गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान ग्रेपफ्रूट (चकोतरा) खाना – फायदे और नुकसान

एक गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा जिस चीज पर ध्यान देने की जरूरत होती है, वो है उसका आहार। आप क्या खा रही हैं प्रेगनेंसी के दौरान यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। गर्भवती महिला की डाइट प्रेगनेंसी के दौरान बेहद अहम होती है, क्योंकि इससे बच्चे का विकास जुड़ा होता है, इसलिए आपको इस दौरान सावधानी से खाने-पीने की सलाह दी जाती है।

क्या आप गर्भावस्था के दौरान ग्रेपफ्रूट खा सकती हैं?

एक गर्भवती महिला के लिए, ऑर्गनिक ग्रेपफ्रूट का सेवन करना सबसे अच्छा विकल्प है- इसका कारण यह है कि वे पेस्टीसाइड और किसी भी अन्य केमिकल से मुक्त होते हैं, इसलिए बच्चे को इससे किसी खतरे की कोई संभावना नहीं होती है। आपको फलों को अच्छी तरह से धोना चाहिए ताकि किसी भी तरह से बीमारी की कोई गुंजाइश न रहे।

ग्रेपफ्रूट की न्यूट्रिशनल वैल्यू

न्यूट्रिएंट मात्रा
कैलोरी 42
कार्बोहाइड्रेट 10.66 ग्राम
प्रोटीन 0.77 ग्राम
फाइबर 1.6 ग्राम
फैट 0.14 ग्राम
विटामिन
विटामिन सी 33.3 मिलीग्राम
कोलीन 7.7 मिलीग्राम
फोलिक एसिड 13 माइक्रोग्राम
विटामिन ई .13 मिलीग्राम
नियासिन 0.269 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.020 मिलीग्राम
थायमिन 0.037 मिलीग्राम
मिनरल्स
पोटैशियम 148 मिलीग्राम
कैल्शियम 12 मिलीग्राम
आयरन 0.06 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 9 मिलीग्राम
जिंक 0.07 मिलीग्राम
फास्फोरस 18 मिलीग्राम

सोर्स: https://en.wikipedia.org/wiki/Grapefruit

क्या ग्रेपफ्रूट का जूस गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है?

कुछ महिलाओं को फल खाना पसंद होता है, जबकि कुछ महिलाओं को जूस का सेवन करना ज्यादा पसंद होता है। ग्रेपफ्रूट के जूस के मामले में, आप इसका केवल तभी सेवन करें जब यह पूरी तरह से घर का बना हो। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पैक्ड जूस में ज्यादा पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं।

गर्भावस्था के दौरान ग्रेपफ्रूट खाने के स्वास्थ्य लाभ

ग्रेपफ्रूट के स्वास्थ्य लाभ में से कुछ इस प्रकार शामिल हैं:

1. ब्लड स्ट्रेस

प्री-एक्लेमप्सिया एक ऐसी स्थिति है जो हर 12 में से एक गर्भवती महिला को प्रभावित करती है और अगर इसकी देखभाल ठीक से न की जाए तो प्रीमैच्योर बर्थ का खतरा पैदा हो सकता है। ग्रेपफ्रूट में पोटैशियम और लाइकोपीन होता है, जो ब्लड स्ट्रेस के लेवल को कम करता है और हाई ब्लड प्रेशर को होने से रोकता है।

2. कोलेस्ट्रॉल

ग्रेपफ्रूट में फाइबर और पेक्टिन मौजूद होता है, दोनों ही प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।

3. अनिद्रा

ग्रेपफ्रूट गर्भवती महिलाओं को अच्छी तरह से नींद लेने में मदद करता है, खासकर तीसरे तिमाही में। इस समय के दौरान तनावग्रस्त नसों और स्लीपिंग डिसऑर्डर के कारण ज्यादातर गर्भवती महिलाएं अनिद्रा की शिकार हो जाती हैं।

4. वजन को बनाए रखता है

गर्भावस्था के दौरान, लोग आपसे जल्दी वजन बढ़ाने की उम्मीद करने लगते हैं। हालांकि, आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में वजन बढ़ना भी अच्छा नहीं होता है, भले ही आप गर्भवती हों। ग्रेपफ्रूट  में कैलोरी कम होती है, जिससे आप इसे अपने स्नैक में शामिल कर सकती हैं।

5. अपच

गर्भवती महिलाओं में अपच और सीने में जलन की समस्या बहुत आम है, क्योंकि जैसे जैसे गर्भाशय बढ़ने लगता है  पेट के फंक्शन पर भी इसका प्रभाव पड़ने लगता है और खाना ठीक से नहीं पचता है। ऐसे मामलों में भी ग्रेपफ्रूट काफी मदद करता है। 

6. मॉर्निंग सिकनेस

कई महिलाओं को गर्भधारण के बाद मोर्निंग सिकनेस या उल्टी की समस्या का सामना करना पड़ता है। ग्रेपफ्रूट में मौजूद फाइबर और इसका मीठे-खट्टे स्वाद के साथ, मतली की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

7. एनीमिया

एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिससे गर्भवती महिलाओं को हमेशा सावधान रहने के लिए कहा जाता है, क्योंकि इससे बच्चे के विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता। ग्रेपफ्रूट में मौजूद विटामिन बी महिलाओं में एनीमिया के खतरे को कम करने में मदद करता है, ग्रेपफ्रूट का इस्तेमाल एनीमिया को रोकने और कम करने के लिए किया जाता है।

8. अस्थमा को रोकता है

यह पाया गया है कि विटामिन सी से बच्चे में अस्थमा की होने की संभावना को कम किया जा सकता है और ग्रेपफ्रूट में विटामिन का स्तर बहुत ज्यादा होता है।

9. सूजन

गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में, महिलाओं को उनके पैर में सूजन का अहसास होता है जो खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण होता है। ग्रेपफ्रूट में बायोफ्लेवोनॉइड्स और विटामिन सी भी होते हैं, जो गर्भवती  महिलाओं में सूजन की समस्या को कम करने में मदद करता है।

10. बोन डेंसिटी लॉस

गर्भवती महिलाओं के लिए, कैल्शियम एक जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। इससे बच्चे के हड्डियों का गठन होता, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, साथ ही होने वाली माँ में भी बोन डेंसिटी का मेनटेन होना बेहद जरूरी है।

11. हाइड्रेशन

ग्रेपफ्रूट में पानी की मात्रा काफी होती है और इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, इससे आपको डिहाइड्रेशन नहीं होता है।

12. कोल्ड और फ्लू

ग्रेपफ्रूट  में मौजूद विटामिन सी सर्दी और फ्लू सहित कई बीमारियों से निपटने में मदद करता है।

13. स्वस्थ त्वचा

कई लोग कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान, महिला की त्वचा चमकने लगती है, लेकिन असलियत इससे बहुत अलग है। हालांकि, ग्रेपफ्रूट में मौजूद विटामिन सी आपको एक बेहतरीन त्वचा प्रदान करता है जो स्किन को टोन रखने में मदद करता है और आपको हेल्दी और बैलेंस स्किन प्रदान करता है।

14. कैंसर से बचाव

ग्रेपफ्रूट  में एंटीऑक्सिडेंट बेहतरीन मात्रा में मौजूद होता है, जो कैंसर सेल्स का मुकाबला करने में मदद करता है- बस्ट कैंसर से लेकर एसोफैगल कैंसर और बेली कैंसर तक, आपको इससे लड़ने में मदद करता है।

15. डायबिटीज

ग्रेपफ्रूट में चीनी की मात्रा कम होती है, जिसके कारण यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक बेहतरीन फल माना जाता है। डायबिटीज मेलिटस की मात्रा गर्भवती महिलाओं में बढ़ती हुई पाई गई है, विशेष रूप से दूसरी और तीसरी तिमाही में। इसलिए, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ग्रेपफ्रूट का सेवन करना अच्छा माना जाता है।

गर्भवती महिलाओं को ग्रेपफ्रूट का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए

एक गर्भवती महिला को प्रतिदिन लगभग 85 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है और यह एक मध्यम आकार के ग्रेपफ्रूट या ग्रेपफ्रूट जूस के आठ औंस (236 मिलीलीटर) से प्राप्त किया जा सकता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रेपफ्रूट  की अनुशंसित मात्रा है। बहले ही इसमें कितने ही पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन, अनुशंसित मात्रा से अधिक इसका सेवन करना होने वाली माँ के लिए अच्छा नहीं होता है।

गर्भावस्था के दौरना बहुत ज्यादा ग्रेपफ्रूट खाने के जोखिम

  • ग्रेपफ्रूट, गर्भवती महिला में फ्रुक्टोज के स्तर को बढ़ा सकता है, जो भ्रूण के विकास को सीधे प्रभावित कर सकता है।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे गुर्दे की बीमारी, पेट का अल्सर, सिस्टाइटिस या एलर्जी की हिस्ट्री रही हो तो आपको ग्रेपफ्रूट न  खाने की सलाह दी जाती है।
  • एक और ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्रेपफ्रूट का सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए।
  • यदि आप किसी मेडिकेशन पर हैं, तो आपको ग्रेपफ्रूट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
  • आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप गर्भावस्था के दौरान ग्रेपफ्रूट का सेवन एक आवश्यक मात्रा में करें।

सही ग्रेपफ्रूट कैसे चुनें?

सही ग्रेपफ्रूट चुनना बहुत ही आसान है, क्योंकि आपको केवल इसके  छिलके के टेक्सचर पर ही ध्यान देना होता है, इसका रंग इतना मायने नहीं रखता है। फल का छिलका नर्म और धब्बेदार नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, वजनदार ग्रेपफ्रूट  चुनें- क्योंकि इसका छिलका मोटा होता है और अंदर गुदा की मात्रा कम होती है। ग्रेपफ्रूट को फ्रिज में भी रखने की भी जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि यह अन्य फलों की तुलना में  देर से पकना शुरू होता है। अब इन्हें फ्रिज में केवल तभी रखे जब इनके खराब होने का खतरा हो। ऐसा कहा जाता है की इस फल में अधिक मात्रा में पोषण लाभ पाए जाते हैं, लेकिन इसका स्वाद कड़वा होने के कारण इसका सेवन करना मुश्किल होता है। हालांकि, अगर आप इसका जूस पीना पसंद करती हैं, तो आपको कड़वापन कम महसूस होगा।

क्या ग्रेपफ्रूट के बीज का एक्सट्रेक्ट गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रेपफ्रूट का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसके फल का एक्सट्रेक्ट या बीज सेवन करना भी सुरक्षित है। इसके बीज के एक्सट्रेक्ट को स्किन फाइब्रोब्लास्ट्स के लिए जहरीला माना जाता है, इसलिए इसका सेवन करने के लिए आपको मना किया जाता है।

अपनी प्रेगनेंसी डाइट में ग्रेपफ्रूट शामिल करने के बेहतरीन तरीके

कुछ तरीके हैं जिनसे ग्रेपफ्रूट का सेवन गर्भवती महिला द्वारा सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।

  • ताजा जूस, स्मूदी या सलाद के रूप में।
  • एक हेल्दी कॉकटेल बनाने के लिए ग्रेपफ्रूट और अन्य फलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फल के छिलके का, चाय में इस्तेमाल करने से आपको मितली से निपटने में मदद मिलती है।

ग्रेपफ्रूट से बने व्यंजन जो आप भी बना सकती हैं

ग्रेपफ्रूट को केवल फल के रूप में भी खाया जा सकता है, लेकिन अन्य फलों और सब्जियों के साथ मिलाकर भी आप इसका सेवन कर सकती हैं। आपको नीचे ग्रेपफ्रूट से बनी कुछ रेसिपी दी गई हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. ग्रेपफ्रूट और आड़ू का सलाद

आपको चाहिए 

  • एक बड़ा ग्रेपफ्रूट
  • दो बड़े, पके आड़ू
  • एक चम्मच शहद
  • आधा चम्मच संतरे के फूल का पानी
  • दस ताजा पुदीने के पत्ते
  • 50 ग्राम बारीक कटा हुआ पिस्ता

कैसे तैयार करें 

सबसे पहले एक छोटी कटोरी में एगेव नेक्टर और संतरे के फूल का पानी एक सस्थ मिलाएं। अब, आप ग्रेपफ्रूट  के छिलके को निकाल कर अलग कर दें फिर इन्हें स्लाइस में काट लें। इसी तरह, आड़ू की स्लाइस काटें और टुकड़े से इसका गुदा निकाल लें। इन सभी को एक कटोरे में अच्छे से मिलाएं और थोड़ा पुदीना और पिस्ता ऊपर से डालकर इसे गार्निश करें।

तैयारी का समय – 5 मिनट

सर्विंग्स – 2

2. ग्रेपफ्रूट स्मूदी

आपको चाहिए 

  • ग्रेपफ्रूट को छील कर बीज निकाल लें
  • छिलका उतरा हुआ मीठा सेब
  • एक बड़ा केला (पका हुआ)
  • बिना चीने के बादाम का दूध, संतरे का जूस और पानी (एक या दो कप)
  • बर्फ के टुकड़े
  • आधा चम्मच ताजा, कटा हुआ अदरक

कैसे तैयार करें 

एक ब्लेंडर में सभी सामग्री को डाल कर चलाएं, जब तक कि मिक्सचर स्मूथ और क्रीमी न हो जाए। यदि आप चाहते हैं कि यह कम गाढ़ा हो, तो इसमें बर्फ या पानी डाल सकती हैं। मिठास के लिए आप मिक्सचर में सेब या केले डालें।

तैयारी का समय – 10 मिनट

सर्विंग्स – 2

गर्भवती महिला के लिए ग्रेपफ्रूट  सबसे अच्छे फलों में से एक है, क्योंकि इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो माँ और बढ़ते बच्चे दोनों को लाभ पहुँचाते हैं। हालांकि, आपको ध्यान रखना चाहिए कि इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें।

यह भी पढ़ें:

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समर नक़वी

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