गर्भावस्था के दौरान चुकंदर – स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभाव

प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर (बीटरूट)

गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार, माँ के स्वास्थ्य व शिशु के विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए गर्भवती महिलाओं को सब्जी व फल खाने की सलाह दी जाती है। किन्तु सब्जियों व फलों में भी कुछ ऐसे प्रकार हैं जिन्हें गर्भावस्था में सेवन को लेकर अक्सर दुविधा रहती है। हम में से कई लोग ऐसे हैं जो ‘चुकंदर’ को लेकर भी यह भावना रखते हैं। निःसंदेह चुकंदर जड़ के रूप में एक ऐसी सब्जी है जिसका व्यापक रूप से दुनिया भर में उपयोग किया जाता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं । किन्तु खास बात यह है कि चुकंदर गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभदायक साबित हुआ है। चुकंदर गर्भवती महिलाओं व गर्भस्थ बच्चे के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है यह जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

गर्भावस्था के दौरान चुकंदर के सेवन के अद्भुत लाभ

गर्भावस्था के दौरान चुकंदर के सेवन के अद्भुत लाभ

चुकंदर कई पोषक तत्वों और घटकों से भरपूर होते हैं जो गर्भस्थ शिशु की वृद्धि में सहायता करते हैं। गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं;

1. रक्त की कमी को दूर करता है

चुकंदर में आयरन की उचित मात्रा होती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाता है और गर्भावस्था के दौरान रक्त की कमी के खतरे को कम करता है।

2. इम्युनिटी को बढ़ाता है

चुकंदर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपकी इम्युनिटी में सुधार करते हैं और गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से बचाव करने में मदद करते हैं।

3. ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करता है

गर्भवती महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का अत्यधिक खतरा होता है – यह एक ऐसी समस्या है जो आपकी हड्डियों को कमजोर और हल्का बना देती है। चुकंदर में सिलिका और कैल्शियम की उचित मात्रा होती है, जो आपके दांतों और हड्डियों को मजबूत रखता है।

4. मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है

चुकंदर पोटेशियम से भरपूर होता है इसलिए इसका सेवन आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को संतुलित करता है और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। इसे गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म के स्तर को बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है।

5. सूजन से बचाव

चुकंदर में बीटेन नामक एंटी-इंफ्लेमटरी तत्व मौजूद होता है जो गर्भावस्था के दौरान सूजन, दर्द और जोड़ों में सूजन को रोकता है।

6. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है

चुकंदर में कम मात्रा में ग्लाइसेमिक होता है। यह ग्लूकोज में परिवर्तित और रक्त में अवशोषित होने में अधिक समय लेता है।इसलिए यह खाद्य पदार्थ आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

7. भ्रूण के विकास में मदद करता है

फोलिक एसिड से भरपूर, चुकंदर आपके शिशु के स्वस्थ विकास व वृद्धि को बढ़ावा देता है। यह खाद्य पदार्थ आपके बच्चे की रीढ़ की हड्डी के विकास में भी सहायता करता है।

8. लिवर के स्वास्थ्य में वृद्धि करता है

चुकंदर में मौजूद बीटासायनिन आपके लिवर और रक्त को डिटॉक्सीफाई करता है। यह आपके शरीर से वसीय अम्ल और विषाक्त पदार्थों को भी नष्ट करता है और साथ ही आपकी गर्भावस्था के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है।

9. विटामिन ‘सी’ प्रदान करता है

चुकंदर में मौजूद विटामिन ‘सी’ की मात्रा आयरन के अवशोषण में सहायक होती है और स्वस्थ गर्भावस्था व स्वस्थ प्रसव को सुनिश्चित करती है।

10. जन्मजात दोषों को रोकता है

फोलिक एसिड स्वस्थ ऊतकों और भ्रूण के विकास को बढ़ावा देता है। यह रीढ़ की हड्डी के सर्वोत्तम विकास को सुनिश्चित करके स्पाइना बिफिडा (मेरुदंड) जैसे जन्मजात दोषों को भी रोकता है।

गर्भावस्था के दौरान चुकंदर के सेवन से खतरे

चुकंदर में अनेक फायदे होने के बाद भी गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से कुछ दुष्परिणाम भी होते हैं;

  • चुकंदर में बीटेन होता है, जो उल्टी, मतली, दस्त और अन्य जठरांत्रिय समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • इसमें मौजूद नाइट्रेट की मात्रा गर्भावस्था के दौरान थकान और कमजोरी का कारण बन सकती है।
  • अत्यधिक चुकंदर का जूस पीने से आपके वाकतन्तु (वोकल कॉर्ड) में अस्थायी रूप से लकवा हो सकता है।
  • अधिक मात्रा में चुकंदर का सेवन करने से बीटूरिया नामक समस्या भी हो सकती है, जो आपके मूत्र और मल को लाल रंग में बदल सकती है।
  • चुकंदर में मौजूद ‘ऑक्सालेट’ की मात्रा गुर्दे की पथरी का कारण बन सकती है।

गर्भावस्था के आहार में चुकंदर को कैसे शामिल करें

गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस और मतली की समस्या कम होने के बाद आप उबकाई महसूस किए बिना चुकंदर को खा सकती हैं । इस अवधि में आप अपने आहार में अन्य सब्जियों के साथ, चुकंदर को शामिल कर सकती हैं। गर्भावस्था व प्रसव को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार, जैसे चुकंदर का सेवन दूसरी तिमाही के दौरान शुरू करना एक बेहतरीन तरीका है। गर्भावस्था के दौरान आप चुकंदर को किस प्रकार से खा सकती हैं, यहाँ जानें;

1. चुकंदर की चाय

चुकंदर के पानी को गुनगुना करके पीने से शारीरिक ऊर्जा प्राप्त होती है और सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कैफीन नहीं होता है!

सामग्री:

  • पानी – 1 /4 कप
  • चुकंदर (छिले और बारीक कटे हुए) – 4
  • शहद – 1/2  कप
  • नींबू – 2

विधि:

  • एक बर्तन में पानी उबालें और इसमें चुकंदर, नींबू का रस और शहद मिलाएं ।
  • इस पानी को कुछ देर तक उबलने दें।
  • आंच बंद करें और लगभग 20 मिनट के लिए मिश्रण को ऐसे ही भीगा रखा रहने दें।
  • अंत में इसे छान कर पी लें।

2. चुकंदर का पाउडर

चुकंदर का सेवन करने का एक आसान तरीका यह भी है कि उसे पीसकर महीन पाउडर बना लें और पानी या जूस में मिलाकर पिएं।

सामग्री:

  • चुकंदर – 1

विधि:

  • चुकंदर को धोकर छील लें और पतले टुकड़ों में काट लें।
  • इसके बाद कटे हुए चुकंदर को सुखा लें। सुखाने के लिए आप इसे कम ताप पर ओवन में रख सकती हैं या फिर जाली से ढककर धूप में सुखा सकती हैं।
  • चुकंदर के टुकड़े सूख जाने के बाद, इसे पीस कर पाउडर बना लें।
  • इस पाउडर को एक एयर टाइट कंटेनर में बंद कर के रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें।

यद्यपि गर्भावस्था के दौरान चुकंदर का सेवन करना महत्वपूर्ण है लेकिन फिर भी अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन बिल्कुल भी न करें। इस प्राकृतिक खाद्य पदार्थ का सेवन आप सिर्फ दिन में दो बार ही करें । तथापि इसका नियमित सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे अवश्य चर्चा कर लें ।

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