गर्भावस्था के दौरान रास्पबेरी की पत्तियों की चाय: फायदे, साइड इफेक्ट्स और रेसिपीज

प्रेगनेंसी के दौरान रास्पबेरी की पत्तियों की चाय

रास्पबेरी पत्ती की चाय अपनी मेडिकल प्रॉपर्टीज के लिए जानी जाती है और लंबे समय से इस्तेमाल की जा रही है। यह विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और एल्कलॉइड जैसे पोषक तत्व प्रदान करती है । इसके कई फायदे हैं, साथ ही यह लेबर प्रेरित करने में भी मदद करती है। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपने शायद सुना होगा कि रास्पबेरी पत्ती की चाय पीने से लेबर को प्रेरित किया जा सकता है। लेकिन आप यह सोच रही होंगी कि क्या सच में प्रेगनेंसी के दौरान रास्पबेरी का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद है? तो आइए जानते हैं! रास्पबेरी टी, इसके फायदे और साइड इफेक्ट्स के बारे में अधिक जानने के लिए यह लेख पढ़ें!

रास्पबेरी चाय क्या है?

रास्पबेरी टी में एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ विटामिन व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसे पीने से आप तरोताजा महसूस कर सकती हैं। रास्पबेरी टी दो प्रकार की होती है – रास्पबेरी फ्रूट टी और रास्पबेरी लीफ टी। रास्पबेरी फ्रूट टी ताजे रास्पबेरी के फलों के रस, टी, लाइम जूस, शुगर सिरप के साथ बनाई जाती है और इसमें आइस क्यूब डालकर इसे सेवन किया जा सकता है। दूसरी ओर, एक रास्पबेरी लीफ (पत्ती) टी स्वाद में कड़वी होती है और इसमें एक सुगंध होती है। दोनों प्रकार के अपने फायदे हैं। जबकि रास्पबेरी फ्रूट टी आपको जरूरी न्यूट्रिएंट्स, मिनरल्स के साथ कई हेल्थ बेनिफिट प्रदान करती है, वहीं रास्पबेरी लीफ टी आसान लेबर और  डिलीवरी प्रक्रिया में मदद करती है।

गर्भावस्था के दौरान रास्पबेरी पत्ती की चाय पीने के फायदे 

प्रेगनेंसी के दौरान रास्पबेरी पत्ती की चाय पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है।

1. डिलीवरी में मदद मिलती है

चाय में फ्राग्रिन नामक एक एल्केलॉइड होता है जो यूटराइन वॉल की मांसपेशियों को मजबूत करता है और साथ ही उन्हें टोन करता है जिससे लेबर के दौरान कम दर्द होता है और डिलीवरी प्रक्रिया आसान हो जाती है।

2. मिसकैरेज की संभावना को कम करता है

रास्पबेरी की पत्ती वाली चाय पीने से गर्भाशय की मांसपेशियां टोन होती हैं, जो मिसकैरज और डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में मदद करती हैं।

3. त्वचा के लिए बेतरीन है

चाय में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गर्भवती महिलाओं में कॉमन रैशेस और स्किन प्रॉब्लम को दूर करने में मदद करते हैं।

4. ब्रेस्टफीडिंग में मदद करता है

पोषक तत्वों से भरपूर पेय डिलीवरी के बाद मिल्क सप्लाई को बढ़ाने में मदद करता है, क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

गर्भावस्था के दौरान आप कब रास्पबेरी पत्ती की चाय पीना शुरू कर सकती हैं?

मेडिकल केयरगिवर के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के 32वें सप्ताह को पार करने के बाद ही रास्पबेरी पत्ती की चाय का सेवन करना चाहिए। यह शरीर को वो पोषक तत्व और विटामिन प्रदान करेगी जो लेबर के दौरान आपके लिए जरूरी होते हैं। हालांकि, इसका सेवन 32वें सप्ताह से पहले न करें, क्योंकि यह माना जाता है कि गर्भावस्था के 32वें सप्ताह तक पहुँचने से पहले इस चाय को पीने से मिसकैरेज हो सकता है।रास्पबेरी की पत्तियों की चाय

गर्भावस्था में आप कितनी मात्रा में रास्पबेरी टी का सेवन कर सकती हैं?

आप इसका सेवन करने के लिए गर्भावस्था के 32वें सप्ताह में एक कप रास्पबेरी टी का सेवन कर सकती हैं और धीरे-धीरे कप की संख्या बढ़ाकर दिन में 3 बार तक इसका सेवन कर सकती हैं। लेकिन आपको गर्भावस्था के दौरान रास्पबेरी पत्ती की चाय का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए। रास्पबेरी पत्ती की चाय या कोई अन्य पेय व  खाद्य पदार्थ, जिसे आमतौर पर उपभोग नहीं करते हैं, इसके लिए भी अपने हेल्थ एक्सपर्ट से पहले पूछ लें।

रास्पबेरी हर्बल टी का सेवन करने के साइड इफेक्ट्स 

जिस तरह रास्पबेरी हर्बल टी एंटीऑक्सिडेंट, न्यूट्रिएंट्स और विटामिन से भरपूर होती है, उसी तरह, इसके अपने कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। नीचे गर्भावस्था में रास्पबेरी पत्ती की चाय का सेवन करने से जुड़े कुछ साइड इफेक्ट्स बताए गए हैं।

