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हमारे शरीर में कई प्रकार के फंगस रहते हैं जिनमें से कुछ बिना किसी लक्षण के ही पनपते हैं। कभी-कभी फंगस की वजह से इन्फेक्शन भी हो जाता है जिसे नियंत्रित करना कठिन है। इसमें एक यीस्ट इन्फेक्शन भी है जो विशेषकर गर्भावस्था के नाजुक दिनों में शरीर के सेंसिटिव भाग को प्रभावित करता है।
यीस्ट इन्फेक्शन को आमतौर पर वल्वोजाइनल कैंडिडिआसिस भी कहा जाता है जो ज्यादातर कैंडिडा अल्बिकन्स की वजह से होता है। यद्यपि इसमें दो अन्य पैथोजन्स – कैंडिडा ग्लेब्रेटा और कैंडिडा ट्रॉपिकैलिस भी शामिल हैं।
महिलाओं में कुछ कारणों की वजह से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे गर्भावस्था, डायबिटीज, ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स (जन्म नियंत्रण की गोलियां), कार्टियोस्टेरॉइड और इम्यूनो डेफिशियन्सी डिसऑर्डर।
गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन क्यों और कैसे होता है और यह क्या है? आपके ऐसे ही अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब नीचे आर्टिकल में दिए गए हैं, आइए जानते हैं।
गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन होना एक आम बात है जिसे कैंडिडिआसिस भी कहते हैं। इसकी वजह से विशेषकर दूसरी तिमाही के दौरान वजायना और लेबिया में खुजली, पीड़ा व इरिटेशन होती है और साथ ही सफेद डिस्चार्ज भी होता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार यह अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 75% महिलाओं को जीवन में कम से कम एक बार यीस्ट इन्फेक्शन जरूर होता है और गर्भावस्था के दौरान यह समस्या होना आम है। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक बदलावों की वजह भी महिलाओं को यीस्ट इन्फेक्शन सामान्य से जल्दी हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन होना एक आम बात है जिसे कैंडिडिआसिस भी कहते हैं। इसकी वजह से विशेषकर गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान वजायना और लेबिया में खुजली, पीड़ा व इरिटेशन होती है और साथ ही सफेद डिस्चार्ज भी होता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार यह अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 75% महिलाओं को जीवन में कम से कम एक बार यीस्ट इन्फेक्शन जरूर होता है और गर्भावस्था के दौरान यह समस्या होना आम है। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक बदलावों की वजह भी महिलाओं को यीस्ट इन्फेक्शन सामान्य से जल्दी हो जाता है।
जब तक यीस्ट इन्फेक्शन का इलाज नहीं किया जाता है तब तक इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वे कौन से लक्षण हैं, आइए जानें;
चूंकि, यीस्ट इन्फेक्शन में होने वाले ज्यादातर सभी शारीरिक लक्षण एक जैसे होते हैं जिसमें सेक्शुअल ट्रांसमिटेड रोग भी शामिल है, जैसे गोनोरिया, क्लैमिडिया और ट्राइकोमोनिएसिस। यदि आपको यह लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर वजायना में होने वाले डिस्चार्ज का सैंपल लेने के लिए वजायनल स्वैब का उपयोग करेंगे और इस सैंपल की जांच माइक्रोस्कोप के जरिए की जाती है।
इस टेस्ट और शारीरिक जांच के अनुसार डॉक्टर इन्फेक्शन होने की संभावना बता सकते हैं। कुछ मामलों में डायग्नोसिस करना कठिन है जिसमें सामान्य जांच के लिए स्वैब को लैब में ले जाया जाता है और कॉसेटिव ऑर्गेनिज्म की जांच होती है।
यदि आप जानना चाहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है तो सबसे पहले आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लें। फिर बाद में यदि शुरूआत में ही इन्फेक्शन होने का पता चलता है तो आप होम रेमेडीज या घरेलू उपचारों का उपयोग भी कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान आप डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्रिप्शन दिए बिना ही सीधे मेडिकल से कोई भी दवाई या एंटीफंगल क्रीम न लें और ओरल मेडिकेशन लेने की सलाह भी नहीं दी जाती है।
डॉक्टर इन्फेक्शन की गंभीरता देखते हुए आपको एंटीफंगल दवाई लेने की सलाह दे सकते हैं जिसे आप समय के अनुसार लगा सकती हैं। चूंकि, प्रिस्क्रिप्शन के बिना ओरल मेडिकेशन लेने से जन्मजात रोग होने का खतरा बढ़ सकता है, जैसे बच्चे को ऑटिज्म की समस्या होना। यहाँ तक कि दुर्लभ मामलों में प्रेस्क्राइब की हुई दवाओं से भी दूसरी तिमाही या तीसरी तिमाही या बच्चे के जन्म के बाद और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह समस्या हो सकती है।
यीस्ट इन्फेक्शन अत्यधिक गंभीर होने पर आप निम्नलिखित स्टेप्स में इसका उपचार कर सकती हैं, आइए जानें;
इसे ठीक काने के लिए आप वजायनल क्रीम्स का उपयोग भी कर सकती हैं, जैसे क्लोट्रिमाजोल और मिकानाजोल। इसका ट्रीटमेंट दो सप्ताह से ज्यादा नहीं चलता है और दोबारा होने की संभावना कम रहती है।
यदि गर्भावस्था के दौरान आपको यीस्ट इन्फेक्शन होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं तो आप इसे ठीक करने के लिए निम्नलिखित प्रभावी घरेलू उपचारों उपयोग कर सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन होना बहुत आम है। इसके शुरूआती लक्षणों को खत्म करने के लिए नेचुरल रेमेडीज ज्यादा प्रभावी हैं। पर यदि इसके लक्षण 1 या दो सप्ताह से ज्यादा दिनों तक रहते हैं तो आप तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट लें।
यद्यपि हॉर्मोनल बदलाव और वजायनल डिस्चार्ज में नियंत्रण न होने की वजह से आपको इन्फेक्शन होता है पर बचाव के कुछ तरीकों की मदद से आप इन्फेक्शन होने की संभावनाओं को कम कर सकती हैं। यीस्ट इन्फेक्शन को कम करने के कुछ बचाव निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
यदि गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन का इलाज नहीं किया गया तो इससे महिला को असुविधाएं हो सकती हैं पर इससे कोई भी खतरा नहीं होगा। कुछ मामलों में यीस्ट इन्फेक्शन को नजरअंदाज करने से अन्य इन्फेक्शन या एसटीडी के कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे आपको और आपके बच्चे को गंभीर समस्याएं होती हैं।
गर्भवती महिलाएं इस इन्फेक्शन से संबंधित बहुत सारे सवाल पूछती हैं जिनमें से दो निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
यीस्ट इन्फेक्शन से गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। हालांकि यदि लेबर के दौरान आपको यह इन्फेक्शन होता है तो बर्थ कैनाल से निकलते समय यह इन्फेक्शन बच्चे को भी हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चे के मुंह में यीस्ट इन्फेक्शन होता है जिसे थ्रश भी कहते हैं। इसमें बच्चे के मुंह, मुंह के ऊपरी हिस्से व साइड और जीभ में सफेद रंग के पैचेज हो सकते हैं। यद्यपि यह समस्या उतनी गंभीर नहीं है पर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह इन्फेक्शन दोबारा से हो सकता है। यह समस्या बच्चों में एंटीफंगल दवाओं और मांओं में ऑइंटमेंट से ठीक हो जाती है ।
संभावनाएं कम हैं पर फिर भी सेक्स के दौरान भी यह इन्फेक्शन फैल सकता है। यदि आपके पति में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जैसे लालपन, खुजली, रैशेज या जलन तो जरूरी है कि ट्रीटमेंट के दौरान आप सेक्स न करें।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन होना बहुत आम है जिससे थोड़ी बहुत इरिटेशन हो सकती है और इससे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी गंभीर समस्या नहीं होती है। कुछ घरेलू उपचारों और बचाव के तरीकों से इस समस्या को कम किया जा सकता है और यदि आप इनका उपयोग करती हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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