गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना – तरीके और फायदे

एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे ज्यादा चैलेंजिंग समय होता है। जैसे ही आपको पता चलता है कि एक अन्य जीवन भी आप पर निर्भर है तो आपके मन में कई सवाल व शंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अपने से संबंधित सभी आसान, कठिन, छोटी बड़ी चीजों के बारे में पूछती हैं और कई मामलों में उनका डर सही भी हो जाता है। 

गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग उन आम एक्टिविटीज में से एक है जो आपके गर्भवती होते ही अचानक से सबसे पहला काम बन जाता है। गर्भावस्था के दौरान कई लोग आपको अलग-अलग सलाह देंगे और कुछ लोग तो आपको स्ट्रेचिंग करने के लिए भी कहेंगे पर बहुत सारे लोगों का मानना है कि स्ट्रेचिंग से बच्चे को हानि हो सकती है। इस आर्टिकल में हमने गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग से संबंधित सवालों पर रोशनी डाली है। गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद है या हानिकारक यह जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।  

क्या गर्भावस्था के दौरान आप स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत कम समय में कई बदलाव आ जाते हैं। यह बहुत ज्यादा भी हो सकता है और इस समय कई महिलाओं को कमजोरी और थकान भी महसूस हो सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचिंग करना सबसे सही है और इससे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। यह एक सबसे बेस्ट चीज है जो आप गर्भवती होने पर कर सकती हैं क्योंकि इससे सिर्फ शारीरिक रूप से ही ताकत नहीं मिलती है बल्कि यह स्ट्रेस और चिंताओं को कम करने में भी मदद करती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग शुरू करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

गर्भावस्था में स्ट्रेचिंग करने के क्या फायदे हैं?

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से स्ट्रेचिंग करने से आपको और बच्चे को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई जगह दर्द होता है और स्ट्रेचिंग करने से दर्द कम हो सकता है और बदलावों को सहन करने की क्षमता बढ़ती है। 

गर्भावस्था के दौरान महिला के पेट का साइज बढ़ता है इसलिए उसका पोस्चर बदल सकता है। इसमें बच्चे का वजन भी शामिल है जिसके परिणामस्वरूप महिला को हर समय दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर मुख्य रूप से कमर दर्द की शिकायत होती है क्योंकि उनके शरीर में बच्चे के विकास के साथ हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं। ऐसे में स्ट्रेचिंग करने पर गर्भवती महिलाओं को काफी मदद मिलती है। 

गर्भावस्था के दौरान पीठ की स्ट्रेचिंग करने से पीठ के कड़कपन को ठीक करने में मदद मिलती है और इससे महिला के चलने-फिरने में भी सुधार आता है। गर्भवती महिला द्वारा एक्सरसाइज करने से उसकी हार्टबीट बढ़ती है जिसकी वजह से गर्भ में बच्चे को अधिक खून प्राप्त होता है। इसके परिणामस्वरूप गर्भ में बच्चा हेल्दी रहता है। स्ट्रेचिंग करने से गर्भवती महिलाओं को अपना वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और उनका वजन ज्यादा नहीं बढ़ता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भी स्ट्रेचिंग करना अच्छा होता है क्योंकि इससे जॉइंट्स ढीले होते हैं और बच्चे की डिलीवरी के समय महिला ज्यादा कंफर्टेबल रहती है। 

क्या स्ट्रेचिंग करने से बच्चे को चोट लग सकती है?

गर्भावस्था के दौरान कोई भी काम करने के जैसे ही यदि आप स्ट्रेचिंग भी सही से नहीं करेंगी तो इससे आपके बच्चे को हानि हो सकती है। आपको अपने शरीर में बहुत ज्यादा तनाव नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास रुक सकता है। आप हमेशा हाइड्रेटेड रहें ताकि एक्सरसाइज करते समय आपको कोई भी समस्या न हो। गर्भावस्था के दौरान पेट की स्ट्रेचिंग करते समय आपको विशेषकर पहली तिमाही में पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। आपके गर्भाशय में न्यूट्रिएंट पहुँचानेवाले ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप बच्चे को विकास के लिए पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचिंग करने के कुछ सेफ्टी टिप्स

यहाँ कुछ टिप्स बताए गए हैं जिनकी मदद से महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकती हैं ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई भी हानि न हो। वे टिप्स कुछ इस प्रकार हैं; 

  • आराम से चलें; इसका यह मतलब है कि आपको जल्दी-जल्दी व असुविधाजनक तरीके से चलने के बजाय आराम से धीरे-धीरे चलना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान धीरे-धीरे चलने से आपके लिगामेंट्स और जॉइंट्स पर तनाव नहीं आता है।
  • आपको हर स्ट्रेचिंग 10 से 30 सेकंड तक ही करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्भवती महिलाओं की मांसपेशियों को पर्याप्त आराम के लिए समय लगता है।
  • अपने शरीर को समझें और तेजी से जल्दी-जल्दी मूवमेंट्स न करें।
  • अपनी सांसों को नियंत्रित करें क्योंकि इससे आपकी मूवमेंट्स को संयमित करने में मदद मिलती है। आप सांस को छोड़ते हुए स्ट्रेचिंग करें।
  • यदि आपको स्ट्रेचिंग करते समय दर्द होता है तो आप इसे तुरंत बंद कर दें और इसे न करें।
  • स्ट्रेचिंग करते समय जब आप अपनी पोजीशन में वापिस आती हैं तो सांस लें।
  • विशेषकर स्ट्रेचिंग करते समय आप पीठ के बल न बैठें। इससे आपके गर्भाशय में खून का बहाव रुक शता है और आपको चक्कर आ सकते हैं और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान कौन सी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए

