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जैसे ही किसी महिला को यह पता चलता है कि वह गर्भवती है, वह अपने आहार को लेकर काफी सचेत हो जाती है और उन्हें होना भी चाहिए। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपने अपने डॉक्टर से मिलकर अपने आहार में बदलाव करने पर विचार भी किया होगा। आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ ने आपको केवल पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह भी दी होगी। उन्होंने आपको यह सलाह भी दी होगी कि आप बादाम, खुबानी और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स और नट्स खाना शुरू कर दें। इस लेख में, हम अखरोट के बारे में बात करेंगे। कई गर्भवती महिलाएं अखरोट के पोषण संबंधी लाभों से अवगत नहीं हैं। तो आइए, गर्भावस्था में अखरोट से क्या क्या लाभ है उसपर नजर डालें।
क्या गर्भावस्था के दौरान अखरोट खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित और हेल्दी है। अखरोट के अंदर का भाग दिखने में एक मस्तिष्क यानि दिमाग के समान होती है और ये न केवल दिखने में मस्तिष्क जैसी होती है बल्कि दिमाग की कार्यप्रणाली में भी सहायक करती है। इसके अलावा, गर्भवती होने पर अखरोट का सेवन करने के कई अन्य लाभ भी हैं।
गर्भावस्था में अखरोट खाने से पोषण संबंधी लाभ
ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान नट्स खाने वाली माताओं के बच्चों को अखरोट से एलर्जी होने की संभावना कम होती है। स्वादिष्ट और कुरकुरे अखरोट में ढेर सारे ऐसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो एक गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। गर्भावस्था के दौरान अखरोट खाने के फायदों का नीचे उल्लेख किया गया है।
- अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है, जो बच्चे के मानसिक विकास के लिए अत्यावश्यक है। गर्भावस्था के दौरान अखरोट के सेवन से बच्चे के मस्तिष्क की विकास दर भी बढ़ जाती है।
- अखरोट में गामा-टोकोफेरॉल के रूप में विटामिन ‘ई’ पाया जाता है। गामा-टोकोफेरॉल को अपने अचूक एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लैमेटरी गुणों के कारण विटामिन ‘ई’ का एक प्रभावी रूप माना जाता है। यह शरीर से विषाक्त कणों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
- अखरोट, विटामिन, फाइबर, मैग्नीशियम, कॉपर और मैंगनीज का एक समृद्ध स्रोत हैं। इनमें कैल्शियम, आयरन, जिंक और सेलेनियम भी पाया जाता है। इन पोषक तत्वों से अखरोट के फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं।
- यह बच्चे के विकास के लिए आवश्यक फैटी एसिड, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है ।
गर्भावस्था में अखरोट के सेवन के स्वास्थ्य लाभ
अब जबकि आप अखरोट के पोषण मूल्यों को जान चुकी हैं, तो आइए इस बारे में थोड़ी और चर्चा करें कि गर्भावस्था के दौरान इनके सेवन से आपको क्या लाभ हो सकता है।
- अखरोट, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर होता है जो आपके गर्भस्थ शिशुकी आंखों और मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
- अखरोट में प्लांट स्टेरॉल्स पाए जाते हैं जो खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं और उसे सामान्य स्तर पर बनाए रखने में मदद करते हैं।
- गर्भावस्था में समुचित मात्रा में अखरोट खाने से लिपिड प्रोफाइल को समुचित स्तर पर बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
- अखरोट का तेल एंडोथेलियल सेल्स के रख रखाव में भी लाभकारी है, जो पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं को निर्देशित करती है। ये कोशिकाएं, रक्त वाहिका के लचीलेपन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए अखरोट के नियमित सेवन से रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम किया जा सकता है।
- चूंकि, अखरोट रक्त वाहिकाओं के तनाव को कम करते हैं, इसलिए ये हाई बीपी को नियंत्रित करने में भी सहायक हैं।
- अखरोट प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, और दोनों ही एक गर्भवती महिला के लिए अत्यावश्यक हैं।
- अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गर्भवती महिला की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। अखरोट को उसके भूरे छिलके समेत खाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अखरोट में पाए जाने वाले 90 प्रतिशत एंटीऑक्सीडेंट, इसकी छिलके में ही केंद्रित होते हैं।
- अखरोट कॉपर से समृद्ध होने के कारण भ्रूण की समुचित वृद्धि और विकास में सहायक हो सकता है।
- इनमें पॉलीफेनोल और कॉपर भी पाया जाता है जो विषाक्त कणों और कैंसर से रक्षा करते हैं।
- प्रसव के बाद, यह सलाह दी जाती है कि माताएं, पोस्टपार्टम डिप्रेशन को दूर रखने के लिए अखरोट का सेवन करें। अल्फा-लिनोलेनिक एसिड – पोस्टपार्टम डिप्रेशन; मैनिक-डिप्रेसिव साइकोसिस और मनोभ्रंश से भी रक्षा करते हैं। तो, आप डिलीवरी के बाद भी अखरोट का सेवन जारी रख सकती हैं।
