In this Article
- क्या गर्भावस्था के दौरान गर्म पानी से स्नान करना सुरक्षित है?
- गर्भावस्था के दौरान हॉट वाटर बाथ के फायदे
- हॉट वाटर बाथ के लिए पानी का टेम्परेचर कितना होना चाहिए
- आपको नहाने में कितना समय लेना चाहिए?
- आपको हाइड्रेटेड क्यों रहना चाहिए?
- गर्भावस्था के दौरान सॉना बाथ,जकूजी बाथ और हॉट टब बाथ लेने से क्यों मना किया जाता है?
- सॉना बाथ को बंद न किया जाए तो क्या हो सकता है
प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर को और भी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है जो जरूरी भी है। इसका मतलब है कि प्रेगनेंसी से पहले जिन चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी, अब आपको उसके बारे में भी सोचना होगा। जैसे कि अब आपको चाय या कॉफी का सेवन करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है, वैसे ही आपको नहाते समय भी कुछ सावधानियां बरतनी होंगी, जो आप और आपके बच्चे की बेहतरी के लिए है। आपको यह समझना बहुत जरूरी है पानी का तापमान आपकी प्रेगनेंसी पर अच्छी या बुरी दोनों तरह से प्रभावित कर सकता है। इसका मतलब यह भी है कि आपको प्रेगनेंसी की पहली तिमाही और तीसरे तिमाही के दौरान गर्म पानी से स्नान करने के बीच का अंतर समझना होगा, कैसे पानी का तापमान बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है, क्या यह आपके और बच्चे के लिए पूरी तरह से सेफ है और हॉट वाटर बाथ लेना कब सही है, तो आइए विस्तार से जानते है कि हॉट वाटर बाथ के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान गर्म पानी से स्नान करना सुरक्षित है?
यह बात मायने रखती हैं कि आप प्रेगनेंसी की किस स्टेज में हैं और अगर सारी चीजें कंट्रोल में हैं तो आप सुरक्षित रूप से हॉट वाटर बाथ ले सकती हैं। पहली तिमाही के दौरान बच्चे के सभी ऑर्गन ठीक से विकसित नहीं हुए होते हैं, हालांकि तीसरी तिमाही में बच्चे के ऑर्गन काफी हद तक विकसित हो जाते हैं। टेम्परेचर के हिसाब से भी आपको अपने स्नान में चेंजेस करने पड़ते हैं। आपको खासतौर पर यह सुझाव दिया जाता है कि आप प्रेगनेंसी के दौरान गुनगुने पानी से स्नान करें, क्योंकि यह आपकी हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए बहुत जरूरी है। इस परिस्थिति में, आपके डॉक्टर आपको गुनगुने पानी से स्नान करने के बारे बताएंगे, जिसमें पानी का टेम्परेचर 100 डिग्री फारेनहाइट / 38 डिग्री सेल्सियस के करीब होना चाहिए है। इस प्रकार ज्यादा हीट होने की वजह से आपका हार्ट रेट भी नहीं बढ़ता है और आपका ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। इस मामले में, हॉट वाटर बाथ को आपके शरीर के तापमान से काफी करीब होता है।
गर्भावस्था के दौरान हॉट वाटर बाथ के फायदे
प्रेगनेंसी के दौरान हॉट वाटर बाथ के कई फायदे हैं जिसमें पानी का तापमान रूम टेम्परेचर के बजाय आपकी बॉडी टेम्परेचर के आसपास होना चाहिए। आपको हॉट वाटर बाथ के कुछ फायदे नीचे बताए गए हैं:
- गुनगुने पानी से स्नान करने से आपकी मांसपेशियां रिलैक्स होती है जो प्रेगनेंसी के दौरान लगातार बढ़ रहे वजन की वजह से स्ट्रेस हो जाती है।
- तेल के साथ गुनगुने पानी से स्नान करना, आपकी त्वचा को बेहतर करता है और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है और इससे आपको क्रैम्प से भी राहत मिलती है।
- सोने से पहले लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के साथ स्नान करने से आपको अच्छी नींद आती है, जो प्रेगनेंसी के दौरान आपकी नींद न आने की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
- सोने से पहले हॉट वाटर बाथ लेने से आपको अच्छी नींद आती है।
- हॉट वाटर बाथ से, आपको समय से पहले होने वाले संकुचन को कम करने में मदद मिलती है।
- गुनगुने पानी में रॉक साल्ट डालकर कुछ समय बैठने से यह आपकी मांसपेशियों को आराम देता है दर्द से राहत देता है।
- गुनगुने पानी से स्नान करने से यह आपके टखनों के आसपास सूजन की कम करने में मदद करता है, जिसे एडिमा के रूप में भी जाना जाता है।
- यदि आपमें एमनियोटिक फ्लूइड की मात्रा कम है, तो गुनगुने पानी में कुछ समय बैठने से ये एमनियोटिक फ्लूइड को बढ़ाने में मदद करता है।
हॉट वाटर बाथ के लिए पानी का टेम्परेचर कितना होना चाहिए
जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है, गर्भवती महिलाओं को हॉट वाटर बाथ लेने के लिए पानी का टेम्परेचर आपके बॉडी टेम्परेचर के आसपास होना चाहिए। क्योंकि बहुत ज्यादा ठंडे या गर्म पानी से आपका हार्ट रेट बढ़ सकता है। इसके वजह से आपके शरीर में ब्लड फ्लो भी प्रभावित हो सकता है, जो आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप या तो रूम टेम्परेचर पर वाले पानी से स्नान करें, जो 23 डिग्री सेल्सियस होता है या फिर बॉडी टेम्परेचर वाले पर पानी से स्नान करें, जो कि 38 डिग्री सेल्सियस होता है।
आपको नहाने में कितना समय लेना चाहिए?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप गर्भावस्था के किस चरण में हैं, फिर भी आपको ज्यादातर 10 से 15 मिनट के बीच स्नान करने के लिए कहा जाता है। जो आपके लिए फायदेमंद होता है और आपके शरीर को ओवरहीट करने नहीं देता है। 15 मिनट से ज्यादा स्नान करने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान आपकी इम्युनिटी कमजोर होती है और पानी में देर तक रहने से आपको बुखार हो सकता है और बहुत ज्यादा थकावट भी महसूस होती है। इसलिए आपको बहुत देर पानी के संपर्क में नहीं रहना चाहिए, इससे आपकी सेहत पर असर पड़ता है।
आपको हाइड्रेटेड क्यों रहना चाहिए?
