In this Article
- लैक्टोज इनटॉलेरेंस क्या है?
- प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस किस कारण से होता है?
- लैक्टोज इनटॉलेरेंस के संकेत और लक्षण
- लैक्टोज इनटॉलेरेंस की पहचान कैसे होती है?
- प्रेगनेंसी में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम कैसे लें?
- प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस का इलाज कैसे करें?
- क्या लैक्टोज इनटॉलेरेंस आपके बच्चे पर प्रभाव डालता है?
- क्या प्रेगनेंसी में लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या को दूर रखा जा सकता है?
प्रेगनेंसी के दौरान कैल्शियम आपके लिए बहुत जरूरी होता है, क्योंकि आपके पेट में पल रहे शिशु के अच्छे विकास, खासकर उसके दाँतों और हड्डियों के निर्माण के लिए यह बहुत जरूरी है। दूध को कैल्शियम का उत्तम स्रोत माना जाता है, पर अगर आप लैक्टोज इनटोलरेंट हैं, तो आपको दूध नहीं पीने की सलाह दी जाएगी। वैसे खाने-पीने की ऐसी बहुत सी दूसरी चीजें हैं, जिनसे आपके शरीर की कैल्शियम की जरूरत पूरी हो सकती है।
आइए, हम प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानें और इसके साथ ही इस स्थिति को मैनेज करने के तरीके भी देखें।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस क्या है?
लैक्टोज एक तरह का शक्कर है, जो कि मुख्य रूप से पशुओं के दूध और दूध से बनने वाली अन्य चीजों में पाया जाता है। जब आपका शरीर सही मात्रा में लैक्टोज उत्पन्न नहीं कर पाता है, जो कि लैक्टोज को डाइजेस्ट करने के लिए एक जरूरी एंजाइम है, तब आप लैक्टोज इनटोलरेंट हो जाते हैं। अगर आप भी इस स्थिति से गुजर रही हैं, तो आपके द्वारा लिया जाने वाला लैक्टोज पचने के बजाय आपकी आंतों में बैठ जाता है। इससे पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। लैक्टोज इनटॉलेरेंस से बहुत परेशानी होती है, पर यह एक गंभीर बीमारी नहीं है। लेकिन, यह याद रखना जरूरी है, कि लैक्टोज इनटॉलेरेंस और गाय के दूध से होने वाली एलर्जी दो अलग-अलग चीजें हैं। गाय के दूध से होने वाली एलर्जी तब होती है जब आपका इम्यून सिस्टम गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन के कारण रिएक्ट करता है, और उसके प्रति एलर्जी दिखाता है। हालांकि, ये दोनों ही लक्षण एक जैसे दिख सकते हैं, पर ये एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस किस कारण से होता है?
अगर आप यह सोच रही हैं, कि क्या प्रेगनेंसी के कारण लैक्टोज इनटॉलेरेंस हो सकता है? तो इस सवाल का जवाब थोड़ा पेचीदा है। प्रेगनेंसी हॉर्मोन आपके शरीर में कई तरह के बदलाव करते हैं और आपका डाइजेस्टिव सिस्टम भी इसके प्रभाव में आ जाता है। आपका इम्यून सिस्टम हर चीज को धीमा कर देता है और यह आपका खाना पचने की प्रक्रिया पर भी असर डालता है। इससे आपको कभी-कभी यह लग सकता है, कि शायद आप लैक्टोज इनटोलरेंट हैं, पर हो सकता है कि असल में बात ऐसी नहीं हो। वहीं दूसरी ओर हो सकता है, कि आप लैक्टोज इनटॉलेरेंस हों, पर प्रेगनेंसी के कारण उसके लक्षण कम हो जाएं। यहां पर प्रेगनेंसी में लैक्टोज इनटोलरेंस के कुछ जाने हुए कारण दिए गए हैं:
- यह वंशानुगत कारणों से हो सकता है।
- यह आपकी छोटी आंत में आई किसी जख्म के कारण भी हो सकता है, जिससे लेक्टेस के उत्पादन में कमी आ सकती है।
तो जैसा कि आप देख सकती हैं, लैक्टोज इनटॉलेरेंस का सीधा कारण प्रेगनेंसी नहीं है, लेकिन इससे आपके शरीर में कुछ इस तरह के बदलाव आ जाते हैं, जिससे कि दूध का पचना मुश्किल हो जाता है।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस के संकेत और लक्षण
लैक्टोज युक्त कोई भी चीज खाने के बाद आप इन संकेतों और लक्षणों को देख सकती हैं:
- आपके पेट में दर्द होने लगता है
- आपको गैस बनने लगती है
- आपको मतली या उल्टी हो सकती है
- आपको ब्लोटिंग का एहसास हो सकता है
- आपको डायरिया हो सकता है
- आपको क्रैंपिंग हो सकती है
लैक्टोज इनटॉलेरेंस की पहचान कैसे होती है?
जब आप ऊपर दिए गए लक्षणों में से किसी को महसूस करती हैं, तो यह जरूरी है कि आप तुरंत मेडिकल परामर्श लें। आपके लक्षणों को देखते हुए आपका डॉक्टर एक नतीजे पर आता है और वह आपको कुछ दिनों के लिए डेयरी प्रोडक्टस से दूर रहने की सलाह दे सकता है, ताकि यह पता चल सके कि आप लैक्टोज इनटोलरेंट हैं या नहीं।
कुछ मामलों में प्रेगनेंसी के लक्षणों को लैक्टोज इनटॉलेरेंस समझ लिया जाता है, क्योंकि मतली, उल्टी और क्रैंपिंग प्रेगनेंसी के भी आम साइड इफेक्ट होते हैं। आपका डॉक्टर सही जांच करने के लिए ब्लड शुगर टेस्ट भी कर सकता है।
प्रेगनेंसी में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम कैसे लें?
दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है और जब आप लैक्टोज इनटोलरेंट होती हैं, तब आपको अपने पेट में पल रहे बच्चे के विकास के लिए जरूरी, कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे हेल्दी विकल्पों को ढूंढना होगा। यहां पर कुछ विकल्प दिए गए हैं जिन पर आप विचार कर सकती हैं:
1. साबुत अनाज और नट्स खाना
बादाम और अखरोट जैसे विभिन्न प्रकार के नट्स और दालों में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इन्हें नियमित रूप से खाने पर आपके कैल्शियम की सभी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर नट्स आपके बच्चे की हड्डियों और कोलेजन के विकास के लिए बेहतरीन होते हैं।
2. ब्रोकली खाएं
ब्रोकली ना केवल कैल्शियम से भरपूर होता है, बल्कि इससे अच्छी मात्रा में आयरन और दूसरे मिनरल्स भी मिलते हैं।
3. हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियों में अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है और इन्हीं अपने रोज के खाने में शामिल करना आपके लिए बहुत अच्छा है। पालक ऐसी ही एक पत्तेदार सब्जी है, जो कि कैल्शियम, आयरन और दूसरे विटामिन्स का अच्छा स्रोत है।
4. टोफू और सोया मिल्क
सोया मिल्क, दूध का एक अच्छा विकल्प है और यह आपके शरीर को अच्छी मात्रा में कैल्शियम भी देता है। आप अपने खाने में सोया मिल्क और टोफू को भी शामिल कर सकती हैं।
5. बादाम दूध
आपकी कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए बादाम दूध एक बहुत ही स्वादिष्ट तरीका है। यह प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भी भरपूर होता है।
प्रेगनेंसी के दौरान, लैक्टोज रहित आहार के लिए आप ऊपर दिए गए इन विकल्पों में से किसी को भी चुन सकती हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि अपने प्रेगनेंसी डाइट में किसी भी चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस का इलाज कैसे करें?
लैक्टोज इनटॉलेरेंस को ठीक नहीं किया जा सकता है। पर हाँ, इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है। यहां पर कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनके द्वारा आपको प्रेगनेंसी के दौरान लैक्टोज इनटॉलेरेंस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है:
1. आहार
औसत रूप से प्रेगनेंसी के दौरान एक दिन में आपको 1000 एमजी कैलशियम लेने की जरूरत होती है। आप अपने खाने में ऐसी कई चीजों को शामिल कर सकती हैं, जिनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जैसे कि – भिंडी, बीन्स, पालक, सालमन मछली आदि। विटामिन ‘बी’ हमारे शरीर को कैल्शियम अब्सॉर्ब करने में मदद करता है। आप अंडे खा सकती हैं या थोड़ी देर के लिए धूप में बैठकर भी अपने शरीर की विटामिन डी की जरूरतों को पूरी कर सकती हैं। संतरे का रस और ब्रेड जैसी चीजों के सेवन से आपको विटामिन ‘बी’ मिलता है।
2. मल्टीविटामिन
अपने शरीर की कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए आप प्रीनेटल विटामिंस भी ले सकती हैं। आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए, कि इन मल्टीविटामिन्स में कैल्शियम और विटामिन ‘डी’ की सही मात्रा मौजूद हो या आप अपने मल्टीविटामिन के साथ कैल्शियम और विटामिन ‘बी’ अलग से भी ले सकती हैं।
क्या लैक्टोज इनटॉलेरेंस आपके बच्चे पर प्रभाव डालता है?
लैक्टोज इनटॉलेरेंस आपके बच्चे पर कोई असर नहीं करता है, क्योंकि आपका बच्चा अपने कैल्शियम की जरूरतों को आपके दांतों और हड्डियों के कैल्शियम से पूरा कर लेता है। इसका मतलब यह है, कि अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान उचित मात्रा में कैल्शियम नहीं लेती हैं, फिर भी आपका बच्चा आपके शरीर से उसे ले लेगा। पर इससे मां को लॉन्ग टर्म समस्याएं होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इसलिए यह जरूरी है, कि आप अपने शरीर की कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खाने में जरूरी बदलाव लाएं और कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लें।
क्या प्रेगनेंसी में लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या को दूर रखा जा सकता है?
लैक्टोज इनटॉलेरेंस को दूर नहीं रखा जा सकता है, पर इससे बचने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान अचानक होने वाले इस लैक्टोज इनटोलरेंस से बचने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- आपको एक फूड डायरी मेंटेन करनी चाहिए और इसमें आप जो भी कुछ खाएं उसे नोट करती रहें। इस तरह आपकी ट्रिगर्स को पहचानना आसान होगा।
- आपको अपने डाइट से डेयरी प्रोडक्ट्स निकालने की जरूरत होगी। इससे लैक्टोज इनटॉलेरेंस से बचा जा सकता है।
- खाने-पीने की चीजों के लेबल पर इनग्रेडिएंट्स हमेशा पढें और जिनमें लैक्टोज है उनसे दूर रहें।
- जब कभी भी आप बाहर खा रही हों तो अपने खाने में डेयरी प्रोडक्ट्स को अवॉइड करने के लिए कहें।
अगर आपको लगता है, कि आपको लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या है, तो हम आपको आपके डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देंगे। आपका डॉक्टर आपके लैक्टोज इनटोलरेंस को पहचानने के लिए कई प्रकार के टेस्ट करने के लिए कह सकता है। आपको यह भी सलाह दी जाएगी, कि अपने डॉक्टर से बात किए बिना अपने आहार में कोई बदलाव ना करें।
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