यहाँ पर कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज बताई गई हैं जिन्हें गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं, आइए जानें;

1. कंधों की स्ट्रेचिंग

  • एक कुर्सी में आराम से बैठ जाएं और सीने को बाहर की ओर करते हुए अपने कंधों को पीछे व नीचे की तरफ घुमाएं। कंधे घुमाते समय आप जितना बड़ा हो सके उतना बड़ा सर्कल बनाएं और इसे 4 से 5 बार दोहराएं।

2. सीने की स्ट्रेचिंग

  • एक दरवाजे एक सामने खड़ी हो जाएं और अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर करके दरवाजे को पकड़ लें।
  • धीरे से अपना एक कदम आगे उतना बढ़ाएं जितने में आगे सीने पर खिंचाव महसूस होने लगे (बहुत ज्यादा आगे न बढ़ें)।
  • इस पोजीशन में आप लगभग 30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे से दूसरा पैर सामने लाएं।
  • इसे दिन भर में कई बार दोहराएं।

3. रोल डाउन

  • सबसे पहले आप दीवार के सहारे खड़ी हो जाएं और अपने पैरों को कंधों के बराबर दूरी पर रखें। अपने घुटनों को हल्का सा झुकाएं और सांस लें।
  • सांस छोड़ें और अपने शरीर के ऊपरी भाग को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुकें। आगे की ओर उतना ही झुकें जितना आपके लिए आसान हो।
  • इस दौरान अपने वजन को दोनों पैरों पर डालें और हाथों को अपने सामने जमीन की ओर ही रखें।
  • सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दीवार के सहारे खड़ी हो जाएं।
  • इसे दो बार दोहराएं। यदि आपका पेट बहुत ज्यादा बढ़ चुका है तो आप इस एक्सरसाइज को कुर्सी में बैठ कर भी कर सकती हैं।

4. गर्दन की स्ट्रेचिंग

  • आप बैठकर या खड़ी होकर अपने सिर को थोड़ा सा आगे की ओर लाएं और एक साइड पर धीरे-धीरे झुकाएं।
  • अब आप उसी साइड के हाथ से अपने सिर को पीछे से पकड़ें और हल्का सा दबाव डालें।
  • यदि अपने सिर को झुकाते हुए ऐसा करती हैं तो इससे आपकी गर्दन की मांसपेशियां स्ट्रेच हो जाएंगी और सीधी रहेंगी। 

5. कमर की स्ट्रेचिंग

  • पहले अपने पैरों को थोड़ा दूर करके खड़ी हो जाएं और अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ें।
  • अब अपने दोनों हाथों को दाएं तरफ कंधे के बराबर लाएं और साथ ही बाएं कंधे को देखें। कुछ मिनट के लिए इस पोजीशन में खड़ी रहें।
  • फिर धीरे से पीछे जाएं और इसे दूसरी तरफ से करें।
  • इस स्ट्रेचिंग को आप दिन भर में कई बार कर सकती हैं।

6. पिंडलियों की स्ट्रेचिंग

  • दीवार की तरफ मुँह करके लगभग 2 फीट दूर खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को सामने की तरफ दोनों कंधों की हाइट के बराबर फैलाएं।
  • अब आप थोड़ा सा आगे की तरफ टिल्ट हों ताकि आपकी दोनों हथेली दीवार को छुएं और एड़ियां जमीन पर ही हों। आप लगभग दस सेकंड्स तक इस पोजीशन में रहें।
  • फिर आप धीरे से दीवार के विपरीत पुश करें।
  • इसे आप दिन भर में दो बार दोहराएं। इस बात का ध्यान रखें कि यह स्ट्रेचिंग करते समय फिसलनेवाले जूते या मोजे न पहनें।

7. हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंग

  • अपने एक पैर को सामने की ओर एक कुर्सी पर जितना हो सके उतना सीधा रखें।
  • धीरे-धीरे करके आगे की ओर जितना हो सके उतना झुकें ताकि आपकी जांघ के पिछले हिस्से में खिंचाव आए।
  • यदि कुर्सी में आपको असुविधा होती है तो आप सबसे नीचे वाली सीढ़ी या कम हाइट की किसी चीज पर अपना पैर रख सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए विशेषकर हिप स्ट्रेचिंग करने की जरूरत होती है। एक्सरसाइज यदि सही तरीके से की जाए तो माँ व बच्चे दोनों के लिए अच्छी है। तो एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

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सुरक्षा कटियार

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