गर्भधारण

गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण

यदि आपने माता-पिता बनने का निर्णय किया है, तो यह एक महत्वपूर्ण किंतु कठिन निर्णय है और काफी सोच-विचार के बाद ही यह निर्णय लेना चाहिए। स्त्री गर्भवती है या नहीं यह जांचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इसका रक्त परीक्षण करवा लें। गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में यह परीक्षण किया जाता है जो माता-पिता बनने के आपके सफर की पुष्टि की करता है। 

गर्भावस्था रक्त परीक्षण क्या है

महिला के गर्भ में बच्चा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए गर्भावस्था रक्त परीक्षण किया जाता है। अभिभावक बनने की यात्रा का यह पहला चरण होता  है।

गर्भावस्था के रक्त परीक्षण में कुछ निश्चित कारकों का ध्यान रखा जाता है

  • मूत्र परीक्षण जहाँ घर पर किया जा सकता है, वहीं गर्भावस्था रक्त परीक्षण किसी क्लिनिक या फिर किसी निदान केंद्र (डायग्नोस्टिक सेंटर) में एक विशेषज्ञ द्वारा ही किया जाता है।
  • आप गर्भवती हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए रक्त गर्भावस्था परीक्षण लिया जाता है।
  • इस परीक्षण के माध्यम से शरीर में एच.सी.जी. (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन) यानि गर्भावस्था हार्मोन के स्तर को जांचा जाता है, जिसमें तभी वृद्धि पाई जाती है जब आप गर्भवती हों।
  • इस परीक्षण में महिला के शरीर से नमूने के तौर पर रक्त की कुछ बूंदें निकाली जाती हैं और फिर एच.सी.जी. का परीक्षण किया जाता है।
  • गर्भधारण के लगभग 8-10 दिनों के बाद एच.सी.जी. हार्मोन का पता चलता है।

गर्भावस्था की पुष्टि के लिए आपको रक्त परीक्षण क्यों कराना चाहिए

हालांकि, गर्भावस्था के लिए मूत्र-आधारित परीक्षण घर पर काफी आसानी से किया जा सकता है, लेकिन इसका परिणाम हमेशा सटीक नहीं होता है, क्योंकि इसमें गर्भाधारण से लेकर अगली माहवारी तक का समय स्पष्ट नहीं होता। अतः गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण कराने से गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में ही इसका पता चल जाता है।

गर्भावस्था की जांच के लिए किए जाने वाले रक्त परीक्षण के प्रकार

गर्भावस्था की जांच के लिए दो प्रकार के रक्त परीक्षण किए जाते हैं।यह निर्भर करता है कि इसे कब लिया जाना है, चाहे फिर वो नकारात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण हो या सकारात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण हो।

गर्भावस्था रक्त परीक्षण दो प्रकार के होते हैं

  1. क्वॉलिटेटिव एच.सी.जी. रक्त परीक्षण – इसमें जांच की जाती है कि शरीर में गर्भावस्था हार्मोन का उत्पादन हो रहा है या नहीं।
  2. क्वांटिटेटिव एच.सी.जी. रक्त परीक्षण – यह परीक्षण 48 घंटों के बाद यह जांचने के लिए किया जाता है कि आपके शरीर में एच.सी.जी. का उत्पादन एक निश्चित स्तर पर हो रहा है या नहीं।

क्वॉलिटेटिव ब्लड सीरम टेस्ट

क्वॉलिटेटिव रक्त परीक्षण के लिए नस से रक्त के नमूने लेने में, वीनपंक्चर नामक एक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। यह तुरंत संपन्न हो जाता है और इसे रक्त में एच.सी.जी. का स्तर मापने के लिए केवल एक बार किया जाता है।

क्वांटिटेटिव ब्लड सीरम टेस्ट

गर्भावस्था की जांच के लिए इस परीक्षण में भी वीनपंक्चर विधि का उपयोग किया जाता है और 48-72 घंटे के अंतराल में दो बार रक्त लिया जाता है। इस परीक्षण से भी रक्त में एच.सी.जी. के स्तर की जांच की जाती है और यह ज्यादा सटीक परिणाम देता है, क्योंकि यदि कहीं गलती से पहले परीक्षण का परिणाम नकारात्मक आ जाता है तब  भी दूसरा परीक्षण करने से पहले एक लंबे समय का अंतराल होता है।

