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विटामिन बी5 को पैंटोथेनिक एसिड भी कहते हैं जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को हेल्दी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर में भोजन को एनर्जी बनाने में मदद करता है। इसका नाम पैंटोथेनिक इसलिए पड़ा क्योंकि यह कई खाद्य पदार्थों में होता है अर्थात हर कहीं से अब्सॉर्ब होता है। विटमिन ‘बी5’ के फायदे बहुत सारे हैं। यह कोएंजाइम ‘ए’ में होता है जो केमिकल रिएक्शन में मदद करता है। यह कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदलता है जिससे एनर्जी उत्पन्न होती है। साथ ही यह नर्वस सिस्टम, आँखों, बालों, त्वचा व लिवर को हेल्दी रखता है। विटामिन ‘बी5’ के स्रोत हैं, मशरूम, अंडे, दूध, फूल गोभी, मूंगफली, और सोयाबीन आदि।
पानी में मिश्रित विटामिन, पैंटोथेनिक विटामिन या विटामिन ‘बी5’ एक जरूर न्यूट्रिएंट है जो विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में होता है। ‘पैंटो’ शब्द ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ ‘हर जगह’ है। इसका उपयोग डायटरी सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है और इसे रोजाना खाने की सलाह दी जाती है। यह भोजन को एनर्जी में बदलता है और यह खून के सेल्स को बनाने के लिए भी जरूरी है। यह नर्वस सिस्टम के फंक्शन को ठीक करने में मदद करता है।
यह ज्यादातर न्यूट्रिएंट्स के लिए बहुत आम है पर इसकी मात्रा महिला की आयु पर निर्भर करती है। गर्भवती महिला या बड़ों को रोजाना लगभग 5 मिलीग्राम विटामिन ‘बी5’ लेना चाहिए। जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करती हैं, उन्हें यह रोजाना 7 मिलीग्राम तक लेने की सलाह दी जाती है।
बी विटामिन्स की सीरीज को विटामिन बी कॉम्प्लेक्स कहते हैं, जैसे विटामिन बी6, बी9 और बी12 जो गर्भावस्था के दौरान आपके लिए न्यूट्रिशन के रूप में बहुत जरूरी हैं। इसकी मदद से अंग, टिश्यू और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। अच्छी क्वालिटी के प्रीनेटल विटामिन लेने से आपको निम्नलिखित फायदे होते हैं;
पैंटोथेनिक एसिड लगभग सभी खाद्य पदार्थों में होता है और शरीर में इसकी कमी होना बहुत दुर्लभ बात है। यह अन्य विटामिन बी के साथ कॉम्बिनेशन की कमी से हो सकता है। आपको शरीर में विटामिन ‘बी5’ की कमी होने के कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे डिप्रेशन, थकान, पेट में दर्द, अनिद्रा, पैरों में जलन, उल्टी आदि। शरीर में सप्लीमेंट्स की कमी होने के कारण आपको इंसुलिन से सेंसिटिविटी हो सकती है।
यदि आप विटामिन ‘बी5’ की हाई डोज लेती हैं तो इससे आपको डायरिया और ब्लीडिंग होने का खतरा होता है।
विटामिन ‘बी5’ लेने से पैरों के क्रैंप्स में आराम मिलता है और यह आवश्यक हॉर्मोन्स को उत्पन्न करता है। यह ज्यादातर पौधों व जानवरों के प्रोडक्ट्स में होता है। विटामिन ‘बी5’ मीट, मछली, ग्रेन्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, दाल और सब्जियों में भी होता है। इस बात का ध्यान रखें कि इन चीजों को पीसने, डिब्बाबंद करने, फ्रिज में रखने या उबालने से इनकी क्वालिटी खत्म हो जाती है। इससे भरपूर कुछ खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
विटामिन ‘बी5’ क्यों अच्छा है? यदि विटामिन ‘बी5’ बहुत ज्यादा मात्रा में लिया तो क्या होगा? विटामिन ‘बी5’ का फंक्शन क्या है? इसके क्या साइड इफेक्ट्स हैं और विटामिन ‘बी5’ लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? बी5 सप्लीमेंट्स लेने के बारे में कई लोगों के मन में बहुत सारे सवाल होते हैं। यहाँ पर कुछ सवालों के जवाब दिए हुए हैं, आइए जानें;
पैंटोथेनिक एसिड कोलेस्ट्रॉल, हॉर्मोन्स, फैट्स का मेटाबॉलिज्म, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को उत्पन्न करने के लिए जरूरी है। आप रोजाना लगभग 6 मिलीग्राम विटामिन ले सकती हैं। यह बच्चे के विकास व वृद्धि में बहुत मदद करता है। साथ ही यह शरीर की एड्रिनल एक्टिविटी को कंट्रोल रखता है, एंटीबॉडी उत्पन्न करता और चोट को ठीक करने में मदद करता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान आप पैंटोथेनिक एसिड ले सकती हैं।
अत्यधिक मात्रा में पैंटोथेनिक एसिड लेने से खतरे होने की संभावना होती है इसलिए इसे सलाह के अनुसार जरूरी मात्रा में ही लेना चाहिए। 10 मिलीग्राम से ज्यादा कोई भी डोज हाई डोज होती है और इससे आपको डायरिया भी हो सकता है। हाई डोज से आपको सीने में जलन, मतली या डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। अत्यधिक मात्रा में विटामिन लेने से एडिमा होता है जिसमें विशेषकर सेंसिटिविटी, खुजली और सूजन होती है।
विटामिन बी5 शरीर में खाने को एनर्जी में बदलता है और ब्लड सेल्स बनाता है। यदि आप नियमित रूप से हेल्दी और बैलेंस्ड डायट का सेवन करती हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ हों तो आपके शरीर में किसी भी चीज की कमी नहीं होगी और न ही आपको सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ेगी।
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