गर्भावस्था

गर्भावस्था में अपेंडिसाइटिस: कारण, लक्षण और उपचार

जैसे ही आपको पता चलता है कि आप माँ बनने वाली हैं, उसी समय से ही आपके जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वो है बच्चे की हेल्थ। गर्भावस्था समय काफी उतार चढ़ाव वाला होता है और इसलिए आपको और भी ज्यादा खुद की देखभाल करने की जरूरत होती है ताकि आपका बच्चा स्वस्थ रहे और किसी भी बीमारी से मुक्त रहे। गर्भवती महिलाओं के सामने आने वाली कुछ आम  समस्याओं में से एक अपेंडिक्स है, जो गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स की सूजन के कारण होता है। अपेंडिक्स की समस्या आपके लिए काफी दर्दनाक हो सकती है लेकिन यह एक लाइलाज बीमारी नहीं है। अपेंडिक्स की समस्या सभी उम्र के लोगों में आम है और इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, गर्भावस्था के कभी-कभी प्रक्रिया गंभीर हो जाती है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स की समस्या से बहुत सावधानी से निपटना चाहिए।

अपेंडिक्स या अपेंडिसाइटिस क्या है?

अपेंडिक्स एक अंदुरुनी अंग है- जो एक छोटी पतली सी ट्यूब की तरह होती है और यह बड़ी आंत जहाँ पर मल बनता है वहाँ से जुड़ी होती है, हालांकि इसका मनुष्य के शरीर में कोई खास काम या उपयोग नहीं होता है। इसमें कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं, जो पेट में भोजन को पचाने में मदद करते हैं। अपेंडिक्स सूजन के प्रति बहुत सेंसेटिव होता है, इसके कारण अपेंडिसाइटिस नामक समस्या पैदा हो जाती है। सूजा हुए अपेंडिक्स में मवाद भी भर जाता है जिससे गर्भवती महिला को दर्द का अनुभव होता है। हालंकि गर्भवती महिलाओं में यह समस्या बहुत ही कम देखने को मिलती है, लेकिन इससे माँ और बच्चे दोनों के ही स्वास्थ्य को खतरा होता है। अगर आपको किसी भी प्रकार से कोई समस्या महसूस होती है या आपको अपेंडिसाइटिस होने का शक होता है, तो बिना देर किए अपने डॉक्टर के पास जाएं।

गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स होने का कारण

अपेंडिक्स की समस्या बच्चे से लेकर बूढ़ों तक किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि इस समस्या को गर्भवती महिलाओं में ज्यादा नहीं देखा गया है, फिर भी कुछ मामलों में यह समस्या  प्रेगनेंसी के दौरान हो सकती है। अपेंडिसाइटिस के कुछ आम कारण इस प्रकार हैं:

– कई अंदरूनी या बाहरी फैक्टर के कारण अपेंडिसियल लुमेन और सरफेस में ब्लॉकेज होता है।

– अपेंडिक्स में मल पदार्थ का जमाव, ब्लॉकेज का कारण बनता है।

– पिनवॉर्म जैसे आंतों में मौजूद परजीवी का पाचन तंत्र में उपस्थिति होना।

– अपेंडिक्स में मल का जमा होना, जिसे अपेंडिक्स स्टोन के रूप में भी जाना जाता है।

– बाहरी वस्तुओं का मौजूद होना, जैसे कि बुलेट, पिन या स्टोन, जो वेस्टिजियल ऑर्गन (अवशिष्ट अंग) में जमा हो जाते हैं।

– साल्मोनेला, खसरा या शिगेला बैक्टीरिया जैसे कुछ  रोग-फैलाने वाले बैक्टीरिया के कारण संक्रमण होना।

अपेंडिक्स में  संकुचन का कारण जेनेटिक्स पर भी निर्भर करता है, जिन लोगों के परिवार में किसी को अपेंडिक्स की समस्या होती हैं उनमें आम लोगों के मुकाबले तीन गुनाह इसके होने का खतरा होता है।

गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स के लक्षण

अपेंडिक्स के लक्षण के बारे में जानने से आप इस समस्या का समय पर इलाज कर सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में अपेंडिक्स के सबसे आम लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:

