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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विटामिन और मिनरल से भरपूर आहार लेने की सलाह दी जाती है। इस समय फलों में चेरी खाने के लिए भी कहा जाता है क्योंकि यह फल विटामिन ‘सी’ से भरपूर होता है। पर चेरी हर गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित नहीं है क्योंकि कुछ महिलाओं को इससे एलर्जी भी हो सकती है। यदि आपको इससे किसी भी प्रकार की एलर्जी नहीं है तो भी आपको इसके फायदे और साइड इफेक्ट्स या इससे होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं मालूम होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने से संबंधित सभी चीजों के के बारे में जानने के लिए, आगे पढ़ें।
क्या गर्भावस्था के दौरान चेरी खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान चेरी खाना सुरक्षित है। यह फल विटामिन ‘सी’ और उन सभी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है जो एक गर्भवती महिला की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि खाने से पहले इसके बीज निकाल दें क्योंकि यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है।
चेरी में न्यूट्रिशन की मात्रा
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि चेरी में विटामिन ‘सी’ भरपूर मात्रा में होता है। इस फल में कुछ अन्य न्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं जो एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए हेल्दी और आवश्यक हैं। यहाँ पर बताया गया है कि लगभग एक कप चेरी में कितने न्यूट्रिएंट्स होते हैं, आइए जानें;
- कैलोरी – 97 कैल
- कार्बोहाइड्रेट – 25 ग्राम
- विटामिन ‘सी’ – रोजाना की आवश्यकतानुसार 18%
- फाइबर – 3 ग्राम
- प्रोटीन – 2 ग्राम
- पोटैशियम – रोजाना की आवश्यकतानुसार 10%
- मैगनीज – रोजाना की आवश्यकतानुसार 5%
अब आप जानती हैं कि गर्भावस्था के दौरान चेरी खाना फायदेमंद है और यह कितना न्यूट्रीशियस भी है। यहाँ पर गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के कुछ फायदे भी बताए गए हैं।
गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के फायदे?
चेरी में न्यूट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा होती है। गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
- गर्भावस्था के दौरान चेरी खाना अच्छा है क्योंकि यह प्लेसेंटा तक रक्त प्रवाह में मदद करती है जिससे बच्चे को न्यूट्रिशन और ऑक्सीजन मिलता है।
- चूंकि चेरी में हेल्दी मिनरल, विटामिन्स, एन्जाइम्स, फॉलिक एसिड इत्यादि भरपूर मात्रा में है इसलिए यह गर्भावस्था के दौरान इम्युनिटी को बढ़ाकर समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
- खट्टी-मीठी चेरी खाने से गर्भावस्था के दौरान मतली को कम करने में भी मदद मिलती है।
- चेरी में फाइबर होता है जो कब्ज को ठीक करने में मदद करता है और बॉवेल मूवमेंट को ठीक रखता है।
- सूखी चेरी खाने से डायरिया ठीक होता है।
- चेरी में आयरन भी भरपूर होती है। पर्याप्त मात्रा में चेरी खाने से गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को ठीक होने में मदद मिलती है।
- चेरी में मौजूद मेलाटॉनिन गर्भवती महिलाओं के नसों को आराम देता है और एंग्जायटी खत्म करता है जिससे उन्हें गहरी नींद लेने में मदद मिलती है।
- चेरी में मौजूद एंथोसायनिन न्यूरल सेल्स को सुरक्षित रखने में मदद करता है और बच्चे के मस्तिष्क में सुधार करता है। यह गर्भवती महिलाओं में माइग्रेन की समस्या को भी ठीक करता है जो अक्सर एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने और कम होने से होता है।
- यदि गर्भावस्था के दौरान आप पर्याप्त मात्रा में रोजाना चेरी खाती हैं तो आपको इडिमा (फ्लूइड रिटेंशन) जैसी समस्याएं नहीं होंगी।
- चेरी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन सी गर्भावस्था की आम समस्या, सूजन को कम करते हैं।
- चेरी जूसी होती हैं और इनमें पानी अधिक मात्रा में होता है इसलिए यह फल डिहाइड्रेशन की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है।
- चेरी में मौजूद पोटैशियम से ताकत बढ़ती है इसलिए यह फल गर्भवती महिलाओं में थकान को कम करता है। यह फल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है जो बच्चे और माँ के स्वास्थ्य के लिए बेहतर साबित हुआ है।
यह जानने के बाद कि गर्भावस्था में चेरी खाना कितना फायदेमंद होता है अब आप सोच रही होंगी कि इसे कैसे खाया जाए। खैर, आप इसे अच्छी तरह से धोने के बाद खा सकती हैं पर वह शायद आपके लिए पर्याप्त नहीं होगा। इसलिए यहाँ पर चेरी से बनने वाली कुछ स्वादिष्ट रेसिपीज आसान स्टेप्स के साथ बताई गई हैं।
गर्भावस्था में खाने योग्य चेरी की रेसिपीज
चेरी को अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर भी बनाया जा सकता है। यहाँ पर चेरी से बनी हुई कुछ रेसिपीज दी हुई हैं जिन्हें आप गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं, आइए जानें;
1. चेरी की लस्सी
सामग्री:
- दही – 2 कप
- दूध – 2 कप
- चेरी (बीज निकाले हुए) – 4 कप
- चीनी – स्वादानुसार
- नमक – चुटकी भर
विधि:
- सबसे पहले सभी सामग्रियों को ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें।
- फिर इसे गिलास में डालकर कटी हुई चेरी से गार्निश करें।
2. चेरी का हलवा
सामग्री:
- चेरी (बीज निकाले हुए) – 2 से 3 कप
- कॉर्नस्टार्च – 2 छोटे चम्मच
- पानी – 3 छोटे चम्मच
- घी – ½ कप
- काजू, अखरोट और किशमिश (कटी हुई) – ½ कप
- चीनी – स्वादानुसार
- नमक – चुटकी भर
- इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
विधि:
- सबसे पहले पैन में 1-2 बड़े चम्मच घी डालें। अब उसमें कटे हुए नट्स और किशमिश हल्के भूरे होने तक भून लें।
- पैन में से फ्राइड नट्स हटाएं और उसमें चेरी डाल दें। चेरी को मुलायम होने तक पका लें।
- अब इसमें चीनी मिलाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में चलाती रहें। पकाते समय चेरी को करछुल से क्रश कर लें और अच्छी तरह से पकाएं।
- अब थोड़े से पानी में कॉर्नस्टार्च मिलाएं और उसे पैन में डालें। इसे थोड़े गाढ़ा होने तक लगातार चलाती रहें।
- जब यह हल्का गाढ़ा हो जाए तो इसकी कंसिस्टेंसी चेक करें (यदि आप इसमें एक लाइन बना सकती हैं तो इसका मतलब है कि इसकी कंसिस्टेंसी सही है)।
- अब आंच कम करें और इसमें एक बड़ा चम्मच घी मिलाएं। इसे तब तक चलाएं जब तक यह चेरी पेस्ट के साथ अच्छी तरह से मिल न जाए। फिर इसमें एक बड़ा चम्मच घी और मिलाएं।
- इसे तब तक पकाती रहें जब तक पेस्ट घी को एब्सॉर्ब करना छोड़ न दे। इस समय आप देखेंगी कि थोड़ा बहुत घी मिश्रण के आस-पास बह रहा है।
- अब आंच बंद कर दें और इसमें इलायची पाउडर व कटे हुए फ्राइड ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
- आप इस हल्वे को गर्म या ठंडा करके भी खा सकती हैं।
3. चेरी चुस्की
सामग्री:
- फ्रेश चेरी (कटी और बीज निकाली हुई) – ½ कप
- चीनी (पिसी हुई) -1 कप
- पानी – 1 कप
- खाद्य लाल रंग – ½ छोटा चम्मच (वैकल्पिक)
- आइस क्रीम स्टिक
विधि:
- सबसे पहले एक पैन में पिसी हुई चीनी और पानी मिलाएं। इस मिश्रण को कम आंच में रखें और तब तक चलाती रहें जब तक चीनी पूरी तरह से घुल न जाए।
- अब आंच बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
- बीज निकाली हुई चेरी को सॉफ्ट होने तक कुकर में पकाएं (1-2 सीटी आने तक)।
- फिर पकी हुई चेरी की प्यूरी बना लें।
- अब इस प्यूरी में चीनी कर सिरप मिलाएं।
- एक अच्छी छलनी से प्यूरी को छान लें। आप इसमें थोड़ा सा खाने वाला लाल रंग भी मिला सकती हैं।
- अब इस मिश्रण को आइस क्रीम मोल्ड में डालें और बर्फ जमने तक इसे फ्रीजर में रख दें।
4. चेरी का लेमनेड
सामग्री:
- फ्रेश चेरी – 1 कप
- नींबू का रस – 2 बड़े चम्मच
- थोड़ा सा ठंडा पानी
- स्वादानुसार चीनी
- नींबू के टुकड़े और पुदीने के पत्ते (गार्निश के लिए)
विधि:
- सबसे पहले सभी चेरी को धोएं और उसके बीज निकाल लें।
- अब इसे पानी और नींबू रस के साथ ब्लेंड में ब्लेंड कर लें।
- फिर इसका पानी छानें।
- मिश्रण में थोड़ी सी चीनी और पानी मिलाएं।
- अंत में इस मिश्रण को गिलास में डालें और नींबू के टुकड़ों और पुदीने के पत्तों से गार्निश करें।
- आप कुछ पुदीने के पत्तों को मसल कर अपने ड्रिंक में भी मिला सकती हैं।
ये कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से आप गर्भावस्था की डायट में चेरी को शामिल कर सकती हैं। पर क्योंकि यह समय आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए यह फल आपके लिए फायदेमंद और हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और इसके लिए क्या बचाव करना चाहिए, यह जानना आपके लिए बेहतर होगा।
गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के साइड इफेक्ट्स
चेरी में न्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। हालांकि कुछ गर्भवती महिलाओं ने चेरी खाने के बाद इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी किया है। वे कौन से साइड-इफेक्ट्स हैं, आइए जानें;
- यद्यपि ऐसा कहा जाता है कि चेरी में एंटी-इंफ्लेमटरी गुण होते हैं पर इससे गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं, जैसे ओरल एलर्जी सिंड्रोम।
- यदि आपको चेरी से कोई भी एलर्जी नहीं है फिर भी इसे बहुत ज्यादा मात्रा में खाना हानिकारक हो सकता है। इससे कुछ मामलों में ऐनाफाइलक्टिक शॉक या ऐनाफैलिसिस भी हो सकता है जो एक गंभीर समस्या है।
- बहुत ज्यादा चेरी खाने से ब्लोटिंग, गैस और पेट में दर्द की समस्या भी हो सकती है। इसलिए चेरी को बहुत कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है।
- मीठी चेरी में प्राकृतिक मीठा बहुत ज्यादा होता है। इसे अधिक मात्रा में खाने से ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ सकता है। इसलिए जिन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज है उन्हें चेरी न खाने की सलाह दी जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में सुखी, मीठी या माराशिनो चेरी खाने से महिलाओं का वजन अधिक बढ़ सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दिनों में आप इसे बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं।
ध्यान देने योग्य कुछ सावधानियां
चेरी खाने से पहले इससे संबंधित यहाँ पर कुछ टिप्स दिए हैं। यह बचाव उन सभी लोगों को करना चाहिए जो चेरी खाना चाहते हैं । वे कौन से टिप्स हैं, आइए जानें;
- चेरी खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें क्योंकि इससे गर्भवती महिला और उसके बच्चे को इन्फेक्शन या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- चेरी को हमेशा उसके बीज निकालकर खाएं क्योंकि उसमें प्रुसिकासिड/सायनिड होता है जो एक जहरीला केमिकल है। यदि गलती से भी आप बीज सहित चेरी खा लेती हैं तो तुरंत उसे हटा दें और चबाएं न।
- गर्भावस्था के आहार में चेरी शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- सूखी चेरी को प्रिजर्व करने के लिए उसमें सल्फाइट लगाया जाता है। यदि आपको सल्फाइट से एलर्जी है तो आप सूखी चेरी बिलकुल भी न खाएं। यदि आपको सूखी चेरी खाने की क्रेविंग होती है तो खाने से पहले चेरी को गर्म पानी में लगभग आधे घंटे तक डुबो कर रखें ताकि उसका सल्फाइट धुल जाए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने के बारे में क्या आप और अधिक जानना चाहती हैं? यहाँ पर इससे संबंधित कुछ अक्सर पूछे गए सवालों के जवाब दिए हुए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं। वे कौन से सवाल हैं, आइए जानें;
1. क्या मैं गर्भावस्था के दौरान मैराशिनो चेरी खा सकती हूँ?
मैराशिनो चेरी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए जरूरी है। हालांकि यदि आप इसे बहुत ज्यादा मात्रा में खा लेती हैं तो आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
2. क्या गर्भावस्था के दौरान सूखी चेरी खाना फायदेमंद है?
सूखी चेरी को प्रिजर्व करने के लिए इसे सल्फाइट के साथ रखा जाता है। इसलिए यदि आपको सल्फाइट से एलर्जी है तो गर्भावस्था के दौरान इसे खाने से आपको सूजन हो सकती है।
3. फ्रेश चेरी कैसे चुनें?
आप अपने लिए हमेशा वह चेरी चुनें जिसमें हरे रंग की डंठल लगी हो और वह छूने में थोड़ी कड़क हो। साथ ही चेरी गाढ़ी लाल रंग की होनी चाहिए क्योंकि ऐसी चेरी पकी हुई होती है और इन्हें खाया जा सकता है।
यह एक जाना माना तथ्य है कि गर्भावस्था के दौरान चेरी खाने से माँ और गर्भ में पल रहे बच्चे को फायदा होता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आप चेरी को बहुत संयमित मात्रा में खाएं क्योंकि इसे ज्यादा खाने से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३
स्रोत ४
स्रोत ५
स्रोत ६
स्रोत ७
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