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प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे की समस्या होना काफी आम है, खासकर प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में। यह आमतौर सिबेशियस ग्लैंड (ऑयल प्रोडूस करने वाला ग्लैंड) में सीबम के अधिक उत्पादन के कारण होता है। सीबम, जो एक ऑयली, वैक्स पदार्थ है जो त्वचा के छिद्रों को ब्लाक कर सकता है और इससे आपके चेहरे पर इन्फेक्शन, सूजन और निशान पड़ सकते हैं।
यदि आप भी गर्भावस्था के दौरान मुंहासों की समस्या से परेशान हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत मददगार साबित होने वाला है। यहाँ इस लेख द्वारा आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाले मुंहासे के बारे में अधिक से अधिक सवालों के जवाब देने की कोशिश की गई है। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान होने मुंहासों के पीछे क्या कारण है।
हाँ, प्रेगनेंसी के दौरान मुंहासे होना काफी आम बात है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या बहुत गंभीर नहीं होती है और इसके लिए किसी विशेष उपचार की भी आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह समस्या काफी गंभीर हो सकती है और इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल चेंजेस के कारण काफी हद मुंहासों की समस्या पैदा होती है, लेकिन इसके और भी कई कारण हैं जिससे आपको चेहरे पर मुंहासों होने लगते हैं। आइए, नीचे उन कारणों पर एक नजर डालते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान मुंहासे होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं-
गर्भावस्था के दौरान आपको हेल्दी भोजन करना चाहिए और ऑयली चीजों से दूर रहना चाहिए। ऑयली और जंक फूड आपकी त्वचा पर बुरा प्रभाव डालते हैं, जिसकी वजह से मुंहासे होने लगते हैं। अपनी प्रेगनेंसी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फ्रेश फ्रूट और वेजिटेबल शामिल करने की कोशिश करें और हमेशा घर का बना ताजा और पौष्टिक खाना खाएं, यह आपकी एनर्जी लेवल को बनाए रखने में मदद करता है, आपका पाचन ठीक रहता और साथ ही आपकी त्वचा भी हेल्दी रहती है।
मुंहासे की समस्या हेरेडिटरी भी हो सकती है। यदि आपके माता-पिता को भी मुंहासे की समस्या रही होगी, तो संभावना है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान यदि आपको पहले से ही मुंहासे हैं तो इस समय यह और ज्यादा बढ़ जाएंगे।
आपका डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान केवल जरूरी दवाओं को लेने की सलाह देते हैं। हालांकि, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जिसकी वजह से आपको प्रेगनेंसी के दौरान मुंहासों का सामना करना पड़ता है। यदि आपको किसी दवा के साइड इफेक्ट से मुंहासे होने लगते हैं, तो आप अपने डॉक्टर से पूछ कर अपनी दवा बदल सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान आपको काफी स्ट्रेस हो जाता है, खासकर अगर आप पहली बार माँ बनने जा रही हैं। स्ट्रेस के कारण आपके मुंहासे और ज्यादा बढ़ सकते हैं। इसलिए आप सिंपल योगा और मेडिटेशन एक्सरसाइज करें, यह आपके स्ट्रेस को कम करने में मदद करेगा।
