क्या गर्भावस्था के दौरान टूना मछली खानी चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान टूना मछली खाना

एक बच्चे को जन्म देने के लिए बहुत एफर्ट्स लेने पड़ते हैं और साथ ही जिस दिन से आप गर्भधारण करती हैं तब से लेकर बच्चे के जन्म तक यहाँ तक कि उसके बाद भी आपको हर चीज में बहुत सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान आप जो कुछ भी खाती हैं उसमें यह जांच करने की जरूरत होती है कि आपको कितना पोषण प्राप्त हो रहा है और यह माँ और बच्चे दोनों के लिए ही बहुत जरूरी है।

क्या आप गर्भावस्था के दौरान टूना मछली का सेवन कर सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान, आपको अपने बच्चे की अच्छी सेहत और विकास पर नजर रखते हुए उसका ज्यादा खयाल रखना पड़ता है। यदि आपको सी फूड खाना पसंद तो आप यह जानना चाहती होंगी कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान टूना मछली का सेवन किया जा सकता है? तो इसका जवाब है हाँ। टूना मछली बहुत पौष्टिक होती है, आप इसका प्रेगनेंसी के दौरान सेवन कर सकती हैं लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही खाएं।

गर्भवती महिलाएं कितनी मात्रा में टूना मछली का सेवन कर सकती हैं?

आपको कितनी मात्रा में टूना मछली का सेवन करना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने उस हफ्ते में कोई और सी फूड खाया है या नहीं। एक रिसर्च के अनुसार, गर्भवती और नर्सिंग महिलाएं 8 से 12 औंस यानी 226 ग्राम से 340 ग्राम तक का सी फूड का सेवन कर सकती हैं, विशेष रूप से:

  • सप्ताह में 12 औंस (340 ग्राम) लाइट टूना (जिसमें कम पारा हो)
  • सप्ताह में 6 औंस (226 ग्राम) एल्बकोर टूना (जिसमें पारा में ज्यादा हो)

गर्भावस्था के दौरान टूना मछली का सेवन करने के फायदे 

  • यह बच्चे का बेहतर ढंग से विकास करने के लिए मिनरल, विटामिन डी और ओमेगा-3 प्रदान करता है।
  • टूना प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है जो बच्चे के विकास में मदद करता है।
  • टूना में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे की आँखों, मस्तिष्क और नर्व का विकास करने में मदद करता है।

गर्भावस्था के दौरान टूना मछली खाने के जोखिम

  • टूना का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने से, आपके शरीर में पारे की मात्रा बढ़ जाती है, जो आपके ब्लड फ्लो के जरिए फीटस तक पहुँच कर उसके मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के विकास को प्रभावित करती है।
  • पारे की वजह से बच्चे में फिजिकल डिफोर्मिटी हो सकती है और उसके विकास में बाधा डालती है, इसके अलावा इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती ।
  • पारा हार्ट डैमेज का बड़ा कारण भी बन सकता है।
  • टूना में कुछ पोल्यूटेंट भी मौजूद होते हैं, जैसे डाइऑक्सिन और पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी) होते हैं, जो एक बच्चे के विकास के लिए हानिकारक होते हैं।

गर्भावस्था के दौरान कॉमन टाइप की टूना मछली खाने के नियम

टूना कई अलग अलग किस्मों में आती हैं, जो आपको नीचे बताई गई है, आप इसका सेवन बॉईल करके भी कर सकती हैं या बेक करके भी। किसी भी कच्चे या बिना पके हुए खाने में बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं, जो फीटस के विकास के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। आप टूना को 145 डिग्री फारेनहाइट पर पकाएं, ताकि टूना में मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाएं।

  • एल्बाकोर टूना: व्हाइट टूना कैन या पाउच में उपलब्ध होती है। गर्भावस्था के दौरान एल्बाकोर टूना का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, तो हर सप्ताह 6 औंस यानि लगभग 170  ग्राम या 2 मीडियम साइज कैन टूना का सेवन किया जा सकता है। आप गर्भावस्था के दौरान टूना सलाद के रूप में इसका सेवन कर सकती हैं।
  • यैलोफिन टूना: इसे लाइट टूना के रूप में भी जाना जाता है और इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। ये कैन और पाउच में उपलब्ध होती है, गर्भावस्था में यैलोफिन टूना को हर सप्ताह 2 या 3 बार सेवन कर सकते हैं।
  • स्किपजैक टूना: स्किपजैक टूना में पारा का मीडियम लेवल होता है। इसका सेवन करना आपके लिए सुरक्षित है, लेकिन सप्ताह में 1 या 2 से ज्यादा इसका सेवन न करें।
  • अही टूना: यह बिग आई के नाम से प्रसिद्ध है, यह टूना सैशिमी या स्टीक के रूप में भी उपलब्ध होती है। इसमें पारा बहुत ज्यादा मात्रा में होता है, इसलिए इसका हफ्ते में 170 ग्राम से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ब्लूफिन टूना: ब्लूफिन टूना सैशिमी के रूप में उपलब्ध है और इसमें बड़ी मात्रा में पारा होता है। सप्ताह में इसके सेवन को 6 औंस (170 ग्राम) से ज्यादा नहीं करना चाहिए।ब्लूफिन टूना

क्या फ्रेश टूना सेवन करना गर्भावस्था के लिए अच्छा होता है?

फ्रेश टूना आपको ऑयली लग सकती है, लेकिन यह अच्छी अच्छी मात्रा में पोषण प्रदान करती है और गर्भवती महिलाओं के लिए यह सुरक्षित मानी जाती है। इसमें विटामिन, मिनरल और प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ये फीटस के मस्तिष्क और अन्य विकास में मदद करते हैं।

क्या गर्भावस्था के दौरान डिब्बाबंद टूना लेना सुरक्षित है?

गर्भवती महिला को डिब्बाबंद टूना खाने की तब तक अनुमति दी जाती है जब तक वो इसका सीमित मात्रा  में सेवन करती है। कैन में मिलने वाली टूना का रोजाना सेवन करने से फीटस के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

  • मेटल कैन की परत में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक  पदार्थ  मौजूद होता है, जो आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है और फीटस के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।
  • डिब्बाबंद टूना में नमक होता है, जो आपके शरीर में सोडियम लेवल को बढ़ा सकता है और हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ा सकता है।

टूना की किन किस्मों का सेवन करने से आपको बचना चाहिए 

यहाँ, हम आपको गर्भावस्था और नर्सिंग के दौरानटूना मछली का सेवन किए जाने वाली उन किस्मों के बारे में बात करेंगे जो आपके और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती है।

सेफ्टी लेवल  टूना की किस्मों के नाम 
सीमित मात्रा में खाए जाने पर सुरक्षित है 
  • फ्रेश/फ्रोजन स्किपजैक
  • स्किपजैक लाइट टूना 
  • फ्रेश/फ्रोजन एल्बाकोर
  • कैंड  एल्बाकोर
हानिकारक
  • फ्रेश/फ्रोजन बिग-आई
  • फ्रेश/फ्रोजन यैलोफिन या अही 

गर्भावस्था में, आपको टूना जैसे सी फूड का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि टूना मछली में पारा ज्यादा मात्रा में होता है जो आपके ब्लड फ्लो के जरिए फीटस तक पहुँच कर उसके मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के विकास को प्रभावित कर सकता है। टूना एक पौष्टिक मछली है और गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद भी होती है, बस आपको इतना खयाल रखना है कि हमेशा इसका कम मात्रा में सेवन करें, ताकि आप और आपके बच्चे पर कोई समस्या ना आए।

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