गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल (प्लेसेंटा) की स्थिति

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भनाल (प्लेसेंटा या अपरा) की स्थिति

गर्भनाल या प्लेसेंटा एक महत्वपूर्ण अंग है जिसका निर्माण गर्भवती महिला के गर्भाशय में होता है। यह गर्भनाल गर्भवती महिला के शरीर में गर्भस्थ शिशु के लिए ऑक्सीजन व आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है और साथ ही शिशु के रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को निकालने में मदद करती है। गर्भनाल का एक छोर महिला के गर्भाशय से जुड़ा होता है और दूसरा छोर शिशु की नाभि से जुड़ा होता है। गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा गर्भाशय में ऊपर, नीचे, आगे, पीछे या एक तरफ किसी भी स्थान से जुड़ी हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में भी जुड़ सकती है और गर्भाशय ग्रीवा को बंद भी कर सकती है। इस लेख में हम चर्चा कर रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल (अपरा) की कौन-कौन सी स्थितियां होती हैं और यह गर्भावस्था को कैसे प्रभावित कर सकती है।

प्रसव के बाद गर्भनाल को महिला के शरीर से निकाल दिया जाता है किंतु यह हमेशा ही अपने आप नहीं हो सकता है। यदि अपरा (प्लेसेंटा) गर्भाशय में ही रह जाती है तो इसे ‘रिटेन्ड प्लेसेंटा’ कहा जाता है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल की विभिन्न स्थितियां

गर्भनाल का आकार एक मालपुआ के समान होता है जिसकी वृद्धि गर्भावस्था के दौरान होती है और यह खुद को गर्भाशय की दीवार से जोड़ लेती है। किंतु गर्भनाल गर्भाशय की दीवार पर किसी भी स्थिति में जुड़ सकती है। गर्भनाल के विभिन्न संभावित स्थितियां निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. पोस्टीरियर प्लेसेंटा (पीछे की ओर स्थित होना)

जब निषेचित डिंब गर्भाशय की पिछली दीवार पर प्रत्यारोपित होता है। इस स्थिति में गर्भनाल भी गर्भाशय की पिछली दीवार पर ही विकसित होती है। जब गर्भनाल इस स्थिति पर होती है तो इसे पोस्टीरियर प्लेसेंटा कहा जाता है।

2. एंटीरियर प्लेसेंटा या पूर्वकाल गर्भनाल (आगे की ओर स्थित होना)

यदि निषेचित डिंब गर्भाशय की सामने वाली दीवार पर प्रत्यारोपित हो जाता है तो गर्भनाल का विकास भी गर्भाशय की सामने वाली दीवार पर ही होगा और शिशु प्लेसेंटा के पीछे विकसित होता है। जब गर्भनाल गर्भाशय की सामने वाली दीवार पर विकसित होती है तो इस स्थिति को एंटीरियर प्लेसेंटा या पूर्वकाल गर्भनाल कहा जाता है।

3. फंडल प्लेसेंटा (मुख्य क्षेत्र में स्थित होना)

यदि गर्भनाल गर्भाशय के ऊपरी हिस्से में विकसित हो जाती है तो इस स्थिति को फंडल प्लेसेंटा कहा जाता है। कभीकभी गर्भनाल की अवस्था फंडल एंटीरियर या फंडल पोस्टीरियर भी हो सकती है। जब गर्भनाल गर्भाशय के ऊपरी क्षेत्र में विकसित होकर आगे की ओर बढ़ने लगती है तब इसे प्लेसेंटा की फंडल एंटीरियर अवस्था या स्थिति कहा जाता है। जब गर्भनाल गर्भाशय के ऊपरी क्षेत्र में विकसित होकर पीछे की ओर बढ़ने लगती है तब इसे प्लेसेंटा की फंडल पोस्टीरियर अवस्था या स्थिति कहा जाता है।

4. लेटरल प्लेसेंटा (बगल की ओर स्थित होना)

जब गर्भनाल गर्भाशय में एक तरफ की या तो दाईं या बायीं दीवार पर विकसित होने लगती है तो इसे लेटरल प्लेसेंटा कहा जाता है।