ज्यादातर किसी भी हेल्थ इशू को मैनेज किया जा सकता और अब सोच रही होंगी कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मुंहासों को ठीक किया जा सकता है, तो इसका जवाब है हाँ! लेकिन इससे आपको पॉजिटिव रिजल्ट मिल भी सकता है और नहीं भी। इस लेख में आपको गर्भावस्था के दौरान मुंहासों का इलाज करने के सुरक्षित और असुरक्षित तरीके बताए गए हैं, जिन्हें आपको ध्यान से पढ़ना चाहिए। हालांकि, अगर आप एक सेफ रेमेडी अपना सकती हैं, तो बेहतर है कि आप वही ऑप्शन चुने और कोई भी ऐसे तरीकों को न अपनाएं जिससे आपके बच्चे की हेल्थ पर इसका बुरा प्रभाव पड़े।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले मुंहासे ज्यादातर खुद ही डिलीवरी के बाद चले जाते हैं। तो, इससे पहले ही बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपनी त्वचा की अच्छे से देखभाल करें। लेकिन, गंभीर मामलों में इसका इलाज करने के लिए आपको डॉक्टर की मदद लेनी पड़ सकती है। मुंहासों का सेफ ट्रीटमेंट लेने के लिए कुछ एक्सपर्ट्स आपको एरीथ्रोमाइसिन या एजेलिक एसिड युक्त दवाओं का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं। दूसरे ऑप्शन में ओवर-द-काउंटर प्रोडक्ट, जिनमें बेंजोइल पेरोक्साइड या ग्लाइकोलिक एसिड हो, वो शामिल हैं। इन दवाओं को गर्भावस्था के दौरान लेना सेफ माना जाता है और इससे बच्चे में बर्थ डिफेक्ट होने का खतरा नही होता है। हालांकि, आपको किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बगैर नहीं करना है।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान मुंहासे के लिए दवाइयां नहीं लेना चाहती हैं, तो आप नीचे दी गई नेचुरल रेमेडी को आजमा सकती हैं।
ये नेचुरल रेमेडी गर्भवती महिलाओं के लिए आसान भी और सेफ भी है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान इन रेमेडी का असर देर से हो सकता है या फिर हो सकता है कि यह उपचार आपको सूट न करें, जैसे अपने सोचा था।
अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिड का क्लीन्जर बनाने के लिए 4 भाग सिरका लें और 1 भाग डिस्टिल्ड वाटर लें और इसे मिलाएं। इस मिक्सचर में नेचुरल एंजाइम मौजूद होते हैं। मुंहासों पर एप्पल साइडर विनेगर लगाने के लिए आप कॉटन बॉल का इस्तेमाल करें। इस रेमेडी से आपकी स्किन ऑयल फ्री हो जाएगी और साथ ही यह आपके मुंहासों का इलाज करने में भी मदद करता है।
सिट्रस फ्रूट में हाइड्रॉक्सी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जब इसे त्वचा पर लगाया जाता है, तो एक्सट्रेक्ट आपके स्किन के ब्लॉक्ड पोर्स को खोलने में मदद करता है और डेड सेल्स को आपकी त्वचा से हटाता है। यह अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण एक्सफोलिएंट के रूप में भी काम करता है। कॉटन बॉल का इस्तेमाल करके आप सीधे इसका उपयोग कर सकती हैं। इसे कुछ देर लगाकर सूखने दें और फिर पानी से धो लें ।
शहद में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जो आपकी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा होता है। शहद लगाने से पहले अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें। फिर, प्रभावित क्षेत्रों पर शहद लगाएं और इसे 20 से 30 मिनट तक लगा कर रखें फिर सादे पानी से इसे धो लें।
ओटमील और खीरे में क्लींजिंग, कुलिंग और त्वचा को शांत करने के गुण होते हैं। यह आपकी त्वचा से ऑयल को कम करता है और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मुंहासों को कम करता है। खीरे की कुछ स्लाइस और एक छोटा चम्मच ओटमील डालकर इसे मिक्सर में चलाएं और एक स्मूथ पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपने मुंहासे पर लगाएं। पेस्ट को 15 से 20 मिनट तक लगा कर रखें और फिर साफ पानी से इसे धो लें।
नींबू का रस विटामिन सी से भरपूर होता है और इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं। आप इसे थोड़े से पानी में घोलकर अपने चेहरे के प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। 5 से 10 मिनट के लिए इसे लगाकर छोड़ दें और फिर साफ पानी से अपना चेहरा धो लें।
