गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान सिर चकराना: कारण और उपचार

भारीपन महसूस करना, सिर चकराना और बेहोश हो जाना गर्भावस्था के दौरान ऐसा होना एक आम बात है, खासकर पहली तिमाही के दौरान। जैसा कि शरीर एक बच्चे के अनुरूप बदलता है, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और हार्मोन में उतार चढ़ाव के कारण आपको बार-बार चक्कर जैसा महसूस होता है। अगर आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर आ रहे हैं, तो क्या आपको इसे लेकर चिंतित होना चाहिए? बिलकुल भी नहीं। क्योंकि जब आप प्रेग्नेंट होती हैं, तो उस दौरान चक्कर आना और बेहोश होना एक आम बात है। हालांकि, आपके इससे जुड़ी जानकरी होनी चाहिए, ताकि आप परिस्थिति का बेहतर ढंग से सामना कर सकें और आपको पता होना चाहिए कि आपको कब अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस लेख में प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर आने से जुड़े ज्यादातर सवालों के जवाब देने का प्रयास किया गया है। अधिक जानने के लिए लेख पढ़ना जारी रखें।

गर्भावस्था के दौरान सिर चकराना क्या है?

गर्भधारण के दो सप्ताह बाद तक आपको बेहोशी और मतली जैसा महसूस हो सकता है। चक्कर आना, मोर्निंग सिकनेस और मतली आदि यह सभी गर्भावस्था का एक संकेत हो सकते हैं। शरीर में हो रहे फिजिकल चेंजेस के कारण गर्भवती महिलाओं में चक्कर की भावना (बेहोशी या गिरने की भावना) उत्पन्न हो सकती है। गर्भावस्था के शुरुआत में चक्कर आना इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रेगनेंसी को कितना समय हो गया है, इसके अलावा आपको भारीपन महसूस होने से लेकर बेहोशी तक का अनुभव हो सकता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना कॉमन है?

हाँ, गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना बिल्कुल कॉमन है। लगभग 75% गर्भवती महिलाएं चक्कर आने की समस्या से प्रभावित होती है। यह पहली तिमाही के दौरान एक आम लक्षण माना जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह उनकी पूरी गर्भावस्था के दौरान जारी रह सकता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना हानिकारक होता है?

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना काफी आम बात है। हालांकि चक्कर महसूस होना अपने आप में हानिकारक नहीं होता है, सिर में भारीपन महसूस होने के कारण आपको बेहोशी हो सकती है, जो खतरनाक है, क्योंकि इससे आपके गिरने का खतरा रहता है और यह आप और आपके बच्चे को चोट पहुँचा सकता है।

क्या आप यह जानना चाहती हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को चक्कर क्यों आते हैं? आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने के पीछे का कारण।

गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने का कारण

प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर आना इस बात पर निर्भर करता है कि आप गर्भावस्था के किस चरण में हैं। इसलिए, अलग-अलग महिलाएं अलग-अलग लेवल पर चक्कर आने की समस्या का सामना करती हैं। गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने के कुछ कारण यहाँ दिए गए हैं।

  • गर्भावस्था के शुरुआत में चक्कर आना होने वाली माँ के शरीर में हार्मोन के हाई लेवल के कारण होता है, क्योंकि यह शरीर में सर्कुलेटरी सिस्टम के बेहतर रूप काम करने के लिए ब्लड सप्लाई बढ़ाने के मदद कर रह होता है। हार्मोन प्रोजेस्टेरोन ब्लड वेसल्स को पतला करता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और आपको चक्कर आने लगता है। यदि आपको एनीमिया, मितली, बार-बार उल्टी आना और डिहाइड्रेशन भी हो जाता है, तो आपको यह समस्या और खराब हो सकती है।
  • जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, आपके विकासशील बच्चे को पोषण प्रदान करने के लिए आपके शरीर को (रक्त सहित) ज्यादा तरल पदार्थ की जरूरत होती है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और आपको चक्कर या सिरदर्द जैसी समस्या पैदा हो सकती है।
  • गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में, लंबे समय तक बैठने या लेटने के कारण शिशु का वजन शरीर के सीधे हाथ की बड़ी नस पर दबाव डालता है, जिसे इन्फीरियर वेना कावा कहा जाता है। यह लोवर लिंब से ब्लड को ट्रांसपोर्ट करता है, ब्लड फ्लो के कारण आपको चक्कर आ सकता है।
  • बाहरी तापमान और अधिक गर्मी के कारण ज्यादा परेशानी होती हैं, क्योंकि बच्चे के गर्भ में होने के कारण आपका नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर एक डिग्री तक बढ़ जाता है।
  • चक्कर आने की समस्या असमान ब्लड शुगर के कारण पैदा होने वली समस्या जैसे जेस्टेशनल डायबिटीज हो सकती है। दुर्लभ मामलों में, चक्कर आना अधिक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है जैसे कि प्लेसेंटा से ब्लीडिंग शुरू हो जाना या अस्थानिक गर्भावस्था।

अचानक चक्कर महसूस होने पर आपको क्या करना चाहिए

गर्भावस्था के दौरान चक्कर महसूस होने पर आप क्या कर सकती हैं यहाँ आपको बताया गया है –