5. प्लेसेंटा प्रिविया (नीचे की ओर स्थित होना)

जब गर्भनाल का विकास गर्भाशय के निचले क्षेत्र पर या गर्भाशय ग्रीवा की ओर विकसित होने लगती है तो इसे प्लेसेंटा प्रिविया या गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल का जुड़ा होना भी कहते हैं। यदि प्लेसेंटा या गर्भनाल गर्भाशय ग्रीवा तक पहुँचती है या गर्भाशय ग्रीवा को पूरी तरह से बंद कर देती है तो इस स्थिति को प्लसेंटा प्रिविया कहा जाता है और इससे गर्भावस्था पर कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

गर्भनाल की स्थिति को निर्धारित कैसे किया जाता है?

गर्भाशय में गर्भनाल की स्थिति की जांच अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद से की जा सकती है। अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाना एक सुरक्षित और सरल तरीका है। यदि आप गर्भवती हैं और आप यह जानना चाहती हैं कि आपकी गर्भनाल सामान्य स्थिति पर है या नहीं तो आप अल्ट्रासाउंड स्कैन करवा सकती हैं। डॉक्टर भी आपको इसे करवाने की सलाह दे सकते हैं। गर्भाशय में गर्भनाल की स्थिति को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर आपके पेट और श्रोणि क्षेत्र पर जेल लगाएंगे। फिर वह आपके पेट पर ट्रांसड्यूसर नामक एक उपकरण रखेंगे। ट्रांसड्यूसर से निकलने वाली उच्च आवृत्ति की अल्ट्रासाउंड तरंगों की मदद से स्क्रीन पर आपके गर्भाशय और प्लेसेंटा की छवि दिखाई दे सकती है। यह अल्ट्रासाउंड करवाने से डॉक्टर को यह जानने में मदद मिलती है कि गर्भाशय में गर्भनाल की स्थिति सही है या नहीं।

क्या गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल की स्थिति बदल सकती है?

गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में अपरा गर्भाशय में ज्यादा से ज्यादा जगह घेरती है। शुरूआती गर्भावस्था में गर्भनाल अपनी जगह बदल सकती है। शुरूआती चरणों में गर्भनाल गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित हो सकती है किंतु जैसे-जैसे गर्भावस्था में वृद्धि होती है यह गर्भनाल गर्भाशय के ऊपरी हिस्से में जा सकती है। इसे प्लेसेंटा का विस्थापित होना भी कहते हैं। प्लेसेंटा प्रिविया जैसी स्थिति में गर्भनाल का विस्थापित होना संभव नहीं होता है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल की सामान्य स्थिति क्या है

यदि स्थान की बात की जाए तो गर्भनाल गर्भाशय के किसी भी क्षेत्र में स्थित हो सकती है, या तो गर्भाशय के सामने वाली दीवार पर या फिर पीछे वाली दीवार पर। यह फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय में प्रवेश किए हुए निषेचित डिंब द्वारा प्रत्यारोपित होने के स्थान पर निर्भर करता है कि प्लेसेंटा की स्थिति कैसी होगी। गर्भनाल की सामान्य स्थिति फंडल प्लेसेंटा, एंटीरियर प्लेसेंटा और पोस्टीरियर प्लेसेंटा है।

आपको कब चिंता करने की आवश्यकता है?

यदि गर्भनाल की स्थिति पोस्टीरियर, एंटीरियर, फंडल और लेटरल है तो किसी भी प्रकार की समस्या होने की संभावना नहीं होती है। गर्भाशय से जुड़ने और विकसित होने के लिए प्लेसेंटा की यह स्थितियां सामान्य हैं। हालांकि यदि गर्भनाल गर्भाशय के निचले हिस्से में विकसित हो रही है या गर्भाशय ग्रीवा की ओर विकसित हो रही है तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि गर्भनाल की इस स्थिति को प्लेसेंटा प्रिविया के नाम से जाना जाता है और इसके कारण जुड़ी हुई गर्भनाल समय से पहले टूट जाती है जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है। प्लेसेंटा प्रिविया जैसी समस्या के कारण गर्भाशय ग्रीवा बंद हो जाती है और प्लेसेंटा की यह स्थिति सामान्य प्रसव पर रोक लगा सकती है। गर्भाशय में प्लेसेंटा की स्थिति को जानने के लिए डॉक्टर समयसमय पर अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह देते हैं ताकि गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल से संबंधित आने वाली जटिलताओं का पता लगाया जा सके।

प्लेसेंटा प्रिविया के लक्षण

प्लेसेंटा प्रिविया का एक सबसे सामान्य लक्षण है कि इसमें गर्भवती महिला की योनि से दर्दरहित रक्त स्राव हो सकता है। प्लेसेंटा प्रिविया से संबंधित अन्य लक्षण व संकेत निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;

  • दर्दरहित रक्तस्राव
  • संभोग के बाद रक्तस्राव
  • जल्द से जल्द 20वें सप्ताह में भी हो सकता है

यदि आप गर्भवती हैं और आपको ऊपर दिए हुए किसी भी लक्षण का अनुभव होता है तो यह आपके गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल स्थित होने का भी संकेत हो सकता है। इस समस्या के लिए आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

प्लेसेंटा प्रिविया के कारण

यद्यपि प्लेसेंटा प्रिविया या गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल स्थित होने का कोई भी स्पष्ट कारण नहीं है, यह समस्या अक्सर उन महिलाओं में देखी गई है जो पहले सिजेरियन करवा चुकी हैं, जिनकी आयु अधिक है, जो धूम्रपान करती हैं या जिनके गर्भाशय के अंदर कोई चोट है। जो महिलाएं पहली गर्भावस्था के दौरान भी प्लेसेंटा प्रिविया से ग्रसित थी, उनमें दूसरी गर्भावस्था के दौरान भी गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल स्थित होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि पिछली गर्भावस्था के दौरान आपके गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल स्थिति थी तो सही सलाह के लिए आपको पहले से ही अपने डॉक्टर को यह समान जानकारी देनी चाहिए।

गर्भनाल का कितना नीचे होना बहुत नीचे होता है?

सामान्य स्थिति में यदि गर्भावस्था के 18-20 सप्ताह में गर्भनाल और गर्भाशय ग्रीवा के बीच लगभग 2 सेंटीमीटर से अधिक की दूरी है तो प्रसव के दौरान गर्भनाल गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित नहीं होगी। यदि गर्भावस्था के 18-20 सप्ताह में गर्भनाल और गर्भाशय ग्रीवा 2 सेंटीमीटर से कम दूरी पर हैं तो प्रसव के दौरान गर्भनाल गर्भाशय के निचले में स्थित हो सकती है। डॉक्टर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में प्रसव से पहले गर्भनाल की स्थिति को जांचने के लिए दोबारा से अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह दे सकते हैं।

यदि गर्भनाल गर्भाशय ग्रीवा के बिलकुल नजदीक है तो क्या होगा?

यदि गर्भनाल गर्भाशय ग्रीवा के बिलकुल नजदीक में है तो गर्भवती का निदान प्लेसेंटा प्रिविया के लिए किया जा सकता है। इस समस्या के कारण समय से पूर्व जन्म (प्रीमैच्योर लेबर) का खतरा हो सकता है। यदि प्लेसेंटा समय से पहले ही टूट जाती है तो इससे रक्तस्राव हो सकता है। प्लेसेंटा प्रिविया के कारण सामान्य प्रसव में कठिनाई आ सकती है।

गर्भाशय में प्लेसेंटा की स्थिति सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गर्भाशय के निचले हिस्से में प्लेसेंटा का स्थित होना या प्लेसेंटा प्रिविया एक ही ऐसा कारण है जिससे प्रसव के दौरान जटिलताएं आ सकती हैं। जैसा की हम जानते हैं कि गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भनाल होने का कारण स्पष्ट नहीं है, तो इसे रोक पाना भी मुश्किल हो सकता है। हालांकि, सोनोग्राफी और अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर को प्लेसेंटा की स्थिति की जानकारी पहले से ही होगी और वह सुरक्षित प्रसव के लिए आवश्यक सुझाव दे सकते हैं।

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