लगभग हर महिला को माँ बनने की उसकी यात्रा में स्ट्रेच मार्क्स आते ही हैं, लेकिन शायद ही किसी को उस पर गर्व हो। शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स के निशान गर्भावस्था के कुछ उन लक्षणों में से एक हैं जो डिलीवरी के बाद तक रहते हैं। यद्यपि वे पूरी तरह से कभी नहीं जाते, लेकिन इन्हें होने से रोकने के कई तरीके हैं, और यदि फिर भी स्ट्रेच मार्क्स आ जाएं तो इन पर उपाय किया जा सकता है। यह कैसे हो सकता है यह जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
स्ट्रेच मार्क्स क्या होते हैं?
स्ट्रेच मार्क्स यानी खिंचाव के निशान या छोटी लकीरें जो गर्भावस्था के बाद के चरणों में गर्भवती महिला की त्वचा पर दिखाई देती हैं। शरीर की त्वचा अपनी फैलने की क्षमता से ज्यादा तेजी से फैलती है जिससे इसके नीचे के इलास्टिक फाइबर (लोचदार तंतु) टूट जाते हैं । आप अपने पेट, नितंब, जांघों और यहाँ तक कि अपने स्तनों पर भी इन निशानों को देख सकती हैं। वे त्वचा पर गुलाबी, बैंगनी, लाल या भूरे रंग के दिखाई दे सकते हैं। आपकी त्वचा का रंग निशानों के रंग को निर्धारित करता है। स्ट्रेच मार्क्स समय के साथ कम हो जाते हैं लेकिन पूरी तरह से नहीं जाते। ये निशान आनुवांशिक भी होते हैं, जिसका अर्थ है कि अगर आपकी माँ को स्ट्रेच मार्क्स हैं, तो इस बात की काफी संभावना है कि आपको भी होंगे।
गर्भावस्था में स्ट्रेच मार्क्स के कारण
शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स आने के कई कारण हो सकते हैं। गर्भावस्था में ये निशान आने के कुछ आम कारण इस प्रकार हैं:
- गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना एकदम सामान्य बात है, हालांकि, यदि आपका वजन बहुत तेजी से बढ़ता है, तो आपकी त्वचा पर खिंचाव के निशान पड़ सकते हैं।
- एमनियोटिक फ्लूड बहुत ज्यादा होने से।
- गर्भ में एक से अधिक बच्चे होने पर।
- यदि आपके बच्चे का वजन औसत से अधिक है।
- अगर आपकी माँ या बहन को उनकी गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स पड़े थे, तो आपको भी हो सकते हैं।
- यदि आपकी उम्र कम है।
- यदि आपकी किशोरावस्था में आपको स्ट्रेच मार्क्स रह चुके हैं।
स्ट्रेच मार्क्स से कैसे बचें?
गर्भावस्था में स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए आप नीचे दिए गए कुछ उपाय कर सकती हैं:
- हाइड्रेटेड रहें: गर्भावस्था के दौरान अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आपके बढ़े हुए खून की मात्रा और बच्चे के लिए वॉटर सैक बनने में मदद मिल सके। शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन आपकी त्वचा के लचीलेपन में रुकावट पैदा करेगा, जिससे त्वचा में खिंचाव होने से उसको नुकसान होने का खतरा होता है।
- आहार में जिलेटिन शामिल करें: जिलेटिन में पाया जाने वाला कोलेजन त्वचा के लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद करता है। स्ट्रेच मार्क्स होने से रोकने के लिए आप अपने आहार में जिलेटिन शामिल कर सकती हैं।
- आहार में विटामिन सी लें: आप विटामिन सी से भरपूर आहार ले सकती हैं, क्योंकि यह कोलेजन और कार्टिलेज के निर्माण में बहुत प्रभावी होता है। सप्लीमेंट्स लेने के बजाय विटामिन सी, अमरूद, केल और हरी शिमला मिर्च जैसी चीजों को आहार में लेना बेहतर है।
- मॉइस्चराइजिंग के लिए नारियल तेल का उपयोग करें: नारियल का तेल सैचरेटेड फैटी एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है और ये आसानी से ऑक्सीडाइज नहीं होते हैं, इस प्रकार यह त्वचा को अच्छी नमी प्रदान करता है और स्ट्रेच मार्क्स से बचाता है।
- जिंक की कमी की जांच करें: यदि आपको जिंक की कमी है, तो इससे शरीर में पर्याप्त कोलेजन और एंटीऑक्सीडेंट बनने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए जिंक युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे अंडे, चिकन और नट्स खाएं।
