गर्भावस्था के दौरान राजमा खाना – फायदे और सावधानियां

प्रेगनेंसी के दौरान राजमा खाना

गर्भ में पल रहे बच्चे की वृद्धि और विकास के लिए अधिक एनर्जी और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत पड़ती है और इसलिए हर गर्भवती महिला के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिटिव भोजन करे। गर्भावस्था में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स खाने की जरूरत होती है। इस समय विभिन्न प्रकार के न्यूट्रिशन से भरपूर आहार माँ और बच्चे को सभी आवश्यक न्यूट्रिएंट्स प्रदान करता है और इससे आप अपने बच्चे को एक नए स्वाद का अनुभव भी दे सकती हैं। 

यदि हम न्यूट्रिटिव खाद्य पदार्थों की बात कर रहे हैं तो इसमें राजमा को कैसे भूल सकते हैं? राजमा अर्थात किडनी बीन्स अपने रंग, टेक्सचर और स्वाद के लिए मुख्य रूप से बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। यह खाद्य पदार्थ शाकाहारी लोगों के लिए एक अच्छा सब्स्टियूट है। राजमा चावल बड़ों के साथ-साथ बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी बहुत अच्छा लगता है। इसमें प्रोटीन और फाइबर के अलावा भी बहुत सारे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें स्वास्थ्य से संबंधित बहुत सारे जोखिम भी होते हैं। राजमा के बारे में पूरी जानकारी रखने से आप इसे अपने आहार में बिना किसी हानि के शामिल कर सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने के अनेक फायदे 

राजमा के रंग और आकार के कारण इसे किडनी बीन्स कहा जाता है और इसे ज्यादातर लोग खाना पसंद करते हैं। यह खाद्य पदरथ प्रोटीन, फाइबर और स्लो रिलीज कार्ब्स से भरपूर होने के साथ-साथ ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। राजमा में स्टार्च और रोगों से लड़ने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट  इम्युनिटी को मजबूत और हेल्दी बनाते हैं। इसमें शक्तिशाली एलिमेंट भी पाए जाते हैं, जैसे आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, फोलेट और पोटैशियम।अक्सर महिलाएं पूछती हैं कि क्या वे  गर्भावस्था के दौरान राजमा खा सकती? इसका जवाब हाँ है क्योंकि यह खाद्य पदार्थ बच्चे को मानसिक व शारीरिक रूप से बढ़ने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने के कुछ फायदे, आइए जानें;

1. एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर है 

राजमा में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज होने का खतरा कम हो सकता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स बच्चे और माँ की त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं। 

2. इसमें एमिनो एसिड भी मौजूद है 

राजमा में आवश्यक एमिनो एसिड होता है जो इन्फेक्शन और रोगों से लड़ने में मदद करता है और साथ ही इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। 

3. आयरन का अच्छा स्रोत है

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, यह आयरन की कमी को पूरा करने में मदद करता है और बच्चे में संज्ञानात्मक विकास भी करता है। 

4. इसमें कॉपर की मात्रा भी अधिक होती है

राजमा में मौजूद कॉपर सूजन को कम करता है और शरीर में एन्जाइमिटिक एक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करता है। यह डिलीवरी के दौरान जोड़ों, ब्लड वेसल्स और लिगामेंट्स की इलास्टिसिटी को बढ़ाने में मदद करता है। 

5. एनर्जी प्रदान करता है

गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम-युक्त आहार का सेवन करने से ब्लड वेसल्स, मांसपेशियों और नर्व्स के कारण होने वाली थकान में आराम मिलता है। 

6. यह सल्फाइट को नष्ट करता है

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से यह सल्फाइट को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इससे सल्फाइट से संबंधित एलर्जी, जैसे सिर में दर्द या दिल की धड़कनों में तीव्रता कम होती है। 

7. इसमें डायट्री फाइबर भी होता है 

राजमा में डायट्री फाइबर भी होता है जो गर्भवस्था के दौरान खून में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है। 

8. यह मतली में आराम दिलाता है 

पित्त में एसिड होने से अक्सर गर्भवती महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है। गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से यह खाद्य पदार्थ महिलाओं में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस को कम करता है। 

9. अस्थमा और नसों की सूजन में आराम देता है 

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से मांसपेशियों की सूजन व अस्थमा की समस्या प्रभावी रूप से कम होती है। 

10. पित्त के एसिड को भी खत्म करता है 

राजमा में डायट्री फाइबर की मात्रा पित्त के एसिड में मिश्रित होता है और यह शरीर से अधिक फैट को कम करने में मदद करता है। 

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने के हानिकारक प्रभाव 

गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में राजमा खाने से बचें। इससे आपको बहुत सारी हानियां भी हो सकती हैं, आइए जानें;

  • राजमा में प्यूरिन होता है जिससेमिन गाउट या किडनी में स्टोन्स की समस्या भी हो सकती है। 
  • किडनी में बहुत सारे तत्व होते हैं जिससे गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म के सेलुलर में उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है जिससे आपको बहुत सारे खतरे भी हो सकते हैं। 
  • आप राजमा को हमेशा संयमित मात्रा में खाएं क्योंकि इससे गर्भावस्था के दौरान पाचन तंत्र धीरे काम करने लगता है और आंतों में गैस व क्रैंप हो सकता है। 
  • राजमा में बहुत सारा फोलेट होता है जिससे कैंसर होने का खतरा भी है। 
  • कैन्ड या पैक्ड राजमा खाने से बचें और हमेशा अच्छी गुणवत्ता के राजमा ही खरीदें। 
  • आहार में अधिक आयरन की अधिक मात्रा होने से यह मस्तिष्क को क्षति पहुँचा सकता है और इससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है। 

राजमा खाने से पहले ध्यान देने योग्य सावधानियां 

गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से यह आपके और आपके बच्चे के लिए हानिकारक भी हो सकता है। यदि आप एक हेल्दी बेबी कंसीव करना चाहती हैं तो इसे अपने आहार में शामिल करते समय आपको अपने स्वास्थ्य के लिए आहार के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने से संबंधित कुछ सावधानियां भी हैं, आइए जानें;

  • आहार में लगभग 25-30 ग्राम फाइबर ही शामिल होना चाहिए। 
  • राजमा खाने से पहले इसे अच्छी तरह से पका लें। 
  • यदि आप इसे कच्चा या आधा पका हुआ खाती हैं तो यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। राजमा की बाहरी परत में टॉक्सिन्स होते हैं इसलिए पकाते समय इसे जरूर निकाल लें। 
  • यदि आप राजमे को 100 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में पकाती हैं तो यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है।
  • किडनी बीन्स यानि राजमा पकाने से पहले इसे अच्छी तरह से धोएं और 2-3 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रखें। 

राजमा में बहुत सारे फायदे हैं, यह मानते हुए इसे हम मैजिकल खाद्य पदार्थ भी कह सकते हैं। राजमा खाने से कई सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं और गर्भावस्था में बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसे आप अपने आहार में भी शामिल कर सकती हैं। राजमा खाने से पहले आप इससे संबंधित सारे नियमों का ध्यान रखें और इसे कभी भी कैसे भी बनाकर खाएं। 

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