गर्भावस्था के दौरान सामन मछली खाना – फायदे, साइड इफेक्ट्स और सावधनियां

प्रेगनेंसी में सामन (सैल्मन) मछली खाना

यदि एक गर्भवती महिला हमेशा अपने आहार के बारे में सचेत रहती है तो यह समझदारी वाली बात है क्योंकि इस समय आप जो भी खाती हैं वह आपके बच्चे तक भी पहुँचता है। इसलिए जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान आप कुछ भी खाने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लें। सैल्मन या सामन मछली अक्सर लोगों को पसंद होती है और इसमें कई अच्छे गुण भी हैं। यह मछली टेस्टी, न्युट्रिश्यस और खाने में स्वादिष्ट होती है। यह मार्केट में आसानी से उपलब्ध है और आप इस मछली को कई तरीकों से पका सकती हैं। 

क्या एक गर्भवती महिला सामन (सैल्मन) मछली खा सकती हैं?

हम सभी जानते हैं कि सैल्मन मछली खाने में स्वादिष्ट और हेल्दी भी होती है पर क्या इसे गर्भावस्था के दौरान खाना चाहिए? इसका जवाब है, हाँ! सामन में बहुत ज्यादा न्यूट्रिशन पाया जाता है जो गर्भवती महिला और बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इस मछली में फैट कम होता है और यह सबसे ज्यादा न्युट्रिश्यस होती है। इसके अलावा सामन मछली खाने से कई रोग दूर होते हैं और यह आपको और गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षित रखती है। 

गर्भावस्था के दौरान सामन मछली खाने के फायदे 

यहाँ पर सामन मछली खाने के कुछ फायदे भी दिए हुए हैं, आइए जानें-

1. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है 

ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत सारे फायदों के लिए जाना जाता है, जैसे कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य के लिए जाना जाता है, इसके सेवन से दृष्टी में सुधार होती है और साथ ही नियोरोलॉजिकल विकास भी होता है। गर्भावस्था के दौरान न्यूट्रिएंट्स का सेवन करने से माँ और बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहता है। 

2. यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर है 

प्रोटीन मांपेशियों के विकास और सुधार के लिए जरूरी है और विटामिन से ब्लड प्रेशर का स्तर ठीक रहता है, दिल के रोग नहीं होते हैं और इम्युनिटी में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा विटामिन दृष्टी, त्वचा व बालों के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है और यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो टॉक्सिन्स को दूर रखने में मदद करते हैं। 

3. हृदय के लिए अच्छा है 

सामन मछली दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन मानी जाती है और यह कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखती है। सामन खाने से आर्टरीज में क्लॉटिंग भी नहीं होती है। 

4. इसे खाने से समय से पूर्व डिलीवरी का खतरा नहीं होता है 

सामन मछली में फैट कम होता है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत ज्यादा पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत अच्छा है। रिसर्च के अनुसार यह मछली खाने से समय से पूर्व डिलीवरी का खतरा कम होता है। 

5. इसमें डी.एच.ए. बहुत ज्यादा होता है 

सामन में डोकोसहसनॉइक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यह बच्चे के मस्तिष्क का विकास करने में मदद करता है। इसके अलावा इसे खाने से डिलीवरी के बाद आपको किसी भी प्रकार का डिप्रेशन नहीं होता है। 

गर्भावस्था के दौरान ज्यादा सामन मछली खाने से साइड इफेक्ट्स 

गर्भावस्था के दौरान कुछ भी बहुत ज्यादा खाना अच्छा नहीं है इसलिए इस समय आपको हर चीज संयमित मात्रा में ही खानी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान सामन मछली खाने के कुछ साइड-इफेक्ट्स दिए हुए हैं, आइए जानें-