  • योनि मार्ग से जन्म के दौरान, इससे बच्चे पर स्ट्रेस पड़ता है, क्योंकि रास्पबेरी पत्ती की चाय पीने से गंभीर रूप से संकुचन होता है।
  • गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में रास्पबेरी की पत्ती वाली चाय पीने से मिसकैरेज हो सकता है या इससे समय से पहले लेबर शुरू हो सकता है।
  • इस हर्बल टी को पीने के लिए उन लोगों सुझाव नहीं दिया जाता है, जो सीजेरियन डिलीवरी करवाना चाहती हैं।
  • चाय में डाइयूरेटिक इफेक्ट भी होते हैं, जिसकी वजह से आपको बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है और लैक्सेटिव इफेक्ट की वजह से बार-बार मोशन आते हैं।
  • रास्पबेरी की पत्ती वाली चाय पीने से एंटी-एंग्जाइटी या नींद लाने वाली दवाइयों के प्रभाव को कम कर सकते हैं, जिससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • कहा जाता है कि रास्पबेरी पत्ती की चाय में सेडेटिव और मसल्स रिलैक्सेंट प्रॉपर्टी होती है। इसलिए, जो लोग एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जाइटी की दवा ले रहे हों उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।

क्या रास्पबेरी टी लेबर प्रेरित करने में मदद करती है?

हालांकि यह दावा करने के लिए बहुत साइंटिफिक प्रूफ नहीं हैं कि रास्पबेरी टी लेबर प्रेरित करती है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि यह गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत करके लेबर प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करती है। इसलिए, हर्बल टी को लेने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भावस्था के 32वें सप्ताह से इसे लेना बेहतर होता है और न कि उससे पहले। डॉक्टर से पूछने के बाद गर्भवती महिलाएं लेबर के कुछ हफ्ते पहले इस हर्बल टी का सेवन कर सकती हैं।

रास्पबेरी टी बनाने की रेसिपी 

लाल रास्पबेरी की पत्तियों से बनी चाय में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा पाई जाती है। आमतौर पर होने वाली माँ को ऑर्गेनिक रास्पबेरी की पत्तियों की चाय का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें पेस्टिसाइड मौजूद नही होते हैं जिसकी वजह से यह एक हेल्दी और सेफ ऑप्शन मानी जाती है। यहाँ रास्पबेरी टी की कुछ रेसिपीज बताई गई हैं, जिन्हें आप प्रेगनेंसी के दौरान आजमा सकती हैं ।

1. रास्पबेरी आइस टी

यह एक ठंडे ड्रिंक के रूप में काम करती है और गर्मियों के दौरान आपको तरोताजा कर सकती है।रास्पबेरी आइस टी

इंग्रेडिएंट्स

  • पानी – 4 गिलास
  • शुगर सिरप – ½ गिलास 
  • टीबैग – 1
  • रास्पबेरी (ताजा या फ्रोजन) – 2 कप
  • नींबू का रस – 1/2 कप
  • पुदीने की पत्तियां (हलकी सी क्रश की हुई) – 4-5 पत्तियां (ऑप्शनल)

कैसे बनाएं:

  • एक पैन में 2 गिलास पानी उबालें।
  • स्टोव बंद करें और टीबैग डालें।
  • 2 मिनट के बाद, टीबैग को हटा दें और चाय को एक तरफ रख दें।
  • एक दूसरे पैन में, बचे हुए 2 गिलास पानी लें।
  • इसमें रास्पबेरी डालें जब तक यह गूदेदार न हो इसे उबालें।
  • इसे छान लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
  • एक बार जब यह ठंडा हो जाए, तो रास्पबेरी का जूस, टी, लाइम जूस और शुगर सिरप एक साथ मिलाएं।
  • पुदीने की पत्तियां डालकर इसे चलाएं।
  • फिर इसे ठंडा करके सर्व करें।

सर्व – 4 से 5 गिलास 

2. रास्पबेरी टी लॉली

ये लो-फैट, लो-कैलोरी वाली चाय है और इस चाय का सेवन करने के बाद आपको काफी अच्छा महसूस होता है।

इंग्रेडिएंट्स

  • रास्पबेरी (कटी हुआ) – 200 ग्राम
  • रास्पबेरी टी (गर्म) – 4 गिलास
  • शुगर सिरप – 1/2 कप (अगर आप इसे और मीठा बनाना चाहती हैं तो आप इसकी मात्रा बढ़ा सकती हैं)
  • नीबू का जूस – 1/ 4 कप

कैसे बनाएं:

  • एक बड़े कटोरे में, कटी हुई रास्पबेरी, रास्पबेरी टी और शुगर सिरप को एक साथ मिलाएं। इसे लगभग 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • ठंडा होने पर लाइम जूस मिला दें।
  • इसे लॉली मोल्ड्स में डालें और 5-6 घंटे के लिए फ्रीज करें। 

सर्व – 6-8 लॉलीज (मोल्ड्स के साइज पर निर्भर है)।

रास्पबेरी चाय पीना गर्भावस्था और लेबर के दौरान बहुत फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका सावधानी के साथ सेवन किया जाना चाहिए। याद रहे हर्बल पदार्थ लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। गर्भावस्था के दौरान किसी भी चीज को पहली बार ट्राई करने से बचें। हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए आपका अच्छे से खाना, हेल्दी और सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य प्रोफेशनल मेडिकल एडवाइस, निदान या ट्रीटमेंट के एवज में देना नहीं है। हमारा पाठकों से अनुरोध है कि गर्भावस्था के दौरान कुछ भी नया करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें ।

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