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यदि गर्भवती महिला स्वस्थ है तो उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ होगा। हर गर्भवती महिला को विशेषकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए की उसे हमेशा संतुलित व हेल्दी डायट ही लेना है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में बहुत सारे हॉर्मोनल बदलाव होते हैं और इस समय पाचन संबंधी समस्याएं होना आम है। कई गर्भवती महिलाओं को कब्ज, बवासीर और डायरिया हो सकता है। गर्भावस्था में फाइबर-युक्त खाना खाने से ये समस्याएं बहुत कम हो जाती हैं।
फाइबर क्या है?
फाइबर सिर्फ प्लांट्स में होता है और यह वो चीज नहीं है जो मनुष्य का शरीर पचाता है। इससे कोई भी न्यूट्रिएंट नहीं प्राप्त होता पर यह शरीर के मुख्य फंक्शन के लिए जरूरी है। डायट में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाचन तंत्र को हेल्दी रखती है और इसका फंक्शन सही तरीके से होता है क्योंकि यह शरीर से उन सभी पदार्थों को खत्म कर देता है जो हानिकारक हो सकते हैं। फाइबर को रफेज भी कहा जाता है।
फाइबर-युक्त डायट का सिर्फ एक ही साइड-इफेक्ट है कि आपकी सामान्य से अधिक गैस पास होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर हमारे शरीर में फाइबर नहीं पचता है और कोलन व आंतों में मौजूद बैक्टीरिया काफी हद तक इसे पचा सकते हैं।
फाइबर कितने प्रकार के होते हैं?
फाइबर दो प्रकार के होते हैं, आए जानें;
- इन्सॉल्युबल फाइबर: यह फाइबर नैचुरल लैक्सेटिव की तरह ही काम करता है और इसकी मदद से बॉवेल मूवमेंट ठीक होने में मदद मिलती है। इससे स्टूल मुलायम होता है और कब्ज की समस्या ठीक हो जाती है। यह होल ग्रेन, फल, सब्जियों, बीन्स और सूखी मटर में पाया जाता है।
- सॉल्युबल फाइबर: यह फाइबर ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। सॉल्युबल फाइबर सूखी मटर, बीन्स, फल, सब्जियां, जौ और ओट्स में पाया जाता है।
गर्भावस्था में फाइबर-युक्त भोजन खाने के फायदे
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन नामक हॉर्मोन्स उत्पन्न होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को आराम देते हैं और पाचन को धीमा कर देते हैं। डायट में फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने से सभी समस्याएं व असुविधाएं ठीक हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान फाइबर का सेवन करने से अन्य फायदे भी होते हैं, आइए जानें;
- गर्भावस्था के दौरान वजन नियंत्रित रखता है: फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपका पेट देर तक भरा रहता है और इसमें कैलोरीज भी नहीं होती है। यह गर्भावस्था में वजन को बनाए रखने में भी मदद करता है।
- कब्ज ठीक रहता है: डायट में सलाहनुसार फाइबर की मात्रा होने से गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या नहीं होती है।
- ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है: फाइबर खाने के पाचन को धीमा करता है और इससे ब्लड शुगर जल्दी-जल्दी नहीं बढ़ता है।
- फाइबर से दिल की बीमारी कम होती है: फाइबर पाचन तंत्र में कोलेस्ट्रॉल-युक्त बाइल एसिड को कम करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप शरीर कोलेस्ट्रॉल को अब्सॉर्ब कर पाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए फाइबर-युक्त भोजन के विकल्प
कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए आप अपने आहार में फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। इससे आपके पाचन में बहुत फर्क पड़ेगा। गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित खाद्य पदार्थों भरपूर मात्रा में फाइबर में होता है, आइए जानें;
फाइबर-युक्त सब्जियां
- आटिचोक
- हरी मटर
- चुकंदर (पार्सनिप)
- ब्रसल स्प्राउट
- केल
- ओकरा
- गाजर
फाइबर-युक्त फल
- बेरीज
- संतरे
- नाशपाती
- सेब
- कीवी
- आम
- एवोकाडो
फाइबर-युक्त सीरियल और ग्रेन्स
- बाजरा
- जौ
- गेहूं
- ब्राउन राइस
- होल ग्रेन
- ओट्स
- वाइल्ड चावल (काले चावल)
फाइबर-युक्त दलहन और नट्स
- लाइमा बीन्स
- फलियां
- काबुली चना
- काली सेम (ब्लैक बीन्स)
- दालें
- नारियल
- बादाम
हाई फाइबर की इंस्टेंट रेसिपी
एक रात पहले से ही ओट्स तैयार करके रखना आपके लिए कठिन हो सकता है पर सेब और दालचीनी से बनी हुई यह रेसिपी आपके नाश्ते को फाइबर से भरपूर बनाती है और इसे सुबह-सुबह खाना आसान भी है।
सामग्री
- दूध (यदि डेयरी का हो तो बिना फैट का) – एक कप
- रोल्ड ओट्स – 2/3 कप
- दालचीनी – 1/4 चम्मच
विधि
- सबसे पहले आप ओट्स में दूध मिलाएं और इसमें दलचीनी डालें। दूध के कटोरे पर ऊपर से कुछ बांधें और इसे रातभर के लिए फ्रिज में रख दें। सुबह आप इसमें कटे हुए अखरोट, सेब डालकर खाएं।
अन्य जरूरी बातें
गर्भावस्था के दौरान यदि आप फाइबर-युक्त आहार की मात्रा बढ़ा देती हैं तो आपके लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है। इससे आपका पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है व आपका शरीर हाइड्रेटेड रहता है। आपको लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान नारियल पानी पीना भी अच्छा है क्योंकि इसमें आवश्यक न्यूट्रिएंट्स, डायटरी फाइबर और लॉरिक एसिड होता है जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाए रखता है।
हरी सब्जियों में मौजूद फाइबर की प्रचुर मात्रा गर्भवती महिलाओं के लिए हेल्दी होती है क्योंकि इसमें एनिमल प्रोडक्ट से कम टॉक्सिक वेस्ट होता है। हरी सब्जियों में मौजूद फाइबर से आंतों में बैक्टीरिया कम होते हैं और यह खराब बैक्टीरिया को कम करने में भी मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को यह भी सलाह दी जाती है कि उन्हें सोयाबीन या सोया के प्रोडक्ट्स नहीं खाने चाहिए क्योंकि इसे आमतौर पर मैन्युअली तैयार किया जाता है।
एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे सुंदर समय होता है और ज्यादातर महिलाएं इस समय की सभी खुशियां बटोर लेना चाहती हैं। पर यदि आप वास्तव में अपनी गर्भावस्था को एन्जॉय करना चाहती हैं तो आपको अपने व बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित मात्रा में सही आहार लेना बहुत जरूरी है। इस दौरान आप ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाएं और खूब सारा पानी पिएं ताकि आपका शरीर जितना संभव हो उतना ज्यादा ठीक से फंक्शन करे जिससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहे।
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