In this Article
हर गर्भवती महिला एक हेल्दी बच्चा चाहती है और सर्विक्स की लंबाई भी गर्भावस्था में होने वाले कॉम्प्लीकेशन्स में एक कारक हो सकती है। इस आर्टिकल में सर्विक्स की लंबाई और यह गर्भावस्था को कैसे प्रभावित कर सकती है इस बारे में जानकारी दी गई है, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
सर्विक्स तीन सेंटीमीटर की एक कैनाल होती है जो गर्भाशय को वजायना से जोड़ती है। सर्वाइकल लेंथ (सर्वाइकल लंबाई) साधारण रूप से कैनाल की लंबाई होती है जिसमें सर्वाइकल ओपनिंग भी शामिल है। बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए गर्भवती महिला में सर्वाइकल लेंथ भी उचित होनी चाहिए।
एक महिला के गर्भवती होने तक सर्विक्स दृढ़ रहती है और एक बार गर्भधारण करने के बाद इसकी मांसपेशियां कम हो जाती हैं और यह छोटी व पतली भी हो जाती है। इसे सर्वाइकल एफेसमेन्ट भी कहा जाता है जिसमें जन्म के समय में बच्चा सर्वाइकल कैनाल के अंदर सही से आ सकता है। हालांकि यदि महिला की सर्विक्स बहुत छोटी है तो उसे प्रीटर्म डिलीवरी का खतरा होता है और बच्चे के प्रीमैच्योर जन्म के साथ कई कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं।
नहीं, सर्विक्स का छोटा होना और सर्वाइकल इन्सफिशिएंसी अलग-अलग हैं। सर्विक्स का छोटा होना सर्वाइकल कैनाल की लंबाई से संबंधित है। सर्वाइकल इन्सफिशिएंसी प्रीमैच्योर सर्वाइकल एफेसमेन्ट और डायलेशन है जो मांसपेशियों के कमजोर व अस्थिर होने की वजह से होती है। सर्वाइकल इन्सफिशिएंसी की वजह से सर्वाइकल लेंथ छोटी हो सकती है।
सर्विक्स की लंबाई या सर्वाइकल लेंथ कई कारकों से प्रभावित होती है, आइए जानें;
कुछ महिलाओं में प्राकृतिक रूप से ही सर्विक्स छोटी होती है। उनका शरीर ऐसा ही बना होता है।
एकाधिक गर्भावस्था में गर्भाशय क्षमता से अधिक स्ट्रेच होता है। यह नीचे की ओर सर्विक्स पर दबाव डालता है जिस वजह से इसकी लंबाई कम हो जाती है।
सर्वाइकल इन्सफिशिएंसी या अब्नॉर्मल सर्विक्स भी एक समस्या है जिसमें सर्विक्स की मांसपेशियां मजबूत नहीं होती हैं और इससे सर्वाइकल लेंथ में प्रभाव पड़ता है।
ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद से सर्विक्स की लंबाई मापी जा सकती है। गर्भावस्था के 24वें सप्ताह में सर्विक्स की लंबाई लगभग 3.5 – 5 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। गर्भावस्था के 28वें सप्ताह में इसकी लंबाई 3.5 – 4 सेंटीमीटर और 32वें सप्ताह में सर्वाइकल लेंथ 3 – 3.5 सेंटीमीटर होनी चाहिए। 2.5 सेंटीमीटर से छोटी सर्विक्स होने के कारण प्रीटर्म जन्म हो सकता है।
यदि महिला की एकाधिक गर्भावस्था है या उसकी पहले भी प्रीमैच्योर डिलीवरी और मिसकैरेज हो चुका है तो ऐसे में डॉक्टर अक्सर सर्वाइकल लेंथ जांचने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह देते हैं।
यदि सर्विक्स बहुत छोटी है तो आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, आइए जानें;
इस दौरान आपको पूर्ण आराम यानि बेड रेस्ट करना चाहिए। लेटने से गर्भाशय और बच्चे द्वारा सर्विक्स पर दबाव कम पड़ता है जिस वजह से इसमें क्षति जल्दी नहीं होती है।
यह एक माइनर सर्जरी होती है जिसमें डॉक्टर सर्विक्स को बंद करने के लिए कुछ टांके लगाते हैं। यह प्रक्रिया जल्दी हो जाती है और इसमें महिला को पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है। यह अक्सर उन महिलाओं के लिए किया जाता है जिनकी पहले भी प्रीटर्म डिलीवरी हो चुकी है। कुछ डॉक्टर का मानना है कि सरक्लेज से इन्फेक्शन और सूजन की समस्या भी हो सकती है पर इसे दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
इस उपचार में डॉक्टर गर्भावस्था के प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन्स को सर्विक्स की जगह पर रखते हैं। प्रोजेस्टेरोन की मदद से गर्भाशय को आराम मिलता है।
सर्विक्स को काफी हद तक बंद रखने और सपोर्ट के लिए सिलिकॉन डिवाइस का उपयोग किया जाता है जिसे पेसरी कहते हैं।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में आपको पता होना जरूरी है। गर्भावस्था में सर्वाइकल लेंथ एक मुख्य भूमिका निभाती है इसलिए इसके बारे में जानकारी रखना जरूरी है। यदि गर्भावस्था के दौरान सर्वाइकल लेंथ के बारे में आपको और अधिक जानना है तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
यह भी पढ़ें:
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…
भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…
शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…
शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…
ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…