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प्रेगनेंसी के दौरान पेस्ट कंट्रोल का छिड़काव करना, असल में आपकी सोच से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। पेस्ट कंट्रोल में मौजूद केमिकल और पदार्थ आपको इस सोच में डाल सकते हैं, कि कहीं आपका निर्णय गलत तो नहीं है। चूंकि, नुकसानदायक पेस्ट की मौजूदगी एक ऐसी समस्या है, जो कि प्रेगनेंसी पर कई तरह से प्रभाव डालती है और उस पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी होता है।
अधिकतर आधुनिक पेस्ट कंट्रोल के तरीकों में कीड़े-मकौड़ों पर नियंत्रण के लिए इंडस्ट्रियल ग्रेड के कठोर केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है। इसलिए पहले की तुलना में आज इसका खतरा कम है। हालांकि यह सुरक्षित हो सकता है, पर फिर भी बेहतर यही है, कि जब घर में पेस्ट कंट्रोल हो रहा हो, तो आप वहां उपस्थित ना रहें और किसी प्रकार के केमिकल के संपर्क में आने से बचें।
प्रेगनेंसी के दौरान, चाहे सांस के द्वारा पेस्टिसाइड आपके अंदर जाए या किसी तरह के पाउडर या स्प्रे से आपका संपर्क हो जाए, इस तरह के केमिकल और वस्तुओं से संपर्क, आपके और आपके बच्चे के लिए असुरक्षित और हानिकारक हो सकता है।
पेस्ट कंट्रोल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल और अन्य पदार्थों के अपने खतरे होते हैं। पेस्ट कंट्रोल करवाते समय सही सावधानी की जरूरत होती है, खासकर शुरुआती तिमाही में। वैसे पेस्ट कंट्रोल को टालने या इससे बचने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है।
कॉकरोच से लेकर मच्छर तक और फ्ली से लेकर मक्खी तक, कोई एक और हर कोई, बीमारियाँ और तकलीफें फैला सकते हैं, जो कि पेस्टिसाइड से संयोगवश होने वाले संपर्क से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। ये बीमारियाँ विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस से हो सकती हैं, जिनमें से कुछ को जानलेवा भी माना जाता है। अगर ऐसा नहीं भी हो, तो भी एक प्रेगनेंट महिला के ऊपर इनके प्रभाव खतरनाक हो सकते हैं, जिससे गर्भस्थ शिशु जन्मजात तकलीफों और बीमारियों के साथ पैदा हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान, घर में मौजूद कीड़े-मकौड़ों से होने वाले संक्रमण का खतरा पेस्टिसाइड के संपर्क से होने वाले खतरे से कहीं ज्यादा है।
भारत में घरों में जो संक्रमण सबसे आम हैं, वो कॉकरोच के कारण होते हैं। कॉकरोच के शरीर से निकलने वाली गंदगी, बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी एलर्जी को ट्रिगर करती है। एक प्रेगनेंट महिला के लिए लगातार होने वाली सांस की समस्या और अस्थमा अच्छा नहीं होता है और यह बाद में रेस्पिरेट्री की समस्या भी बन सकती है।
कई घरों में पालतू जानवर होते हैं। हो सकता है ये आपकी प्रेगनेंसी पर सीधा नुकसान ना करें, पर इनके कारण आपके घरों में आने वाले फ्ली आपको परेशान कर सकते हैं। ये आप को काटते हैं और काटने के छोटे-छोटे निशान छोड़ जाते हैं, जिनमें बहुत खुजली होती है। जब आप उन्हें खुजली करती हैं, तब यह इंफेक्शन और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
घर में चाहे जो भी पेस्ट हों, उनके होने की अपनी कुछ समस्याएं होती हैं। इनका खतरा प्रेगनेंट महिला के ऊपर ज्यादा होता है। इसलिए, पेस्ट कंट्रोल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, कि पेस्टिसाइड से आपका संपर्क जितना संभव हो उतना कम रखें।
पेस्ट कंट्रोल होने के दौरान, प्रेगनेंसी और खटमल के पेस्टिसाइड के बीच, जितना संभव हो उतनी दूरी बनाए रखें। नीचे दिए गए कुछ आसान टिप्स का इस्तेमाल करके आपका काम आसान हो सकता है।
अगर आपका साथी या परिवार का कोई सदस्य ऐसी जगह पर काम करता है, जहां पेस्टिसाइड्स का उपयोग किया जाता है या वहां पर पेस्ट कंट्रोल किया गया है, तो ऐसे में उन्हें अपने काम पर पहनने वाले कपड़ों को घर में प्रवेश करने वाली जगह से दूर रखना चाहिए। सफाई का अच्छा ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।
जहां एक ओर पेस्ट कंट्रोल करवाना बहुत जरूरी है, वहीं आप इस बात का भी ध्यान रख सकती हैं, कि आप को कम से कम मात्रा में पेस्ट का सामना करना पड़े। कुछ तकनीकें ऐसी हैं, जिनके माध्यम से इन से बचा जा सकता है या घर से बाहर निकाला भी जा सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान, रोजमर्रा के कीड़े-मकौड़ों से निपटने के लिए, केमिकल पेस्टिसाइड के इस्तेमाल के बजाय, कुछ खास तरीकों के साथ, होम पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करना कहीं बेहतर है।
प्रेगनेंसी के दौरान पेस्टिसाइड का छिड़काव करना सबसे अच्छा चुनाव नहीं है, लेकिन पेस्ट कंट्रोल से पूरी तरह से बचना और भी ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। इन दोनों के बीच का कोई रास्ता चुन कर आप जब चाहे अपनी प्रेगनेंसी को स्वस्थ और सुरक्षित बना सकती हैं।
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