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गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस या थकान होने से पहले, आपकी बढ़ती हुई सूंघने की क्षमता यह दर्शाती है कि बहुत जल्द आपके घर में एक नन्हा फरिश्ता आने वाला है जो पूरे आंगन में चारों ओर घूमेगा। गर्भावस्था बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलाव लाती है जिसमें एक स्मेल सेंसिटिविटी भी है और गर्भवती महिलाओं को अक्सर यह समस्या होती है। यदि गर्भावस्था के दौरान अचानक से ही आपको गंध से सेंसिटिविटी हो गई है तो यह समस्या होने के कारण और उपचार जानने के लिए आप यह लेख पूरा पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान तेज गंध कब आने लगती है?
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं और यह पहली तिमाही से ही शुरू हो जाते हैं। यह वो समय है जब महिलाओं को गंध से अत्यधिक सेंसिटिविटी होती है। हर महिला में सूंघने की क्षमता अलग-अलग होती है पर इस समय यह समस्या सबसे ज्यादा होती है। गर्भवती महिलाओं में मतली होने का यह कारण भी हो सकता है। जिन महिलाओं में सूंघने की क्षमता नहीं बढ़ती है या उन्हें अपने आस पास की गंध से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है गर्भावस्था के दौरान उन्हें मॉर्निंग सिकनेस या मतली की समस्या नहीं होती है।
गर्भावस्था के दौरान तेज गंध आने का क्या कारण है?
गर्भवती महिलाओं में गंध की क्षमता बढ़ने के पीछे कोई भी साइंटिफिक कारण नहीं है या इसकी कोई मेडिकल रिसर्च भी नहीं हुई है पर यह समस्या गर्भावस्था में हॉर्मोनल बदलावों की वजह से भी हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होती है जो इस समय गंध की सेंसिटिविटी की वहज से भी हो सकती है। शरीर में हॉर्मोन्स बढ़ने की वजह से भी आप में आगे चलकर स्मेल सेंसिटिविटी की समस्या बढ़ सकती है।
गर्भावस्था में तेज गंध में छुटकारा पाने के लिए टिप्स
कभी कभी सुपर पॉवर भी अनावश्यक सिर दर्द बन जाती है क्योंकि सूंघने की क्षमता बढ़ने से आपको बाद में भी अत्यधिक असुविधाएं होती हैं। यहाँ कुछ तरीके बताए गए हैं जिनकी मदद से आप अपनी इस समस्या को दूर कर सकती हैं, आइए जानें;
1. सुगंधित चीजों को आसपास रखें
आपका कोई पसंदीदा साबुन, परफ्यूम, रूम फ्रेशनर या ताजे फूल अपने आसपास रख सकती हैं जिससे आपको शांति मिलेगी और आपकी मॉर्निंग सिकनेस भी कम होगी। इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप कहीं बाहर जा रही हैं तो इन चीजों को साथ लेकर जाएं।
2. मतली की समस्या को उत्पन्न करने वाली चीजों को कम करें
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस अक्सर गंध की वजह से होती है क्योंकि इस समय आपको कोई भी गंध प्रभावित कर सकती है। आप समय से हेल्दी आहार लें, विटामिन बी के सप्लीमेंट्स नियमित रूप से लें व वह हर्बल टी लें जिससे आपको फायदे होते हैं और मतली होने की संभावनाओं को कम करें।
3. धुंए से दूर रहें
सिगरेट के धुंए से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हानि हो सकती है और जब आपको गंध की सेंसिटिविटी हो तो इससे समस्याएं अधिक बढ़ सकती हैं। आप इसके धुंए व उस केमिकल से भी दूर रहें जो इसकी दुर्गंध के लिए जाना जाता है और इससे हानिकारक गैस भी निकलती है।
4. अपने घर को वेन्टीलेटेड रखें