- अखरोट मेलाटोनिन के स्तर को विनियमित करने में भी मदद करता है। मेलाटोनिन से अच्छी नींद आती है और विशेषकर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में अखरोट का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इस दौरान नींद; एक गंभीर चिंता का विषय होती है।
- अखरोट के सेवन से लंबे समय तक आपको पेट भरा-भरा सा लगेगा और आप आवश्यकता से अधिक भोजन करने से बचेंगी, इस प्रकार आपका वजन भी नियंत्रित रहता है।
- अखरोट में कॉपर होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। यह ऊतकों की मरम्मत करता है और शुगर मेटाबोलिज्म में भी सहायक होता है।
- मैंगनीज बच्चे की हड्डियों और उपास्थियों के विकास के लिए आवश्यक और यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। मैंगनीज की दैनिक आवश्यक मात्रा का आधा भाग, सिर्फ एक अखरोट से पूरा किया जा सकता है।
अपने गर्भावस्था के आहार में अखरोट को कैसे शामिल करें
आप विभिन्न तरीकों से अखरोट का सेवन कर सकती हैं। इन्हें अलग से या बारीक काटकर खाया जा सकता है। इन्हें बेक किए गए पदार्थ, मांस-मछली और सब्जियों और फलों के सलाद सहित विभिन्न व्यंजनों में भी डाला जा सकता है। महिलाएं अखरोट का सेवन, कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के उपचार में भी करती हैं क्योंकि गर्भावस्था के दौरान दवाइयां लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
- 1 चम्मच शहद में 3-4 बारीक कटे हुए अखरोट मिला लें और इस मिश्रण का एक गिलास पानी के साथ सेवन करें। यह सिरदर्द, अनिद्रा या तनाव से राहत दिला सकता है।
- एक कटोरी में कीसा हुआ अखरोट, नींबू का कीसा हुआ छिलका और 2 बड़े चम्मच शहद मिला लें। यदि आप एनीमिया और एविटामिनोसिस (लंबे समय तक विटामिन की कमी) के लक्षणों से ग्रस्त हैं तो भोजन से पहले इस मिश्रण का 1 बड़ा चम्मच लेना फायदेमंद होगा।
- आप अखरोट को स्नैक्स के रूप में भी शामिल कर सकती हैं। अधिकतम लाभ के लिए, भिगोए हुए अखरोट खाएं।
गर्भावस्था के दौरान अखरोट खाने से क्या नुकसान है?
हालांकि गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन किया जा सकता है, लेकिन आपको आवश्यकता से अधिक इनका सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी चीज की अधिकता आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है, और यही बात अखरोट पर भी लागू होती है। आप गर्भावस्था के दौरान संयमित मात्रा में अखरोट का सेवन कर सकती हैं। गर्भावस्था में एक दिन में 30 ग्राम से अधिक अखरोट नहीं खाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आवश्यकता से अधिक अखरोट का सेवन, माँ के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के लिए भी समस्यायें पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में अखरोट के सेवन से, निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में अखरोट का सेवन, दस्त का कारण बन सकता है।
- अखरोट खाने से आयरन अवशोषण बाधित हो सकता है और आगे चलकर; एनीमिया हो सकता है।
- अखरोट से होने वाली हल्की एलर्जी भी गर्भावस्था के दौरान बढ़ सकती है। यदि आपको नट्स से अत्यधिक एलर्जी है और गर्भावस्था के दौरान आप कम मात्रा में भी अखरोट का सेवन करती हैं, तो इससे त्वचा पर चकत्ते, होंठ में सूजन, खुजली, चक्कर आना और सांसों में घरघराहट हो सकती है।
- अधिक मात्रा में अखरोट खाने से डिलीवरी के दौरान रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है।
गर्भावस्था में अखरोट से एलर्जी
यदि आपको नट से और विशेषकर अखरोट से एलर्जी है, तो आपको गर्भावस्था में और डिलीवरी के बाद भी अखरोट का सेवन करने से बचना चाहिए। लेकिन यदि आपको अखरोट से एलर्जी नहीं है, तो आप संयमित मात्रा में इनका सेवन कर सकती हैं। कई महिलाओं का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान नट्स का सेवन असुरक्षित है और इससे बच्चे को भविष्य में अखरोट से एलर्जी हो सकती है। यह एक गलत धारणा है। गर्भावस्था के दौरान नट्स के सेवन से आपके बच्चे को नट्स से एलर्जी होने का खतरा नहीं पैदा होगा। गर्भावस्था के दौरान नट्स के सेवन से परहेज करने वाली महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं को, अखरोट से भी एलर्जी हो सकती है। इसलिए, आप गर्भावस्था में अखरोट खा सकती हैं, बस ध्यान रहे कि आप संयमित मात्रा में इनका सेवन करें।
अब जबकि आपको अखरोट के स्वास्थ्य लाभों के बारे में पता है, तो अपनी गर्भावस्था के आहार में इन्हें शामिल करने से झिझकें नहीं। आप गर्भावस्था के दौरान किसी दुष्प्रभाव की चिंता किए बिना, प्रतिदिन 2-3 अखरोट खा सकती हैं। जब तक आप संयमित मात्रा में खाती हैं, आपको कोई तकलीफ नहीं होगी। हाँ! अखरोट खरीदते समय, लंबाकार और पतले छिलके वाले अखरोट ही चुनें। जिन बीजों पर काले धब्बे हों और स्वाद कसैला हो, ऐसे अखरोट के सेवन से बचें और स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद लें!
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