गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान झींगा मछली (श्रिम्प) खाना सुरक्षित है?

जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपको हर चीज में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है और कुछ भी खाने पीने से पहले सोचना पड़ता है। आपको इस दौरान अजीब अजीब चीजों को खाने का मन होता है, लेकिन आपके अंदर पल रहे बच्चे की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए आपको ऐसे खानों से परहेज करना पड़ता है। यदि आपको सीफूड खाना पसंद हो लेकिन आप इसका सेवन नहीं कर सकती हैं क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा पोलुटेंट्स मौजूद होते हैं। इस लेख में एक ऐसा ही सीफूड के विषय में चर्चा की गई है और वो है झींगा, अगर आपको झींगा खाना पसंद है और आप इस समय गर्भवती हैं तो आप यह जरूर जानना चाहेंगी कि क्या गर्भावस्था के दौरान झींगे का सेवन करना सुरक्षित है? अगर इसका जवाब है हाँ!, तो कैसे करें?  इस लेख में आपको विस्तार से बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान झींगे का सेवन करते समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं। हमारा यही प्रयास है कि आप और आपका बच्चा सुरक्षित रहे।

क्या गर्भवती महिलाएं झींगा मछली खा सकती है?

इसका आसान शब्दों में जवाब है हाँ! हालांकि बहुत सारे सीफूड होने वाली माँ के लिए अच्छे नहीं होते हैं, लेकिन झींगे में पारा का लेवल कम होता है और जब इसे अच्छी तरह से पका कर खाया जाए तो यह आपके लिए बिलकुल सुरक्षित होती है। हालांकि, जैसा कि सभी चीजों के लिए कहा जाता है कि आपको हर चीज का सेवन एक सीमित मात्रा में करना चाहिए ठीक उसी तरह यह बात यहाँ पर भी लागू होती है, आप सप्ताह में 340 ग्राम तक इसका सेवन कर सकती हैं। यह इसे भोजन में दो बार डिवाइड कर के खाएं, लेकिन अगर आप एक बार में ही इसका सेवन कर लेती हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। बस आपको मात्रा का हमेशा खयाल रखना है।

गर्भावस्था के दौरान झींगा मछली खाने के क्या फायदे हैं?

झींगा एक हेल्दी फूड है और अच्छी मात्रा में पोषण पाए जाते हैं। झींगा विटामिन और मिनरल का एक अच्छा सोर्स है जो बच्चे के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान झींगा खाने से आपकी सेहत को लाभ पहुँचता है:

  • लो-फैट: झींगा हर तरह से एक हेल्दी फूड माना जाता है, क्योंकि इसमें लो फैट कंटेंट मौजूद होता है, जिससे आपके वजह बढ़ने की चिंता नहीं होती है।
  • प्रोटीन: झींगा में हाई लेवल प्रोटीन मौजूद होता है, जो बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। झींगा के खाने योग्य हिस्से में पानी (75%) होता है। बाकि 25% में से, 80% प्रोटीन होता है। इसके अलावा झींगा से अमीनो एसिड भी समृद्ध होता है।
  • आयरन: आप द्वारा 100 ग्राम खाए जाने वाले झींगे में 1.8 ग्राम आयरन पाया जाता है, जो बच्चे के विकास के लिए काफी अहम होता है। आयरन गर्भावस्था के दौरान होने वाले में एनीमिया के खतरे को भी कम करता है और बच्चे को ब्लड सप्लाई करने में मदद करता है। साथ ही यह प्रीमैच्योर बर्थ के खतरे को भी कम करता है।
  • ओमेगा-3: आपकी गर्भावस्था के लिए ओमेगा-3 भी बहुत जरूरी तत्व है और झींगे में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है। ये पोषक तत्व आपके बच्चे के विकास में बहुत मदद करते हैं खासकर बच्चे के नर्वस सिस्टम और आँखों को। उनमें इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) भी शामिल हैं और स्टडी से पता चला है कि जो महिलाएं सुरक्षित रूप से सीफूड का सेवन करती हैं उनके बच्चे कि कॉग्निटिव स्किल ज्यादा बेहतर ढंग से विकसित होती है।
  • पिल्स का विकल्प: झींगा जैसी नेचुरल चीजों का सेवन करें और विटामिन और मिनरल जैसे कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम आदि सप्लीमेंट के सेवन करने से बचें। ये हड्डियों के स्वास्थ्य, फ्लूइड को बैलेंस करने और एंजाइम के उत्पादन को कंट्रोल में मदद करता है। 100 ग्राम ताजा झींगा खाने से आपको 100 मिलीग्राम कैल्शियम, 40 माइक्रोग्राम सेलेनियम (माँ की इम्युनिटी को बढ़ाता है) और 300 मिलीग्राम फास्फोरस प्राप्त होता है। इस स्वादिष्ट सीफूड में विटामिन ए, डी, ई, बी 3 और बी 12 मौजूद होता है।