आप अपने घर को पूरी तरह से वेन्टीलेटेड बनाएं ताकि आपके घर में हवा आ सके। आप घर की खिड़कियां खोल दें और उन जगहों को भी चेक करें जहाँ से हवा का आदान-प्रदान हो सकता है। यदि आवश्यकता हो तो कुछ देर के लिए आप सर्दियों में बाहर निकलने का प्रयास करें।
5. नियमित रूप से कपड़े धोएं
गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं पहने हुए कपड़े दोबारा से पहन लेती हैं ताकि इन्हें बार-बार न धुलना पड़े। हालांकि ऐसा करने से आपको अपने ही पसीने की गंध या अन्य दुर्गंध आसानी से आ सकती है। इसलिए आप किसी अच्छे डिटर्जेंट से इन्हें धोने के बाद ही पहनें।
6. फ्रिज साफ रखें
आप अपने रोजमर्रा के जीवन में इन चीजों पर ध्यान नहीं देती होंगी पर फ्रिज में कई चीजें व खाद्य पदार्थ रखा जाता है जिसकी वजह से इसमें तेज गंध आती है जिससे आपको समस्याएं हो सकती हैं। आप अपने फ्रिज को नियमित रूप से साफ करवाएं और यदि आप इसकी गंध को न्युट्रिलाइज कर सकती हैं तो इसमें बेकिंग सोडा का बॉक्स रख दें।
7. नेचुरल सुगंध वाली चीजों का उपयोग करें
गर्भावस्था के दौरान आपको गंध वाले शैंपू, साबुन या डिटर्जेंट कर उपयोग नहीं करना चाहिए। इसका उपयोग करने के बजाय आप उन प्रोडक्ट्स का उपयोग करें जिनमें सेंट की तेज गंध होने के बजाय हल्की व भीनी सुगंध होनी चाहिए।
क्या आप तेज गंध आने की समस्या को रोक सकती हैं?
दुर्भाग्य से इससे नहीं बचा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होने वाले कई प्राकृतिक बदलावों में से यह भी एक प्राकृतिक बदलाव ही है और यह बच्चे के जन्म के बाद सामान्य हो जाता है। इस समय आपके लिए धैर्य और शांति बनाए रखना ही बेहतर है।
गर्भावस्था के दौरान गंध की सेंसिटिविटी कब खत्म होती है?
यह विभिन्न महिलाओं में अलग-अलग होता है। कुछ महिलाओं में बढ़ती गर्भावस्था के साथ गंध से होने वाली सेंसिटविटी कम हो जाती है। पर अन्य महिलाओं में पूरी गर्भावस्था के दौरान यह समस्या रहती है और बच्चे के जन्म के बाद खत्म हो जाती है।
गर्भवती महिलाओं को किस प्रकार की गंध से बचना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को निम्नलिखित कुछ गंध से दूर रहना चाहिए, वे इस प्रकार हैं;
1. डिटर्जेंट पाउडर
यदि आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति सेंट का उपयोग करता है तो इससे भी आपको मतली की समस्या हो सकती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान आप तेज या स्ट्रॉन्ग गंधवाली सेंट से भी बचें।
2. गंदी बदबू से
गर्भावस्था के दौरान आपको पब्लिक टॉयलेट्स, कचरे के डिब्बे और अन्य दुर्गंध वाली जगहों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इस समय आपको इन जगहों से सामान्य से अधिक गंध आ सकती है।
3. खाने की गंध से
अंडे, मछली या चीज़ में भी काफी तेज गंध आती है और गर्भावस्था के दौरान इस गंध से आपको असुविधाएं हो सकती हैं और इससे आपकी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
4. पालतू जानवरों की गंध से
यदि आपके घर में कुत्ता या बिल्ली है तो उनके शरीर की प्राकृतिक तेज गंध आपके पूरे घर में फैल सकती है जिसकी वजह से गर्भावस्था में आपको समस्याएं होती हैं।
गर्भावस्था के दौरान तेज गंध आने के कारण या तो आपके खाने का स्वाद बढ़ सकता है या फिर यह मतली की समस्या को बढ़ा सकता है। पर यदि आप अपने आसपास भीनी सुगंध वाली चीजें रखेंगी और तेज गंध या दुर्गंध वाली चीजों को दूर रखेंगी तो सुगंध बढ़ने की वजह से आपको गर्भावस्था में होने वाली समस्याएं नहीं होंगी।
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