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गर्भावस्था के दौरान एक हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना और एक बैलेंस डाइट का पालन करना बहुत जरूरी होता है। यह सलाह आपको और आपके बच्चे को बीमारियों और इन्फेक्शन से बचाने के लिए दी जाती है। ऐसी ही एक वायरल डिजीज है जिसके बारे में आपको अवेयर होने की जरूरत है और वो है चिकनपॉक्स या चेचक (छोटी माता)। तो, अब सवाल यह उठता है कि क्या गर्भावस्था के दौरान चिकनपॉक्स खतरनाक होता है?
चिकनपॉक्स वेरिसेला-जोस्टर नामक वायरस के कारण होता है और यह बहुत ज्यादा संक्रामक हो सकता है। लेकिन यह एक खतरनाक बीमारी नहीं है और यह हेल्दी बच्चों में ज्यादा लंबे समय तक नहीं बना रहता है। हालांकि, यह गर्भवती महिलाओं सहित बड़ों के लिए खतरनाक हो सकता है और इससे सीरियस कॉम्प्लिकेशन पैदा हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान, फीटस को बचाने के लिए आपका इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, जिससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसका मतलब है कि आप गर्भावस्था के दौरान इस संक्रामक बीमारी के प्रति अधिक सेंसिटिव होती हैं।
चिकनपॉक्स के कारण सीरियस कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना कम होती है, लेकिन आपको इसे लेकर अवेयर होना जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान चिकनपॉक्स के साथ निमोनिया होने का भी खतरा होता है। माँ को निमोनिया होने से बच्चे पर प्रभाव पड़ता है। अन्य कॉम्प्लिकेशन में समय से पहले लेबर होना या बच्चे का जन्म होना, बच्चे का ठीक से विकास न होना आदि शामिल है।
जहाँ तक आपके बच्चे का संबंध है, तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि रोग होने का समय क्या है। यदि आप आठवें और बीसवें सप्ताह (पहली और दूसरी तिमाही) के बीच गर्भावस्था के शुरुआत में चिकनपॉक्स से पीड़ित होती हैं, तो आपके बच्चे को जन्मजात वैरिकाला सिंड्रोम, बिर्थ डिफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण बच्चे के पैर और हाथ ठीक से डेवलप नहीं होते हैं, उनकी त्वचा पर निशान होते हैं, मस्तिष्क का विकास अधूरा होता है और आँखों में सूजन हो सकती है। बच्चे को दौरे पड़ने के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक विकलांगता भी हो सकती है। स्टिलबर्थ और मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, यह सिंड्रोम बच्चे में विकसित होने की संभावना कम होती है।
यदि आप तीसरी तिमाही के दौरान वायरस का इलाज समय से कर लेती हैं, तो आपका बच्चा ठीक रहेगा। इस बीमारी के पाँच दिनों के बाद आपके शरीर में एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू हो जाता है। ये एंटीबॉडी प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे तक पहुँच जाती है।
अगर डिलीवरी से कुछ दिन पहले चिकनपॉक्स विकसित हो जाता है, तो आपका बच्चा वैरिकाला सिंड्रोम के साथ पैदा हो सकता है, जो जान को जोखिम में डालने वाला एक खतरनाक इन्फेक्शन है।
चिकनपॉक्स वायरस वैरिकाला-जोस्टर के कारण होता है। यह एक बेहद संक्रामक बीमारी है, और यह आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित कर सकती है। यदि आपने पहले से ही इसके लिए वैक्सीनेशन करा लिया है, तो आपको चिकनपॉक्स होने की संभावना कम है।
गर्भवती महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण उसे इस इन्फेक्शन के होने का खतरा होता है, भले ही आपने पहले ही इसका वैक्सीनेशन करा लिया हो।
इसके लक्षण विकसित होने में 10 दिन से 21 दिन तक लगेंगे। वायरस के एक्सपोज होने के दूसरे सप्ताह के बाद आपको इसके लक्षण देखने को मिलेंगे। शुरुआत में, आप हल्के बुखार का अनुभव करेंगी जिसके बाद खुजली वाले रैशेज दिखाई देने लगेंगे।
ये रैशेज छोटे दाने की तरह दिखाई देंगे जो बाद में बड़े हो जाएंगे। फिर रैशेज सूखने लगते हैं और क्रस्ट या पपड़ी बाहर गिर जाती है।
पहला दाने या रैशेज आपके चेहरे, पेट या छाती पर दिखाई दे सकते हैं और फिर आपके शरीर के बाकी हिस्सों पर भी दिखाई देने लगेगा। आपको बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द का अनुभव होगा।
चेचक एक बीमारी के रूप में अत्यधिक संक्रामक है। अगर आपको पहले भी चिकनपॉक्स हो चुका है, तो आपके वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम होती है। हालांकि, अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है और आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाती हैं तो आपको भी इन्फेक्शन होने का खतरा होता है।
चेचक से बच्चे के साथ-साथ माँ को भी कुछ कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। होने वाली माँ निमोनिया से पीड़ित हो सकती है, इसके अलावा बच्चे की त्वचा, हाथ, मस्तिष्क और अन्य हिस्सों को नुकसान पहुँचने का खतरा हो सकता है।
बच्चों की तुलना में बड़ों को इस वायरस से ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान वैरिकाला होने का खतरा अधिक होता है, अगर आप एम्फाइजिमा या ब्रोंकाइटिस जैसी फेफड़ों से संबंधित बीमारी से पीड़ित हों।
