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हमारे स्वास्थ्य को मेंटेन करने में प्राकृतिक प्रोडक्ट्स हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। नारियल भी ऐसा ही एक प्रोडक्ट है, जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। नारियल को धूप में सुखाकर और मशीनों में इसे दबाकर नारियल का तेल तैयार किया जाता है। नारियल के तेल के इस्तेमाल और इसके फायदों के कारण इसे मां प्रकृति के ब्रेस्ट मिल्क के रूप में भी जाना जाता है।
नारियल के तेल में एंटी फंगल, एंटी वायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कि आम सर्दी-जुकाम से बचने में मदद कर सकते हैं। नारियल के तेल की मदद से आप अपने इम्यूनिटी सिस्टम को आसानी से बेहतर कर सकती हैं और स्वस्थ रह सकती हैं। गर्भावस्था के 9 महीनों के दौरान, नारियल का तेल आपको आम बीमारियों से बचने में मदद कर सकता है।
नारियल के तेल के फायदे पाने के लिए, इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। नारियल के तेल में लगभग 100% सैचुरेटेड फैट होते हैं और विभिन्न हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार सैचुरेटेड फैट का सीमित इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन सभी सैचुरेटेड फैट शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। नारियल के तेल में लॉरिक एसिड होता है, जो कि फैटी एसिड का एक माध्यम है। अन्य फैट की तुलना में यह फैट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को रेगुलेट करने में सकारात्मक रूप से काम करता है। लॉरिक एसिड में होने वाले एंटीमाइक्रोबियल एक्शन को ‘सेफ सैचुरेटेड फैट’ कहा जाता है। इसलिए सीमित मात्रा में नारियल के तेल के सेवन से आपका प्रेग्नेंट शरीर फैट सॉल्युबल विटामिन को अब्जॉर्ब कर पाता है, जिससे आपको और बच्चे को इससे ज्यादा से ज्यादा पोषण मिलने में मदद मिलती है। दूसरे शब्दों में, आप अपनी प्रेगनेंसी डाइट में बेफिक्र होकर नारियल के तेल को शामिल कर सकती हैं।
गर्भवती मां को नारियल के तेल से होने वाले फायदों को लेकर आपको कुछ संदेह हो सकते हैं। यहां पर गर्भवती महिलाओं को नारियल के तेल से होने वाले कुछ प्रमुख फायदे बताए गए हैं:
क्या आपने सुना है, कि नारियल के तेल से फर्टिलिटी बढ़ती है? सच्चाई यह है, कि यह वास्तव में इसमें मदद कर सकता है। लॉरिक एसिड गुड कोलेस्ट्रॉल पर सकारात्मक प्रभाव दिखाता है, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर होता है। यह वेजाइनल हेल्थ को मेंटेन करता है, जो कि गर्भधारण की प्रक्रिया के दौरान बहुत जरूरी है। यह इंसुलिन और थायराइड को भी ठीक रख सकता है, जिससे महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर नियंत्रित होता है और थायराइड की हेल्दी फंक्शनिंग होती है। इससे फर्टिलिटी भी बेहतर होती है।
नारियल का तेल अन्य तेलों से अलग है, क्योंकि यह लगभग पूरी तरह से मीडियम चेन फैटी एसिड से बना होता है, जिसे आपका शरीर कुछ अलग तरह से मेटाबॉलिज करता है। इन्हें तुरंत एनर्जी में बदल दिया जाता है या फिर कीटोन में बदल दिया जाता है, इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इससे आपके बच्चे को उसके विकास के लिए जरूरी कैलोरी और पोषक तत्वों की नियमित सप्लाई में भी मदद मिलती है। नारियल के तेल को अपने भोजन का एक नियमित हिस्सा बनाकर इसके लंबे और बेहतरीन फायदों को देखा जा सकता है।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को होने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है स्ट्रेच मार्क्स। आप इनसे बचने के लिए चाहे जो भी करें, ये गर्भावस्था का एक अटूट हिस्सा हैं और डिलीवरी के बाद आपके शरीर पर दिखते हैं। प्रेगनेंसी स्ट्रेच मार्क्स के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल करके इनसे बचा जा सकता है। स्ट्रेच मार्क्स पर नारियल का तेल लगाने से ये हल्के पड़ सकते हैं और कुछ मामलों में इनसे बचाव भी देखा गया है। इसके प्रभाव देखने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान अपने पेट पर नारियल के तेल का इस्तेमाल एक मॉइस्चराइजर के रूप में करें और इसके फायदे देखें।
