गर्भावस्था

गर्भावस्था में तितली आसन या बटरफ्लाई एक्सरसाइज करना

बटरफ्लाई एक्सरसाइज को बद्धकोणासन भी कहते हैं और यह एक्सरसाइज गर्भावस्था के लिए एक सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है। इसे इंग्लिश में बाउंड एंगल पोज भी कहा जाता है। यह एक आसान एक्सरसाइज है जिसे किसी की कम से कम मदद लेकर भी किया जा सकता है। यह अंदरूनी अंग व हैमस्ट्रिंग (रान की नाड़ी) को स्ट्रेच करने में मदद करती है जिससे पेट की समस्याएं ठीक हो जाती है। बटरफ्लाई एक्सरसाइज दो प्रकार की होती है – पूर्ण तितली आसन और अर्ध तितली आसन। 

इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले आप जमीन में बैठ जाएं। अपने घुटनों को मोड़ें और दोनों पैर के पंजों को एक साथ लाएं। पंजों को साथ लाते हुए आपकी दोनों एड़ियां नीचे प्यूबिक बोन की तरफ होनी चाहिए। इसे आप हाथ से पकड़ कर भी कर सकती हैं। इस समय आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए और आप अपने घुटनों को पकड़कर पैरों को ऊपर नीचे करें। जब आप घुटनों को ऊपर लाएं तो वह चेस्ट तक आने चाहिए और साथ ही आप गहरी सांस लें और छोड़ें। यह एक्सरसाइज करते समय अपना पूरा फोकस सांस लेने और छोड़ने पर बनाएं रखें। 

बटरफ्लाई एक्सरसाइज बहुत आसान होती है और विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए इसके बहुत सारे फायदे हैं। यह एक्सरसाइज एक मेडिटेटिव पोज की तरह भी काम करती है जिसकी वजह से शारीरिक और मानसिक आराम के कारण स्ट्रेस भी कम हो सकता है। यह पोज पाचन को ठीक करने में भी मदद करता है और इसलिए इससे गर्भवती महिलाओं में हार्टबर्न व पाचन संबंधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। यह एक्सरसाइज हिप्स, जांघें और पेल्विक मांसपेशियों को स्ट्रेच व ढीला करने में मदद करती है जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज शुरू करने से पहले महिलाओं को इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

गर्भवती महिलाओं को बटरफ्लाई एक्सरसाइज क्यों करनी चाहिए?

यदि गर्भवती महिलाएं लंबे समय के लिए बटरफ्लाई एक्सरसाइज करती हैं तो इससे उनकी डिलीवरी हेल्दी होती है। यहाँ पर इसके कुछ फायदे दिए हैं, आइए जानें; 

  • गर्भावस्था के दौरान बटरफ्लाई एक्सरसाइज करने से पैरों का दर्द कम हो जाता है।
  • इससे पेल्विक मांसपेशियां खुल जाती हैं जो डिलीवरी को आसान बनाने में मदद करता है।
  • यह एक्सरसाइज जांघों व हिप्स को लचीला करती है जिससे फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ जाती है।
  • इससे लेबर के दौरान डिलीवरी जल्दी होने में मदद मिलती है।
  • इससे लेबर के दौरान दर्द कम करने में भी मदद मिलती है।
  • यह एक्सरसाइज करने से फ्लूइड रिटेंशन में भी मदद मिलती है जो गर्भावस्था के दौरान एक गंभीर समस्या है।
  • इससे पाचन भी ठीक होता है।

हाफ बटरफ्लाई एक्सरसाइज (अर्ध तितली आसन) कैसे की जाती है

अर्ध तितली आसन या हाफ बटरफ्लाई एक्सरसाइज बटरफ्लाई पोज या पूर्ण तितली आसन का ही एक भाग है। यह पोज उनके लिए बहुत अच्छा है जो पहली बार योगा करते हैं। इसे आप कैसे कर सकती हैं, आइए जानें;

  1. यदि आपके लिए सुविधाजनक है तो आप पहले जमीन पर पद्मासन (लोटस पोज) में या पालथी मारकर बैठ जाएं।
  2. अब एक पैर को मुड़ा रहने दें और दूसरे को सीधा स्ट्रेच करें।
  3. दाहिने पैर के घुटने को मोड़कर दाहिने पैर को बाईं जांघ में रखें। अब दाहिने पैर के पंजे से अपनी कमर के बाएं हिस्से को छूने का प्रयास करें।
  4. आप दाहिने हाथ के पंजे को दाहिने जांघ के ऊपर रखें।
  5. बाएं हाथ से धीरे से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ें।
  6. इस समय आप रीढ़ की हड्डी व गर्दन को सीधा रखें।
  7. आप गहरी सांस लें और अपने दाहिने घुटने को जमीन की ओर ले जाएं।
  8. फिर सांस छोड़ते हुए दाहिने घुटने को ऊपर चेस्ट तक लाएं।
  9. इस एक्सरसाइज को आप 10 बार करें और फिर दूसरे पैर से भी दोहराएं।

गर्भावस्था के दौरान अर्ध तितली आसान यानि हाफ बटरफ्लाई आसन करना भी फायदेमंद है। इससे गर्भावस्था में होनेवाले दर्द व क्रैम्प्स कम होने में मदद मिलती है और साथ ही डिलीवरी में भी दर्द व असुविधाएं कम होती हैं। 

फुल बटरफ्लाई एक्सरसाइज (पूर्ण तितली आसन) कैसे की जाती है

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर अक्सर बटरफ्लाई योगासन करने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था में यह एक्सरसाइज करने से आपको बहुत सारे फायदे मिल सकते हैं। इसे आप कैसे कर सकती हैं, आइए जानें;

  1. सबसे पहले आप जमीन पर पद्मासन (लोटस पोज) या पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं।
  2. आप अपनी पोजीशन को इस प्रकार से रखें कि दोनों पैरों का निचला हिस्सा एक दूसरे को छुए और घुटने बाहर की ओर मुड़े होने चाहिए।
  3. अब आप दोनों हाथों से अपने दोनों पैरों को पकड़ कर जितना मुमकिन हो उतना प्यूबिक क्षेत्र की ओर खींचने का प्रयास करें।
  4. रीढ़ को सीधा रखें।
  5. आप सांस लेते हुए दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
  6. सांस छोड़ें और मुड़े हुए पैरों को ऊपर नीचे करें (जिस प्रकार से एक तितली उड़ती है) और घुटनों को जमीन तक ले जाने का प्रयास करें (यदि आप घुटनों को जमीन तक नहीं ला पा रही हैं तो जबरदस्ती न करें)।
  7. फिर से सांस लें और घुटनों को अपने चेस्ट तक लाएं।
  8. इस एक्सरसाइज को आप 15 से 20 बार दोहराएं।

ऐसा माना जाता है कि योगा के सभी आसन में बटरफ्लाई आसन सबसे ज्यादा सरल और फायदेमंद भी है। यह सिर्फ डिलीवरी को ही सरल नहीं बनाता है बल्कि इससे अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ठीक होती हैं और यदि आप इसे नियमित रूप से करती हैं तो यह एक्सरसाइज स्ट्रेस व टेंशन कम करने में भी मदद करती है। यदि आप इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना चाहती हैं तो इसे अपने योगा रूटीन में नियमित रूप से करें।

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सुरक्षा कटियार

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