गर्भावस्था

गर्भावस्था की पहली तिमाही में एक्सरसाइज करना

सामान्य तौर पर हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है और इसे गर्भावस्था में भी किया जा सकता है। यद्यपि गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करना कठिन हो सकता है क्योंकि इस समय आपका शरीर तेजी से बदलता है, हॉर्मोन्स अनियंत्रित होते हैं और एक्सरसाइज करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को चोट भी लग सकती है। पर यदि आप सही तरीके से एक्सरसाइज करती हैं तो इससे इम्यून सिस्टम में सुधार होता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और गर्भावस्था में दर्द व तकलीफें कम हो सकती हैं और मांसपेशियों भी जल्दी ही ठीक हो जाती हैं। 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में फिट रहना

गर्भावस्था के दौरान आपको अपने वर्कआउट रूटीन में थोड़ी बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है। इस दौरान आपको वो सभी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए जिससे आपके शरीर में बहुत ज्यादा खिंचाव आ सकता है। गर्भावस्था में कम से कम वेट उठाना, कार्डियो कम करना और अपने शारीरिक थकान को समझना ही इन बदलावों का एक भाग है। पहली तिमाही में ही वर्कआउट का शेड्यूल मानसिक रूप से बदलना शुरू कर देना चाहिए। इस समय शारीरिक बदलावों के अनुकूल वर्कआउट करने के लिए आपको एक प्रोफेशनल ट्रेनर की मदद लेनी चाहिए। आप गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही योगा क्लास में जा सकती हैं, पिलाटे कर सकती हैं या कोई भी हल्की एक्सरसाइज कर सकती हैं। अपने जीवन के इस समय में यदि संभव है तो एक्सरसाइज करने के लिए आपको एक पर्सनल ट्रेनर की मदद लेनी चाहिए। 

आपको कहाँ से शुरूआत करनी चाहिए?

आप अपना वर्कआउट रूटीन बनाने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जरूर चर्चा करें। शुरुआत से ही चेक-अप और डॉक्टर की सलाह लेने से आपको यह पता करने में मदद मिलती है कि गर्भ में पल रहे बच्चे में बदलाव कब व कैसे होंगे और आपको अपने बच्चे और खुद की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए। डॉक्टर से बात करते समय यह पूछने की सलाह भी दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान आपको कौन सी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि भले ही आप गर्भवती हों पर फिर भी वर्कआउट के समय में आपके लिए वॉर्म अप करना, स्ट्रेचिंग करना और कूल डाउन होना बहुत जरूरी है। 

आप सुरक्षित रूप से वर्कआउट करने के लिए शुरूआत में 15 मिनट तक कार्डियो कर सकती हैं, ट्रेडमिल या एलिप्टिकल मशीन पर धीरे-धीरे चल सकती हैं। आप वॉर्म-अप करने से पहले और बाद में हल्की-हल्की स्ट्रेचिंग करें। इस समय वेट उठाना भी आपके लिए सही हो सकता है पर इस बात का ध्यान रखें कि आप हल्के वेट ही उठाएं और कम एनर्जी से वर्कआउट करें, ताकि आपके शरीर में ज्यादा तनाव न आए। ध्यान रखें कि गर्भावस्था में आपको बहुत ज्यादा कठिन एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, जैसे क्रॉसफिट। 

गर्भावस्था की पहली तिमाही के लिए बेस्ट एक्सरसाइज

वर्कआउट प्लान करने से पहले आपको इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए और एक अनुभवी पर्सनल ट्रेनर से गर्भावस्था के लिए कुछ विशेष एक्सरसाइज के बारे में जानना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पहली तिमाही की एक्सरसाइज दूसरी व तीसरी तिमाही की तुलना में ज्यादा कठिन हो सकती है। पर इस दौरान एक्सरसाइज करते समय यह सलाह दी जाती है कि आप उतनी ही एक्सरसाइज करें जितना आपका शरीर कर सकता है। 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में एक्सरसाइज करने के लिए यहाँ कुछ अच्छे और आसान वर्कआउट बताए हुए हैं जो बहुत प्रभावी हैं, आइए जानें;