- ऑयल ट्रीटमेंट लें: आप अपनी त्वचा के लचीलेपन में सुधार करने के लिए अलग-अलग तेलों जैसे कैस्टर ऑयल, विटामिन ई तेल और अन्य एसेंशियल ऑयल का उपयोग कर सकती हैं। इन तेलों में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो फ्री रेडिकल डैमेज में और स्ट्रेच मार्क्स को रोकने में सहायक होते हैं।
- कोको और शीया बटर का उपयोग करें: शिया और कोको बटर नई त्वचा बनने की प्रक्रिया तेज करके इसे हाइड्रेटेड और नम रखने में बहुत असरकारी होते हैं, इससे त्वचा को नुकसान पहुँचने और स्ट्रेच मार्क्स होने की संभावना कम हो जाती है।
- स्ट्रेच मार्क सीरम लगाएं: अपनी त्वचा को नम और हाइड्रेटेड रखने के लिए बाजार में मिलने वाले सीरम का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- त्वचा में लचीलापन लाने वाली चीजें खाएं: आपकी त्वचा में सुधार करने और स्ट्रेच मार्क्स को दूर रखने में मदद करने के लिए जिलेटिन, विटामिन ए, सी और ई से भरपूर पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है।
- बढ़ते वजन का ध्यान रखें: गर्भावस्था में अचानक या तेजी से वजन बढ़ने से भी स्ट्रेच मार्क्स होते हैं, इसलिए अपने वजन को नियंत्रित रखें और स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए स्वस्थ तरीके से वजन बढ़ाएं।
स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए घरेलू उपाय
स्ट्रेच मार्क्स पूरी तरह से हटाए नहीं जा सकते, लेकिन कुछ घरेलू उपचारों की मदद से उन्हें कम किया जा सकता है। नीचे उन चीजों के बारे में बताया गया है जिनका इस्तेमाल इन उपचारों में होता है:
- अल्फाल्फा पत्तियां: इन पत्तियों में डिटॉक्सिफाइंग और एंटीफंगल गुण होते हैं। स्ट्रेच मार्क्स वाले हिस्सों पर दिन में दो बार अल्फाल्फा पत्तियों और कैमोमाइल तेल से बना पेस्ट लगाया जा सकता है।
- चंदन और हल्दी: आप स्ट्रेच मार्क्स वाली जगह पर चंदन और हल्दी की एकसमान मात्रा से बना पेस्ट लगा सकती हैं। बेहतर निखार और एकजैसी स्किन टन के लिए पेस्ट को स्क्रब करें। इस पेस्ट को 5 से 6 महीने तक लगाने से आपको परिणाम दिख सकते हैं।
- आलू का रस: स्ट्रेच मार्क्स वाली जगह पर आलू का रस लगाकर गर्म पानी से धो लें। कुछ महीनों तक लगाने से निशान धुंधले पड़ जाएंगे।
- खुबानी का पेस्ट: खुबानी का पेस्ट बना लें। कुछ मिनट के लिए स्ट्रेच मार्क्स पर लगाकर फिर धो लें। पूरी तरह से इन्हें हटाने के लिए लिए इसे नियमित रूप से लगाती रहें।
- नींबू का रस: आप अपने स्ट्रेच मार्क्स पर नींबू का रस लगा सकती हैं। त्वचा पर इसे कुछ मिनटों तक इसे रखकर फिर गुनगुने पानी से धो लें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए नियमित रूप से दोहराएं।
- शुगर स्क्रब: चीनी, नींबू का रस और बादाम का तेल मिलाकर एक स्क्रब बनाएं और स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए कुछ महीनों तक हर दिन नहाने से पहले इसे इस्तेमाल करें।
- अंडे की सफेदी: मार्क्स वाली जगह पर अंडे की सफेदी लगाकर इसे सूखने दें। फिर ठंडे पानी से धोएं और ऑलिव ऑयल लगा लें। स्ट्रेच मार्क्स मिटाने के लिए कुछ हफ्तों तक यह उपाय अपनाएं।
- शहद: स्ट्रेच मार्क्स पर शहद लगाकर कुछ मिनटों बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे निशान कम होने में मदद मिलती है।
- एलोवेरा: खिंचाव के निशानों से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से इन पर एलोवेरा लगाएं। यह आपकी त्वचा को ठंडक देगा और इसे बेहतर भी करेगा।
- ऑयल ट्रीटमेंट: स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए विभिन्न तेलों, जैसे कैस्टर ऑयल, विटामिन ई ऑयल, ऑलिव ऑयल आदि का उपयोग किया जा सकता है। इन तेलों से मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है, जो खिंचाव के निशान को दूर करने में बहुत प्रभावी होगा।
स्ट्रेच मार्क्स के लिए बचाव के तरीकों और ऊपर बताए गए घरेलू उपायों के अलावा, कई मेडिकल ट्रीटमेंट हैं जैसे कि लेजर थेरेपी, केमिकल पील्स, ग्लाइकोलिक एसिड आदि। हालांकि हम यह सलाह देंगे कि इनमें से किसी भी उपचार का चुनाव करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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