गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई)

गर्भावस्था आसान सफर नहीं है और जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगी आपको कुछ कॉम्प्लीकेशंस होने का खतरा भी रहेगा पर हर महिला को यह समस्या नहीं होती है। हालांकि यदि आप मोटी हैं या आपका वजन बढ़ गया है तो आपको गर्भावस्था के दौरान या बच्चे को जन्म देते समय कुछ समस्याएं हो सकती हैं। गर्भावस्था के लिए नॉर्मल बीएमआई को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि यह सीधे ओबेसिटी से संबंधित है और इससे अनहेल्दी बच्चा होने की संभावनाएं बढ़ती हैं या नॉर्मल डिलीवरी के बजाय आपको सिजेरियन भी करवाना पड़ सकता है। 

बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) क्या है?

हेल्थ केयर और मेडिकल साइंस में बीएमआई का कॉन्सेप्ट बहुत पहले से मौजूद है। हाल में ही इसका महत्व बढ़ गया है और हेल्थ को समझने के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जाने लगा है। बीएमआई मैथ का एक आसान सा फॉर्मूला है जिसमें वजन को मेडिकल स्तर पर समझने के लिए विभिन्न पैरामीटर्स का उपयोग किया जाता है, जैसे अंडरवेट, नॉर्मल या ओवरवेट। बॉडी मास इंडेक्स के अनुसार बीएमआई का स्कोर यह पता लगाने में मदद करता है कि आपके शरीर का फैट हाइट और वजन के अनुसार सही है या नहीं। इस स्कोर को कैलकुलेट करने का आसान फॉर्मूला है कि वजन को किलोग्राम में कन्वर्ट करके सेंटीमीटर हाइट के स्क्वायर से डिवाइड करें। 

क्या बीएमआई से सही स्वास्थ्य का पता चलता है

बीएमआई का बहुत ज्यादा उपयोग होने के बाद भी यह आपके स्वास्थ्य की समस्याओं को वास्तविक रूप से नहीं बता सकता है। हाल ही में हुई स्टडी के अनुसार कुछ लोगों का बीएमआई स्कोर अन्य हेल्थ मार्कर की वास्तविक वैल्यू से मिलाया जाता है, जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर का स्तर आदि। यह भी ऑब्जर्व किया गया है कि कई महिलाएं जो इस लाइन से ज्यादा हेल्दी हैं, बीएमआई के अनुसार उन्हें ओवरवेट कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ जिनके बीएमआई का स्कोर सही होता है उन्हें अन्य जगहों पर स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं। 

दुनिया में हर व्यक्ति के शरीर का स्ट्रक्चर और मांसपेशियों का कॉम्पोजिशन अलग होता है और इसमें मांसपेशियों के फैट को मैथ्स फार्मूला का उपयोग करके अलग से पता करना कठिन है। आजकल की बढ़ती तकनीक की मदद से इस गैप को कम करने में मदद मिली है और सटीकता का निष्कर्ष भी निकला है। कमर तक की हाइट से किसी के स्वास्थ्य का पता आराम से लगाया जा सकता है क्योंकि शरीर में सबसे ज्यादा फैट कमर और अन्य जरूरी अंगों में होता है, जैसे किडनी, लिवर और दिल। 

गर्भावस्था में बीएमआई और वजन बढ़ने की रेंज

बीएमआई स्कोर के आधार पर आपका स्वास्थ्य कैसा होना चाहिए यह समझने और साथ ही गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन की जानकारी को हेल्दी कहा जा सकता है। यहाँ पर गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन के अनुसार बीएमआई का चार्ट दिया हुआ जिसमें आपको थोड़ी-बहुत जानकारी मिल सकती है, आइए जानें;

डिस्क्रिप्शन बीएमआई स्कोर हेल्दी वजन बढ़ने की रेंज
ओबीज 29 – 30 से ज्यादा 7 किलो से ज्यादा नहीं
ओवरवेट 25 – 30 के बीच 7 से 11 किलो के बीच
नॉर्मल 18.5 – 26 के बीच 11 से 16 किलो के बीच
अंडरवेट 18.5 से कम 13 से 18 किलो के बीच

 

बीएमआई स्कोर कैलकुलेट करने के स्केल के आधार पर डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकते हैं। 

गर्भावस्था के दौरान बीएमआई कैसे कैलकुलेट किया जाता है

गर्भावस्था के दौरान बीएमआई कैलकुलेट करना कठिन नहीं है। आपको सिर्फ डॉक्टर से यह पता करना है कि आपकी गर्भावस्था का वजन कितना है। एक बार जब आपको यह मिल जाए तो आप अपना सही वजन पता कर सकती हैं। यह आपके बीएमआई को कैलकुलेट करने में काम आएगा। इसके आधार पर हर तिमाही में बढ़ते वजन को स्वस्थ माना जाता है। शुरूआत में हर महीने आपका वजन आधा किलो तक बढ़ना चाहिए। दूसरी तिमाही से यह पहले से दुगना बढ़ेगा और आगे चलकर तीसरी तिमाही में यह वजन पहली तिमाही से चौगुनी तेजी से बढ़ सकता है। 

क्या गर्भावस्था के दौरान बीएमआई नार्मल से ओबीज में बदल सकता है?

