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एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे ज्यादा चैलेंजिंग समय होता है। जैसे ही आपको पता चलता है कि एक अन्य जीवन भी आप पर निर्भर है तो आपके मन में कई सवाल व शंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अपने से संबंधित सभी आसान, कठिन, छोटी बड़ी चीजों के बारे में पूछती हैं और कई मामलों में उनका डर सही भी हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग उन आम एक्टिविटीज में से एक है जो आपके गर्भवती होते ही अचानक से सबसे पहला काम बन जाता है। गर्भावस्था के दौरान कई लोग आपको अलग-अलग सलाह देंगे और कुछ लोग तो आपको स्ट्रेचिंग करने के लिए भी कहेंगे पर बहुत सारे लोगों का मानना है कि स्ट्रेचिंग से बच्चे को हानि हो सकती है। इस आर्टिकल में हमने गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग से संबंधित सवालों पर रोशनी डाली है। गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद है या हानिकारक यह जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत कम समय में कई बदलाव आ जाते हैं। यह बहुत ज्यादा भी हो सकता है और इस समय कई महिलाओं को कमजोरी और थकान भी महसूस हो सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचिंग करना सबसे सही है और इससे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। यह एक सबसे बेस्ट चीज है जो आप गर्भवती होने पर कर सकती हैं क्योंकि इससे सिर्फ शारीरिक रूप से ही ताकत नहीं मिलती है बल्कि यह स्ट्रेस और चिंताओं को कम करने में भी मदद करती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग शुरू करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से स्ट्रेचिंग करने से आपको और बच्चे को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई जगह दर्द होता है और स्ट्रेचिंग करने से दर्द कम हो सकता है और बदलावों को सहन करने की क्षमता बढ़ती है।
गर्भावस्था के दौरान महिला के पेट का साइज बढ़ता है इसलिए उसका पोस्चर बदल सकता है। इसमें बच्चे का वजन भी शामिल है जिसके परिणामस्वरूप महिला को हर समय दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर मुख्य रूप से कमर दर्द की शिकायत होती है क्योंकि उनके शरीर में बच्चे के विकास के साथ हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं। ऐसे में स्ट्रेचिंग करने पर गर्भवती महिलाओं को काफी मदद मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान पीठ की स्ट्रेचिंग करने से पीठ के कड़कपन को ठीक करने में मदद मिलती है और इससे महिला के चलने-फिरने में भी सुधार आता है। गर्भवती महिला द्वारा एक्सरसाइज करने से उसकी हार्टबीट बढ़ती है जिसकी वजह से गर्भ में बच्चे को अधिक खून प्राप्त होता है। इसके परिणामस्वरूप गर्भ में बच्चा हेल्दी रहता है। स्ट्रेचिंग करने से गर्भवती महिलाओं को अपना वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और उनका वजन ज्यादा नहीं बढ़ता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भी स्ट्रेचिंग करना अच्छा होता है क्योंकि इससे जॉइंट्स ढीले होते हैं और बच्चे की डिलीवरी के समय महिला ज्यादा कंफर्टेबल रहती है।
गर्भावस्था के दौरान कोई भी काम करने के जैसे ही यदि आप स्ट्रेचिंग भी सही से नहीं करेंगी तो इससे आपके बच्चे को हानि हो सकती है। आपको अपने शरीर में बहुत ज्यादा तनाव नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास रुक सकता है। आप हमेशा हाइड्रेटेड रहें ताकि एक्सरसाइज करते समय आपको कोई भी समस्या न हो। गर्भावस्था के दौरान पेट की स्ट्रेचिंग करते समय आपको विशेषकर पहली तिमाही में पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। आपके गर्भाशय में न्यूट्रिएंट पहुँचानेवाले ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप बच्चे को विकास के लिए पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है।
यहाँ कुछ टिप्स बताए गए हैं जिनकी मदद से महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकती हैं ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई भी हानि न हो। वे टिप्स कुछ इस प्रकार हैं;
यहाँ पर कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज बताई गई हैं जिन्हें गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए विशेषकर हिप स्ट्रेचिंग करने की जरूरत होती है। एक्सरसाइज यदि सही तरीके से की जाए तो माँ व बच्चे दोनों के लिए अच्छी है। तो एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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