गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान चाय पीना

“प्रसिद्ध फिलॉसफर बर्नार्ड-पॉल हेरोक्स के अनुसार कोई भी समस्या इतनी बड़ी या इतनी गंभीर नहीं है कि एक कप चाय से ठीक न हो’

गर्म सुगंधित चाय का एक कप आपको आरामदेह महसूस करने और तनाव कम करने में मदद कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए कुछ पेय पदार्थों का सेवन प्रतिबंधित होता है। इस दौरान ज्यादातर महिलाएं कॉफी नहीं पीती हैं क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। परंतु जब गर्मागर्म चाय का एक कप आपकी मॉर्निंग सिकनेस और मूड स्विंग्स को कम प्रभावी करता है तो उस समय चाय के लिए सभी सीमाओं को भुलाया जा सकता है। हर्बल टी विशेष रूप से सेहत को ढ़ेर सारे फायदे देती है और गर्भावस्था में शारीरिक परेशानी और मानसिक तनाव को कम कर सकती है।

क्या गर्भावस्था के दौरान चाय पीना सही है?

हाँ, गर्भावस्था के दौरान कुछ विशेष प्रकार की चाय पीना सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। चाय में पॉलीफीनॉल्स होते हैं जो आपके दिल को स्वस्थ रखते हैं। एंटी-ऑक्सडेंट से भरपूर यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ाती है और कुछ विशेष प्रकार के कैंसर के खतरों को कम करती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को सीमित मात्रा में चाय पीनी चाहिए और कुछ प्रकार की चाय से दूर ही रहना चाहिए जो इस दौरान आपके लिए असुरक्षित साबित हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान चिंता और तनाव को कम करने के लिए महिलाएं हर्बल चाय पी सकती हैं, यह एक बेहतरीन विकल्प है। गुनगुने पानी में हर्ब मिलाकर पीना शरीर को हाइड्रेट करने का एक अच्छा तरीका है। यद्यपि गर्भावस्था में ज्यादातर चाय पीना सुरक्षित होता है पर इस दौरान कुछ प्रकार की चाय से बचा जाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान किसी भी नई चाय का उपयोग करने से पहले इसके बारे में डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है।

एक कप चाय में कितना कैफीन होता है?

गर्भावस्था में कैफीन अधिक प्रभावी होता है और इस दौरान कई महिलाएं कैफीनयुक्त पेय से परहेज करती हैं। गर्भावस्था के दौरान एक दिन में लगभग 200 ग्राम से कम कैफीन लेना आपके लिए सुरक्षित है।

आपकी चाय में कैफीन की मात्रा इसके बनाने के तरीके, पानी के तापमान, भिगोने का समय और पत्तियों के आकार के आधार पर बदल सकती है। एक कप नॉन-हर्बल चाय, जैसे साधारण चाय या दूध की चाय, सफेद चाय, ग्रीन टी और काली या ओलोंग की चाय में लगभग 40-50 मिलीग्राम कैफीन होता है। इसके अलावा हर्बल चाय में लगभग 0.4 मिलीग्राम कैफीन होता है इसलिए गर्भवस्था के दौरान इसका सेवन एक सुरक्षित विकल्प है।

गर्भावस्था के दौरान कौन सी चाय पिएं

हर्बल चाय, जिसे टीजेन्स के रूप में भी जाना जाता है। यह विभिन्न पौधों की छाल, पत्तियां, बेरी, जड़, फूल और बीजों को मिश्रित करके बनाई जाती है जो आपको औषधीय लाभ प्रदान करते हैं। इसके कई कॉम्बिनेशन उपलब्ध हैं। गर्भावस्था के दौरान जिस चाय का सेवन करना सुरक्षित है वे इस प्रकार हैं;

  • मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए अदरक की चाय एक बेहतरीन तरीका है। इससे पेट दर्द से राहत मिलती है, मतली कम होती है और पाचन भी ठीक होता है। थोड़ी सी अदरक को पानी में उबालकर और शहद डालकर पीना एक गर्भवती माँ के लिए अच्छा होता है। आप दूध की चाय में भी अदरक डालकर पी सकती हैं।
  • पेपरमिंट की चाय उबकाई और मतली को कम करने में मदद करती है। इससे पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और यह गैस व ब्लोटिंग से भी राहत दिलाती है। यह चाय मॉर्निंग सिकनेस के लिए बेहतरीन है और इसे आपके मूड स्विंग्स पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।
  • तीसरी तिमाही से रेड रास्पबेरी की चाय पीना शुरू करने से यह डिलिवरी के बाद रक्त स्राव को रोकने में मदद करती है और लेबर के दौरान सही संकुचन के लिए मांसपेशियों को नर्म करती है। इस चाय में मैग्नीशियम और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। हालांकि, यह जानना भी बहुत जरूरी है कि गर्भावस्था की पहली और दूसरी तिमाही में रेड रास्पबेरी की चाय से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि आप इसे अधिक मात्रा में पीती हैं तो इस चाय में संकुचन को प्रेरित करने की क्षमता होती है। इससे आपकी गर्भावस्था की शुरुआत में मिसकैरेज हो सकता है।
  • रूबियोस चाय एक कैफीन-मुक्त चाय होती है और यह जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर है। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है और शरीर को डीटॉक्सिफाय भी करती है। इससे एसिड रिफ्लक्स से भी राहत मिलती है और साथ ही यह पाचन में सुधार करती है। इस चाय की मदद से शरीर में आयरन को अब्सॉर्ब होने में मदद मिलती है और यह एलर्जी, सर्दी, और अन्य इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती है। रूबियोस चाय का एक कप इम्युनिटी को बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है।
  • नेटल चाय में विटामिन ‘ए’, ‘सी’ और ‘के’ प्रचुर मात्रा में होता है और यह मिनरल जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम से भरपूर है। गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। पहली तिमाही में इससे परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भाशय अधिक उत्तेजित हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप मिसकैरेज हो सकता है।
  • डांडेलियन चाय में कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है। यह गर्भावस्था के दौरान एक सौम्य और प्रभावी मूत्रवर्धक उपचार है। यह चाय शरीर में पानी को ठहरने से रोकती है।
  • कैमोमाइल चाय मैग्नीशियम और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है और यह जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करती है। यह अनिद्रा को रोकती है और लेबर पेन में संकुचन को प्रभावी तरीके से बढ़ाती है। हालांकि, यदि आपको पहले कभी हे फीवर (पोलेन या धूल से होने वाल बुखार) हुआ है तो आप कैमोमाइल से परहेज करें।
  • लेमन बाम चाय शांति प्रदान करती है और गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा, एंग्जायटी और चिड़चिड़ेपन से लड़ने में मदद करती है।
  • रोजहिप चाय विटामिन ‘सी’ से भरपूर होती है। रोजहिप चाय सूजन को कम करने और फ्लू से लड़ने में मदद करती है। यह बार-बार पेशाब लगने की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद कर सकती है।

आप उबलते हुए पानी में शहद, दालचीनी, लौंग, सिट्रस छाल और फलों के रस जैसी विभिन्न सामग्रियों को मिश्रित करके अपने लिए एक हर्बल चाय बना सकती हैं। आप कैफीन-मुक्त ग्रीन टी या काली चाय का भी सेवन कर सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित चाय पीने के लाभ

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित चाय पीने से कई फायदे होते हैं। प्रत्येक हर्ब में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं और आप अपनी आवश्यकता और मनोदशा के आधार पर सबसे बेहतरीन चाय चुन सकती हैं। गर्भावस्था के लिए सुरक्षित चाय कैफीन-युक्त पेय की तुलना में एक उचित विकल्प है क्योंकि यह;

  • मॉर्निंग सिकनेस, मतली, उल्टी और दस्त को कम करने में मदद करती है।
  • एंग्जायटी और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करती है।
  • गर्भाशय को लेबर के लिए तैयार करती है।
  • आसान तरीके से पोषक तत्व प्रदान करती है।
  • पानी को स्वादिष्ट और पीने में आसान बनाती है।

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित चाय कैसे चुनें

हर्बल चाय प्राकृतिक रूप से कैफीन-मुक्त होती है। यह गुण हर्बल चाय को नॉन-हर्बल चाय की तुलना में गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद और सुरक्षित बनाता है।हालांकि गर्भावस्था में सभी प्रकार की हर्ब्स का सेवन करना सुरक्षित नहीं होता। आप अपने लिए कोई भी हर्बल चाय चुनने से पहले इसकी इस्तेमाल की गई सामग्रियों की जांच करें और पीने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अपने लिए चाय चुनने से पहले चाय के लेबल को जरूर पढ़ें।

गर्भावस्था के दौरान किसी भी चीज का सेवन करते समय संतुलन का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। यह आपके चाय पीने पर भी लागू होता है। अपनी दिनचर्या में चाय को शामिल करने से पहले इसे थोड़ी मात्रा में पिएं और देखें कि आपके शरीर पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

यदि आप चाय की किसी भी सामग्री या उसके फायदों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं तो इसका सेवन न करें। गर्भावस्था में किसी भी ऐसी चीज से बचें जिसके बारे में आप नहीं जानती हैं क्योंकि आप नहीं जानती कि वह आपके शरीर और आपके बच्चे को कैसे प्रभावित करेगी।

गर्भावस्था के दौरान आपको कितनी चाय पीनी चाहिए

गर्भावस्था के दौरान संतुलित मात्रा में चाय पीना उचित है। इस अवधि में आप प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से कम कैफीन ले सकती हैं। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है।

