In this Article
- कार्बोहाइड्रेट क्या होते हैं?
- कार्बोहाइड्रेट के प्रकार
- गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट का महत्व
- गर्भावस्था के दौरान हर रोज कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए?
- क्या गर्भवती महिलाओं के लिए लो-कार्ब डायट सुरक्षित है?
- कार्बोहाइड्रेट के फूड सोर्स जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छे होते हैं
- गर्भावस्था के दौरान कैसे कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान, माँ और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भरपूर पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना बहुत जरूरी होता है। यह जरूरी है, कि गर्भवती महिला अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट को शामिल करे, क्योंकि यह एनर्जी और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। जो प्रेग्नेंट महिला कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाना खाती है, उसे उसकी आधी कैलोरी सिर्फ कार्बोहाइड्रेट से ही मिल जाती है। इसलिए डॉक्टर, माँ बनने वाली महिला को गर्भावस्था के दौरान लो-कार्ब डायट चुनने से मना करते हैं। हालांकि, यह भी उतना ही जरूरी है, कि इन जरूरी न्यूट्रिएंट्स के सही स्रोतों को चुना जाए, जिससे गर्भावस्था की अनचाही समस्याओं से बचा जा सके।
कार्बोहाइड्रेट क्या होते हैं?
कार्बोहाइड्रेट या कार्ब, मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें हाइड्रोजन, कार्बन और ऑक्सीजन एटम का समावेश होता है। ये या तो शक्कर जैसे साधारण रूप में मिलते हैं या फिर फाइबर और स्टार्च जैसे कॉम्प्लेक्स रूप में मिलते हैं। सब्जियों, फल और दूध जैसे खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। यह अधिकतर जीवों के लिए एनर्जी के मुख्य स्रोत का हिस्सा होते हैं। आमतौर पर शरीर एनर्जी रिलीज करने के लिए कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज जैसी साधारण शक्कर में बदल देता है, जिससे शरीर की माँसपेशियों और दूसरे जरूरी अंगों को काम करने के लिए एनर्जी मिलती है।
कार्बोहाइड्रेट के प्रकार
कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं:
1. सिंपल कार्बोहाइड्रेट
सिंपल कार्बोहाइड्रेट, जैसे कि – चावल, सफेद ब्रेड, रिफाइंड अनाज, पास्ता, केक, पेस्ट्री, बिस्किट, शक्कर और जंक फूड अधिक मात्रा में एनर्जी और कैलोरी उपलब्ध कराते हैं, पर इनमें पोषक तत्व बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते हैं। शरीर इन्हें बहुत ब्रेकडाउन कर देता है, जिससे इंसुलिन के स्तर और ब्लड ग्लूकोज में तेजी से उछाल आ जाता है। खासतौर से प्रेग्नेंट महिलाओं को ऐसे भोजन से दूर रहना चाहिए।
हालांकि, सभी सिंपल कार्बोहाइड्रेट अनहेल्दी नहीं होते हैं। ताजे फलों और दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले सिंपल कार्बोहाइड्रेट हेल्दी होते हैं।
2. कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट
ओटमील, शकरकंद, आलू, मक्का, होल ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस, सूखे मटर और बीन्स जैसी सब्जियों में प्रोटीन, मिनरल, विटामिन ‘बी’ और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट बेहतर स्रोत हैं, क्योंकि इन्हें ब्रेकडाउन करके एनर्जी रिलीज करने में अधिक समय लगता है।
गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट का महत्व
प्रेगनेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:
- कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट में फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखकर और कब्ज को दूर करके प्रेगनेंसी के दौरान डाइजेस्टिव सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काम करता है।
- हेल्दी कार्बोहाइड्रेट के सेवन से प्रेग्नेंट महिला के ब्लडशुगर में अचानक आने वाले उछाल से बचाकर उसके लेवल को मैनेज करने और स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है। जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
- हेल्दी कार्बोहाइड्रेट के सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म में आने वाले बदलाव से निबटने में मदद मिलती है, जिससे पेट में बढ़ रहे बच्चे की एनर्जी की बढ़ती जरूरतों को पूरा किया जा सके, मेटाबॉलिक अनुकूलन के कारण इन्सुलिन रेजिस्टेंस या मैटरनल ग्लूकोज के बढ़ने की समस्या हो सकती है।