  • जब आपको चक्कर महसूस हो, तो गिरने से बचने के लिए बैठ जाएं। अगर आप कर सकती हैं, तो घुटनों के बीच अपने सिर को झुका कर बैठने का प्रयास करें। इसके अलावा, बैठ जाएं और धीरे-धीरे उठने का प्रयास करें, अचानक उठने से चक्कर आने की समस्या और भी खराब हो सकती है।
  • अगर आपको चक्कर महसूस हो रहा है और आप लेटना चाहती हैं, तो लेफ्ट साइड लेटने का प्रयास करें। यह आपके मस्तिष्क में ब्लड सप्लाई को बढ़ाता है और इससे आपको बेहतर महसूस होगा है।
  • चक्कर आने की समस्या तब भी होती हैं जब आपका ब्लड शुगर लेवल लो हो जाता है, अगर अपने लंबे समय तक कुछ नहीं खाया होता है। हेल्दी स्नैक और पानी पीने या फ्रेश जूस का सेवन करने से आपको तुरंत राहत मिलेगी और आपका एनर्जी लेवल भी बढ़ेगा।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर चक्कर महसूस हो सकता है। इसके रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप जो भी कर रहीं हो उसे तुरंत रोक दें और बैठ जाएं, जब आपको बेहतर न महसूस होने लगे।
  • टाइट कपड़े न पहने, यदि आपके पास टाइट कपड़े हों तो उन्हें ढीला कर लें।
  • यदि आप भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से चक्कर महसूस करते हैं, तो धीरे-धीरे चल कर उस जगह जाने का प्रयास करें जहाँ भीड़ कम हो और पर्याप्त वेंटिलेशन हो।
  • चीजें जब आप अचानक चक्कर महसूस करते हैं।

आइए, अब कुछ उपचार पर नजर डालते हैं, जो आपकी चक्कर आने की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने की समस्या को दूर करने के उपाय

हालांकि, गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना आम बात है और आप इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं, यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप इसे कम कर सकते हैं:

  • तेज चाल से बचें जैसे कि बहुत तेजी से उठना या बिस्तर से तेजी से उठाना।
  • बहुत देर तक अपनी पीठ के बल न लेटें। बार बार अपनी पोजीशन बदलती रहे और कोशिश करें लेफ्ट साइड की ओर ज्यादा लेटें।
  • ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने के लिए थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहे। इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा देर तक भूखी न रहें।
  • हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं।
  • हेल्दी स्नैक्स के साथ चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • आयरन युक्त आहार का सेवन करें।
  • ओवरहीटिंग से बचने के लिए हॉट वाटर बाथ न लें और न ही घर के बाहर ज्यादा समय बिताएं साथ भीड़ वाली जगह से जाने से बचें।
  • बहुत ज्यादा वर्कआउट न करें। अपने आप को स्ट्रेस देने से, ओवरहीट या हाइपर्वेंटिलेट की समस्या पैदा हो सकती है, जिससे आपको चक्कर आ सकता है।

क्या आपको गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने की समस्या को लेकर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान गर्मी के कारण, चलने-फिरने या भूख के कारण चक्कर आना आम बात है। हालांकि, अगर यह अक्सर होता है और आपको तेज सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, धड़कन का बढ़ना, ठीक से बोल न पाना, सुन्न पड़ना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, झुनझुनी और योनि से ब्लीडिंग होना आदि लक्षणों भी साथ में  दिखाई देते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर के पास लेनी चाहिए। गर्भावस्था की शुरुआत में, यदि चक्कर आने के साथ पेट में दर्द और पल्स बढ़ने की समस्या भी दिखाई देती है तो यह एक एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकती है, जो एक मेडिकल इमरजेंसी है और ऐसे हालातों में आपको तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान आपको कई सारे उतार-चढ़ाव से हो कर गुजरना पड़ता है। चक्कर आने के लक्षणों के बारे में पहले से जानने पर आप बेहतर रूप से इसका इलाज कर सकती हैं और इस समस्या को कम कर सकती हैं। यदि ऊपर बताए गए तरीके काम नहीं करते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर को कॉल करना चाहिए और अपनी जाँच करवाना चाहिए।

स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में डिहाइड्रेशन होना

समर नक़वी

Recent Posts

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 days ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 days ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

1 week ago

रामायण की कहानी: क्या सीता मंदोदरी की बेटी थी? Ramayan Story: Was Sita Mandodari’s Daughter In Hindi

रामायण की अनेक कथाओं में से एक सीता जी के जन्म से जुड़ी हुई भी…

1 week ago

बदसूरत बत्तख की कहानी | Ugly Duckling Story In Hindi

यह कहानी एक ऐसे बत्तख के बारे में हैं, जिसकी बदसूरती की वजह से कोई…

1 week ago

रामायण की कहानी: रावण के दस सिर का रहस्य | Story of Ramayana: The Mystery of Ravana’s Ten Heads

यह प्रसिद्द कहानी लंका के राजा रावण की है, जो राक्षस वंश का था लेकिन…

1 week ago