1. इसमें मर्क्युरी (पारा) की मात्रा अधिक होती है 

कई मछलियों में सैल्मन या सामन भी एक प्रकार की मछली है जिसमें मर्क्युरी की कुछ मात्रा पाई जाती है। यदि आप बहुत ज्यादा मात्रा में सामन मछली खाती हैं तो इससे आपके शरीर में मर्क्युरी की मात्रा बढ़ सकती है इसलिए ध्यान रहे कि आप सामन मछली बहुत संयमित मात्रा में ही खाएं। 

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2. पी.सी.बी. (पॉलीक्लोरिनेटेड बायफेनाइल) से भी हो सकता है  

पी.सी.बी. या पॉलीक्लोरिनेटेड बायफेनाइल प्राकृतिक रूप से कार्सिनोजेनिक होता है जिससे कैंसर की समस्या भी हो सकती है। बहुत ज्यादा मात्रा में सामन खाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। पी.सी.बी. से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास भी रुक सकता है। 

गर्भावस्था की डायट में आप सामन मछली कैसे शामिल कर सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान सैल्मन या सामन मछली को पकाने और अपने आहार में शामिल करने के बहुत सारे तरीके हैं पर इसे पकाने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप इसे ब्रोइलिंग, पोचिंग या बेक करके पकाएं। इस बात का ध्यान रखें की आप इसे कच्चा तैयार न करें, जैसे सुशी क्योंकि इसमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। आप इसे चावल और सब्जी के साथ फिलेट के रूप में खा सकती हैं। आप सामन को कच्ची सब्जियों के साथ मिलाकर इसका स्वादिष्ट सलाद भी बना सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान फ्रिज में रखा हुआ स्मोक्ड सीफूड नहीं खाना ही बेहतर है। गर्भावस्था में स्मोक्ड सामन खाने के साइड-इफेक्ट्स का कोई भी प्रमाण नहीं है इसलिए इस समय आप इसे खाने से बचें। 

सामन मछली खाते समय ध्यान देने योग्य कुछ सावधनियां 

गर्भावस्था के दौरान सामन मछली खाने से पहले कुछ सावधानियों को ध्यान में जरूर रखें, आइए जानते हैं;

  • सबसे पहले आप इस बात का ध्यान रखें कि आप सामन मछली किसी विश्वसनीय जगह से ही लाएं। यदि आप इसे किसी लोकल वेंडर से भी खरीदती हैं तो भी जांच कर लें की मछली अच्छी होनी चाहिए। रेस्टॉरंट में मछली खाने से पहले जांच लें कि यह सफाई से व हाइजीनिक पकाई गई हो और इसके रिव्यू भी अच्छे हों। 
  • ध्यान रखें कि सैल्मन अच्छी तरह पकाई जानी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कच्ची मछली खाने से आपको और बच्चे को खतरा हो सकता है क्योंकि कच्ची मछली में बैक्टीरिया, कीटाणु और वायरस होते हैं। इस आप नहीं चाहेंगी कि आपके बच्चे को किसी भी प्रकार को कोई हानि हो। 
  • मछली को पकाने से पहले इसकी त्वचा जरूर निकाल दें। फिर इसे अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं। 
  • आप मछली को बहुत ज्यादा मसाले में न पकाएं। विशेषकर गर्भावस्था के दौरान मसालेदार भोजन करने से आपको हानि हो सकती है। 

गर्भावस्था के दौरान खुद का खयाल रखना सबसे पहली प्राथमिकता है क्योंकि इस समय आप सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि अपने बच्चे की देखभाल करती हैं। ध्यान रहे कि इस दौरान आपको अपना पूरा खयाल रखना है और पूरी देखभाल करनी है। सामन मछली खाना अच्छा होता है और गर्भावस्था के दौरान आप इसे संयमित मात्रा में खा सकती हैं। यदि आपको इससे एलर्जी है तो इसका सेवन बिलकुल भी न करें। गर्भावस्था में सामन मछली खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यदि इसे खाने के बाद आपको थोड़ी सी भी एलर्जी महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। 

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