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गर्भावस्था एक चुनौतीपूर्ण चरण है और इस दौरान मुंह में छाले होने जैसे असुविधाजनक बदलाव भी हो सकते हैं। गर्भावस्था में इम्यून सिस्टम कमजोर होने और हॉर्मोनल असंतुलन के कारण, मुंह के छाले अक्सर महिलाओं को प्रभावित करते हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि यह समस्या अधिक गंभीर नहीं होती है और इसे आसानी से नियंत्रित व ठीक किया जा सकता है।
मुंह के छाले (अल्सर) क्या हैं?
मुंह के छालों को चिकित्सीय भाषा में कैंकर सोर, कोल्ड सोर या एफ्थस स्टोमाटाईटिस के रूप में भी जाना जाता है। यह छाले मुंह के अंदर लाल घेरे से घिरे हुए छोटे सफेद या पीले रंग के होते हैं। यह समस्या गर्भावस्था के दौरान कभी भी हो सकती है।
मुंह के छालों (अल्सर) के प्रकार
मुंह के छाले अचानक ही निकलते हैं जिनके निम्नलिखित कई प्रकार भी हो सकते हैं, आइए जानते हैं;
1. छोटे छाले
गर्भावस्था के दौरान मुंह में मामूली छाले होने बहुत आम है। इसका आकार लगभग 2-9 एमएम होता है। यह छाले मुंह के निचले हिस्से में और मसूड़ों या जीभ पर हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं में मुंह या मसूढ़ों के छाले ठीक होने में लगभग 10 लग सकते हैं और यदि इस दौरान जीभ में छाला हो गया है तो इसे ठीक होने में लगभग 12 दिन लग सकते हैं। यह छाले ज्यादातर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
2. बड़े छाले
गर्भवती महिला के मुंह में बड़ा छाला होना एक असामान्य बात है। इसका आकार लगभग 10 एमएम होता है और इसे ठीक होने में कई सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं। इस प्रकार का छाला जीभ की सतह, मसूड़ों और मुंह के निचले हिस्से में होता है।यह छाले निशान छोड़ सकते हैं और इसमें बहुत अधिक पीड़ा होती है। यदि आपको इस प्रकार का छाला हुआ है तो आप इसे ठीक करने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं।
3. हरपीटिफोर्म अल्सर
इस प्रकार का अल्सर में छाला कम और वायरस ज्यादा होता है और यह लगभग 1 एमएम का बहुत छोटा सा होता है। यह छाले अधिक मात्रा में कई जगहों पर निकल सकते हैं। यह लगभग 2-3 सप्ताह में ठीक होता है जो ठीक होने के बाद निशान भी छोड़ सकता है।
मुंह में छाले होने कारण
गर्भावस्था के दौरान मुंह में छाले कभी भी हो सकते हैं। यदि आपको पता है कि यह क्यों होते हैं तो आप आसानी से इसका इलाज कर सकती हैं।
1. तनाव
अधिक तनाव होने से मुंह में छाले हो सकते हैं, यह इसका मुख्य कारण है।
2. आहार
असंतुलित आहार जिसमें विटामिन बी12 जैसे आवश्यक पोषक तत्वों और जिंक या आयरन जैसे मिनरल की कमी होने के कारण भी मुंह में छाले उभर आते हैं।
3. नींद की कमी
नींद की कमी से शरीर में हॉर्मोनल और केमिकल असंतुलन हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप मुंह के छालों के साथ-साथ कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
4. इम्युनिटी में बदलाव
गर्भावस्था के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर होने से भी मुंह में छाले हो सकते हैं।
5. हार्मोनल परिवर्तन
गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन में तेजी से बदलाव होने के कारण शरीर का केमिकल कॉम्पोजिशन भी बदल सकता है जिससे अक्सर मुंह में छाले हो सकते हैं।
लक्षण
छालों का सबसे आम लक्षण मुंह में घाव होना है। आप गर्भावस्था के दौरान छाले की पहचान निम्नलिखित लक्षणों से कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
- बुखार आना।
- छाले के जगह पर खुजली होना।
- मुंह के अंदर विशेष रूप से जीभ के सतह और मुंह के निचले हिस्से में जलन और दर्द होना।
- सांस और मुंह में दुर्गंध आना।