  1. पेट में दर्द: अपेंडिक्स में सूजन से जुड़ा सबसे मुख्य लक्षण यह है कि आपको पेट वाले क्षेत्र में दर्द का अनुभव होता है और यह सिर्फ गर्भवती महिलाओं में देखा जाता है। अपेंडिक्स आपके पेट के निचले दाएं क्षेत्र में मौजूद होता है, इसलिए दर्द आमतौर पर आपके शरीर के उस हिस्से में ज्यादा होता है। पहले दर्द हल्का और थोड़ा थोड़ा होना शुरू होता है और फिर यह समय के साथ बढ़ना शुरू हो जाता है होने लगता है। आखिर में दर्द इतना बढ़ जाता है कि असहनीय हो जाता है और अगर उस क्षेत्र पर दबाव पड़े, तो दर्द और भी बढ़ सकता है।
  2. योनि से रक्तस्राव: योनि से अचानक ब्लीडिंग शुरू हो जाना काफी खतरनाक होता है, खासकर गर्भवती महिला के लिए। ब्लीडिंग हल्की हो या ज्यादा, अगर आपको इसके साथ पेट में दर्द भी हो रहा है तो आपको तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए।
  3. मतली और उल्टी: ये एक आम लक्षण की तरह दिखाई दे सकते हैं, लेकिन जब आपको पेट के दाहिने हिस्से में दर्द का भी अनुभव हो, तो यह अपेंडिसाइटिस का संकेत हो सकता है।
  4. बुखार और सूजन
  5. भूख में कमी
  6. थकान, बीमार जैसा महसूस होना।
  7. कब्ज, पाचन संबंधी अन्य समस्याएं।

निदान

उपरोक्त सभी लक्षण अपेंडिक्स का संकेत हो सकते हैं, इसलिए अगर आपको इसका शक हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अपेंडिक्स का निदान एक मुश्किल प्रक्रिया है और इसका इलाज आमतौर पर थोड़ा  मुश्किल होता है। आप अपेंडिक्स की पहचान कैसे कर सकती हैं इसके लिए यहाँ आपको कुछ तरीके बताए गए हैं:

  1. रक्त के जरिए इंसान के शरीर में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या का पता लगाने में मदद मिलती है। अपेंडिसाइटिस के मामले में रक्तप्रवाह में डब्ल्यूबीसी की संख्या बढ़ जाती है।
  2. इस दौरान एक यूरिन टेस्ट भी किया जाता है क्योंकि अपेंडिसाइटिस के कारण व्यक्ति में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है।
  3. अल्ट्रासाउंड स्कैन, गर्भावस्था के दौरान अपेंडिसाइटिस का पता लगाने के लिए सबसे आसान तरीका है, यह अपेंडिसाइटिस की पुष्टि और स्थिति की जाँच करने के लिए किया जाता है।
  4. यदि अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद से स्थिति का ठीक तरह से नहीं पता चलता है, तो डॉक्टर एमआरआई स्कैन करने के लिए कहते हैं किया। इससे किसी प्रकार कोई खतरा या रेडिएशन का जोखिम नहीं होता है यहाँ तक कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी  कोई खतरे वाली बात नहीं होती है।

यदि गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स फट जाए तो क्या होगा?

अपेंडिक्स के फटने से प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा खतरा होता है और कभी कभी प्रेगनेंसी के दौरान कुछ  महिलाओं की अपेंडिक्स के फटने के कारण मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए, ऐसे मामलों में जहाँ अपेंडिसाइटिस की समस्या देखी गई हो, वहाँ नॉर्मल अपेंडिक्स को निकाल देने में ही समझदारी है, ताकि समस्या को और ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके। 

गर्भवती महिलाओं में अपेंडिसाइटिस के लिए उपचार:

गर्भवती महिलाओं में अपेंडिसाइटिस के इलाज के लिए दो तरीके हैं, जो उनकी स्थिति पर निर्भर करते हैं। जो इस प्रकार हैं:

  1. एंटीबायोटिक्स: यह केवल तब दिया जाना चाहिए, जब सूजन कम होती है और इनवेसिव प्रोसीजर के लिए खतरनाक नहीं होती। इसका असर बेहतर तरीके से हो इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं को नसों के जरिए दिया जाता है।
  2. एपेन्डेक्टॉमी: इस प्रक्रिया में गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स को सर्जरी की मदद से निकाल दिया जाता है। अगर महिला दूसरी या तीसरी तिमाही के चरण में है, तो इस प्रक्रिया को एक कीहोल सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, आगे चलकर कोई समस्या न हो यह सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा चीरा लगाना पड़ता है।

अपेंडिक्स की सर्जरी के बाद क्या होता है?

गर्भवती महिला को यह सुझाव दिया जाता है कि उन्हें इस दौरान ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए और सर्जरी के बाद कुछ समय तक ठीक से आराम करना चाहिए। बच्चे के रिस्पांस को मॉनिटर किया जाता है और ऐसा देखा गया है कि अपेंडेक्टोमी के बाद ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान संकुचन महसूस करती हैं। हालांकि, यह आमतौर पर समय से पहले लेबर के कारण नहीं होता है।

गर्भावस्था के दौरान अपेंडिक्स का दर्द माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है, इसलिए इस समस्या का अत्यधिक सावधानी से इलाज किया जाना चाहिए। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है, इसलिए अगर आपको इसके लक्षणों से संबंधित कोई भी संदेह हो, तो बेहतर होगा कि आप किसी एक्सपर्ट की राय ले लें।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान बगल में गाँठ
प्रेगनेंसी में ब्रोंकाइटिस

समर नक़वी

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 day ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 day ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

2 days ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

2 days ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

2 days ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

6 days ago