परीक्षण कैसे किया जाता है

परीक्षण हो जाने के बाद, आपके स्त्रीरोग विशेषज्ञ या लैब तकनीशियन आपको गर्भावस्था के रक्त परीक्षण के परिणाम समझाएंगे। एक तकनीशियन या नर्स इस परीक्षण को पूरा करते हैं, जिसमें वे पहले कलाई अथवा हाथ के आसपास की नस से रक्त निकालते हैं। रक्त को किसी सुई में या शीशी में एकत्र किया जाता है। परीक्षण आमतौर पर एक अलग निदान प्रयोगशाला में किए जाते हैं जहाँ से रिपोर्ट आपके डॉक्टर को भेजी जाती है या आपको रिपोर्ट एकत्र करने के लिए वहाँ जाना पड़ता है। इस परीक्षण के जरिए आमतौर पर रक्त में एच.सी.जी या गर्भावस्था हार्मोन के स्तर की पुष्टि और निर्धारण किया जाता है।

परीक्षण के परिणामों की व्याख्या कैसे की जाती है

क्वांटिटेटिव एच.सी.जी. परीक्षण के परिणाम दर्शाते हैं कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में एच.सी.जी. का स्तर बढ़ता है और आगे जाकर कम होने लगता है। 

परीक्षण के कुछ विवेचन इस प्रकार हैं:-

  1. एक से अधिक भ्रूण, अर्थात जुड़वां या 2 से अधिक शिशु होना
  2. ओवेरियन कैंसर की संभावना के लक्षण
  3. गर्भाशय में गैर-कैंसरकारी ट्यूमर तो नहीं है
  4. गर्भाशय में कोई संक्रमण अथवा घातक ट्यूमर की संभावना

एच.सी.जी. का स्तर यदि सामान्य से कम है, तो निम्न लक्षण हो सकते हैं:

  1. भ्रूण की संभावित मृत्यु
  2. आंशिक अथवा संपूर्ण गर्भपात
  3. अस्थानिक गर्भावस्था

गर्भावस्था रक्त परीक्षण के परिणाम कितने सटीक होते हैं

गर्भावस्था रक्त परीक्षण यदि डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) के लगभग 7 दिनों के बाद यानि मासिक धर्म की अगली तारीख से एक हफ्ते पहले किए जाएं तो ये 98-99% सटीक होते हैं। हालांकि गलत नकारात्मक परिणामों और गलत सकारात्मक परिणामों की भी संभावना होती है ।

गलत नकारात्मक परिणाम

इसका अर्थ है कि परीक्षण के परिणामों के अनुसार आप गर्भवती नहीं हैं जबकि आप वास्तव में गर्भवती होती हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब परीक्षण बहुत जल्दी कर लिया जाता है, अर्थात जब रक्त में एच.सी.जी. के स्तर को सुनिश्चित कर पाना मुश्किल होता है, तब परिणाम नकारात्मक हो सकता है। यदि आपको लगता है कि परिणाम सही नहीं है और आपको गर्भ में बच्चे की मौजूदगी का अहसास हो रहा है, तो आपको 48-72 घंटों के भीतर दोबारा परीक्षण करवाना चाहिए।

गलत सकारात्मक परिणाम

इसमें, आप गर्भवती नहीं होती हैं लेकिन परीक्षण दिखाता है कि आप गर्भवती हैं, हालांकि यह एक दुर्लभ स्थिति होती है। ऐसा तब हो सकता है, जब या तो आप कुछ दवाएं ले रहीं हों या फिर आपको कोई स्वास्थ संबंधी समस्याएं हो जिसके चलते एच.सी.जी. का स्तर बढ़ गया हो।

वे दवाएं जो परिणामों की सटीकता को प्रभावित कर सकती हैं

कुछ दवाएं हैं जो गर्भावस्था के लिए किए गए रक्त परीक्षण की सटीकता को प्रभावित कर सकती हैं। उनमें से कुछ यहाँ नीचे दी गई हैं। 

  1. हिप्नोटिक – नींद की दवाइयां लेने से एच.सी.जी. का स्तर प्रभावित हो सकता है।
  2. प्रोमेथाजिन –  एलर्जी, सर्दी-खांसी या फिर मोशन सिकनेस के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली यह दवा, एच.सी.जी. के स्तर को बढ़ा या घटा सकती है।
  3. दौरों की रोकथाम करने वाली दवा।
  4. पार्किंसंस रोग के इलाज के लिए ली जाने वाली कोई दवा।
  5. एच.सी.जी युक्त कोई भी दवा जैसे ए.पी.एल., प्रोफसी, कोरेक्स, नोवेरेल या ओविड्रेल।
  6. फेनोथियाजाइन ड्रग्स जैसे क्लोर्प्रोमजीन या थोरजाइन।

रक्त परीक्षण से कितनी जल्दी गर्भावस्था की पुष्टि हो सकती है

यदि आप सोच रही हैं कि रक्त परीक्षण से आप अपनी गर्भाधारण का पता कब लगा सकती हैं या फिर अगर आप और आपके साथी बच्चा पैदा करने को प्रयत्नशील हैं, तो जैसे ही आपका पहला मासिक धर्म रुके, आपको ठीक तभी गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण करवाना चाहिए।

  1. जब प्लेसेंटा में आरोपण होता है तब एच.सी.जी. का उत्पादन शुरू हो जाता है और मासिक धर्म रुकने के केवल 10 दिनों के बाद ही रक्त में इसका पता चल जाता है। यही वह समय है जब आपको गर्भावस्था रक्त परीक्षण करवा लेना चाहिए।
  2. गर्भावस्था के पहले दो महीनों के दौरान एच.सी.जी का स्तर तेजी से बढ़ता है। हार्मोन में तेजी से बदलाव होने के कारण रक्त परीक्षण के माध्यम से गर्भाधारण के 10-12 दिनों के बाद गर्भावस्था का पता लगाना काफी आसान हो जाता है।
  3. यदि आपने गर्भावस्था की जांच के लिए रक्त परीक्षण कराया है, तो आपको निदान केंद्र से रिपोर्ट आने के लिए एक या दो दिन का इंतजार करना होगा।
  4. गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में एच.सी.जी. का निर्धारण करने के लिए, रक्त लेने में कम से कम 48 घंटों का अंतराल रखा जाता है। प्रत्येक 48 घंटों में हार्मोन की संख्या दोगुनी हो जाती है, इसलिए यदि आप गर्भवती हैं तो आपको सटीक परिणाम प्राप्त होंगे।

रक्त का उपयोग कर गर्भावस्था परीक्षण कराने के जोखिम

आजकल रक्त आधारित गर्भावस्था परीक्षण करवाने में जोखिम न के बराबर होते हैं, क्योंकि यह काफी आम हो चुका है। कुछ जोखिम निम्नवत हैं:

  1. गर्भावस्था के लिए रक्त परीक्षण कराने का सबसे बड़ा जोखिम है, गलत सकारात्मक परिणाम जो माँ द्वारा ली जा रही विभिन्न दवाओं के कारण होता है
  2. जहाँ सुई लगाई जाती हैं वहाँ हल्का घाव हो सकता है
  3. चक्कर आना
  4. बेहोशी (दुर्लभ मामलों में)
  5. संक्रमण (दुर्लभ मामलों में)
  6. रूधिरगुल्म (हेमाटोमा), जो त्वचा के नीचे रक्त जमा होने के कारण होता है

क्या गर्भावस्था रक्त परीक्षण गलत हो सकता है

यदि आप प्रारंभिक दिनों में रक्त आधारित गर्भावस्था परीक्षण कराती हैं, तो इस बात कि संभावना है कि परिणाम गलत हो सकते हैं भले ही आप गर्भवती हों।

  1. गर्भधारण की तिथि के आधार पर रक्त में गर्भावस्था के हार्मोन की वृद्धि में समय लगता है और इसलिए रक्त परीक्षण आमतौर पर 98-99% सटीक होते है।
  2. हालांकि, दवा और कई अन्य कारक परीक्षण की सटीकता को प्रभावित कर सकते हैं। अगर अभी भी आपका मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ है, तो 10 दिनों के भीतर फिर से परीक्षण करा लेना बेहतर होगा।
  3. महिलाएं यदि प्रजनन संबंधी दवाएं ले रही हों, तो ऐसी परिस्थिति में परीक्षण गलत सकारात्मक परिणाम दिखाता है,  क्योंकि यह उपचार के दौरान एच.सी.जी. के बढ़े हुए स्तर को माप लेता है।

क्या आप घर पर यह टेस्ट कर सकती हैं

आपको गर्भावस्था की जांच के लिए रक्त परीक्षण किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञ के क्लिनिक या निदान केंद्र में कराना होता है और इसे घर पर नहीं किया जा सकता है। आप सोच रही होंगी कि गर्भावस्था के लिए किए गए रक्त परीक्षण के परिणाम आने में कितना समय लगता है। यह निदान केंद्रों पर निर्भर करता है और परीक्षण करवाने के लिए आपको अलग से समय निकालना पड़ेगा।

यदि आपको अंदेशा है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो पहले आपको घर पर ही गर्भावस्था परीक्षण, या मूत्र परीक्षण कर लेना चाहिए और फिर गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए रक्त परीक्षण अवश्य करवाएं। मात-पिता बनने के इस सफर में आप अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करें, क्योंकि यह ऐसी जिम्मेदारी है जो जीवन भर आपके साथ रहने वाली है।

यह भी पढ़ें:

मूत्र गर्भावस्था परीक्षण
मासिक धर्म न होने के बाद गर्भावस्था के लक्षण

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago