गर्भावस्था के दौरान मूली खाना – फायदे और साइड इफेक्ट्स

प्रेगनेंसी के दौरान मूली खाना

मूली भारतीय व्यंजनों में शामिल किया जाने वाला एक बहुत ही आम और स्वादिष्ट भोजन है। यह कई रंगों में उपलब्ध होता है, लेकिन सफेद मूली सबसे ज्यादा कॉमन होती है। यह गोल, छोटी, लंबी और पतली आदि अलग अलग शेप में उपलब्ध होती है। आप मूली को कच्चा, पकाकर,  फ्राई करके या बेक्ड कर के भी खा सकती हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान, किसी भी चीज का सेवन करने से पहले आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं कि क्या आप गर्भावस्था के दौरान मूली का सेवन कर सकती हैं या नहीं।

क्या गर्भवती महिलाएं मूली खा सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करना आप और आपके बच्चे के लिए रिस्की हो सकता है। अगर आपने पहले इसके बारे में नहीं सोचा तो अब आपको इस विषय पर सोचने की जरूरत है। गर्भावस्था के दौरान सफेद मूली खाने से क्या यह आपको नुकसान पहुँचा सकती है। उत्तर हाँ है, आप इसे प्रेगनेंसी के समय खा तो सकती हैं, लेकिन इस लेख में बताई गई सावधानियों का पालन करते हुए आपको इसका सेवन करना चाहिए।

मूली की न्यूट्रिशनल वैल्यू

एक कप मूली से आपको पोटैशियम, फोलेट, कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी, विटामिन ए, बी-विटामिन, जिंक और मैंगनीज आदि महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल प्राप्त होते हैं। फोलेट आपके बच्चे के बेहतर  विकास के लिए विशेष रूप से जरूरी होता है, जबकि विटामिन सी और आयरन सर्कुलेटरी सिस्टम और विभिन्न अंगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, कैल्शियम दाँतों, स्केलेटल सिस्टम और मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक होता है।

गर्भावस्था के दौरान मूली खाने के फायदे

Radish Salad

मूली को अपने आहार का हिस्सा बनाने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है। उनमें से कुछ हैं:

1. वजन को कंट्रोल करती है

मूली से आपका पेट जल्दी भर जाता है और यह आपकी भूख को शांत करने में मदद करती है, जिसकी वजह से आप कैलोरी का सेवन कम हो जाता है। इसके अलावा इसमें लो कार्बोहाइड्रेट और शुगर होता है, जो वजन बढ़ने की बड़ी वजह होते हैं, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर आपको कब्ज से राहत प्रदान करते है।

2. कैंसर से बचाव करती है

कई शक्तिशाली एंटी-कार्सिनोजेन्स जैसे कि आइसोथियोसाइनेट और सल्फोराफेन मूली में मौजूद होते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में मदद करते हैं।

3. हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करती है

मूली में पोटैशियम अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर के ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करता है। इसमें मौजूद एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

4. यूरिन संबंधी समस्याओं में सुधार करती है

मूली के मूत्रवर्धक गुण यूरिन के फ्लो  में सुधार करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के चलते यह यूरिनरी ट्रैक्ट की सूजन, इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करती है।

5. डायबिटीज

मूली में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके रक्त में ग्लूकोज के लेवल को प्रभावित नहीं करती है। यह डायबिटीज वाले लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जिन्हें हमेशा अपने आहार पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

6. त्वचा को बेहतर करती है

मूली में मौजूद विटामिन सी, बी-विटामिन और जिंक त्वचा को हील करने में मदद करते हैं। इससे मिलने वाले पोषक तत्व सिंथेसिस में उपयोग होने वाले कुछ एंजाइम और कोलेजन के विकास, प्रोटीन स्ट्रक्चर जो स्किन सेल्स को एक साथ बांधता है, मूली के सेवन से इसमें भी सुधार होता है।

7. इम्युनिटी

मूली आपके शरीर के साथ-साथ आपके गर्भ में पल रहे बच्चे की इम्युनिटी को बूस्ट करती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी मौजूद होता है। एक कप पकी हुई  मूली के सेवन से आप दिन भर में विटामिन की तीस प्रतिशत जरूरत को पूरा कर सकती हैं।

मूली खाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

जैसा कि पहले भी कहा गया है कि मूली को अपने आहार में शामिल करने से पहले ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें लेकर आपको सावधानी बरतनी चाहिए :

  • गंदगी हटाने के लिए मूली को अच्छी तरह से धोएं, यह इन्फेक्शन से बचने के लिए आपके द्वारा उठाया जाने वाला पहला कदम है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मूली एक रूट वेजिटेबल है इस कारण इसमें मिट्टी और गंदगी लगी रहती है, जिसे साफ करना जरूरी होता है। यदि आवश्यक हो, तो आप मूली को छील लें और इसे छिलके समेत खाने से बचें।
  • कच्ची मूली को इसलिए खाने से बचना चाहिए, क्योंकि उस पर जर्म्स मौजूद होते हैं, इसे पकाने से मूली पर मौजूद हानिकारक जर्म्स मर जाते हैं और फिर आप इसे सुरक्षित रूप से खा सकती हैं।
  • मूली को काटने के बाद कटिंग बोर्ड को पानी और डिटर्जेंट के साथ अच्छी तरह से धोएं, ताकि आप दूसरी सब्जियों को काटने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकें।
  • हमेशा खाना बनाने से पहले अपने हाथ धोएं, विशेष रूप से मूली और जमीन के अंदर उगाई जाने वाली अन्य सब्जियां जैसे गाजर, शलजम, आलू और चुकंदर आदि।

गर्भावस्था के दौरान मूली खाने से क्या जोखिम हो सकता है

जब तक आप ऊपर बताई गई सावधानियों का पालन करती हैं, तब तक आप बिना किसी परेशानी के इस पौष्टिक सब्जी को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं, बाकी ऐसा कोई दूसरा कारण नहीं है जिसकी वजह से आप इसका सेवन नहीं कर सकती हैं । हालांकि, अगर मूली को अच्छी तरह से साफ किया या पकाया न गया हो तो, इससे आपको साल्मोनेलोसिस, टोक्सोप्लाज्मोसिस और शिगेलोसिस जैसे खतरनाक इन्फेक्शन होने का खतरा हो सकता है। इससे आपको तेज बुखार, डिहाइड्रेशन, शरीर में दर्द आदि कई समस्याएं हो सकती हैं जो आपकी गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती है। यदि आपको गंभीर रूप से इन्फेक्शन हो जाए  है, तो इसके कारण प्रीमैच्योर लेबर, मिसकैरज या स्टिलबर्थ भी हो सकता है।

अपने आहार में मूली को कैसे शामिल करें

मूली को अपने आहार में शामिल करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

  • आप सूप में इसका उपयोग कर सकती हैं या फिर इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर एक स्वादिष्ट स्नैक तैयार कर सकती  हैं।
  • पोषक तत्व बढ़ाने के लिए आप पास्ता या घी चावल के साथ मूली डालकर इसे पकाएं।
  • मूली का उपयोग आमतौर पर विभिन्न भारतीय व्यंजनों में किया जाता है जिसमें पराठा, चटनी और सांबर आदि शामिल हैं।

एक महिला के जीवन में गर्भावस्था का समय बहुत कठिन होता है, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चे की बेहतरी के लिए अपने आहार पर ध्यान दें। जब तक आप सुरक्षित रूप से किसी भी आहार का सेवन करती हैं, तब तक आपको अपनी गर्भावस्था में किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना नहीं पड़ेगा।

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