प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस, कब्ज और हार्टबर्न जैसी समस्याओं का सामना करती हैं। नारियल का तेल इन समस्याओं से राहत दिला सकता है। इस तेल के इस्तेमाल से आपके पेट को आराम मिलता है और किसी भी तरह के बैक्टीरिया बाहर आ जाते हैं। यह एसिड रिफ्लक्स को भी शांत करने में मदद करता है, जो की हार्ट बर्न का एक कारण होता है। वेजाइना में सूखापन एक और आम समस्या है, जिसे नारियल के तेल के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। नारियल का तेल शुरुआती कुछ महीनों के दौरान काफी मदद कर सकता है, जब प्रेगनेंसी से संबंधित लक्षण सबसे अधिक परेशान करते हैं।
हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण आप प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा में खुजली और सूखेपन का सामना कर सकते हैं। नारियल का तेल आपकी त्वचा को नमी और पोषण देने में और रूखेपन और खुजली को त्वचा से दूर रखने में मदद कर सकता है। गर्भावस्था के बाद फटे हुए दर्द भरे निप्पल आपको परेशान कर सकते हैं और ब्रेस्टफीडिंग को दर्दनाक बना सकते हैं। निप्पल्स पर नारियल का तेल लगाने से इन दरारों से राहत मिल सकती है।
जो जोड़े गर्भधारण करना चाहते हैं, उनके लिए नारियल का तेल वास्तव में किसी वरदान से कम नहीं है। यौन संबंध बनाने के दौरान वेजाइना लुब्रिकेंट का प्रोडक्शन करती है, जिससे पेनिट्रेशन आसान हो जाता है। लेकिन सभी महिलाएं भाग्यशाली नहीं होती हैं। ऐसे में उन्हें किसी ऐसे बाहरी लुब्रिकेंट की जरूरत होती है, जिसकी मदद से वे दर्द रहित इंटरकोर्स कर सकें। इसके लिए कई तेलों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन नारियल का तेल प्रेगनेंसी के लिए एक लुब्रिकेंट के रूप में काम करता है, क्योंकि यह सुरक्षित होता है और इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं।
गर्भवती होने के दौरान नारियल के तेल के इस्तेमाल के कुछ तरीके यहां पर दिए गए हैं:
नारियल के तेल में सैचुरेटेड फैट होते हैं, जो कि फैट के जमा होने में मदद कर सकते हैं। इससे गर्भावस्था के दौरान जरूरी पर्याप्त एनर्जी निश्चित रूप से मिल जाती है। साथ ही बच्चे को आपके शरीर से जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। चूंकि आपका बच्चा नारियल का तेल और लॉरिक एसिड अब्जॉर्ब कर लेता है, इससे उसकी इम्यूनिटी भी बढ़ती है और उसका स्वस्थ विकास भी हो पाता है। नारियल के तेल को पचाना भी आसान होता है और यह आपके भोजन से जरूरी पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब करने में भी मदद करता है। इस प्रकार आपके बच्चे को आपके खान-पान से अधिक पोषण और सुरक्षा मिलती है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान नारियल के तेल के इस्तेमाल से आपके बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव दिखते हैं, क्योंकि नारियल के तेल से मिलने वाले एंटीमाइक्रोबियल गुण आपके ब्रेस्ट मिल्क में चले जाते हैं। इस प्रकार आपके बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से अधिक इम्यूनिटी मिलती है। गर्भवती महिलाओं के शरीर में फैट स्टोर होता है, ताकि प्रेगनेंसी के बाद सफल लैक्टेशन सुनिश्चित किया जा सके। नारियल के तेल में मौजूद कैप्रिक एसिड और लॉरिक एसिड आगे चलकर स्तनपान कराने वाली महिला के ब्रेस्ट मिल्क में फैट स्टोर का एक हिस्सा बन जाते हैं।
नारियल का तेल गर्भावस्था के दौरान सबसे बेहतरीन डाइट सप्लीमेंट्स में से एक है। जब नारियल का तेल आपके खान-पान का एक हिस्सा बन जाता है, तो यह आपके बच्चे को पर्याप्त पोषण और सुरक्षा देता है। जितनी जल्दी हो सके नारियल के तेल का इस्तेमाल शुरु कर दें, ताकि पूरी प्रेगनेंसी के दौरान इसके फायदे लिए जा सकें।
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