1. योगा

गर्भावस्था के दौरान योगा करना भी एक पूरा वर्कआउट ही होता है जिससे आपको एनर्जी मिलती है। योगा में कार्डियो एक्सरसाइज होती है जिससे आपके शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और यह डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी जाना जाता है। अच्छी बात यह है कि गर्भावस्था में योगा करने के लिए आपको नियमित रूप से इंस्ट्रक्टर की आवश्यकता नहीं है। इसका यह मतलब है कि यह वर्कआउट आपकी गर्भावस्था के लिए ही डिजाइन किया गया है और आपको योग प्रोफेशनल इंस्ट्रक्टर से ही सीखना चाहिए। 

आपको कितना करना चाहिए 

यदि आप गर्भवती हैं तो सप्ताह में लगभग एक बार 10 मिनट के लिए योग जरूर करें। 

2. पिलाटे

गर्भावस्था में योग की तरह ही पिलाटे भी शरीर की एनर्जी और फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है। यह एक्सरसाइज धीरे-धीरे की जाती है पर इससे प्रभाव बहुत ज्यादा पड़ता है। पिलाटे शरीर में खून के बहाव को बढ़ाने के लिए जाना जाता है और यदि आप इसे करने के लिए एक्सपर्ट की मदद लेती हैं तो गर्भावस्था के किसी भी चरण में यह आपके लिए सुरक्षित है। 

आपको कितना करना चाहिए 

गर्भावस्था के दौरान इस एक्सरसाइज को सप्ताह में सिर्फ एक बार करना चाहिए। 

3. स्क्वाट

स्क्वाट करने से आपके शरीर के निचला हिस्सा मजबूत होता है। स्क्वाट्स करने से ग्रोइन क्षेत्र को मजबूत बनने में मदद मिलती है और यह डिलीवरी के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह एक्सरसाइज करने से काव्स, हैम्स्ट्रिंग्स और क्वाड्स मांसपेशी मजबूत होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि स्क्वाट्स करते समय आप अपने दोनों घुटनों को एक साथ न जोड़ें। 

आपको कितना करना चाहिए 

यह एक्सरसाइज को आप 10-15 बार सप्ताह में लगभग 3 दिन कर सकती हैं। 

4. स्विमिंग

स्विमिंग करने से शरीर टोन रहता है, कार्डियो वर्कआउट के लिए भी सही है, स्विमिंग करने से पूरे शरीर को टोन होने में मदद मिलती है और यह एक गर्भवती महिला के लिए भी सही है। वास्तव में कुछ परंपराओं के अनुसार एक गर्भवती महिला को पानी में फ्लोट होने के लिए कहा जाता है क्योंकि इससे शरीर का तनाव कम होता है। अच्छी बात यह है कि स्विमिंग करने से शरीर के जोड़ों पर तनाव नहीं आता है और यह एक्सरसाइज बिना नुकसान दिए आपको फायदा पहुँचा सकती है। 

आपको कितना करना चाहिए 

गर्भावस्था में आप सप्ताह में लगभग 4 बार स्विमिंग कर सकती हैं पर इसका हर एक सेशन 30 मिनट से ज्यादा का नहीं होना चाहिए। 

5. जॉगिंग

जॉगिंग एक सबसे सरल व सुरक्षित एक्सरसाइज होती है, इसे धीरे-धीरे करने से स्टेमिना बढ़ताह है, यह शरीर में खून के बहाव को रेगुलेट करता है और इससे आपकी फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। गर्भावस्था की पहली तिमाही के लिए जॉगिंग ही सबसे सही एक्सरसाइज है। गर्भावस्था बढ़ने पर आप जॉगिंग के बजाय तेजी से वॉक भी कर सकती हैं। इस समय आपको बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है और इसका मतलब यह है कि आप उतनी ही तेजी से एक्सरसाइज करें जितनी आपके लिए सही हो। 

