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यदि आपने माता-पिता बनने का निर्णय किया है, तो यह एक महत्वपूर्ण किंतु कठिन निर्णय है और काफी सोच-विचार के बाद ही यह निर्णय लेना चाहिए। स्त्री गर्भवती है या नहीं यह जांचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इसका रक्त परीक्षण करवा लें। गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में यह परीक्षण किया जाता है जो माता-पिता बनने के आपके सफर की पुष्टि की करता है।
महिला के गर्भ में बच्चा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए गर्भावस्था रक्त परीक्षण किया जाता है। अभिभावक बनने की यात्रा का यह पहला चरण होता है।
गर्भावस्था के रक्त परीक्षण में कुछ निश्चित कारकों का ध्यान रखा जाता है
हालांकि, गर्भावस्था के लिए मूत्र-आधारित परीक्षण घर पर काफी आसानी से किया जा सकता है, लेकिन इसका परिणाम हमेशा सटीक नहीं होता है, क्योंकि इसमें गर्भाधारण से लेकर अगली माहवारी तक का समय स्पष्ट नहीं होता। अतः गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण कराने से गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में ही इसका पता चल जाता है।
गर्भावस्था की जांच के लिए दो प्रकार के रक्त परीक्षण किए जाते हैं।यह निर्भर करता है कि इसे कब लिया जाना है, चाहे फिर वो नकारात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण हो या सकारात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण हो।
गर्भावस्था रक्त परीक्षण दो प्रकार के होते हैं
क्वॉलिटेटिव रक्त परीक्षण के लिए नस से रक्त के नमूने लेने में, वीनपंक्चर नामक एक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। यह तुरंत संपन्न हो जाता है और इसे रक्त में एच.सी.जी. का स्तर मापने के लिए केवल एक बार किया जाता है।
गर्भावस्था की जांच के लिए इस परीक्षण में भी वीनपंक्चर विधि का उपयोग किया जाता है और 48-72 घंटे के अंतराल में दो बार रक्त लिया जाता है। इस परीक्षण से भी रक्त में एच.सी.जी. के स्तर की जांच की जाती है और यह ज्यादा सटीक परिणाम देता है, क्योंकि यदि कहीं गलती से पहले परीक्षण का परिणाम नकारात्मक आ जाता है तब भी दूसरा परीक्षण करने से पहले एक लंबे समय का अंतराल होता है।
परीक्षण हो जाने के बाद, आपके स्त्रीरोग विशेषज्ञ या लैब तकनीशियन आपको गर्भावस्था के रक्त परीक्षण के परिणाम समझाएंगे। एक तकनीशियन या नर्स इस परीक्षण को पूरा करते हैं, जिसमें वे पहले कलाई अथवा हाथ के आसपास की नस से रक्त निकालते हैं। रक्त को किसी सुई में या शीशी में एकत्र किया जाता है। परीक्षण आमतौर पर एक अलग निदान प्रयोगशाला में किए जाते हैं जहाँ से रिपोर्ट आपके डॉक्टर को भेजी जाती है या आपको रिपोर्ट एकत्र करने के लिए वहाँ जाना पड़ता है। इस परीक्षण के जरिए आमतौर पर रक्त में एच.सी.जी या गर्भावस्था हार्मोन के स्तर की पुष्टि और निर्धारण किया जाता है।
क्वांटिटेटिव एच.सी.जी. परीक्षण के परिणाम दर्शाते हैं कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में एच.सी.जी. का स्तर बढ़ता है और आगे जाकर कम होने लगता है।
परीक्षण के कुछ विवेचन इस प्रकार हैं:-
एच.सी.जी. का स्तर यदि सामान्य से कम है, तो निम्न लक्षण हो सकते हैं:
गर्भावस्था रक्त परीक्षण यदि डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) के लगभग 7 दिनों के बाद यानि मासिक धर्म की अगली तारीख से एक हफ्ते पहले किए जाएं तो ये 98-99% सटीक होते हैं। हालांकि गलत नकारात्मक परिणामों और गलत सकारात्मक परिणामों की भी संभावना होती है ।
गलत नकारात्मक परिणाम
इसका अर्थ है कि परीक्षण के परिणामों के अनुसार आप गर्भवती नहीं हैं जबकि आप वास्तव में गर्भवती होती हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब परीक्षण बहुत जल्दी कर लिया जाता है, अर्थात जब रक्त में एच.सी.जी. के स्तर को सुनिश्चित कर पाना मुश्किल होता है, तब परिणाम नकारात्मक हो सकता है। यदि आपको लगता है कि परिणाम सही नहीं है और आपको गर्भ में बच्चे की मौजूदगी का अहसास हो रहा है, तो आपको 48-72 घंटों के भीतर दोबारा परीक्षण करवाना चाहिए।
गलत सकारात्मक परिणाम
इसमें, आप गर्भवती नहीं होती हैं लेकिन परीक्षण दिखाता है कि आप गर्भवती हैं, हालांकि यह एक दुर्लभ स्थिति होती है। ऐसा तब हो सकता है, जब या तो आप कुछ दवाएं ले रहीं हों या फिर आपको कोई स्वास्थ संबंधी समस्याएं हो जिसके चलते एच.सी.जी. का स्तर बढ़ गया हो।
कुछ दवाएं हैं जो गर्भावस्था के लिए किए गए रक्त परीक्षण की सटीकता को प्रभावित कर सकती हैं। उनमें से कुछ यहाँ नीचे दी गई हैं।
यदि आप सोच रही हैं कि रक्त परीक्षण से आप अपनी गर्भाधारण का पता कब लगा सकती हैं या फिर अगर आप और आपके साथी बच्चा पैदा करने को प्रयत्नशील हैं, तो जैसे ही आपका पहला मासिक धर्म रुके, आपको ठीक तभी गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण करवाना चाहिए।
आजकल रक्त आधारित गर्भावस्था परीक्षण करवाने में जोखिम न के बराबर होते हैं, क्योंकि यह काफी आम हो चुका है। कुछ जोखिम निम्नवत हैं:
यदि आप प्रारंभिक दिनों में रक्त आधारित गर्भावस्था परीक्षण कराती हैं, तो इस बात कि संभावना है कि परिणाम गलत हो सकते हैं भले ही आप गर्भवती हों।
आपको गर्भावस्था की जांच के लिए रक्त परीक्षण किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञ के क्लिनिक या निदान केंद्र में कराना होता है और इसे घर पर नहीं किया जा सकता है। आप सोच रही होंगी कि गर्भावस्था के लिए किए गए रक्त परीक्षण के परिणाम आने में कितना समय लगता है। यह निदान केंद्रों पर निर्भर करता है और परीक्षण करवाने के लिए आपको अलग से समय निकालना पड़ेगा।
यदि आपको अंदेशा है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो पहले आपको घर पर ही गर्भावस्था परीक्षण, या मूत्र परीक्षण कर लेना चाहिए और फिर गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए रक्त परीक्षण अवश्य करवाएं। मात-पिता बनने के इस सफर में आप अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करें, क्योंकि यह ऐसी जिम्मेदारी है जो जीवन भर आपके साथ रहने वाली है।
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