गर्भावस्था

प्रेगनेंसी के दौरान सुशी खाना – क्या यह सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान, माँ का अपने मनपसंद काम न कर पाना, गर्भावस्था की मुख्य विशेषता है। जब एक महिला को पता चलता है, कि वह माँ बनने वाली है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है, कि उसके मन में उसकी एक्टिविटीज और खानपान को लेकर कई तरह के संशय पैदा हो जाते हैं। अपने आसपास की हर बात को लेकर उसके मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। सही खाने को लेकर पैदा होने वाले सवाल सबसे आम हैं और माँ को निश्चित रूप से अपनी पसंद की बहुत सी चीजों को छोड़ना पड़ता है। 

सुशी एक जापानी डिश है, जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई है और लोग इसे बहुत पसंद करते हैं। हालांकि, यह गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत के दृष्टिकोण से खाने के लिए सुरक्षित है या नुकसानदायक, इस बात को लेकर प्रेगनेंसी के दौरान यह डिश कई तरह के सवाल पैदा कर सकती है। आइए इस लेख में हम देखते हैं, कि प्रेगनेंसी के दौरान सुशी खाना सुरक्षित है या नहीं।  

क्या गर्भावस्था के दौरान आप सुशी खा सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान सुशी खाने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है, पर शर्त यह है, कि या तो वह अच्छी तरह से पकी होनी चाहिए या फिर फ्रोजन होनी चाहिए। ऐसा पाया गया है, कि कच्ची मछली में मरकरी जैसे खतरनाक केमिकल अधिक मात्रा में होते हैं और उसमें खतरनाक बैक्टीरिया और दूसरे पैथोजन भी हो सकते हैं। अगर मछली को अच्छी तरह से जमाया गया है या अच्छी तरह से पकाया गया है, तो वह खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। मछली को फ्रीज करने से उसमें मौजूद कई तरह के पैरासाइट खत्म हो जाते हैं और अधिक तापमान में भी यही देखने को मिलता है। मछली को पकाते समय उसका तापमान लगभग उबलते हुए तापमान पर होना चाहिए, ताकि उसे खाने के लिए सुरक्षित बनाया जा सके। 

गर्भवती महिला के सुशी खाने से होने वाले खतरे

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए खुद सुशी कोई नुकसान नहीं करती, बल्कि सुशी को बनाने के लिए जिन तरीकों को अपनाया जाता है, वे उसे नुकसानदायक बना देते हैं। कुछ खतरनाक मामलों में सुशी खाने से महिला का मिसकैरेज भी हो सकता है। आइए, सुशी खाने से होने वाले कुछ खतरों पर एक नजर डालते हैं। 

1. इंफेक्शन

इस डिश में इस्तेमाल की जाने वाली मछली अगर कच्ची हो, तो महिला को उससे पैरासाइटिक इंफेक्शन होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। कच्ची मछली में बैक्टीरिया और दूसरे पैरासाइट बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे कि टेपवर्म, जो कि पेट में पल रहे बच्चे को कई तरह के जरूरी न्यूट्रिएंट्स से वंचित रख सकता है। ऐसे इंफेक्शन आपके पाचन तंत्र और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट पर भी असर डाल सकते हैं, जिसका मतलब है कि बच्चे के विकास को नुकसान पहुँच सकता है। पैरासाइटिक इन्फेक्शन के संपर्क में आने के कुछ और भी साइड इफेक्ट होते हैं, जैसे – एनीमिया और मालनरिशमेंट, जिसके नतीजे के रूप में आपका मिसकैरेज भी हो सकता है। 

2. इम्यून सिस्टम सप्रेशन

प्रेगनेंसी के दौरान इम्यून सिस्टम दब जाता है और निष्प्रभाव हो जाता है। ऐसे समय पर सुशी खाने से माँ को लिस्टेरियोसिस जैसी बीमारियों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है, जो कि खाने के माध्यम से फैलते हैं। कच्ची मछली में भी खतरनाक लिस्टेरिया बैक्टीरिया हो सकता है। इसलिए इसकी संभावना भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। 

3. मरकरी

अगर मछली ठीक तरह से पकी हुई नहीं हो, तो भी उसमें मरकरी जैसे खतरनाक केमिकल काफी मात्रा में मौजूद हो सकते हैं। यह विशेषकर प्रेगनेंसी के दौरान बहुत खतरनाक होता है, क्योंकि इसके कारण बच्चे में नर्वस सिस्टम, लंग्स, किडनी, नजर और यहाँ तक की सुनने की क्षमता भी खराब हो सकती है। 

प्रेगनेंसी के दौरान सुशी को खाने के लिए सुरक्षित कैसे बनाया जा सकता है?

