैसे दिया जाता है?
बेटनसोल निम्नलिखित तरीकों से दिया जा सकता है:
- यह पूरे शरीर में प्रभाव पैदा करने के लिए सीधे नसों या मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जाता है। यह ड्रिप के माध्यम से किया जाता है। डोसेज और अवधि, मामले और कॉम्प्लीकेशन्स पर निर्भर करेगी।
- यह सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर ऊपर से लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में, इसे सीधे सूजन वाले टिश्यू में इंजेक्ट किया जाता है।
यह दवा कभी भी लंबे समय के लिए नहीं दी जाती है। यह कुछ दिनों के लिए या शायद 2-3 सप्ताह के लिए दी जा सकती है। लेकिन इसे अचानक नहीं रोका जाना चाहिए। किसी भी वापसी के लक्षणों की तीव्रता को कम करने के लिए इसे धीरे-धीरे कम किया जाना चाहिए।
कॉम्प्लीकेशन्स
नीचे कुछ साइड इफेक्ट्स दिए गए हैं जो आपको गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल का टीका लगने पर दिखाई दे सकते हैं।
- बेटेनसोल एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड है, जो शरीर की प्राकृतिक इम्युनिटी और सूजन-संबंधी प्रतिक्रियाओं को कम करने के लिए जाना जाता है। इसलिए, यदि आप बेटनसोल ले रहे हैं, तो आपको इन्फेक्शन होने की अधिक संभावना है।
- बेटनसोल की हाई डोज देने से मूड स्विंग और व्यवहार में परिवर्तन हो सकता है। यदि आपको बेटनसोल इंजेक्शन दिया गया है, तो आप अधिक चिड़चिड़े, उदास औरकन्फ्यूज्ड हो सकते हैं। आपको नींद आने में परेशानी भी हो सकती है।
- यह आपके बच्चे की वृद्धि और विकास को प्रभावित कर सकता है। यह आपके बच्चे के विकास में देरी कर सकता है और उसकी हृदय गति और गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
- यदि बेटेनसोल को अधिक मात्रा में दिया जाता है, तो जब आप अपने बच्चे को स्तनपान कराते हैं उस समय वह आपके बच्चे के भीतर पहुँच सकता है और बच्चे के एड्रीनल ग्लैंड को, जो स्टेरॉयड हार्मोन के उत्पादक हैं, प्रभावित करते हैं।
इंजेक्शन के अलावा, यह आपके शरीर में अन्य माध्यमों से भी प्रवेश कर सकता है। यदि आप त्वचा के किसी क्रीम का उपयोग करते हैं, जिसमें बेट्नेसोल हो (भले ही कम मात्रा में हो), तो यह आपकी त्वचा द्वारा अवशोषित हो सकता है और बच्चे को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप किसी भी स्टेरॉयड क्रीम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
इसे पढ़ने के बाद, हम आशा करते हैं कि बेटनेसोल इंजेक्शन के बारे में आप काफी कुछ समझ चुके हैं और गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद भी उन्हें लेने से बचेंगे। स्थिति की गंभीरता और इसमें शामिल जोखिमों को समझने के लिए अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से चर्चा करें और उन वैकल्पिक उपचारों के बारे में पूछें जो सुरक्षित हैं।
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