In this Article
जब आप गर्भवती होती हैं तो आपको गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करने की आवश्यकता होती है। इनमें से कुछ आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं जो विशेषकर गर्भास्था के दौरान बहुत ज्यादा लाभदायक हो सकते हैं। मखाना भी इन खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसे फॉक्स नट्स या कमल के बीज भी कहा जाता है।
मखाना एशिया महाद्वीप के देशों में औषधीय प्रयोजनों के लिए काफी लोकप्रिय है। पूरे महाद्वीप में इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।
मखानों को कच्चा और पकाकर दोनों तरह से खाया जा सकता है और इस खाद्य पदार्थ में बहुत पोषण होता है। इस लेख में गर्भावस्था के दौरान मखाने का सेवन करने के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं।
मखाने में बहुत अधिक पोषण होता है। यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है और इसे कमल के फूल से निकाला जाता है। मखाने मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व और दक्षिण एशिया में खाए जाते हैं, इनमें मौजूद कुछ पोषक तत्व इस प्रकार हैं:
गर्भावस्था के दौरान मखानों का सेवन करने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कई तरह से खाया जा सकता है। इसका उपयोग सूप, करी या तल कर नाश्ते के रूप में भी किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान मखानों का सेवन करने के निम्नलिखित फायदे हैं;
मखाने अनिद्रा को ठीक करने के लिए एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। हार्मोन, तनाव और भोजन की आदतों के बदलते पैटर्न जैसे कई कारणों से महिलाओं में अनिद्रा की समस्या हो सकती है। मखानों का सेवन करने से अनिद्रा को ठीक करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें हल्के सिडेटिव पदार्थ होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन शरीर के कार्यों को इस तरह से विनियमित करते हैं कि इसे खाने के बाद नियमित नींद के समय अनुसार ही आपको सोने की इच्छा होने लगती है।
दस्त एक अन्य समस्या है जिसे रोकने में मखाने मदद कर सकते हैं। हार्मोनल संतुलन में बदलाव के कारण बहुत सी गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें दस्त भी शामिल है और इस समस्या के उपचार के लिए मखानों को एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ माना जाता है। मखाने आपके पाचन तंत्र की ऊर्जा बढ़ा सकते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपके द्वारा खाया हुआ भोजन ठीक से पचे। गर्भावस्था की शुरुआत में प्रत्येक दिन कुछ मखानों का सेवन करने से दस्त और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।
यदि गर्भावस्था के दौरान आपके रक्तचाप में उतार-चढ़ाव अधिक होता है तो मखाने आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए बिलकुल सही हैं। मखानों के बीचों बीच के आंतरिक भाग में एक अंकुर होता है जिसमें विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और यह शरीर में शीतलता प्रदान करता है।
मखानों में पाए जाने वाले अंकुर रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं जबकि ‘आइसोक्विनोलीन’ नामक अन्य ‘कड़वा’ घटक शरीर को शांति प्रदान करता है और नसों को फैलाकर रखने में मदद करता है।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान मसूड़ों में दर्द व रक्तस्राव से परेशान हैं तो यह मध्य गर्भावधि में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। पानी की अधिकता के कारण भी मसूड़ों में घाव या दर्द हो सकता है।
मखाने खाने से शरीर में विटामिन बी काम्प्लेक्स की कमी पूर्ण होती है। इसमें मौजूद जिंक आपके मसूड़ों को साफ करने व दर्द को कम करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान मखाने आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं । गर्भावस्था के दौरान बहुत सारी महिलाओं की त्वचा परतदार या शुष्क हो जाती है और रगड़ने से इसमें दर्द भी हो सकता है। मखाने खाने से, त्वचा के धब्बे, झुर्रियां और आँखों के नीचे की लकीरें ठीक हो सकती हैं। मखाने आपकी त्वचा के ऊतकों को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं और शरीर को अंदर से हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन को नियंत्रित करना सरल नहीं होता है। इस अवधि में आहार का खास खयाल रखना महत्वपूर्ण है लेकिन ध्यान रहे कि जरूरत से ज्यादा न खाएं। गर्भावस्था के दौरान मखाने खाना अच्छा होता है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसे कम मात्रा में खाने से भी आपका पेट भरा रहेगा। मखाने में बहुत सारे अन्य मिनरल भी होते हैं जिनसे आपको अन्य पौष्टिक तत्व भी प्राप्त हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान मखाने खाने से शारीरिक रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह संभव है कि तनाव के साथ-साथ हार्मोन के कारण आपकी शर्करा बढ़ सकती है और मखाने इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। मखाने विटामिन ‘बी’ कॉम्प्लेक्स और फाइबर से भरपूर होते हैं और इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। मखाने आपके रक्त में कैलोरी व ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान शरीर अधिक नाजुक हो जाता है और इसे हर समय अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। ऐसे में योनि स्राव के कारण आपको मूत्र पथ में संक्रमण (यूटीआई) हो सकता है। मखाने खाने से आप अपनी इस समस्या को 20% तक कम कर सकती हैं। आप इसका सूप बनाकर या इसे ऐसे ही कच्चा भी खा सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान सबसे कष्टदायक समस्या है थकान, विशेषकर यदि आपको कोई कार्य पूर्ण करना हो तो थकान की समस्या को दूर करना मुश्किल हो सकता है। मखानों में मौजूद आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन व विटामिन के कारण आपके लिए थकान को कम करना भी आसान हो सकता है और इसका सेवन आपको दिनभर ऊर्जा से भरपूर रखने में मदद कर सकता है।
मखानों में मौजूद प्रोटीन भ्रूण के सही विकास में मदद करता है। मखानों में प्रोटीन के साथ अन्य पोषक तत्व भ्रूण के सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की वृद्धि में मदद करते हैं और विटामिन खाए हुए भोजन से पोषक तत्व अवशोषित करने में शिशु की मदद करता है।
मखानों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भ्रूण के तीव्र विकास में बहुत मदद कर सकती है।
कई महिलाएं यह सोचकर उलझन में पड़ जाती हैं कि मखाने को अपने दैनिक आहार में कैसे शामिल करें। वास्तव में, आप अपनी पसंद के आधार पर कई तरीकों से ऐसा कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान आप मखानों को कितनी तरह से पका कर खा सकती हैं, आइए जानते हैं;
इसे पॉपकॉर्न की तरह भूनकर सादा भी खाया जा सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ एक चम्मच बटर या घी में थोड़े से मखानों को हल्का भूनना है। इसमें स्वाद के लिए आप हल्का सा नमक, मिर्च या कोई अन्य स्वादिष्ट मसाला भी मिला सकती हैं।
मखाना खीर में डाला जाने वाला सिर्फ पोषक पदार्थ नहीं हैं बल्कि यह खीर को गाढ़ा करने में भी मदद करता है। इसे करने के लिए बस कुछ सादे मखाने भूनकर, कुचल लें और खीर पकने से पाँच मिनट पहले डाल दें।
कुछ मखानों को भूनें और इसे पाउडर के रूप में पीस लें। अब आप इसे सूखे मेवे जैसी अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर स्वास्थ्यप्रद व स्वादिष्ट लड्डू बना सकती हैं।
यदि आप जानना चाहती हैं कि ‘क्या गर्भावस्था के दौरान मखाने खाना सुरक्षित हैं’, तो जवाब स्पष्ट है – हाँ! मखाने शरीर और मन को अनेक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं और इन्हीं कारणों से एशिया की प्राचीन संस्कृतियां इसके सेवन का सुझाव देती हैं। मखाना आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और रक्तचाप को संतुलित करता है। यदि अगली बार आपको मखाने का मन करे तो खाने में बिलकुल भी संकोच न करें।
यह भी पढ़ें:
क्या गर्भावस्था में अनानास खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान चुकंदर
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…