भारतीय संस्कृति में उपवास की एक अहम मान्यता है। पूरे भारत में किसी न किसी खास मौके पर व्रत रखने का चलन है। भारत में अन्य धर्मों में भी उपवास की बहुत अहमियत है। करवा चौथ उत्तर भारत की महिलाओं के लिए एक बहुत ही खास त्यौहार है। इस दिन वह अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। ज्यादातर व्रत में फल-ड्राई फ्रूट्स और जूस लेने की अनुमति होती है लेकिन करवा चौथ ऐसा व्रत है जिसमें महिलाएं पानी तक नहीं पीती इस वजह से इसे निर्जला व्रत भी कहा जाता है। अगर आप गर्भवती हैं तो आप यह सोच रहीं होगी की करवा चौथ का उपवास रखने से आप और आपके होने वाले बच्चे की सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और करवा चौथ का व्रत रखना चाहती हैं तो यहाँ आपके लिए खासतौर पर कुछ टिप्स दी गई हैं, ताकि आप बिना किसी समस्या के इस लेख में आपको बताएगे कि कैसे गर्भवती होने पर भी आप करवा चौथ का उपवास रख सकती हैं।
यहाँ आपको ऐसी टिप्स दी गई हैं जिनका आपको अपनी गर्भवस्था की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में करवा चौथ का व्रत रखते हुए ध्यान में रखना चाहिए। ये रही कुछ टिप्स जो आप और आपके बच्चे को आप सुरक्षित रखते हुए करवा चौथ का व्रत रखने में मदद करेगी:
करवा चौथ का उपवास रखने से पहले आपको अपने डॉक्टर से इसके लिए अनुमति जरूर ले लेनी चाहिए कि क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहें तो रख सकती हैं? आपका डॉक्टर आप और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आपको बेहतर सुझाव देंगे, क्योंकि उन्हें इसकी बेहतर जानकारी है। हर किसी का शरीर अलग-अलग होता है और सब की प्रेगनेंसी भी अलग-अलग होती है। आपका डॉक्टर इस बारे में अच्छे से जानता है और आपके लिए क्या सहीं है और क्या गलत यह अच्छे से बता सकता है, इसलिए जैसा डॉक्टर कहते हैं उनकी बात पर अमल करें।
व्रत के दौरान फल खाने, जूस पीने, ड्राई फ्रूट्स खाने के बाद भी आपकों कभी-कभी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। आपको इस दौरान चक्कर, उल्टी या मतली की शिकायत हो सकती है। अगर आपको ऐसी किसी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो इसे नजरअंदाज करना आप और आपके होने वाले बच्चे के लिए सही नहीं है। आपको फौरन अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
प्रेग्नेंट होने पर ऐसा व्रत रखना जिसमें आप पानी भी न पी सके, यह आपके स्वास्थ्य के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। ऐसे में अगर आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो आपको सतर्कता बरतनी चाहिए। उपवास के दौरान अगर आप पानी नहीं पी रहे हैं तो खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए अन्य तरल पदार्थ जरूर लेना चाहिए। आप दूध, फलों का जूस आदि का सेवन कर सकती हैं।
इस व्रत में सरगी का काफी महत्व होता है। सरगी के तौर पर भोजन को, सूर्योदय से पहले दिया जाता है। अगर आप व्रत रखना चाहती हैं और ये भी चाहती हैं कि आपकी ऊर्जा दिनभर बनी रहे, तो आपको पौष्टिक भोजन खाने के लिए चुनना होगा। आप ताजे फल, नारियल पानी और हल्का खाना अपनी थाली में शामिल करे, जिससे आपका एनर्जी लेवल बना रहे। इन्हें आप अपनी सरगी में भी शामिल कर सकती हैं। सरगी की थाली में उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों, मिठाई या कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कई बार हमें भोजन नहीं खाना होता है, लेकिन खाने के बारे में सोचकर हमारा कुछ न कुछ खाने का मन करता है। इसलिए व्रत के दौरान खुद को परिवार और दोस्तों के साथ बिजी रखे। आप दोस्तों और परिवार वालों के साथ मूवी देखना जा सकती हैं या घर में हाउस पार्टी का भी आयोजन कर सकती हैं। इस दौरान आप किसी न किसी चीज में खुद को बिजी रख कर अपना ध्यान खाने से हटा सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं का शरीर आम दिनों से ज्यादा काम करता है। उपवास के दौरान आपको उतनी ऊर्जा नहीं मिल रही होती है, इसलिए आपको अपने शरीर की ताकत को बचा कर रखनी चाहिए। आपको उन एक्टिविटीज में शामिल नहीं होना चाहिए जिनमें आपकी ऊर्जा खर्च हो रही हो। आपके शरीर की ताकत से ही आप का शरीर पूरा दिन सही तरीके से चल सकता है। इस दौरान आप अपनी एनर्जी को बचाते हुए कोई किताब पढ़ सकती हैं या संगीत सुन सकती हैं।
कभी-कभी चीजें आपकी योजना के अनुसार नहीं होती। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। भले ही आपका डॉक्टर आपको व्रत रखने की इजाजत दे दें, लेकिन अगर आपका मन और आपका शरीर आपसे कह रहा है कि बिना खाए-पिए आपका शरीर नहीं चल सकता तो अपने शरीर की बात सुने। अगर आपको महसूस हो रहा है कि आपको कुछ खा लेना चाहिए तो आपको अपने शरीर की बात सुननी चाहिए। आप अच्छी मात्रा में फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें, दूध पिए। इससे आपके शरीर को ताकत मिलेंगी।
जब आप निष्क्रिय होती हैं तो उपवास और भूख के बारे में सोचना आसान होता है। इसलिए, कुछ कम थकाऊ नियमित काम करके, किताब पढ़कर या फिल्म देखकर अपने दिमाग को व्यस्त रखने की कोशिश करें। एक पावर नैप लें ताकि आप शाम के करवा चौथ समारोह की तैयारी बिना थकावट और परेशानी महसूस किए कर सकें।
अस्वीकरण: यह समझना जरूरी है कि आपको आँख बंद करके और अपने शरीर का ध्यान रखे बिना धार्मिक प्रथाओं का पालन नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था आपके जीवन का एक अहम समय है और इस दौरान आपकी सबसे पहली प्राथमिकता आपका बच्चा है जो आपके अंदर पल रहा है। अगर आपको लगता है कि प्रेग्नेंट होने के बावजूद भी आपमें में इतनी विल पॉवर है और आपकी ताकत वैसी ही है, तो आप करवा चौथ का व्रत रखने के विषय में डॉक्टर से बात करके ये व्रत रख सकती हैं।
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