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गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को कुछ विशेष खाने की इच्छा होती है और इसमें पास्ता सबसे पहले आता है। वैसे तो पास्ता इटली की सबसे लोकप्रिय डिश है और वाइट सॉस या रेड सॉस से बनाया हुआ पास्ता तो दुनिया में हर किसी को पसंद है। पर क्या गर्भावस्था के दौरान पास्ता खाना सुरक्षित है? क्या इससे गर्भवती महिलाओं को एलर्जी या पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं? या क्या इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई खतरा है? गर्भावस्था में पास्ता खाना कितना सुरक्षित है और कितना नहीं, आइए जानते हैं।
यदि पास्ता को सही सामग्रियों के साथ बनाया जाए तो यह विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी’, फाइबर, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फॉलिक एसिड से भरपूर हो सकता है। हालांकि यह जानना भी जरूरी है कि पास्ता में लेक्टिन्स और फाइटेट्स भी होते हैं जिससे बच्चे में जिंक और मैग्नीशियम की कमी होती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान मैदा से बना हुआ पास्ता खाना बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है इसलिए आप इस समय होल ग्रेन से बना हुआ पास्ता खा सकती हैं।
पास्ता स्वादिष्ट और सस्ता होने के साथ-साथ पकाने में भी बहुत आसान है। हालांकि यह बहुत ज्यादा पौष्टिक नहीं होता है पर क्या इसका यह मतलब है कि पास्ता नहीं खाना चाहिए? नहीं, आज ऐसे बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं जो इस डिश की न्यूट्रिशनल वैल्यू को बढ़ा सकते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
होल वीट पास्ता मैदा के पास्ता से ज्यादा हेल्दी है क्योंकि इसमें ज्यादा मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है। यह ओबेसिटी, दिल के रोग, टाइप 2 डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियों के रिस्क को कम कर सकता है। हालांकि, जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है या जिन लोगों को सेलिएक रोग (इम्यून रिएक्शन) है उन्हें होल वीट पास्ता नहीं खाना चाहिए।
यह पास्ता क्विनोआ के बीज को पीसकर इसके आटे से बनाया जाता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं और यह ग्लूटेन-मुक्त भी है। क्विनोआ पास्ता में मौजूद गुण इसे सभी प्रकार के पास्ता में सबसे हेल्दी और बेस्ट बनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि इससे ब्लड शुगर, इंसुलिन और ट्राइग्लिसराइड (खून में मौजूद एक प्रकार का फैट) का स्तर भी कम होता है।
स्पेल्ट एक प्रकार का ग्रेन होता है जो गेहूँ जैसा ही होता है पर वास्तव में वह गेहूँ नहीं है। स्पेल्ट पास्ता में फाइबर और प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में ग्लूटेन भी मौजूद है। इसलिए जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी है उन्हें स्पेल्ट पास्ता नहीं खाना चाहिए। हालांकि, जो लोग ग्लूटेन के लिए थोड़ा बहुत ही इन्टॉलरेंट हैं वे इसे खा सकते हैं।
यदि आपको बॉवेल से संबंधित समस्याएं (आई.बी.एस.) हैं, जैसे पेट में सूजन, दर्द, डायरिया, कब्ज और इत्यादि तो आपको ब्राउन राइस पास्ता खाना चाहिए। यह ग्लूटेन और एफ.ओ.डी.एम.ए.पी. (फर्मेंटेबल ऑलीसैकाराइड्स, मोनोसैकराइड्स, डीसैकराइड्स और पॉलीऑल्स) से मुक्त है। यदि आपको बॉवेल से संबंधित समस्याएं हैं तो आपको एफ.ओ.डी.एम.ए.पी. के अणुओं (मोलेक्युल्स) को एब्सॉर्ब करने में कठिनाई हो सकती है।
यदि पास्ता को सही तरीके और सही सामग्रियों से बनाया जाए तो यह पौष्टिक भी होता है और इससे आपका पेट भी भर सकता है। इस बेहतरीन डिश के 7 फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
यदि आप मल्टी ग्रेन पास्ता को कई सारी सब्जियों के साथ पकाती हैं, जैसे पालक, पत्ता गोभी, ब्रोकोली, फूल गोभी और इत्यादि तो यह डिश फाइबर और मिनरल से भरपूर बन सकती हैं। हरी सब्जियां न्यूट्रिशन से भरपूर होती हैं जो गर्भावस्था के दौरान आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
यदि आपको ग्लूटेन न खाने की सलाह दी गई है तो आप ब्राउन राइस पास्ता और क्विनोआ पास्ता खा सकती हैं। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि इसमें ग्लूटेन नहीं होता है और यह उन लोगों के लिए सुरक्षित है जो आई.बी.एस या पेट की अन्य समस्याओं से ग्रसित हैं।
ऐसा कहा जाता है कि क्विनोआ पास्ता, होल वीट पास्ता और स्प्राउटेड ग्रेन पास्ता खाने से खून में शुगर का स्तर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहते हैं। क्विनोआ पास्ता खाने से गर्भवती महिलाओं में ओबिसिटी होने की संभावना कम होती है और साथ इससे दिल के रोग व जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
होल वीट पास्ता में फॉलिक एसिड और आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के पूरे विकास के लिए बहुत जरूरी न्यूट्रिएंट्स हैं।
होल वीट और क्विनोआ के आटे में फाइबर बहुत होता है। इसमें हरी सब्जियां मिलाकर खाने से बॉवेल मूवमेंट में सुधार आता है जिससे गर्भावस्था की आम समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं, जैसे कब्ज और बवासीर।
पास्ता में कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं जो गर्भवती महिलाओं में एनर्जी के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और उन्हें एक्टिव रखते हैं।
पास्ता में मौजूद विटामिन ‘ए’ गर्भावस्था के दौरान होने वाले कई सारे इन्फेक्शन से बचाव करता है।
गर्भावस्था में पास्ता खाने से आपको कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं, आइए जानते हैं;
पास्ता में फाइटेट्स और लेक्टिन्स होते हैं। फाइटेट्स शरीर को अंदर से ब्लॉक कर देते हैं जिससे आपको जिंक और मैग्नीशियम एब्सॉर्ब करने में कठिनाई हो सकती है और गर्भावस्था में यह दो न्यूट्रिएंट्स बहुत जरूरी होते हैं। लेक्टिन्स की वजह से शरीर में अनहेल्दी फूड से टॉक्सिन्स खून में मिल जाते हैं।
कई प्रकार के पास्ता में ग्लूटेन भी होता है। इसलिए जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी है या वे आई.बी.एस और सेलिएक रोग से ग्रसित हैं तो उन्हें पास्ता नहीं खाना चाहिए। ज्यादा ग्लूटेन खाने से महिलाओं में कई समस्याएं हो सकती हैं और इससे उनमें एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से लेबर में कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को वह खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए जिससे वजन बढ़ता है, जैसे पास्ता।
आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ खाने से एनीमिया से राहत मिलती है पर दूसरी तरफ ज्यादा आयरन से कब्ज की समस्या भी होती है जिससे बवासीर हो सकता है।
यदि आप डायबिटीज से ग्रसित हैं तो मैदे का पास्ता खाने से आपके खून में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है। इसलिए आपको सिर्फ क्विनोआ या होल वीट पास्ता ही खाना चाहिए।
गर्भावस्था में अक्सर सभी महिलाओं को क्रेविंग्स होती हैं। हालांकि पास्ता में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूटेन बहुत ज्यादा होता है इसलिए इसे ज्यादातर नहीं खाना चाहिए। यदि आप अपनी क्रेविंग्स को बिलकुल भी नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं तो यहाँ आपके लिए कुछ टिप्स बताए गए हैं, आइए जानते हैं;
यहाँ पर दो प्रकार के पास्ता की रेसिपी दी हुई हैं जिसे खाकर आप अपनी क्रेविंग्स को कम कर सकती हैं। इन्हें कैसे पकाना है आइए जानते हैं;
यदि आप मांसाहारी हैं और आपको प्रॉन्स बहुत पसंद हैं तो आप यह स्वादिष्ट डिश भी पका सकती हैं। इसकी सामग्रियां भी आसानी से मिल जाती हैं और इसे बनाना भी बहुत सरल है।
सामग्री
विधि
यह डिश हल्की और सादा होने की वजह से गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए बिलकुल सही है।
सामग्री
विधि
गर्भावस्था के दौरान सभी खाद्य पदार्थों की तरह ही पास्ता भी संयमित मात्रा में खाना चाहिए। इसे बहुत ज्यादा मात्रा में खा लेने से ओबेसिटी, हाई ब्लड प्रेशर या खून में शुगर बढ़ सकता है जिससे गर्भ में बच्चे की पोजीशन से संबंधित या लेबर के समय में समस्याएं हो सकती हैं। गर्भावस्था के समय पर खाने की आदतों में नियंत्रण रखने से आपका बच्चा स्वस्थ होगा।
संसाधन और संदर्भ:
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