गर्भावस्था के दौरान किशमिश का सेवन करना सुरक्षित है?

प्रेगनेंसी के दौरान किशमिश का सेवन

जब महिला गर्भवती होती है, तो उसने अपने खानपान के प्रति अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी आहार को खाने से पहले आपको 10 बार उससे जुडी पौष्टिक चीजों के बारे सोचना बेहद जरूरी है क्योंकि यही आहार आपके साथ-साथ आपके बच्चे को भी पहुँच रहा होता है। इस समय आपका डॉक्टर आपको ड्राई फ्रूट्स, स्वस्थ आहार, फल व सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। क्या आपने कभी किशमिश खाने के फायदों के बारे में सोचा है अगर नहीं तो इस लेख में हम आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किशमिश खाना फायदेमंद है या नहीं इसके बारे में बता रहे हैं। तो चलिए देखते हैं:

क्या गर्भावस्था के दौरान किशमिश खाना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के दौरान किशमिश खाना बिलकुल सुरक्षित है। साथ ही काले सूखे अंगूर बहुत ही पौष्टिक होते हैं और गर्भावस्था के दौरान उन्हें खाना गर्भवती महिला के लिए बेहद फायदेमंद होता है। चलिए जानते हैं, किशमिश में कौन कौन से नुट्रिएंट्स मौजूद हैं। 

किशमिश में पाए जाने वाले नुट्रिएंट्स 

1. फाइबर 

किशमिश फाइबर का बहुत ही अच्छा स्रोत है। फाइबर आसानी से पच जाता है और इससे आपकी पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है। फाइबर हमारे लिए बेहद जरूरी तत्व है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी उतना आवश्यक माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को खाना पचा पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हॉर्मोन असंतुलन के कारण पाचन क्रिया से जुडी कई समस्याएं जुड़ जाती हैं लेकिन किशमिश रेगुलेट करने में मदद करती है। 

2. आयरन 

किशमिश में आयरन की मात्रा भी पायी जाती है। आयरन गर्भवती महिला के लिए बहुत ही आवश्यक स्रोत है क्योंकि ये रक्त प्रवाह को विनियमित करने में मदद करता है और हृदय को स्वस्थ बनाये रखता है। साथ ही आपके फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है। आयरन की कमी के कारण एक प्रकार का एनीमिया हो सकता है जिसे आयरन-डेफिशिएंट एनीमिया कहते हैं। 

3. कैल्शियम 

आपके शरीर में सबसे जरूरी मिनरल है कैल्शियम। यह खनिज हड्डियों के स्वास्थ्य, दांतों के स्वास्थ्य, कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण, त्वचा के स्वास्थ्य और ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होता है। शरीर के फंक्शन को अच्छे से चलाने के लिए किशमिश कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है। बल्कि कैल्शियम गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की भी हड्डियों को मजबूत करता है। यह सुनिश्चित करता है कि शिशु की हड्डियों की डेंसिटी सामान्य स्तर पर रहें और सही प्रकार से इनका विकास हो। 

गर्भावस्था के दौरान आप कितना किशमिश खा सकती हैं?

पूरे दिन में एक बार मुट्ठीभर किशमिश खाना स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा होता है। आप इसे चाय के साथ खा सकते हैं या फिर तब खाएं जब आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हो। हालांकि, किशमिश को कम ही मात्रा में खाना चाहिए।  

गर्भावस्था के दौरान किशमिश खाने के फायदे 

किशमिश माँ और शिशु दोनों के लिए कई सारे स्वास्थ्य लाभ देता है। गर्भावस्था के दौरान, यह समझना महत्वपूर्ण है कि किशमिश के सेवन से माँ कैसे प्रभावित होती है। निम्नलिखित हमने बनने वाली माओं के लिए कुछ फायदे बताएं हैं :

1. दांतों के स्वास्थ्य में सुधार करता है 

किशमिश कैल्शियम से भरपूर होती है साथ ही इसमें ओलिनोलिक एसिड होता है जो दांतों को सुरक्षित रखने में मदद करता है। हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से, आपके दांतों में गर्भावस्था के दौरान परेशानी हो सकती है लेकिन किशमिश ऐसे में मदद करती है। 

2. कब्ज से राहत दिलाता है 

किशमिश फाइबर से समृद्ध होती है और इसमें अन्य रेचक गुण भी हैं, जिसकी मदद से आपको कब्ज की समस्या नहीं होती। प्रेग्नेन्सी के दौरान कब्ज की समस्या हर गर्भवती महिला के लिए एक आम समस्या होती है, लेकिन किशमिश खाने से आपको जल्द राहत मिलती है। 

3. रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है 

किशमिश शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है। गर्भावस्था के समय, आपका शरीर कई ट्रामा और बदलाव से गुजरता है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। किशमिश खाने से ये समस्या आसानी से चली जाती है। 

4. पाचन क्रिया को मजबूत करता है 

किशमिश में फाइबर अधिक मात्रा में होता है जो शरीर की पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद करता है। तो बस आपको गर्भावस्था के दौरान मुट्ठीभर किशमिश खाना है जिससे पाचन क्रिया आपकी स्वस्थ रहे। 

5. ऊर्जा प्रदान करता है 

किशमिश सामान्य ग्लूकोस के लिए एक बेहद बेहतरीन स्रोत मानी जाती है। एनर्जी के लिए आप व भूख लगने पर आप किशमिश जरूर खाएं। 

6. एनीमिया से बचाता है 

हॉर्मोनल असंतुलन से और शरीर में आयरन की कमी से गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की बीमारी हो सकती है। बल्कि, कई महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होना एक आम समस्या माना जाता है। लेकिन आयरन डेफिशिएंसी एनिमिया को आप किशमिश खाकर रोक सकते हैं। किशमिश में आयरन की मात्रा अधिक होती है, इसे आप अपनी डाइट में भी शामिल कर सकते हैं। 

किशमिश किसे नहीं खाना चाहिए?

किशमिश पौष्टिक होती है, लेकिन ये उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है जिन्हें मधुमेह या ब्लड शुगर से जुड़े रोग हैं। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है या अन्य चिकित्सीय समस्याएं हैं, तो आप अपने डॉक्टर से बात जरूर करें जिससे वो किशमिश की जगह कोई अन्य विकल्प वाले आहार आपको बता सके। 

गर्भावस्था के दौरान किशमिश खाने के नुकसान 

किशमिश आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छी होती है, लेकिन अत्यधिक किशमिश खाने से भी नुकसान हो सकते हैं। अगर आपको किशमिश खाना बेहद पसंद है, तो आप दुबारा मुट्ठीभर किशमिश खाने के बारे में एक बार भी नहीं सोचेंगे। लेकिन हमारी सलाह आपको यही है कि इसे अत्यीधिक मात्रा में न खाएं, क्योंकि –

  • अत्यधिक मात्रा में किशमिश खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। 
  • अत्यधिक मात्रा में किशमिश खाने से जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या हो सकती है। 
  • इससे आपके शिशु में भी टाइप डायबिटीज हो सकता है। 

किशमिश का सेवन जब आप सामान्य मात्रा में करते हैं, तो ये आपके लिए एक बेहतरीन स्नैक बन सकता है। साथ ही जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया सामान्य मात्रा में खाने से ऊर्जा मिलती है। लेकिन प्रेगनेंसी में इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले इस बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। साथ ही डाइट में हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, फल और नट्स को भी शामिल करें। खुश और स्वस्थ रहने से आपकी गर्भावस्था की जर्नी हेल्दी रहेगी। 

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