गर्भ में बच्चे के लिए पैदा होने वाला कॉम्प्लिकेशन इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रेगनेंसी स्टेज क्या है। आइए बच्चे के लिए होने वाले कॉम्प्लिकेशन पर नजर डालते हैं:
यदि आपको डिलीवरी डेट के आसपास चिकनपॉक्स हो जाता है या आपको चेचक होने के दौरान बच्चा पैदा होता है, तो बच्चे को भी इसके होने का खतरा होता है। अगर आप बच्चे को जन्म देने के बाद पहले सात दिनों के अंदर उसे लेती हैं, तब भी बच्चे के संक्रमित होने का खतरा होता है, अगर बच्चा संक्रमित हो जाए तो उसे तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
चेचक का निदान करने के लिए आपको मेडिकल टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। जब आप अपने रेगुलर चेकअप के लिए जाएंगी तो डॉक्टर आपको देखकर ही बता देंगे कि आपको चेचक है या नहीं।
हल्का बुखार होना और दाने निकलना इसके कॉमन लक्षणों में से एक है।
इसका ट्रीटमेंट इन्फेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। इसका तुरंत निदान करना जल्दी इलाज करने के लिए जरूरी है। डॉक्टर बीमारी को कम करने के लिए ओटीसी एंटी-वायरस दवाएं प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। ये इससे होने वाले कॉम्प्लिकेशन को भी कम करेंगे।
यदि आप डिलीवरी के समय चिकनपॉक्स से बीमार हो जाती हैं, तो इन्फेक्शन की गंभीरता को कम करने के लिए डॉक्टर आपके बच्चे को जन्म के बाद एक इम्युनोग्लोबुलिन दवा देंगे। यदि आपका बच्चा चिकनपॉक्स वायरस के साथ पैदा हुआ है, तो एंटीवायरल ड्रग्स के रूप में इसका ट्रीटमेंट किया जाएगा।
अगर आप गर्भधारण करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो आप चिकनपॉक्स से बचने के लिए पहले ही इसका टीकाकरण करवा सकती हैं। यह टीकाकरण बड़ों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, आपको गर्भधारण करने से पहले इस टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद कम से कम तीन महीने तक इंतजार करना चाहिए।
कभी-कभी, आप गर्भावस्था के दौरान चिकनपॉक्स से पीड़ित हो सकती हैं। ऐसे मामलों में, अपने डॉक्टर को बुलाएं जो आपको इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन लिख सकते हैं। इसमें वैरिकाला वायरस के लिए एंटीबॉडी होते हैं। यदि इसे चिकनपॉक्स होने के दस दिनों के भीतर इंजेक्ट किया जाता है, तो वायरस से होने वाला खतरा कम हो जाता है। हालांकि, क्या यह बच्चे को प्रोटेक्ट करता है यह अभी तक ज्ञात नहीं है, क्योंकि जन्मजात वैरिकाला सिंड्रोम बहुत ही दुर्लभ मामलों में होता है।
नहीं। जैसा कि पहले ही ऊपर कहा जा चुका है कि गर्भधारण करने से पहले आपको वैक्सीन लेने के तीन महीने तक इंतजार करना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान आप वैक्सीन न लें और इसके खुद ही ठीक होने का इंतजार करें या डॉक्टर से बात करना ज्यादा बेहतर रहेगा। बच्चे को जन्म देने के बाद पहला डोज लें और दूसरा डोज छह से आठ सप्ताह बाद लें। इस तरह, आपको अपनी अगली गर्भावस्था के दौरान इन्फेक्शन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यहाँ कुछ कारक हैं जो आपको गर्भावस्था के दौरान इन्फेक्शन की चपेट में ले सकते हैं:
इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी भी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में न आएं जिसे चिकनपॉक्स है या वायरस है। इसमें वो लोग भी शामिल हैं जो तीन हफ्तों के दौरान संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों। जिन लोगों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं उनसे बचें, जो बाद में रैशेज का रूप ले लेते हैं।
ऐसे लोगों से बचें जिनको दाद है। दाद उन लोगों को प्रभावित करता है जिनको पहले से ही चिकनपॉक्स हो चुका है। वैरिकाला वायरस दोबारा एक्टिव हो सकते हैं और त्वचा पर खुजली और दर्दनाक रैशेज का कारण बन सकते हैं। कोशिश करें और अपने परिवार में 12 महीने से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगवाएं।
दाद हर किसी को प्रभावित नहीं करता। यह उन लोगों को प्रभावित करता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है, जैसे बूढ़े या गर्भवती महिलाएं या लंबे समय से बीमार चल रहे व्यक्ति में। दाद होने से आपको कोई बहुत बड़ा खतरा नहीं होता है, लेकिन अगर यह हो जाता है, तो आपको अपने बच्चे को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, इससे आपके बच्चे को बड़ा खतरा नहीं होता है। लेकिन दाद के संपर्क में आने से आपके न्यूबॉर्न बच्चे को चिकनपॉक्स हो सकता है।
चिकनपॉक्स एक अत्यधिक संक्रामक रोग है और यह गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है। हालांकि यह बीमारी घातक नहीं है, फिर भी गर्भावस्था के दौरान आपके और बच्चे के लिए खतरा पैदा करती है। इससे बचने का सबसे अच्छा ऑप्शन यह कि या तो गर्भधारण करने से तीन महीने पहले या डिलीवरी के तुरंत बाद टीका लगवाएं। जो महिलाएं पहले से ही गर्भवती हैं, उनके लिए चेचक या चिकनपॉक्स के लक्षण दिखने वाले लोगों से दूर रहना जरूरी है।
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