एलोवेरा में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं और अक्सर इसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा खुजली वाली त्वचा से राहत दिलाने का काम करता है और आपकी रुखी त्वचा को हाइड्रेट भी करता है। इसे गर्भावस्था के दौरान स्टोर से खरीदे गए मॉइस्चराइजर के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पिंपल्स का उपचार करने के लिए हल्दी सबसे आसान, सबसे पुरानी और एक भरोसेमंद रेमेडी मानी जाती है। एक चुटकी हल्दी लें, इसमें कुछ बूंदें गुलाब जल की डालें और पेस्ट तैयार कर लें, इसके बाद आप इसे अपने पिंपल्स पर लगाएं। इसे कुछ देर सूखने दें फिर अपना चेहरा पानी से धो लें।
गर्भावस्था का समय बहुत ही नाजुक और महत्वपूर्ण होता है और गर्भवती महिलाओं को ऐसा कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहिए जिससे उन्हें या उनके बच्चे को कोई नुकसान पहुँचे । इसलिए, आपको गर्भावस्था के दौरान नीचे बताए गए इन उपचारों से हर हाल में बचना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले पिंपल्स आमतौर पर हार्मोनल चेंजेस के कारण होते हैं – मेल हार्मोन (एंड्रोजन) के ज्यादा होने से या फीमेल हार्मोन (एस्ट्रोजन) का लेवल कम होने ऐसा हो सकता है। मुंहासे के लिए हार्मोनल ट्रीटमेंट में “फीमेल” हार्मोन (एस्ट्रोजन), एंटी-एण्ड्रोजन फ्लूटामाइड और स्पिरोनोलैक्टोन जैसे सप्लीमेंट शामिल होते हैं। यह ट्रीटमेंट फीटस की ग्रोथ के लिए बहुत हानिकारक होते हैं और प्रेगनेंसी के समय इस ट्रीटमेंट से बचना ही बेहतर है।
इस ट्रीटमेंट में एंटीबायोटिक्स जैसे टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन और मिनोसाइक्लिन शामिल हैं। यह बच्चे के हड्डियों के विकास में रूकावट पैदा करते हैं परमानेंट टीथ को डिसकलर कर देते हैं। टेट्रासाइक्लिन और ओरल आइसोट्रेटिनोइन, दोनों ही उपचार के लिए ठीक नहीं है, इससे बच्चे में बिर्थ डिफेक्ट हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान आपको इस ट्रीटमेंट से बचने की सलाह दी जाती है।
नोट: गर्भावस्था के दौरान होने वाले मुंहासों का उपचार करने के लिए एरिथ्रोमाइसिन सुरक्षित मानी जाती है।
गर्भावस्था के दौरान रेटिन-ए, ट्रेटिनॉइन, आइसोट्रेटिनोइन और टाजरोटीन जैसे टॉपिकल रेटिनोइड गर्भावस्था के दौरान लेना आपके और बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं मानी जाती है हैं, क्योंकि त्वचा में अब्सॉर्ब हो जाती है ब्रेस्ट मिल्क से इसका स्राव होने लगता है। गर्भवती महिलाओं में टॉपिकल बीटा-हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए) और सैलिसिलिक एसिड की सेफ्टी भी स्पष्ट रूप से जाहिर नहीं की गई है। इसलिए, बेहतर है इन सभी से कि बचा जाए।
गर्भावस्था के दौरान मुंहासे का सुरक्षित रूप से इलाज करने के लिए अपनी त्वचा की खुद देखभाल करना बहुत जरूरी है। यहाँ आप बताया गया है कि आप अपनी त्वचा की देखभाल खुद कैसे कर सकती हैं:
गर्भावस्था के दौरान मुंहासों को होने से रोकने के लिए आपको कुछ सरल उपाय बताए गए हैं:
गर्भावस्था के दौरान होने वाले मुंहासे आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा होना कॉमन माना जाता है। कोशिश करें हेल्दी फूड खाने की आदत डालें और साफ सफाई बनाए रखें, ऐसा करने से आप मुंहासों की परेशानी से छुटकारा पा सकती हैं, लेकिन अगर इसके बावजूद भी आपको अगर आपको मुंहासे की समस्या होती है, तो याद रखें कि यह आपकी डिलीवरी के बाद खुद ही ठीक हो जाएंगे, अगर आप अपनी डाइट हेल्दी रखती हैं तो। इस समय पर दवाओं से इसका इलाज करने से बचना आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इससे आपके बच्चे को खतरा हो सकता है।
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