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गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अलकोहल का बिलकुल सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके अंदर पल रहे बच्चे को आपके नुकसान पहुँच सकता है, लेकिन कई महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक जैसे सोडा, मॉकटेल पीती हैं। हालांकि इन सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान वैसे तो सुरक्षित होता है, लेकिन इसके अपने कुछ साइड इफेक्ट भी हैं, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक सोडा पीने से आप और आपके बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा सोडा ड्रिंक नहीं पीती हैं तो ठीक है और कभी-कभार इसे पीने से आप या आपके बच्चे को इससे नुकसान नहीं होता है।
गर्भावस्था के दौरान, आप हर रोज सोडा या डाइट सोडा की एक सर्विंग या उससे कम का सेवन कर सकती हैं (1 सर्विंग = 330 मिलीलीटर) इतनी मात्रा में सोडा ड्रिंक का सेवन करना आपके लिए सुरक्षित होता है।
चाहे आप शुगर या आर्टिफीशियल स्वीटनर से तैयार किया सोडा पिएं, सोडा में कैफीन मिला होता है, यह भले आपको रिफ्रेश करने का काम करते हैं, लेकिन यह आपके फीटस के लिए हानिकारक हो सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट की एक रिसर्च से पता चलता है कि गर्भवती महिला को प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। सोडा की एक सर्विंग में 32-42 मिलीग्राम कैफीन होता है। इसलिए, यदि आप हर रोज सोडा का सेवन सीमित मात्रा में करती हैं तो यह आपके लिए बिलकुल सुरक्षित है।
सोडा कई इंग्रीडिएंट को मिक्स कर के तैयार किया जाता है। यहाँ सोडा में मौजूद कुछ ऐसे इंग्रीडिएंट के बारे में आपको बताया गया है जो बच्चे को प्रभावित कर सकता है:
सोडा में कैफीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है। इससे आपको अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है, इसके अलावा आपको कब्ज और डिहाइड्रेशन जैसी दिक्कत का भी सामना करना पड़ सकता है। यह बच्चे के मोटर स्किल और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए हानिकारक होता है। एक दिन में 300 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करने से मिसकैरज हो सकता है और एक दिन में 500 मिलीग्राम से अधिक कैफीन के सेवन से बच्चे में जन्म के समय उसे साँस लेने में तकलीफ हो सकती है।
इन्सुलिन का स्थिर रहना बच्चे के बेहतर विकास के लिए बहुत जरूरी है। सोडा में मौजूद चीनी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाती है, जिससे इंसुलिन का लेवल बढ़ सकता है। अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से मोटापा भी बढ़ सकता है, जिससे मिसकैरज होने की संभावना बढ़ जाती है या फिर बच्चे में हो सकता है या बच्चे में जन्मजात विकलांगता जैसी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है।
सोडा को हाई-प्रेशर वाटर के कार्बोनेशन और कार्बन डाइऑक्साइड से मिलाकर बनाया जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड मुख्य इंग्रीडिएंट होता है जो ड्रिंक को फिजी बबल बनाता है। सोडा में मौजूद कार्बोनेटेड वाटर आपकी हड्डियों के लिए हानिकारक होता है और इससे आपको पीठ दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि आपकी बढ़ती पेट को सपोर्ट करने के लिए आपकी हड्डियां धीरे-धीरे बहुत कमजोर होने लगती है। सादे कार्बोनेटेड वाटर में केवल गैस होती है, लेकिन कुछ मैन्युफैक्चरर पोटैशियम और सोडियम जैसे मिनरल भी इसमें शामिल करते हैं। सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जो आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है।
प्लेन सोडा में शुगर का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है, जबकि डाइट सोडा में आर्टिफिशियल स्वीटनर डाला जात है – जो हानिकारक है। एस्पार्टेम, नॉन सैकराइड आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल डाइट सोडा में करने से बच्चे में विकलांगता हो सकती है, अगर इसका सेवन बहुत ज्यादा मात्रा में किया गया तो। ऐसा माना जाता है कि रोजाना डाइट सोडा पीने से यह आपकी प्रेगनेंसी के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
अगर सोडा में कैफीन नहीं होता है, तो इसमें फ्लेवर डाला गया होगा – फॉस्फोरिक एसिड सोडा में मौजूद फ्लेवर एजेंट में से एक है। यह फॉस्फोरिक एसिड आपकी हड्डियों में कैल्शियम को प्रभावित कर सकता है और उन्हें कमजोर बना सकता है।
गर्भावस्था के दौरान सोडा ड्रिंक का सेवन करने से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में आपको नीचे दिया गया है:
2018 की एक स्टडी से पता चलता है कि प्रेगनेंसी के दौरान सोडा का सेवन करने से आपके बच्चे के दिमागी विकास पर प्रभाव पड़ता है। स्टडी में पाया गया कि जब प्रेगनेंसी के दौरान माँ अधिक चीनी का सेवन करती है, विशेष रूप से सोडा ड्रिंक के जरिए, तो उनके बच्चे की याददाश्त कमजोर होती है, नॉन वर्बल स्किल खराब होती है और उनमें प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल कमजोर पाई जाती है। स्टडी से यह भी पता चला कि यह प्रभाव डाइट सोडा का सेवन करने की वजह से ज्यादा देखने को मिला है- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन बच्चों में खराब विजुअल मोटर, स्पेशल और फाइन मोटर स्किल पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
भले ही सोडा रेफ्रेशिंग ड्रिंक हैं, लेकिन इसका बहुत ज्यादा सेवन करने से आपके बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सोडा ड्रिंक का सेवन सीमित मात्रा में करने से बच्चे के विकास पर प्रभाव नहीं पड़ता है और उनमें किसी भी जन्मजात दोष को होने से रोका जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीना अच्छा होता है। ताजे फलों का जूस और दूध भी आपको हाइड्रेटेड तो रखते ही हैं साथ ही आपको पोषण भी प्रदान करते हैं, बेहतर होगा कि आप सोडा ड्रिंक के बजाय प्रेगनेंसी के दौरान इनका सेवन करें।
संसाधन और संदर्भ:
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