बीएमआई एक ऐसा स्कोर है जो शरीर के वजन और हाइट के अनुसार कैलकुलेट किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान आपका वजन बढ़ता है और हाइट उतनी ही रहती है। जिसके परिणामस्वरूप बीएमआई का स्कोर बढ़ जाता है जिसकी वजह से गर्भावस्था के चलते आप ओवरवेट या ओबीज हो सकती हैं। यह चिंता का कारण तब तक नहीं है जब तक आपका वजन हेल्दी तरीके से बढ़ता है जैसा कि गर्भावस्था की शुरूआत में बताया गया था। 

ओबीज बीएमआई होने की वजह से गर्भावस्था में कॉम्प्लीकेशंस

विशेषकर यदि आपका स्कोर 30 से ज्यादा है तो गर्भावस्था की तीसरी तिमाही या किसी भी चरण में हाई बीएमआई होने से आपकी कॉम्प्लीकेशंस की संभावनाएं बढ़ती हैं। इसकी निम्नलिखित कई संभावनाएं हो सकती हैं, जैसे;

  • मृत बच्चे का जन्म होना।
  • नॉर्मल या वजायनल डिलीवरी होने के बजाय सिजेरियन डिलीवरी होना।
  • इन्फेक्शन होना।
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या किडनी में समस्याएं होना।
  • ब्लड क्लॉटिंग की समस्या होना।
  • डिलीवरी होने पर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की संभावना होना।
  • एनेस्थीसिया की वजह से कॉम्प्लीकेशंस बढ़ने का खतरा होना।
  • बच्चे में जन्म से संबंधित कई समस्याएं होना।
  • ओबेसिटी होने की वजह से अल्ट्रासाउंड में बच्चे को देखने में कठिनाई होना।
  • गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने की बहुत ज्यादा संभावनाएं होना।

यदि बीएमआई बढ़ा हुआ है तो गर्भावस्था के दौरान वजन को मैनेज करने के टिप्स

गर्भावस्था के साथ बहुत ज्यादा वजन होना एक हेल्दी कॉम्बिनेशन नहीं है। हालांकि बीएमआई सकोर ज्यादा होने से गर्भावस्था को बढ़ने से नहीं रोका जा सकता है। यहाँ पर बहुत सारे टिप्स बताए गए हैं जो आपके वजन को बनाए रखने में मदद करते हैं, आइए जानें;

  • आप सिर्फ हेल्दी सीरियल्स और ग्रेन्स ही चुनें जिससे आपका वजन न बढ़े।
  • विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और दाल के कॉम्बिनेशन से आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान एनर्जी मिलती है।
  • सीमित मात्रा में मीट का सेवन करें, इसे बहुत ज्यादा न खाएं।
  • रोजाना लगभग 20 मिनट के लिए एक्सरसाइज करना शरू करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
  • सरल एक्सरसाइज करें, जैसे टहलना, स्विमिंग और खुद को शांत व स्ट्रेस से मुक्त रखने के लिए योग करें।

गर्भावस्था में महिला के बढ़ते बीएमआई से संबंधित गाइडलाइन्स/सावधानियां

यदि गर्भावस्था के दौरान आपका बीएमआई बहुत ज्यादा है तो कुछ निम्नलिखित सावधानियां और गाइडलाइन्स आपके लिए बहुत जरूरी है जिसकी मदद से आपकी गर्भावस्था बहुत कम कॉम्प्लीकेशंस के साथ आगे बढ़ती रहेगी। वे गाइडलाइन्स कौन सी हैं, आइए जानें;

  • अपने बचाव के लिए आप गर्भधारण करने से पहले वेट लॉस एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
  • गर्भवती होने पर आप जल्दी से जल्दी बीएमआई कैलकुलेट करें।
  • बीएमआई स्कोर के लिए अपना वजन स्वस्थ रूप से बढ़ाएं।
  • अपनी उचित डायट के लिए डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से बात करें जो आवश्यक न्यूट्रिएंट्स को नियंत्रित करने में आपकी मदद करते हैं और वजन को भी बनाए रखते हैं।
  • गर्भावस्था को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप एक्सरसाइज प्रोग्राम बनाने में इंस्ट्रक्टर की मदद लें।
  • दिल से संबंधित समस्याओं की संभावनाओं के लिए कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें और साथ ही डॉक्टर से गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने की संभावनाओं की भी जांच कराएं।

मातृत्व एक ऐसा अनुभव है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपका वजन नॉर्मल तरीके से नहीं कम होता है तो आप इसे गर्भधारण न कर पाने का कारण न बनाएं। हाँ, डिलीवरी के दौरान बहुत ज्यादा जोखिम और कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं पर आप इसे पहले से ही सही निर्णय लेकर ठीक कर सकती हैं। 

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था के दौरान होने वाले मेटाबॉलिक चेंजेस
गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त वजन न बढ़ना – कारण और उपाय
प्रेगनेंसी के दौरान वजन बढ़ना

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago