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गर्भावस्था के दौरान एक गर्भवती महिला का चलना और कोई भी गतिविधि करना उसके लिए चिंता का कारण हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, गर्भावस्था में जितना भ्रूण और हमारा शरीर वास्तव में कमजोर होता है, हम उससे कहीं ज्यादा इसे कमजोर मानते हैं। गर्भावस्था के दौरान गिरने के बारे में बहुत सारी धारणाएं हैं, लेकिन इन सब के बीच जो बात सबसे महत्वपूर्ण है वह यह है कि जब तक आप गंभीर रूप से नहीं गिरती हैं तब तक आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है, किसी चीज से टकरा जाना, हल्का धक्का लगना या हल्के से गिरना आपके बच्चे को हानि नहीं पहुँचाता है। हालांकि अगर आप गर्भावस्था के दौरान जोर से गिर जाती हैं तो आपको क्या करना चाहिए? इस लेख को आगे पढ़ें और जानें गर्भावस्था के दौरान गिरने से जुड़ी बातें और आवश्यक जानकारी।
गर्भावस्था के दौरान गिरना यह सुनकर ही बहुत डरावना लगता है। लेकिन इससे जुड़ी ऐसी बहुत सारी गलत धारणाएं हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। नीचे आपको बताया गया है कि यह गलत धारणाएं क्या हैं।
ध्यान रखें: गिरने के बाद अपने शरीर की स्वयं जांच कराना बहुत जरूरी है, क्योंकि आप अपने शरीर को बेहतर समझती हैं। यदि आपको कुछ असामान्य महसूस होता है, तो तुरंत अपने निकटतम अस्पताल से संपर्क करें। कभी-कभी आपको अपना गिरना मामूली लगता है, लेकिन इससे आपको वास्तव में बेहद गंभीर चोट पहुँच सकती है, इसलिए सतर्क रहें।
गर्भावस्था में कई कारणों से आप गिर सकती हैं। इनमें से कुछ हैं:
आपके गुरुत्वाकर्षण के केंद्र में बदलाव आपके गिरने का एक प्रमुख कारण होता है। यह गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान तेजी से बढ़ने वाले वजन के कारण मांसपेशियों में आए अचानक असंतुलन की वजह से होता है। प्रसव पूर्व योग करने या अन्य व्यायाम करने से आप इस बदलाव के लिए अपनी मांसपेशियों को तैयार करने में मदद कर सकती हैं । अपने डॉक्टर से बात करें और जानें कि आपके लिए कौन से व्यायाम सुरक्षित हैं और किस प्रकार के व्यायाम आपको गिरने से बचने में मदद कर सकते हैं।
गर्भावस्था की वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। इन में से कुछ आपके जोड़ों और स्नायु को आराम देते हैं, जो गर्भावस्था में गर्भाशय ग्रीवा को सहारा प्रदान करने में मदद करता है। आपके शरीर के ये जोड़ फैलते हैं और ढीले पड़ते हैं, जिससे श्रोणि क्षेत्र के चारों ओर आपके शरीर का वजन विभाजित होकर समायोजित होता है, ताकि आपके बच्चे के विकास में कोई बाधा न आए और गर्भाशय को फैलने के पर्याप्त जगह मिले, साथ ही आपके जोड़ों को नुकसान भी न पहुँचे। इस प्रक्रिया में शरीर के जोड़ बहुत अधिक ढीले पड़ सकते हैं और यह वजह आपके गिरने का कारण बन सकती है।
गर्भावस्था के सबसे आम दुष्प्रभावों में से एक है सूजन जो दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गिरने का एक प्रमुख कारण माना जाता है। गर्भावस्था के हार्मोन आपके शरीर में, विशेष रूप से, आपके पैरों में सूजन पैदा करते हैं। इसके कारण दर्द हो सकता है और आपका संतुलन बिगड़ सकता है।
गर्भावस्था में आपका वजन तेजी से बढ़ता है, जिसमें से अधिकांश पेट के आसपास केंद्रित होता है। यह आपके शरीर के आसन और वजन के वितरण में असंतुलन पैदा करता है और गिरने का कारण बन सकता है। शरीर के वजन में असंतुलन के कारण कुछ मांसपेशियों की तुलना में अन्य मांसपेशियों पर अधिक तनाव आता है। इसके कारण अत्यधिक कार्य करने वाली मांसपेशियों को ज्यादा थकान होती है और सहारे की कमी के कारण ये कमजोर पड़ सकती हैं।
कमजोर इम्युनिटी और असंतुलित तरीके से रक्तचाप और रक्त शर्करा में होने वाले उतार-चढ़ाव, जो कि गर्भावस्था में आम है, उससे आपको चक्कर आ सकता है और आप गिर भी सकती हैं।
भ्रूण माँ के गर्भ में बहुत सारी अलग-अलग परतों द्वारा संरक्षित होता है जो भ्रूण के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करती है। इसलिए जब तक आप बहुत जोर से न गिरी हों या आपको कोई गंभीर चोट न आई हो, तब तक आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है । गर्भवती महिला का गिरना तब तक खतरनाक नहीं माना जाता जब तक कि खतरे के निम्नलिखित संकेत न दिखाई दें:
यदि ये संकेत गिरने के तुरंत बाद दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
यदि आप काफी जोर से गिरी हैं और आघात के संकेत दिख रहे हैं, तो डॉक्टर आपको निम्नलिखित परीक्षण करने के लिए कह सकते हैं:
कुछ मामलों में, आपको अवलोकन के लिए अस्पताल में रात बिताने के लिए कहा जा सकता है, क्योंकि कुछ लक्षण थोड़े समय बाद दिखाई पड़ते हैं ।
आपके गिरने की गंभीरता और इसके संभावित नतीजों का मूल्यांकन करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ कारक हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाओं का अपने पेट के बल गिरने और घुटनों के बल गिरने से होने वाली समस्याओं में भिन्नता होती है। यदि आप तेज दर्द महसूस कर रही हैं या अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। याद रहे कि पेट के बल गिरने से सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। हालांकि पीठ के बल या घुटने के बल गिरने से भी चोट लग सकती है, लेकिन आपके बच्चे के लिए जोखिम बहुत कम होता है, सिवाय इसके कि आप जोर से न गिरी हों ।
अधिकांश डॉक्टरों के अनुसार, 35 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं में गिरने के कारण समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। यदि आप इस श्रेणी में आती हैं, तो अपनी सुरक्षा के लिए, कोई लक्षण दिखाई दे या न दे अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
जिस सतह पर आप गिरती हैं, उसके कारण जोखिम बढ़ सकता है। यदि सतह कठोर है, तो आपके बच्चे को चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन एक कठोर सतह पर गिरने से यह जरूरी नहीं है कि आपके बच्चे को चोट लगी ही हो।
जब आप गिरती हैं, तो उससे होने वाला खतरा गर्भावस्था के चरण पर निर्भर करता है।
आपकी गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान गिरने पर आपको और बच्चे दोनों को खतरा कम से कम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भ्रूण अभी तक विकसित नहीं हुआ होता है और नाल की मोटी परत द्वारा संरक्षित होता है। यह, कूल्हे की हड्डी के सरंक्षण के साथ बच्चे के लिए जोखिम का खतरा कम करता है। यदि आप ज्यादा तेज गिरती हैं, तो लेट जाइए और आराम कीजिए। यदि आप असहज महसूस कर रही हैं या गिरने के प्रभाव से डर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गिरने से माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरा थोड़ा ज्यादा होता है। क्योंकि इस चरण के दौरान गर्भाशय श्रोणि क्षेत्र में सरंक्षित नहीं होता है और सतह के संपर्क में अधिक होता है। हालांकि, यह किसी भी अन्य सुरक्षात्मक ढाल को सामान्य रूप से कार्य करने से नहीं रोकता है। इस तिमाही में जोखिम सीमित होता है और यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें:
तीसरी तिमाही में भ्रूण के लिए खतरा काफी अधिक हो जाता है। भ्रूण पूरी तरह से विकसित होता है और पेट में उसकी स्थिति उल्टी होती है, बच्चे का सिर योनि के करीब होता है। बच्चे को सुरक्षित रखने वाली गर्भनाल गर्भाशय की दीवार से निकलने की संभावना अधिक होती है, जिससे शिशु को गंभीर क्षति पहुँचने का खतरा बढ़ सकता है। आपको अपने एमनियोटिक द्रव के रिसाव पर भी नजर रखने की सलाह दी जाती है जो कि समय से पहले प्रसव का संकेत हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान दुर्घटनाओं से बचने में आपकी मदद करने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
याद रखें कि जैसे आप गर्भावस्था के अगले चरण में पहुँचती है, गिरने का खतरा और भी बढ़ जाता है। अपने डॉक्टर से गिरने के खतरे के बारे में और उन संकेतों के बारे में बात करें जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त आराम मिले और यदि आप अपने काम खुद नहीं कर पा रहीं है तो अपने प्रियजनों की मदद लें। यदि आपके साथ यह हादसा हो जाए तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। भले ही आपको खतरे के कोई लक्षण न दिखाई दें, यदि आप तीसरी तिमाही के दौरान गिर जाती हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि इस अवधि के दौरान जोखिम बहुत ज्यादा होता है।
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