- एक प्रेग्नेंट महिला न्यूट्रिशस कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का सेवन करके अपनी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ वजन को बरकरार रख सकती है और मोटापे के खतरे से बच सकती है।
- प्रेगनेंसी के कारण थकान हो सकती है और कार्बोहाइड्रेट से जरूरत के अनुसार एनर्जी मिल सकती है। शरीर को एनर्जी देने के लिए और बढ़ते बच्चे के विकास में मदद करने के लिए यह टूटकर साधारण शक्कर में बदल जाते हैं।
- कार्बोहाइड्रेट में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो कि मेटाबॉलिज्म के दौरान पैदा होने वाले उन फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं, जो कि प्रेग्नेंट महिला को कई तरह की परेशानियां दे सकते हैं।
- कुछ प्रेग्नेंट महिलाएं महसूस करती हैं, कि कार्बोहाइड्रेट का सेवन गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान मॉर्निंग सिकनेस, मतली जैसी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए फायदेमंद है।
गर्भावस्था के दौरान हर रोज कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट के रोज के सेवन के लिए ऐसा कोई आरडीए (रिकमेंडेड डाइटरी अलाउन्स) नहीं है। अधिकतर न्यूट्रीशनिस्ट का मानना है, कि एक प्रेग्नेंट महिला के द्वारा ली जाने वाली रोज की कैलोरी का 60%, कार्बोहाइड्रेट के स्रोत से होना चाहिए। जिसमें से लगभग आधा होल ग्रेन्स से प्राप्त होना चाहिए। आदर्श रूप से प्रेगनेंसी के दौरान हर रोज हेल्दी कार्बोहाइड्रेट की 10 से 11 सर्विंग काफी है।
क्या गर्भवती महिलाओं के लिए लो-कार्ब डायट सुरक्षित है?
जो प्रेग्नेंट महिलाएं वजन कम रखने के लिए लो-कार्ब डायट लेती हैं, वे अपनी प्रेगनेंसी को खतरे में डालती हैं। उन्हें गर्भवस्था के दौरान लो-कार्ब डायट नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह सुरक्षित नहीं होती है। प्रेगनेंसी के दौरान लो-कार्ब डायट लेने से गर्भ में पल रहे शिशु के वजन और विकास पर बुरा असर होता है, क्योंकि वो कैल्शियम और फोलिक एसिड जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में फल, सब्जियों और फाइबर के सेवन में कमी आ जाती है। जिससे कुछ निश्चित पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसका माँ की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वैसे भोजन जिस में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, उनमें आमतौर पर फैट की मात्रा अधिक पाई जाती है। जिससे प्रेगनेंसी के दौरान अनावश्यक वजन बढ़ सकता है और प्रेगनेंसी संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
कार्बोहाइड्रेट के फूड सोर्स जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छे होते हैं
गर्भावस्था के लिए हेल्दी कार्बोहाइड्रेट के आहार स्रोत इस प्रकार हैं:
- होल ग्रेन पास्ता
- ब्राउन राइस
- होल ग्रेन ब्रेड
- ओटमील
- आलू/शकरकंद (छिलके सहित)
- होल ग्रेन्स
- केले जैसे फल
- फूल गोभी, पालक, ब्रोकोली, शतावरी जैसी सब्जियां
- स्वीट कॉर्न
- दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट
- फलियां
- राजमा, काबुली चने, लीमा जैसी बीन्स
- दालें
गर्भावस्था के दौरान कैसे कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए?
प्रेगनेंसी के कारण प्रेग्नेंट महिला को कुछ खास चीजें खाने की इच्छा हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट की क्रेविंग होना इनमें से एक है। प्रेग्नेंट महिला के लिए हर तरह के कार्बोहाइड्रेट अच्छे नहीं होते हैं, उन्हें कुछ कार्बोहाइड्रेट को खाने से बचना चाहिए, जैसे:
- वाइट ब्रेड
- वाइट राइस
- केक, पेस्ट्री, बिस्किट, कैंडी, लॉलीपॉप जैसी शुगर युक्त चीजें
- चिप्स, आइसक्रीम जैसे जंक फूड
- ऐडेड शुगर वाले मीठे पेय पदार्थ, कॉर्न सिरप, प्रिजर्वेटिव
प्रेगनेंसी के दौरान लिए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट की क्वालिटी और मात्रा के बारे में विचार करने की सलाह दी जाती है। खाद्य पदार्थों में नेचुरली मौजूद कार्बोहाइड्रेट अच्छी हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। गर्भवती महिला को रिफाइंड और चीनी युक्त भोजन में मिलने वाली खराब क्वालिटी के कार्बोहाइड्रेट से दूर रहना चाहिए। इसके बजाय प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी कार्बोहाइड्रेट का चुनाव किया जाना चाहिए।
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