गर्भावस्था के दौरान सुशी खाने के कई खतरनाक प्रभाव होने के बावजूद, सही तरह की मछली का चुनाव करके उसे खाने के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है। खाने में प्रयोग की जाने वाली मछली पूरी तरह से जमी हुई (फ्लैश फ्रोजन) होनी चाहिए, जिसका अर्थ है – इस्तेमाल से पहले मछली को न्यूनतम तापमान पर रखना। इस प्रक्रिया में मछली में मौजूद अधिकतर पैरासाइट और बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है और यह खाने के लिए सुरक्षित हो जाती है। 

विभिन्न प्रकार की सुशी जिसे गर्भवती महिला खा सकती है

गर्भवती महिला के लिए मरकरी बहुत अधिक खतरनाक होता है, इसलिए उन्हें केवल वही मछली खानी चाहिए जिसमें मरकरी का स्तर सबसे कम होता है। इनमें निम्नलिखित मछलियां शामिल हैं: 

  • आर्क शेल
  • कोंगेर
  • स्वीट फिश
  • सैंड फिश
  • अबलोन
  • क्लाम
  • श्रिम्प
  • स्कालोप
  • सालमन
  • स्क्विड
  • क्रैब
  • शेलफिश
  • गिज़र्ड शार्ड
  • फ्लैट फिश
  • हाफ बीक
  • ट्राउट
  • स्मेल्ट एग
  • ऑक्टोपस
  • सी ब्रीम
  • कॉकल
  • फ्लाइंग फिश एग
  • सी अरकिन रो
  • फ्रेश वॉटर ईल

गर्भवती महिलाओं को किस तरह की सुशी नहीं खानी चाहिए?

गर्भवती महिलाओं को उस सुशी से बचना चाहिए, जिसमें अधिक मात्रा में मरकरी पाई जाती है, इनमें शार्क, स्वोर्ड फिश और मैक्सिकन टाइल फिश के अलावा ये मछलियां शामिल हैं: 

  • मैकरेल
  • ट्यूना
  • बोनितो
  • येलो टेल
  • सी बास्स
  • ब्लू मार्लिन

गर्भावस्था के दौरान आप कौन से सुशी रोल ट्राई कर सकती हैं?

गर्भवती महिलाएं कुछ सुशी रोल्ज बिना डरे खा सकती हैं और इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • पकी हुई सालमन
  • कैलिफोर्निया रोल्ज
  • ईल रोल्ज
  • स्टीक और चिकन रोल्ज
  • श्रीम्प रोल्ज
  • वेजीटेबल रोल्ज
  • टेमपुरा रोल्ज

कच्ची मछली खाने के खतरों से बचने के लिए सुशी के विकल्प

प्रेगनेंसी में आपका अच्छा महसूस करना और अपनी इच्छाओं को पूरा करना बहुत मायने रखता है, पर कच्ची सुशी खाने पर आपको जो खुशी मिलती है, उस पर इससे होने वाले खतरे भारी पड़ सकते हैं। हालांकि, आप नीचे दिए गए सुशी के विभिन्न प्रकारों का सेवन कर सकती हैं, क्योंकि ये गर्भावस्था के दौरान भी खाने के लिए सुरक्षित होती हैं। 

1. क्योर मछली से बनी सुशी

जहाँ एक और मछली को फ्रीज़ करने से उसमें मौजूद पैरासाइट खत्म हो जाते हैं, वहीं इन बैक्टीरिया को खत्म करने का एक और विकल्प है – क्योरिंग। अगर मछली क्योर्ड, सॉल्टेड और पिकल्ड है, तो आप इस बात को लेकर निश्चिंत रह सकती हैं, कि उसमें मौजूद सभी पैरासाइट मर चुके हैं। मछली को क्योर करने के लिए आपको नमक और विनेगर की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले मछली के ऊपर नमक लगाएं और उसे लगभग डेढ़ घंटे के लिए अनछुआ रहने दें। फिर इस नमक को धोकर साफ कर लें और एक तौलिए की मदद से मछली को सुखा लें। फिर इसे लगभग 10 मिनट के लिए विनेगर में भिगोएं। मछली को फिर से सुखा लें। फिर सुशी बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करें। 

2. वेज सुशी

गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए यह पकी हुई सुशी सबसे ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इसमें मछली होती ही नहीं है।  मछली की जगह पर इसमें गाजर, एवोकाडो और खीरे जैसी सब्जियां डाली जाती हैं। जिन लोगों को मछली बहुत पसंद है, उन्हे यह डिश आकर्षित नहीं करेगी, लेकिन, अगर इसमें सही सामग्री का इस्तेमाल किया जाए, तो यह डिश बहुत अच्छी और बहुत स्वादिष्ट बन सकती है। 

3. घर की बनी सुशी

मछली को घर पर क्योर करने के बजाय, आप इसे दूसरे तरीके से भी क्योर कर सकती हैं और इन्हें खाने के लिए सुरक्षित बना सकती हैं। यह सुनिश्चित कर लें, कि मछली कम से कम 4 दिन से फ्रीजर में रखी हो, ताकि उसे पकाने से पहले उसमें मौजूद सारे बैक्टीरिया खत्म हो गए हों। 

घर पर बनाई जा सकने वाली सुशी रेसिपी

यहाँ पर कुछ रेसिपीज दिए गए हैं, जिन्हें आप सुशी खाने की इच्छा होने पर घर पर ही बना सकती हैं। 

1. वेजिटेबल सुशी

यह मछली का एक बहुत ही अच्छा विकल्प है और यह प्रेगनेंसी के दौरान खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित भी है। 

आवश्यक सामग्री

  • बैंबू सुशी मैट
  • नोरी सीवीड शीट्स
  • पिकल्ड अदरक और वसाबी
  • विनेगर फ्रॉम राइस
  • मध्यम आकार के चावल
  • शक्कर
  • सोया सॉस

बनाने का तरीका

  • चावल बनाने के लिए सबसे पहले  2 कप और एक चौथाई कप पानी के साथ चावल को पका लें। शक्कर और विनेगर को एक साथ गर्म करें, ताकि वे घुल जाएं और उसके साथ चावल मिला लें।
  • भरावन के लिए गाजर, एवोकाडो, टोफू, खीरा या मशरूम जैसी किसी भी सब्जी को सोया सॉस में मैरिनेट करके इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसके बाद रोल्ज बनाए जाएंगे – इसके लिए बैंबू मैट को एक फ्लैट सतह पर रखें और उसके ऊपर नोरी शीट्स रखें। फिर शीट के ऊपरी किनारे से 2 सेंटीमीटर की जगह छोड़ते हुए उसके ऊपर चावल की एक परत लगाएं। शीट के निचले किनारों पर भरावन की सामग्री रखें और मैट को रोल करें। फिर, उसे छोटे-छोटे रोल्ज में काट लें।

2. कैलिफोर्निया रोल्ज़

जिन मांओं को कभी-कभी मछली और सुशी खाना पसंद है, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है। 

आवश्यक सामग्री

  • नोरी शीट्स
  • बैंबू सुशी मैट
  • एवोकाडो
  • सुशी राइस
  • बिना बीज के खीरे
  • क्रैब स्टिक्स
  • तीखी सॉस
  • सफेद तिल के बीज
  • किवपाय मेयोनीज़

बनाने का तरीका

  • पहले दी गई रेसिपी के अनुसार चावल को पका लें और उसे बैंबू मैट के ऊपर रखी नोरी शीट के ऊपर फैलाएं। चावल के ऊपर तिल छिड़कें और नीचे से थोड़ी जगह छोड़ते हुए भरावन की सामग्री (क्रैब स्टिक्स और कुकुंबर) रखें। शीट को रोल करें और उसे दबा कर अंडाकार शेप दें। फिर रोल्ज को बाहर निकालकर छोटे टुकड़ों में काट लें।

जहाँ सुशी एक स्वादिष्ट व्यंजन है, वहीं प्रेगनेंसी के दौरान उसे खाने से कई तरह के खतरे हो सकते हैं। लेकिन अगर आप मछली को ठीक तरह से पका लें, तो गर्भावस्था के दौरान भी आप इस डिश का मजा ले सकती हैं। सबसे अच्छा यही है, कि वेजिटेबल सुशी को खाया जाए, जिसके कोई भी नुकसानदायक प्रभाव नहीं होते हैं। 

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पूजा ठाकुर

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