आपको कितना करना चाहिए 

यदि आप कभी-कभी जॉगिंग भी करती हैं तो यह आपको सप्ताह में 3 बार करनी चाहिए। 

6. स्पिनिंग

स्पिनिंग क्लास एरोबिक वर्कआउट के लिए सबसे सही है। यह वर्कआउट थोड़ा कठिन होता है परंतु इससे शरीर में तनाव कम आता है। यह एक्सरसाइज आपकी हार्ट रेट को हेल्दी व नियंत्रित रूप से प्रभावित करती है और यह आपके लिए सुरक्षित भी है। स्पिनिंग करने से आपकी कैलोरीज कम होती है, यह शरीर के निचले भाग को टोन करता है और यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करता है। 

आपको कितना करना चाहिए 

गर्भावस्था के दौरान आपको सप्ताह में लगभग एक बार स्पिनिंग करना चाहिए। 

7. वेट लिफ्टिंग

एनर्जी को बढ़ाने के लिए वेट लिफ्टिंग करना ही बेहतर है, इससे आपके पूरे शरीर की मांसपेशियां भी टोन होती हैं। यदि इसे सही तरीके से किया जाए तो यह बाद के दिनों में गर्भावस्था के दौरान अधिक वजन को पूरे शरीर में समान रूप से बांट सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप गर्भवती हैं तो आपको ज्यादा भारी वेट्स नहीं उठाने चाहिए और साथ ही इसे करते समय एक सही मुद्रा बनाए रखें व अपने जोड़ों को लॉक न करें। 

आपको कितना करना चाहिए 

गर्भावस्था के दौरान आपको सप्ताह में दो बार धीरे-धीरे यह वर्कआउट करना चाहिए। 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में एक्सरसाइज करने के टिप्स

गर्भावस्था के दौरान यदि आप सुरक्षित तरीके से और संयम से एक्सरसाइज करती हैं तो यह आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में एक्सरसाइज करने के कुछ टिप्स यहाँ दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;

  • यदि आप गर्भवती हैं और आप इस समय में वर्कआउट भी करती हैं तो आपको अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त आराम भी करना चाहिए।
  • एक्सरसाइज के दौरान यदि आप थक जाती हैं तो इसे ज्यादा न करें। यदि आपको आराम की जरूरत है तो जबरदस्ती वर्कआउट बिलकुल भी न करें।
  • यदि आप गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करती हैं तो अपनी डायट में सही न्यूट्रिशन शामिल जरूर करें। अपने लिए हेल्दी और संतुलित डायट प्लान करने के लिए आपको न्यूट्रिशनिस्ट से बात करनी चाहिए।
  • यदि आप गर्भावस्था में एक्सरसाइज करती हैं तो इस समय डॉक्टर का अपॉइंटमेंट भी लेकर रखें। इससे डॉक्टर आपके व आपके बच्चे के स्वास्थ्य को मॉनिटर कर सकेंगे और अगर आपको रूटीन बदलने की जरूरत है तो डॉक्टर इसके बारे में भी बता सकते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करते समय आपको हमेशा हाइड्रेटेड रहने की जरूरत है और इस समय ठीक होने के लिए हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ का भी सेवन करें। इस समय यदि आपको उल्टी व मतली होती है तो यह डिहाइड्रेशन के लक्षण हो सकते हैं।

यदि आप इस बात का पूरा खयाल रखती हैं कि गर्भावस्था के दौरान आप मेडिकल एक्सपर्ट की मदद से एक्सरसाइज कर रही हैं तो पहली तिमाही में आपको इससे बहुत फायदा मिल सकता है और यह जरूरी भी है। इस समय आपके लिए पर्सनल ट्रेनर की सहायता लेना बहुत जरूरी है। यह जरूरी है कि आप गर्भावस्था में अपने शरीर को बहुत ज्यादा तनाव न दें क्योंकि इससे आपको थकान हो सकती है और यह आपके और बच्चे के लिए सही नहीं है। यह भी सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था में रोजाना नियमित समय के लिए ही एक्सरसाइज करें और इसे अपने रूटीन में शामिल कर लें। आप रोजाना 30-90 मिनट के लिए ही एक्सरसाइज करें और याद रखें कि आपको अपनी एनर्जी से ज्यादा वर्कआउट नहीं करना है। 

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