क्या गर्भावस्था में कच्चा झींगा मछली खाना सुरक्षित है?

ज्यादातर मांस-मछली का कच्चे रूप में सेवन करने के लिए मना किया जाता है। चाहे आप गर्भवती नहीं भी हैं तब भी आपको इसका सेवन कच्चा या बिना पका हुआ नहीं करना चाहिए। उनमें कीड़े और पैरासाइट मौजूद हो सकते हैं, जिससे माँ और बच्चा दोनों को नुकसान पहुँच सकता है। इसके अलावा, उनमें लिस्टीरिया होता है जो एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। ये सभी बैक्टीरिया प्लेसेंटा से होकर बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं, कुछ मामलों तो इससे मिसकैरज होने का भी खतरा होता है। अच्छा झींगा एंटीबायोटिक के भी संपर्क में आता है, जो आपके बच्चे के विकास में गंभीर रूप से बाधाएं पैदा कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से झींगा खाने के तरीके

यदि आपको झींगा खाना पसंद है, तो आप कुछ ऐसे तरीकों की खोज कर रही होंगी जिससे यह और भी ज्यादा स्वादिष्ट लगे। तो बस आपकी खोज अब खत्म हुई। नीचे आपको झींगा खाने के कुछ सुरक्षित तरीके बताए गए हैं:

  • भारतीय तरीके से करी या तंदूरी स्टाइल में झींगे का सेवन करें।
  • आप इसे कॉकटेल या टेम्पुरा में उपयोग कर सकती हैं।
  • जब झींगा खाएं तो ध्यान दें कि यह किसी ऐसे सोर्स से ना लाया गया हो जहाँ पारा का लेवल बहुत ज्यादा हो।
  • इससे पहले कि आप झींगा खाएं, इस बात पर ध्यान दें कि इसे फ्रिज में अच्छी तरह से स्टोर किया गया हो और जब आप इसे बाहर निकालें तो पिघला ले।
  • सलाद, सुशी और साशिमिस का सेवन करने से बचें, क्योंकि इसमें कच्चा झींगा डाला जाता है।

गर्भावस्था के दौरान झींगा की कौन सी प्रजातियों का सेवन करना सुरक्षित हैं?

झींगे की कई प्रजातियां हैं, जिसमें से आप कुछ का सेवन सुरक्षित रूप से कर सकती हैं और कुछ का सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन आपको यह जानकर खुशी होगी कि आप कई तरह के झींगे का सेवन सुरक्षित रूप से कर सकती हैं।

