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सभी भावी माताओं को हमारा नमस्ते! आप गर्भावस्था के रोमांचक परिवर्तनों के साथ कुछ दिक्कतों का भी अनुभव अवश्य कर रहीं होंगी – ये सभी गर्भावस्था का एक हिस्सा हैं। लेकिन यहीं पर तो दादी-नानी के नुस्खे और प्राकृतिक उपचार काम आते हैं, है ना? हम अक्सर हमारी समस्याओं का प्राकृतिक समाधान खोजने के लिए अपनी रसोई की सामग्रियों का रूख करते हैं, और एक ऐसी ही सामान्य सी बूटी है- सौंफ। लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान सौंफ का सेवन करना सुरक्षित है? जानने के लिए पढ़ें!
सौंफ एक सुगंधित और जायकेदार बूटी है, जो ताजा रहने पर भूरी या हरी और बासी होने पर मटमैली या ग्रे रंग की दिखने लगती है। इसके बीज एक पौधे से प्राप्त होते हैं, जो मूल रूप से यूरोप में पाया जाता है। यह पौधा अजमोद परिवार से संबंधित है जिसकी पत्तियां रोयेंदार होती हैं। यह बूटी आमतौर पर हमारी रसोई में पाई जाती है और अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। यह लोकप्रिय रूप से ‘सौंफ’ के नाम से प्रचलित है और हम में से अधिकांश लोग ‘माउथ फ्रेशनर’ के तौर पर भी इसका सेवन करते हैं। इसके अलावा हम भोजन बनाने में भी इसका उपयोग करते हैं। यह दाँत के दर्द और मसूड़ों से संबंधित रोगों में फायदेमंद है, इसके अलावा इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं जैसे – यह पाचनशक्ति को बढ़ाता है।
गर्भावस्था में थोड़ी मात्रा में ही सौंफ के सेवन की सलाह दी जाती है क्योंकि इनकी प्रकृति उत्तेजक होती है। इसका अर्थ है कि ये मासिक धर्म के प्रवाह को उत्प्रेरित करते हैं अथवा बढ़ा देते हैं। आप लगभग एक चम्मच इन्हें अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं। आपके डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य अवस्था को देखकर, आपको इसके सेवन की मात्रा बता सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को सौंफ खाने के कुछ ज्ञात लाभ और दुष्प्रभाव निम्नवत हैं।
अब जबकि आपको सौंफ के लाभ पता चल चुके हैं, तो आवश्यक है कि इसकी दुष्परिणामों पर भी चर्चा कर ली जाए।
तो, क्या गर्भावस्था के दौरान सौंफ खाना सही है? इस बात के कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं कि सौंफ असुरक्षित है। ठीक इसी तरह, सौंफ को पूर्णतया सुरक्षित बताने के भी पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं। इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है कि खाद्य पदार्थ, विभिन्न शरीर में विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया करते हैं। इसलिए अच्छा यही होगा कि इसके इस्तेमाल से पहले इसके सेवन और खुराक के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श कर लें।
यदि आपको गर्भावस्था के दौरान सौंफ के सेवन की अनुमति है, तो आप कुछ निश्चित तरीकों से इनका सेवन कर सकती हैं। सौंफ काफी सुगंधित होती हैंऔर थोड़ी मीठी होती है। यदि भोजन बनाने के दौरान इनका इस्तेमाल किया जाए तो ये भोजन को न केवल स्वादिष्ट बनाते हैं बल्कि उसका जायका भी बढ़ा देते हैं। आप इन्हे चाय में भी इस्तेमाल कर सकती हैं, या खाने के बाद थोड़ी सी कच्ची सौंफ चबा सकती हैं। अपने गर्भावस्था के आहार में सौंफ को शामिल करने से पहले, अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें।
संयुक्त राज्य अमेरिका का फूड एंड ड्रग एडमिनिसट्रेशन, गर्भावस्था के दौरान सौंफ की चाय सहित हर्बल चाय के उपयोग को विनयमित नहीं करता है। जब हम कहते हैं कि जड़ी-बूटियों और हर्बल चाय के सम्मिश्रण को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिसट्रेशन द्वारा विनियमित नहीं किया गया है, तो इसका अर्थ यह है कि अनुशंसित दवाओं की तरह बूटी की जांच नहीं की जाती है। लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि एफडीए ने हर्बल चाय के सेवन को प्रतिबंधित कर रखा है।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से, आप गर्भावस्था में कभी-कभार सौंफ की चाय ले सकती हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले आपको अपनी महिला रोग विशेषज्ञ से सलाह ले लेनी चाहिए ।
यदि आप इसे अपने आहार में शामिल करने का तरीका ढूंढ रहीं हैं, तो एक कप सौंफ की चाय बनाने पर विचार कर सकती हैं। एक कप सौंफ की चाय बनाने की विधि:
भोजन के बाद कई लोग सौंफ खाते हैं क्योंकि यह पाचन में मदद करता है। लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि सौंफ, मासिक धर्म को गति प्रदान करता है और इससे योनि से रक्तस्राव हो सकता है जो अंततः गर्भपात का कारण बन सकता है। इसे संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए और यदि आपके डॉक्टर इसकी अनुमति नहीं देते हैं तो इसे पूरी तरह से त्याग दें।
अब जबकि आप सौंफ के सेवन से लाभ और दुष्प्रभाव दोनों के बारे में जान चुकी हैं, तो अब आप यह तय कर लें कि गर्भावस्था में इसका सेवन उपयुक्त है या नहीं। अपने डॉक्टर के सलाह के अनुसार ही कोई कदम उठाएं।
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