गर्भावस्था के दौरान कौन-सी चाय नहीं पीनी चाहिए

इलाज से बचाव बेहतर होता है। यदि आपको किसी भी चाय के बारे में थोड़ा सा भी संदेह है तो इसके बारे में हमेशा डॉक्टर से चर्चा करें। गर्भावस्था के दौरान कुछ हर्बल चाय का परहेज करना बेहतर होता है, वे इस प्रकार हैं;

  • सेज चाय की पत्तियों से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और मिसकैरेज होने की भी संभावना होती है।
  • अजमोद (पार्सले) की चाय भ्रूण के विकास को प्रभावित करती है और इससे मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है।
  • लोबेलिया चाय में निकोटिन पाया जाता है और यह भी गर्भावस्था के लिए बहुत हानिकारक है।
  • गर्भावस्था के दौरान खसखस (पोस्तादाना) चाय से बचने की आवश्यकता है।
  • सेन्ना पत्तियों की चाय एक नेचुरल लैक्सेटिव होता है।
  • एलोवेरा चाय लेबर और संकुचन को प्रेरित करती है।
  • ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है और यह चाय फोलिक एसिड को कम अब्सॉर्ब करती है।
  • कोई भी डायट टी, पीएमएस, डिटॉक्सीफिकेशन या क्लिंजिंग चाय से परहेज करने की आवश्यकता है।
  • कोई भी चाय जिसमें ऐसे हर्ब्स होते हैं जो मिसकैरेज, संकुचन और लेबर को प्रेरित कर सकते हैं, गर्भावस्था के दौरान इन्हें न पिएं।
  • ऐसी चाय जिसमें मूत्रवर्धक (डियूरेटिक) प्रभाव होते हैं और उसमें हर्बल लैक्सेटिव भी होता है उनसे बचने की आवश्यकता है। इनमें शामिल हैं काला कोहोश, नीला कोहोश, कोको, डोंग क्वाई, रिजका (अल्फाअल्फा), चक्र फूल (एनिस), तुलसी, गेंदा, केटनीप, मेथी, सौंफ, जिंगको, जिनसेंग, जुनिपर, लेमनग्रास, अमरबेल (मिसटलटो), जायफल, रुबार्ब, और येलो डॉक।

गर्भावस्था के दौरान असुरक्षित चाय पीने के साइड इफेक्ट्स

गर्भावस्था के दौरान असुरक्षित चाय पीने से कई कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं जिससे मिसकैरेज हो सकता है, एबॉर्शन करवाना पड़ सकता है या समय से पहले संकुचन हो सकता है और लेबर पेन हो सकता है।

क्या घर पर ही कैफीन-फ्री चाय बनाई जा सकती है?

घर पर ही चाय को कैफीन-फ्री करने का एक आम तरीका है जिसे पिछले कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह कहा जाता है कि चाय को कैफीन-मुक्त करने के लिए सबसे पहले आप लगभग 20 से 40 सेकंड तक टी बैग को एक कप गर्म पानी में डुबोएं और थोड़ी देर बाद उस पानी को फेंक दें। फिर कप में दोबारा से गर्म पानी भरें और वही टी बैग उस कप में डाल दें। ऐसा माना जाता है कि इस तरीके से चाय में मौजूद कैफीन लगभग 50% से 80% तक कम हो जाता है। दुर्भाग्य से, यह सच नहीं है। चाय को कैफीन रहित करने की प्रक्रिया बहुत कठिन होती है, जिसमें कार्बन-डाय-ऑक्साइड, इथाइल एसीटेट या मेथिलीन क्लोराइड जैसे केमिकल के साथ-साथ कुछ ऐसी चीजें भी शामिल होती हैं जिसे चाय के उत्पादक कैफीन-रहित चाय को बनाने के लिए उपयोग करते हैं। तो जिस प्रकार से कहा जाता है कि 30 सेकंड के लिए एक टी-बैग को भिगोकर पानी फेक दें, वह लाभदायक नहीं है। बेहतर हो कि इसके बजाय आप गर्भावस्था में पूरी तरह से कैफीन-मुक्त चाय के प्रकारों का सेवन करना शुरू करें क्योंकि ये बहुत सारे गुणों से भरी होती हैं और इनसे आपको अनेक लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था में चाय पीना सुरक्षित होता है, यदि आपने सही चाय चुनी हो। इस समय अगर आप संयमित मात्रा में सुरक्षित चाय पीती हैं तो यह आपके एंग्जायटी और तनाव के स्तर को कम करता है। गर्भवती होने पर कौन-सी चाय सुरक्षित है व कौन सी नहीं और इसके अलावा इस समय आपको कितनी चाय पीनी चाहिए, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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