  • वाइल्ड कॉट स्पॉट श्रिम्प: बड़े पैमाने पर झींगे, जो अमेरिका या ब्रिटिश कोलंबिया के प्रशांत तट में पाए जाते हैं। इन हिस्सों में झीगा बहुत महंगा होता है।
  • वाइल्ड कॉट पिंक श्रिम्प, बे श्रिम्प, कॉकटेल श्रिम्प, नॉर्थन श्रिम्प: यह ठंडे पानी में पाई जाने वाली प्रजाति है। ये आमतौर पर सलाद, सेम, या चावल में गार्निशिंग के लिए उपयोग की जाती है।
  • वाइल्ड कॉट रॉक श्रिम्प: यह गल्फ ऑफ मैक्सिको में पाए जाने वाली प्रजाति है, ये रेगुलर साइज के झींगे स्वाद में मीठे होते हैं और लोबस्टर्स की तरह दिखते हैं, इसे पकाने के लिए बहुत ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होती है।
  • यूएस-फार्मेड श्रिम्प: यह यूएस रेगुलेशन एक्ट के तहत पालन होता है, इसके स्टैण्डर्ड बहुत हाई हैं।

गर्भावस्था के दौरान झींगा खाते समय बरती जाने वाली सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान झींगा खाने से पहले आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह अब आपके बस में नहीं है। जानिए झींगा खाने से पहले आपको क्या ध्यान रखना चाहिए:

  • एक सप्ताह में केवल 250 ग्राम से 300 ग्राम तक ही इसका सेवन करें ।
  • वाटर सोर्स का पता लगाएं और पारे की मात्रा की भी जाँच कर के ही इसका सेवन करें।
  • खयाल रहे आप झींगे की जिस प्रजाति का सेवन करें वो खाने के लिए सेफ होना चाहिए।
  • इसे तब ही खाएं जब यह अच्छी तरह से पका हुआ हो।
  • आप इसे घर पर ही खाएं क्योंकि आपको पता पता होगा कि यह अच्छी तरह से साफ किया गया है।
  • सभी बैक्टीरिया को मारने के लिए झींगा को 70 डिग्री सेल्सियस पर उबालें और अच्छी तरह से पकाएं।

झींगा कैसे पकाएं?

आप प्रेग्नेंट हो या न हों झींगा का एकमात्र खराबी यह है कि इसे अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। इसे बनाने के लिए काफी टाइम लगता है लेकिन यह बहुत स्वादिष्ट बनता है, यहाँ आपको झींगा बनाने का तरीका बताया गया है।

  • अगर यह फ्रोजन है, तो पहले इसे अच्छी तरह से पिघलाएं।
  • इसे गुनगुने पानी से साफ करें। इसकी परत निकालें, आंतों और बैक वेन को साफ करें दें। एक तेज चाकू की मदद से इसे काटें।
  • 74 डिग्री सेल्सियस पर झींगा को उबालें क्योंकि इस तापमान पर सभी हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं।
  • इन्हें ठीक से पकाएं और जाँच लें कि यह अच्छी तरह से पक गया है या नहीं ।
  • माइक्रोवेव का उपयोग करते समय, इसे तीन से चार मिनट पकने दें और फिर चलाएं या फ्राई करें।

क्या आप श्रिम्प पेस्ट का सेवन कर सकती हैं?

श्रिम्प पेस्ट का नाम सुनते ही आपके मुँह में पानी आ गया होगा। आप इसका सेवन कर सकती हैं, लेकिन तभी जब इसे घर पर अच्छी तरह से पकाया गया हो। रेस्टोरेंट में इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों पर भरोसा न करें।

बिलकुल भी चिंता न करें, आप प्रेगनेंसी के दौरान झींगे की अलग-अलग रेसिपीज का भरपूर आनंद ले सकती हैं, लेकिन ऊपर बताई गई सावधानियों के साथ ही इसका सेवन करें। गर्भावस्था एक ऐसा समय है जहाँ आपको अपने बच्चे की सुरक्षा का सबसे पहले ध्यान रखना होता है और आप झींगे का सेवन अपनी गर्भवस्था में कर सकती हैं। बस आपको ध्यान रखना है कि यह अच्छी तरह से पका होना चाहिए और इसका बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में सामन (सैल्मन) मछली खाना

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

2 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

2 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

2 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

4 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

4 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

4 days ago