गुनगुना पानी या गर्म पानी आपके शरीर को रिलैक्स करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे डिहाइड्रेशन का भी एक बड़ा कारण माना जाता है, डिहाइड्रेशन होना बेहद खतरनाक होता है, खासतौर पर प्रेगनेंसी के समय यह और भी खतरनाक हो जाता है। इस से आपको कई बीमारियां हो सकती हैं और आपकी इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए, आप अपने डॉक्टर से बात करें और जाने कि आपके शरीर में हाइड्रेशन लेवल कितना होना चाहिए। कोशिश करें कि दिनभर खुद को हाइड्रेटेड रखें। आप इस बात का खयाल रखें कि जब आप पानी पिएं और नहाने जाएं तो उसके बीच कुछ समय का गैप होना चाहिए। आपको दोनों चीजों के बीच कम से कम आधे घंटे का गैप रखने की सलाह दी जाती हैं।
गर्भावस्था के दौरान सॉना बाथ,जकूजी बाथ और हॉट टब बाथ लेने से क्यों मना किया जाता है?
अपको प्रेगनेंसी के दौरान जकूजी बाथ या हॉट टब बाथ लेने को खासतौर मना किया जाता है, इसके पीछे क्या कारण है आइए जानते हैं:
- जकूजी टब में पानी का टेम्परेचर ज्यादा होने की वजह से यह आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है और साथ ही आपके ब्लड सर्कुलेशन पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
- ठीक इसी प्रकार यह बात स्टीम बाथ या सॉना बाथ में भी लागू होती है। प्रेगनेंसी के दौरान सॉना बाथ लेने से यह आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इसमें हीट आपके बॉडी टेम्परेचर से ज्यादा होती है जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। सॉना बाथ लेने से यह आपके शरीर को उस समय के लिए बहुत ज्यादा गर्म कर सकता है।
- ये स्नान आपके हार्ट रेट को बढ़ा सकता सकता है, जो बच्चे के लिए बेहद खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है।
- इस तरह के स्नान करने से आपको थकावट भी हो सकती है।
- यदि सॉना बाथ लेने समय हीट बहुत ज्यादा है तो इससे आपको चक्कर आ सकता है और गंभीर रूप डिहाइड्रेशन हो सकता है।
- जकूजी बाथ या हॉट टब बाथ लेने से आपके बच्चे पर काफी दबाव पड़ता है।
- सॉना बाथ, जकूजी बाथ या हॉट टब बाथ आपके बच्चे के हार्ट रेट हद से ज्यादा बढ़ा सकते हैं जिससे बच्चे को खतरा हो सकता है।
- डॉक्टरों का मानना है कि सॉना बाथ, जकूजी बाथ का टेम्परेचर आपके बच्चे के बॉडी टेम्परेचर को बुरी तरह बढ़ा सकता है, जो सच में खतरनाक साबित हो सकता है।
- बॉडी टेम्परेचर का बहुत ज्यादा बढ़ जाना आप और आपके बच्चे लिए नुकसानदायक होता है, इसके कारण आपको समय से पहले लेबर या मिसकैरज भी हो सकता है।
सॉना बाथ को बंद न किया जाए तो क्या हो सकता है
अगर आप सॉना बाथ लेना बंद नहीं करती हैं तो आपको बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आपको यहाँ सॉना बाथ से जुड़ी कुछ टिप्स बताई गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:
- यह जानने के लिए कि सब ठीक है आपको सॉना बाथ लेने के बाद अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- इस बात का खयाल रखें कि आप ज्यादा से ज्यादा 5-6 मिनट तक ही सॉना बाथ लें।
- खुद को हाइड्रेटेड रखें।
- अपने शरीर पर ध्यान दें, यदि आपको इससे चक्कर आता है तो तुरंत सॉना बाथ लेना बंद कर दें और बाहर आ जाएं।
- पानी और रूम टेम्परेचर की रोजाना जाँच करें।
- सॉना बाथ लेने के 15 मिनट बाद अपने बॉडी टेम्परेचर की जाँच करें।
हॉट बाथ आपके शरीर को रिलैक्स करने के लिए लिया जाता है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप आप अपने बॉडी टेम्परेचर पर ध्यान दें और हॉट वाटर बाथ लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें। यदि आपको स्नान करते समय या उसके बाद असहज महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
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