गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान डोक्सिनेट ओरल: दुष्प्रभाव और उपचार

हम सभी कभी न कभी पर बीमार पड़ते रहते हैं और ठीक होने के लिए दवाइयां भी लेते हैं। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं, तो आपको अपनी इस आदत को छोड़ना होगा। गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाएं लेने से आपके शरीर पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि इस समय आपका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है और हार्मोनल परिवर्तन लगातार जारी रहता है। उदाहरण के लिए, कब्ज के लिए दवा लेने से कुछ देर के लिए राहत मिल सकती है, लेकिन कभीकभी इससे यह सूजन जैसे अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। मॉर्निंग सिकनेस और मतली गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक समस्या है, इसके हो सकता है कि आपको डोक्सिनेट दवा का लेने का सुझाव दिया जाए, पर क्या आपको गर्भावस्था के दौरान यह दवा। लेकिन क्या आपको यह दवा लेनी चाहिए? आइए जानते हैं !

डोक्सिनेट टैबलेट क्या है?

डोक्सिनेट एक दवा है जो गोलियों और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होती है। इसका उपयोग कब्ज के इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसे डॉकुसेट सोडियमके रूप में जाना जाता है, यह मल नरम कर कब्ज से राहत देता है और इसे रोकता भी है। इसलिए, अब गर्भावस्था के दौरान डॉक्सिनेट के उपयोग में वृद्धि हो गई है। गर्भावस्था में, महिला की इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है, इसकी वजह से कब्ज जैसी समस्या जन्म दे सकती है। डोक्सिनेट लेने से आपकी इससे राहत मिल सकती है।

डोक्सिनेट मॉर्निंग सिकनेस, सीने में जन्म और एसिडिटी से निपटने में मदद करता है। यह गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भावस्था के किसी भी चरण में दिया जा सकता है।

क्या डोक्सिनेट का उपयोग गर्भवती महिला कर सकती है?

डॉक्टरों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान डोक्सिनेट का उपयोग करना सुरक्षित है। दवाओं की अमेरिकन सिस्टम ऑफ ग्रेडिंग ड्रग्स के अनुसार, यह एक दवा गर्भावस्था की श्रेणी में आता है, जिसका अर्थ है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसलिए, इससे आपको या आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, यह सुझाव दिया जाता है कि आप इस दवा को केवल तभी लें जब यह आपके डॉक्टर द्वारा लेने के लिए कहा गया हो। इसके अलावा, यदि इस दवा को लेने के बाद आपको बेचैनी महसूस होती है, तो इसका उपयोग करना बंद कर दें और तुरंत आपके डॉक्टर से परामर्श करें। साथ ही, आप इस दवा को डॉक्टर से बिना पूछे न लें।

गर्भावस्था के दौरान आपको डोक्सिनेट लेना कब शुरू करनी चाहिए सकती हैं और कब बंद करना चाहिए

डॉक्सिनेट आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को दूर करने या कम करने के लिए दी जाती है। मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में दिखाई देने लगते हैं और 12वें सप्ताह तक जारी रहते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर गर्भावस्था में एक जैसे ही लक्षण दिखाई दें, कई महिलाओं को 6ठे सप्ताह से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या शुरू हो जाती है। आपको कब तक इस दवा को लेना चाहिए यह आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आप यह दवा ले रही हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें आप इसे कब और कैसे लेना बंद कर सकती सकती हैं ।

दवाओं की प्रेगनेंसी केटेगरी क्या है?

प्रेगनेंसी केटेगरी के अनुसार दवाओं को इस हिसाब से रैंकिंग दिया जाता है कि वो गर्भावस्था के दौरान लिए जाने पर कितना सुरक्षित हैं। इससे एक गर्भवती महिला को यह समझने में मदद मिलती है कि गर्भावस्था के दौरान कौन सी दवाएं लेना सुरक्षित है और कौन सी नहीं। दवाओं को विकासशील बच्चे के स्वास्थ्य और माँ के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। गर्भावस्था के दौरान डोक्सिनेट को एक सुरक्षित दवा माना जाता है।

डोक्सिनेट लेने के साइड इफेक्ट्स

हालांकि डोक्सिनेट को एक सुरक्षित दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर दवा की पैकेजिंग पर लिखे हुए होते हैं, इससे होने वाले दुष्प्रभाव आपकी दैनिक गतिविधियों में असर डाल सकते हैं। इसके कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • सुस्ती और नींद आना
  • चक्कर आना
  • सरदर्द
  • डायरिया
  • पेट दर्द

पहले से मौजूद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण भी इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:

  • अस्थमा
  • मोतियाबिंद
  • ब्रोंकाइटिस
  • वायुमार्ग से जुड़ी समस्या

यदि आपको बताए गए दुष्प्रभावों में से कोई लक्षण नजर आते हैं या आपको दवा लेते समय परेशानी होती है, तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इस बात का खयाल रखें कि दवा लेने से पहले आप अपने से सलाह ले लें और सभी मौजूदा स्वास्थ्य संबंधी को लेकर एक बार चर्चा कर लें, इस विषय पर आपके डॉक्टर आपको ज्यादा बेहतर राय दे सकते हैं। कुछ दुष्प्रभाव का कारण पहले से मौजूद बीमारियां हैं।

क्या होगा यदि आप मॉर्निंग सिकनेस का इलाज नहीं करती हैं

गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से आपको काफी परेशानी हो सकती है। दवा और आराम के बगैर मॉर्निंग सिकनेस से निपटना मुश्किल हो सकता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो आपको नीचे बताए गए परिणाम का सामना करना पड़ सकता है:

  • अत्यधिक डिहाइड्रेशन
  • ठीक से भोजन नहीं पचना
  • लगातार मतली आना
  • भूख कम लगना
  • चक्कर आना

डोक्सिनेट गर्भावस्था के बाद भी कब्ज की समस्या से लड़ने में मदद करता है।

यह अनुमान लगाया जाता है कि 70% से अधिक महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कब्ज और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है और 10 में से 5 महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं और काम से छुट्टी ले लेती हैं। दवा का उपयोग करने से मॉर्निंग सिकनेस और कब्ज को एक हद तक ठीक किया जा सकता है। हालांकि, आपको दवाएं तभी लेनी चाहिए, जब वे आपके डॉक्टर द्वारा बताई गई हों। खुद से कोई दवा न लें और अपनी दवाओं को किसी और के साथ शेयर न करें।

गर्भावस्था के बाद के चरणों में भी डोक्सिनेट दवा कब्ज और सीने में जलन से निपटने में मदद करता है। लेकिन आपको यह सलाह दी जाती है कि इसका प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करके इस दवा की जरूरत और उसके उपयोग को समझें ।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में कौन सी दवाएं लें और किनसे बचें
प्रेगनेंसी में पेशाब का रंग बदलना

समर नक़वी

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

4 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

4 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

4 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago