In this Article
ब्लड प्रेशर मापने के लिए हार्ट पंप होने पर आर्टरी की दीवार में खून के फोर्स को मापा जाता है। ब्लड प्रेशर कम होने और गर्भावस्था में संबंध यह है कि शरीर में हॉर्मोनल बदलावों के कारण सर्कुलेशन सिस्टम में ब्लड वेसल्स फैलने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर कम होता है।
यदि आपका ब्लड प्रेशर 90 एमएमएचजी/60 एमएमएचजी या इससे कम है तो इसे ब्लड प्रेशर कम होना मानते हैं। नॉर्मल ब्लड प्रेशर की रीडिंग 120 एमएमएचजी/80 एमएमएचजी होती है।
गर्भावस्था की शुरूआत में ब्लड प्रेशर कम होना शुरू हो जाता है और लगभग दूसरी तिमाही के बीच में यह सबसे कम होता है। इस दौरान ब्लड प्रेशर की रीडिंग लेना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आपके और गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य का पता चलता है। गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर कम होना एक आम बात है और यह जेस्टेशन के 24वें सप्ताह तक कम ही रहता है।
ब्लड प्रेशर सिर्फ दो प्रकार से कम होता है, आइए दोनों के बारे में जानते हैं;
आप जब भी बैठने या सोने की पोजीशन से उठती होंगी तो आपका ब्लड प्रेशर बहुत कम रहता होगा। इस समस्या को ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन कहते हैं जो ज्यादा देर तक बैठे या लेटे रहने से होता है। अचानक से पोजीशन बदलने पर खून मस्तिष्क तक देर से पहुँचता है।
यदि आप पीठ के बल लेटती या बैठती हैं तो ब्लड वेसल्स पर ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़ता है, जैसे वेना कावा, एओर्टा और अन्य के कारण ब्लड प्रेशर कम होता है। यह हाइपोटेंशन गर्भाशय बढ़ने से होता है जिसमें दूसरी और तीसरी तिमाही में अक्सर महिलाओं को चक्कर आते हैं।
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
यह विटामिन बी12 और फॉलिक एसिड की कमी से भी होता है। गर्भ में पल रहा बच्चा अपनी माँ से ही न्यूट्रिएंट्स प्राप्त करता है। इसलिए यदि माँ विटामिन और फॉलिक एसिड का सेवन कम करती है तो इसकी कमी से ब्लड सर्कुलेशन कम होता है और साथ ही ब्लड प्रेशर में भी कमी होती है।
ऊपर दिए हुए कुछ लक्षण पर्याप्त आराम करने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से ठीक हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप ये सभी लक्षण डॉक्टर को बताएं क्योंकि हो सकता है ये आपकी स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण भी हो सकते हैं जिनका अभी तक पता नहीं लगा हो।
ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन से इस समस्या का निदान बहुत आसानी से हो सकता है। इसके लिए हाथ में एक्सपैंडेबल कफ बांधा जाता है और ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए प्रेशर मेजरिंग गेज को दबाया जाता है।
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने में उतना खतरा नहीं है जितना हाई ब्लड प्रेशर में होता है पर फिर भी यह एक चिंता का कारण है। यदि आपका ब्लड प्रेशर कम है तो आपको निम्नलिखित खतरे हो सकते हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने के लिए यहाँ कुछ उपचार बताए गए हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने के लिए कोई भी ट्रीटमेंट नहीं बताया गया है। यहाँ तक कि यदि लक्षण गंभीर नहीं है या कोई कॉम्पिलिकेशन नहीं है तो इस अवधि में कोई भी दवा खाने की सलाह भी नहीं दी जाती है। हालांकि इस समस्या को लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाने से कम किया जा सकता है, जैसे एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाएं, बैठने या लेटने की अवस्था से उठने पर ध्यान दें व आराम से उठें और खड़े होने से पहले अपनी एड़ी व पांव को स्ट्रेच करें।
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम करने के लिए आप नीचे दिए हुए कुछ घरेलू उपचार अपना सकती हैं, आइए जानते हैं;
ब्लड प्रेशर कम होने पर अक्सर लोगों को नमक का पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि नमक का पानी बहुत ज्यादा न पिएं क्योंकि इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक डालकर मिलाएं और पी लें या आप ओरल रिहाइड्रेशन सॉलूशन भी ले सकती हैं।
हाइपोटेंशन को कम करने के लिए किशमिश खाना एक बेहतरीन उपाय है। इसके लिए आप रातभर थोड़ी सी किशमिश भिगोकर रख दें और फिर उसे सुबह खाली पेट खा लें। आप वह पानी भी पी सकती हैं जिसमें किशमिश भीगे हुए थे। आप कुछ महीनों या कुछ दिनों तक इसे खा सकती हैं।
तुलसी में कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जैसे विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम और पैंटोथेनिक एसिड और यह लो ब्लड प्रेशर में बहुत फायदा करते हैं। इसके अलावा यह स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। आप तुसली की पत्तियों का जूस निकाल कर उसमें थोड़ा सा शहद डालें और रोजाना खाली पेट पी लें। यदि आपको इसका स्वाद पसंद है तो आप रोज सुबह सिर्फ तुलसी की पत्तियां भी खा सकती हैं।
आप एक सप्ताह तक लगातार रोजाना चुकंदर का जूस पी सकती हैं।
यदि आपका ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा हो जाता है तो आप अदरक ले सकती हैं, यह बहुत प्रभावी उपचार है। इसमें कुछ कंपाउंड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और कुछ केमिकल्स जैसे शोगाओल, जिंजरोल और जिंगरोन होते हैं जो ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, कॉपर, जिंक और मैग्नीशियम होते हैं जो आयरन और पोटैशियम के लेवल को बढ़ाकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए आप सिर्फ खाने पकाते समय थोड़ी सी सौंफ उसमें डाल सकती हैं।
नींबू का रस या नींबू पानी भी बहुत फायदेमंद होता है विशेषकर तब जब डिहाइड्रेशन की वजह से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। नींबू पानी पीने से ताकत मिलती है और यह लिवर के फंक्शन को बढ़ाने के साथ-साथ पाचन को ठीक करता है।
गाजर का ताजा जूस पीने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और साथ ही ब्लड प्रेशर का स्तर भी नियंत्रित रहता है। आप रोजाना सुबह के समय पर शहद डालकर गाजर का जूस ले सकती हैं।
यह उपाय बहुत आम है। बादाम का पेस्ट और दूध का कॉम्बिनेशन एड्रेनल ग्लैंड्स को प्रभावित करता है जिससे ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो सकता है। इसके लिए आप 5-6 बादाम को पानी में पूरी रात के लिए भिगो दें और फिर इसकी परत निकालकर पेस्ट बना लें। फिर आप गर्म दूध में इस पेस्ट को डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। एक कप बादाम का दूध पीने से ब्लड प्रेशर का स्तर नियंत्रित हो सकता है।
ऊपर बताई हुई होम रेमेडीज के अलावा इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए आपको बहुत सारा तरल पदार्थ लेना चाहिए। किसी भी घरेलू उपचार का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेस्ट रहेगा।
यद्यपि कुछ स्टडीज के अनुसार गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना या मृत बच्चे का जन्म होना। पर अन्य रीसर्च से यह पता चलता है कि यह समस्याएं साथ में दूसरे कारणों से भी होती हैं और यह सिर्फ ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से नहीं है।
ब्लड प्रेशर कम होने के कई लक्षणों में से मुख्य लक्षण है, चक्कर आना और बेहोशी महसूस होना। यदि आप बेहोश होकर गिर जाती हैं तो इससे आपको और आपके बच्चे को हानि हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने के कारण चक्कर और बेहोशी से बचने के लिए कुछ निम्नलिखित टिप्स दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने के कारण आपको सिर में बहुत तेज दर्द हो सकता है, धुंधला दिखाई दे सकता है, चक्कर आ सकते हैं, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है या शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ सकता है। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भावस्था के दौरान ऊपर बताई हुई होम रेमेडीज और डॉक्टर की सलाह से आप अपने ब्लड प्रेशर को कम कर सकती हैं।
संसाधन और संदर्भ:
यह भी पढ़ें:
प्रेगनेंसी में हाई बीपी (ब्लड प्रेशर)
प्रेगनेंसी के दौरान सीने में दर्द
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…