- खाना खाने और तरल पदार्थ पीने में कठिनाई होना।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में मुंह के छाले होने से एनर्जी कम होती है, सुस्ती होती है और दुर्लभ मामलों में इससे मसूड़ों से रक्तस्राव भी हो सकता है।
उपचार
आप अपने मुंह के छालों का इलाज प्राकृतिक तरीकों और दवाओं से भी कर सकती हैं। किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें और इससे होने वाले जोखिम को जानें। मुंह के छालों में मरहम/ऑइंटमेंट लगाकर इसका इलाज करना एक सबसे सही तरीका है लेकिन कुछ मरहम में स्टेरॉयड होते हैं जो गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
मुंह के छालों को ठीक करने के प्राकृतिक तरीके
एलोपैथी दवाओं के साथ-साथ कुछ प्राकृतिक तरीके भी हैं जिनसे मुंह के छालों को ठीक करने में मदद मिल सकती है, आइए जानते हैं;
1. हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमटरी गुण भी होते हैं। इसे एशियाई के भोजन में इस्तेमाल किया जाता है और भारत, थायलैंड व श्रीलंका के कुछ क्षेत्रों में हल्दी का उपयोग मुंह के छालों को ठीक करने के लिए किया जाता है। हल्दी छालों को किस प्रकार से प्रभावित करती है, इसकी कोई भी निश्चितता नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र से बाहर बड़े पैमाने पर इसका अध्ययन नहीं किया गया है।
2. एलोवेरा
एलोवेरा एक बेहतरीन सामग्री है जो त्वचा को साफ करने के साथ-साथ कई बीमारियों और इंफेक्शन को रोकने में मदद करने के लिए जानी जाती है। कुछ लोगों का मानना है कि एलोवेरा भी हल्दी की तरह ही मुंह के छालों के लिए एक सर्वोत्तम इलाज है। हालांकि, इसे भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसके लिए भी पर्याप्त अध्ययन नहीं हुए हैं।
3. सॉल्ट लिकोराइस
लिकोराइस (मुलैठी) की जड़ एक प्राकृतिक सामग्री है जो अधिक प्रभावी होती है और इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी हैं। नॉर्डिक लोगों का मानना है कि मीठी मुलैठी पाचन क्रिया को ठीक करती है और सॉल्ट लिकोराइस खून को साफ करती है। आइसलैंडर्स और नॉर्वेजियन्स का मानना है कि मुंह के छालों के लिए भी सॉल्ट लिकोराइस एक बेहतरीन इलाज है, लेकिन इस बारे में अभी तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है।
मुंह के छालों को कैसे रोकें?
छालों को रोकने के लिए मुंह की स्वच्छता के कुछ निम्नलिखित टिप्स दिए हुए हैं, आइए जानें;
- खुद को हाइड्रेटेड रखें और अच्छी नींद लें।
- मसालेदार भोजन से बचें।
- मुंह में मौजूद खराब बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए माउथवॉश का उपयोग करें।
- नियमित रूप से फ्लॉस का उपयोग करें।
- सलाह अनुसार विटामिन ‘बी12’ की खुराक लें।
दाँतों की स्वच्छता और अच्छा आहार इम्यून सिस्टम को बनाए रखने के लिए सहायक होता है और मुंह के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान मुंह के छालों को ठीक करने के लिए तनाव से निजात पाना भी जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान योग करने या मेडिटेशन करने से आपके हॉर्मोन को स्थायी रूप से संतुलित करने के साथ-साथ तनाव को लंबे समय तक कम किया जा सकता है।
अपने नए रूटीन में उपचार के किसी भी विकल्प को लागू करना या अपने आहार में नए खाद्य पदार्थों को शामिल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।गर्भावस्था के दौरान निर्धारित दवाओं की खुराक ज्यादा से अपने आप न लें। मुंह में छाले होना कोई ऐसी गंभीर बीमारी नहीं होती है जो गर्भावस्था को प्रभावित कर सके। सही उपचार से मुंह के छालों का इलाज करना संभव है।
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